लड़कियों को औपचारिक शिक्षा दिलाने के लिए कन्या शिक्षा प्रवेश उत्सव का शुभारंभ
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अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की पूर्व संध्या पर 7 मार्च 2022 को नई दिल्ली में, केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्रालय (डब्ल्यूसीडी) ने शिक्षा मंत्रालय और यूनिसेफ के साथ साझेदारी में, भारत में स्कूली लड़कियों को औपचारिक रूप से वापस लाने के लिए एक ऐतिहासिक अभियान “कन्या शिक्षा प्रवेश उत्सव” आरंभ किया।
अभियान का मुख्य उद्देश्य स्कूल में 11-14 वर्ष की आयु की लड़कियों के नामांकन और प्रतिधारण में वृद्धि करना है।
कन्या शिक्षा प्रवेश उत्सव अभियान महिला और बाल विकास मंत्रालय की बेटी बचाओ बेटी पढाओ (बीबीबीपी) पहल के तहत होगा, जिसमें प्राथमिक लाभार्थियों के रूप में स्कूल से बाहर 400,000 से अधिक किशोरियों को लक्षित किया जाएगा।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ
- इस योजना का शुभारंभ प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 जनवरी 2015 को पानीपत, हरियाणा में किया था।
- बेटी बचाओ बेटी पढाओ केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय और केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की एक संयुक्त योजना है।
योजना का मुख्य उद्देश्य है;
बालिकाओं के प्रति भेदभाव एवं लिंग निर्धारण परीक्षण की कुरीति को खत्म करना;
लड़कियों के अस्तित्व एवं उनकी सुरक्षा को सुनिश्चित करना;
शिक्षा एवं अन्य क्षेत्रों में लड़कियों की भागीदारी सुनिश्चित करना;
यूनिसेफ
संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय बाल आपातकालीन कोष का उत्तराधिकारी है, जिसे संयुक्त राष्ट्र द्वारा 11 दिसंबर, 1946 को स्थापित किया गया था।
बाद में 1953 में इसका नाम बदलकर यूनाइटेड नेशन चिल्ड्रन फंड कर दिया गया लेकिन इसका संक्षिप्त नाम अभी भी यूनिसेफ है।
यह विशेष रूप से विकासशील देशों में महिलाओं और बच्चों के कल्याण के लिए कार्य करती है।
मुख्यालय : न्यूयॉर्क, संयुक्त राज्य अमेरिका
अध्यक्ष : संयुक्त राज्य अमेरिका की कैथरीन रसेल
परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण तथ्य
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री: श्रीमती स्मृति ईरानी
केंद्रीय शिक्षा मंत्री: धर्मेंद्र प्रधान
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री: मनसुख मांडविया
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