आईएनएस अक्षय और निशंक 32 साल की शानदार सेवा के बाद सेवामुक्त हुए

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आईएनएस अक्षय और आईएनएस निशंक को देश की 32 साल की शानदार सेवा करने के बाद 4 जून को सेवामुक्त कर दिया।

  • यह समारोह एक पारंपरिक समारोह में मुंबई के नेवल डॉकयार्ड में आयोजित किया गया था।

  • आईएनएस निशंक और आईएनएस अक्षय का निर्माण और कमीशन जॉर्जिया के पोटी शिपयार्ड में किया गया था।

  • इन बेहतरीन और घातक युद्धपोतों को 1989 और 1990 में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था।

  • आईएनएस निशंक और अक्षय क्रमशः 22 मिसाइल वेसल स्क्वाड्रन और 23 पैट्रोल वेसल स्क्वाड्रन का हिस्सा थे, जो फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग, महाराष्ट्र नेवल एरिया के नियंत्रण में थे।

  • दोनों ने कारगिल युद्ध के दौरान ऑपरेशन तलवार और 2001 में ऑपरेशन पराक्रम सहित कई नौसैनिक अभियानों में भाग लिया था।

  • 2001 में संसद पर हुए हमले के बाद ऑपरेशन पराक्रम शुरू किया गया था।

  • वीर क्लास मिसाइल कार्वेट किलर के चौथे आईएनएस निशंक को एक ऐतिहासिक स्थान पर युद्ध अवशेष के रूप में प्रदर्शित किया जाएगा।

  • आईएनएस निशंक

  • इसे 12 सितंबर 1989 में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था 

  • यह वीर क्लास कॉर्वेट शिप है, इसकी लंबाई 184 फीट है और 34 फीट का बीम है.

  • यह 59 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से समुद्र में चलता था  

  • इसमें 4 पी-15 टर्मिट मिसाइल लगी थीं 

  • आईएनएस अक्षय

  • इसे 10 दिसंबर 1990 में नौसेना में शामिल किया गया था 

  • यह अभय क्लास कॉर्वेट युद्धपोत है 

  • यह 183.7 फीट लंबा है, इसका बीम 33 फीट ऊंचा है और ड्राफ्ट 11 फीट का है.

  • यह युद्धपोत 52 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से समुद्र में चलता था 

  • इसमें 1 क्वाड सरफेस टू एयर मिसाइल स्ट्रेला-2एम, 1 एके-76 मशीन गन, 4 टॉरपीडो ट्यूब्स लगी थी 

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