भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने एचडी-3385 नामक गेहूं की नई किस्म विकसित की
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भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) ने गेहूं की एक नई किस्म 'एचडी-3385' विकसित की है।
खबर का अवलोकन
यह मौसम में बदलाव और बढ़ती गर्मी के कारण उत्पन्न होने वाली चुनौतियों का सामना करने में सक्षम है।
यह नई किस्म जल्दी बुवाई के लिए अनुकूल है। यह गर्मी के प्रकोप से बची रह सकती है और इसकी फसल को मार्च महीना समाप्त होने से पहले काटा जा सकता है।
केंद्र सरकार ने तापमान में वृद्धि से उत्पन्न स्थिति और वर्तमान गेहूं की फसल पर इसके प्रभाव की निगरानी के लिए हाल ही में एक समिति गठित करने की घोषणा थी।
आईसीएआर ने एचडी-3385 को पौध किस्मों और किसानों के अधिकार प्राधिकरण (PPVFRA) के संरक्षण के साथ पंजीकृत किया है।
आईसीएआर ने डीसीएम श्रीराम लिमिटेड के स्वामित्व वाली बायोसीड को बहु-स्थान परीक्षण और बीज गुणन करने के लिए लाइसेंस भी दिया है।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के बारे में
यह एक स्वायत्त निकाय है जिसे पहले इंपीरियल काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चरल रिसर्च के नाम से जाना जाता था।
मुख्यालय - नई दिल्ली
स्थापना - 1929
केंद्रीय कृषि मंत्री इसके अध्यक्ष के रूप में कार्य करते हैं। वर्तमान में इसके अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर हैं।
आईसीएआर दुनिया में कृषि अनुसंधान और शिक्षा संस्थानों का सबसे बड़ा नेटवर्क है।
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