अंतरराष्ट्रीय बाजरा वर्ष 2023

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International Year of millets 2023

वर्ष 2023 को दुनिया भर में अंतर्राष्ट्रीय  बाजरा वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। भारत सरकार का लक्ष्य बाजरा के अंतर्राष्ट्रीय वर्ष को एक  'जन आंदोलन' बनाना है और भारत को 'बाजरा के लिए वैश्विक हब' के रूप में स्थापित करना है। भारत दुनिया में बाजरा का सबसे बड़ा देश  उत्पादक है।

अंतर्राष्ट्रीय वर्ष की पृष्ठभूमि

भारत सरकार ने संयुक्त राष्ट्र महासभा को 2023 को अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष घोषित करने का प्रस्ताव दिया पेश किया था । 2021 में संयुक्त राष्ट्र महासभा के 75वें सत्र द्वारा प्रस्ताव को स्वीकार किया गया और पारित किया गया और 2023 को अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष घोषित किया गया।

भारत में अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष का उत्सव

जनवरी 2023 के महीने में भारत सरकार और उसके मंत्रालय राज्य सरकार के सहयोग से अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष मनाने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित करेंगे।

केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय आंध्र प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश में बाजरा मेला-सह-प्रदर्शनियों का आयोजन करेगा।

कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) के साथ केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय बेल्जियम में बाजरा पर एक व्यापार शो में भाग लेंगे।

विदेश मंत्रालय अज़रबैजान और बेलारूस में अपने दूतावास के माध्यम से भारतीय बाजरा को बढ़ावा देने के लिए बिजनेस टू बिजनेस बैठकें आयोजित करेगा और इन देशों में खाद्य उत्सवों में भाग लेगा।

नाइजीरिया में भारतीय उच्चायोग ने जनवरी 2023 में बाजरा खाद्य महोत्सव और बाजरा खाद्य तैयारी प्रतियोगिता की योजना बनाई है।

जनवरी के महीने में छत्तीसगढ़, मिजोरम ,राजस्थान, महाराष्ट्र, उत्तराखंड और पंजाब में बाजरा केंद्रित गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा, जिसमें महोत्सव/मेला और खाद्य उत्सव, किसानों का प्रशिक्षण, जागरूकता अभियान आदि शामिल हैं।

बाजरा का महत्व

बाजरा मनुष्यों के लिए सबसे पुराने ज्ञात खाद्य पदार्थों में से एक है। हालांकि सरकारों द्वारा गेहूं और चावल पर दिए जा रहे जोर के कारण दुनिया में इसकी खपत में कमी आई है।

उच्च पोषक मूल्य के कारण इसे मोटा अनाज या पोषक अनाज भी कहा जाता है। भारत में बाजरा की खपत बढ़ाने के लिए भारत सरकार ने बाजरा को पोषक अनाज घोषित किया और 2018 को भारत में राष्ट्रीय बाजरा वर्ष घोषित किया गया।

भारत सरकार ने 2022-23 तक देश में 205 लाख टन पोषक अनाज के उत्पादन का लक्ष्य रखा है।

राजस्थान भारत में पोषक अनाज का सबसे बड़ा उत्पादक है जिसके बाद महाराष्ट्र और कर्नाटक का स्थान आता है।


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