भारत का पहला कमर्शियल सिस्टम ऑन चिप (SoC) लॉन्च किया गया
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माइंडग्रोव टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड ने आईआईटीएम प्रवर्तक टेक्नोलॉजीज फाउंडेशन और आईआईटी मद्रास इनक्यूबेशन सेल के सहयोग से 6 मई, 2024 को सिक्योर इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) नामक भारत का पहला वाणिज्यिक सिस्टम ऑन चिप (एसओसी) पेश किया।
खबर का अवलोकन
यह आईओटी उपकरणों को लक्षित करते हुए समान श्रेणियों में मौजूदा चिप्स की तुलना में 30% अधिक लागत प्रभावी होने का अनुमान है।
तकनीकी निर्देश:
माइक्रोकंट्रोलर यूनिट (एमसीयू) चिप ने 28 नैनोमीटर (एनएम) नोड पर मल्टी-प्रोजेक्ट वेफर (एमपीडब्ल्यू) टेप-आउट को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है।
सिक्योर IoT में 700 मेगाहर्ट्ज़ (मेगाहर्ट्ज) पर संचालित होने वाला एक उच्च-प्रदर्शन माइक्रो-नियंत्रक है।
घरेलू एकीकरण:
यह चिप भारतीय कंपनियों को अपने उत्पादों में घरेलू एसओसी को शामिल करने में सक्षम बनाने के लिए तैयार है, जिससे लागत में कमी आएगी और साथ ही शीर्ष स्तर की सुविधाएं भी बनी रहेंगी।
बहुमुखी अनुप्रयोग:
इसके अनुप्रयोगों में स्मार्टवॉच से लेकर स्मार्ट सिटी डिवाइस जैसे बिजली, पानी और गैस के लिए कनेक्टेड मीटर, साथ ही इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) बैटरी प्रबंधन प्रणाली और नियंत्रण प्रणाली के साथ-साथ स्मार्ट लॉक, पंखे और स्पीकर जैसे कनेक्टेड घरेलू गैजेट शामिल हैं।
सिक्योर IoT सुविधाओं की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करता है और इसे बेयर मेटल कोड या माइक्रो-कंट्रोलर रियल-टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम (RTOS) के साथ संगत होने के लिए डिज़ाइन किया गया है, इस प्रकार इसकी उपयोगिता ट्रैफ़िक नियंत्रण प्रणाली, स्वायत्त वाहन, चिकित्सा उपकरण आदि जैसे डोमेन में विस्तारित होती है। .
बाज़ार प्रभाव:
विशेष रूप से, भारत में सालाना एक अरब से अधिक चिप्स की खपत होती है, और सिक्योर IoT में उनमें से 10 से 50 मिलियन के बीच प्रतिस्थापन करने की क्षमता है।
सहायक पारिस्थितिकी तंत्र:
माइंडग्रोव न केवल चिप बेचने की योजना बना रहा है, बल्कि इसका लक्ष्य भारतीय कंपनियों को डिजाइन विशेषज्ञता प्रदान करना, तेजी से नवाचार की सुविधा प्रदान करना और भारत में उत्पादन बढ़ाना भी है।
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