हिजाब इस्लामी संस्कृति का भाग नहीं है: कर्नाटक उच्च न्यायालय

Tags: Popular National News

मुख्य न्यायाधीश रितु राज अवस्थी की अध्यक्षता वाली कर्नाटक उच्च न्यायालय की तीन न्यायाधीशों की पीठ जिसमें न्यायमूर्ति कृष्णा एस दीक्षित और न्यायमूर्ति जयबुन्निसा एम खाजी भी शामिल हैं, ने कुछ मुस्लिम छात्रों द्वारा दायर उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें कर्नाटक सरकार के उस आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें राज्य के शैक्षिक संस्थानों में यूनिफार्म अनिवार्य  की गई थी।

याचिका में कर्नाटक शिक्षा अधिनियम, 1983 की धारा 7 और 133 के तहत जारी राज्य सरकार के आदेश दिनांक 05.02.2022 को चुनौती दी गई थी। यह आदेश पूरे राज्य में कॉलेज विकास समितियों को 'स्टूडेंट यूनिफार्म' निर्धारित करने का निर्देश देता है। कुछ कॉलेजों ने इस आदेश के तहत कॉलेज में हिजाब पर प्रतिबन्ध लगा दिया गया था।

रेशम और अन्य बनाम कर्नाटक राज्य और अन्य 2022 केस में अदालत में याचिकाकर्ताओं द्वारा उठाए गए मुख्य मुद्दे इस प्रकार थे:

  • प्रथम, क्या संविधान के अनुच्छेद 25 के तहत इस्लामी आस्था में हिजाब या सिर पर दुपट्टा पहनना आवश्यक धार्मिक प्रथा का भाग है?

  • दूसरा, क्या स्कूल यूनिफार्म पहनना याचिकाकर्ताओं के मौलिक अधिकारों 19(1) अ, 21 का उल्लंघन है? संविधान के अनुच्छेद 19(1) अ, के तहत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार है और अनुच्छेद 21, जो गोपनीयता का मौलिक अधिकार प्रदान करता है।

  • तीसरा, 5 फरवरी 2022 का सरकारी आदेश जिसने शैक्षणिक संस्थान में यूनिफार्म अनिवार्य कर दिया, अनुच्छेद 14 के तहत मौलिक अधिकारों का उल्लंघन था, जो कानून के समक्ष समानता की गारंटी देता है और अनुच्छेद 15 जो धर्म, जाति, लिंग, स्थान, जन्म  के आधार पर राज्य द्वारा भेदभाव को प्रतिबंधित करता है?

उच्च न्यायालय का निर्णय 

  • उच्च न्यायालय ने कहा कि "मुस्लिम महिलाओं द्वारा हिजाब पहनना इस्लामी आस्था में एक आवश्यक धार्मिक प्रथा नहीं है" अतः यह संविधान के अनुच्छेद 25 का उल्लंघन नहीं है जो  भारत में किसी को अपने धर्म  को अबाध रूप से मानने, आचरण और प्रचार करने की स्वतंत्रता स्वतंत्रता प्रदान करता है। 

  • दूसरे मुद्दे पर अदालत ने कहा कि सरकार के पास संविधान के अनुच्छेद 19 के तहत स्वतंत्रता के अधिकार पर उचित प्रतिबंध लगाने की शक्ति है। इसलिए छात्रों के लिए यूनिफार्म निर्धारित करने का सरकार का कदम संविधान के अनुच्छेद 19 के तहत एक उचित प्रतिबंध है। राज्य यह नियम बना सकता है।

  • तीसरे मुद्दे पर अदालत ने माना कि सरकार 5 फरवरी 2022 के आदेश को जारी करने के लिए सक्षम थी, जिसने छात्रों के लिए यूनिफार्म अनिवार्य कर दी थी और हिजाब पर प्रतिबंध लगा दिया था।

कर्नाटक उच्च न्यायालय की पीठ : बैंगलोर

Please Rate this article, so that we can improve the quality for you -

Date Wise Search

Test Your Learning

CURRENT AFFAIRS QUIZ (16th-March)

Go To Quiz