भारत में 2023 तक हाइड्रोजन से चलने वाली ट्रेन होगी: अश्विनी वैष्णव
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भुवनेश्वर में एसओए विश्वविद्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए, केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 15 सितंबर 2022 को कहा, कि भारत हाइड्रोजन से चलने वाली ट्रेनों का विकास कर रहा है और वे 2023 में तैयार हो जाएंगी।
इस साल जर्मनी ने हाइड्रोजन से चलने वाली यात्री ट्रेनों का दुनिया का पहला बेड़ा लॉन्च किया था । हाइड्रोजन फ्यूल सेल ड्राइव वाली 14 ट्रेनों को फ्रांसीसी कंपनी एल्सटॉम ने लगभग 92 मिलियन डॉलर की लागत से विकसित किया है।
महत्वपूर्ण तथ्य -
हाइड्रोजन ईंधन सेल संचालित वाहन का लाभ :
- हाइड्रोजन ईंधन सेल पर्यावरण के अनुकूल है और यह किसी भी ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन नहीं करता है। हाइड्रोजन ईंधन सेल बिजली उत्पन्न करने के लिए हाइड्रोजन और वायु का उपयोग करता है। हवा और हाइड्रोजन के संयोजन से उप-उत्पाद के रूप में पानी का उत्पादन होता है जिसे वाहन के द्वारा छोड़ा जाता है।
- भारत 2070 तक शून्य शुद्ध कार्बन उत्सर्जन हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध है।
भारत में अन्य हाइड्रोजन ईंधन परियोजना :
- सीएसआईआर-एनसीएल (वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद- राष्ट्रीय रासायनिक प्रयोगशालाएं) पुणे और निजी फर्म केपीआईटी लिमिटेड द्वारा विकसित भारत की पहली हाइड्रोजन ईंधन सेल बस का अनावरण 21 अगस्त 2022 को पुणे में किया गया था
- 30 जुलाई 2022 को प्रधान मंत्री ने लेह, लद्दाख में एनटीपीसी ग्रीन हाइड्रोजन मोबिलिटी परियोजना का उद्घाटन किया था । यह एक पायलट प्रोजेक्ट है जिसका उद्देश्य लेह और उसके आसपास के क्षेत्र में पांच फ्यूल सेल बसें चलाना है। यह पायलट प्रोजेक्ट भारत में सार्वजनिक उपयोग के लिए ईंधन सेल इलेक्ट्रिक वाहनों की पहली तैनाती होगी।अमारा राजा पावर सिस्टम्स कंपनी , नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (एनटीपीसी) के लिए लेह, लद्दाख में भारत का पहला हरित हाइड्रोजन ईंधन स्टेशन स्थापित कर रहा है। यह एनटीपीसी की हाइड्रोजन ईंधन बसों को शक्ति प्रदान करेगा। भारत का पहला हरित ,हाइड्रोजन आधारित उन्नत ईंधन सेल इलेक्ट्रिक वाहन टोयोटा किर्लोस्कर मोटर लिमिटेड द्वारा लॉन्च किया गया था, जिसका ब्रांड नाम टोयोटा मिराई है।
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