नदी के अंदर चलने वाली भारत की प्रथम मेट्रो ट्रेन बनी कोलकाता मेट्रो
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12 अप्रैल 2023 को कोलकाता मेट्रो, भारत में पहली बार नदी में बनी सुरंग के माध्यम से कोलकाता से हावड़ा पहुंची, इस सफर में सिर्फ अधिकारी और इंजिनियर ही सवार थे। यह सुरंग हुगली नदी में बनाई गई है।
खबर का अवलोकन
- कोलकाता मेट्रो के इस रूट पर सेवाएं इसी वर्ष से आरंभ हो जाएंगी। सेवाएं आरंभ होते ही हावड़ा देश का सबसे गहरा मेट्रो स्टेशन (सतह से 33 मीटर नीचे) बन जाएगा।
520 मीटर लंबी सुरंग:
- हावड़ा से एस्प्लेनेड तक का मार्ग लगभग 4.8 किमी लंबा है, जिसमें से 520 मीटर हुगली नदी के नीचे सुरंग द्वारा पूर्ण किया जाएगा। हुबली नदी में बनी इस सुरंग को पार करने में लगभग 45 सेकेण्ड का समय लगेगा।
- सुरंग पानी की सतह से 32 मीटर नीचे है। इस सुरंग की पूरी लंबाई 10.8 किमी अंडरग्राउंड है।
यूरोस्टार की तर्ज पर बनी सुरंग
- यूरोप में चैनल टनल से गुजरने वाली लंदन और पेरिस के बीच यूरोस्टार ट्रेनोंकी तरह ही कोलकाता मेट्रो की इस सुरंग को बनाया गया है।
- इस सुरंग की खुदाई का कार्य एफकॉन्स (Afcons) ने चार महीनों (अप्रैल-जुलाई 2017) में ही पूर्ण कर लिया था।
कोलकाता मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (KMRC):
- 24 अक्टूबर 1984 को भारत की प्रथम मेट्रो के रूप में कोलकाता मेट्रो रेल का शुभारंभ हुआ।
- अब पुनः देश में पहली बार नदी के अंदर सुरंग भी कोलकाता मेट्रो यहीं बनी है।
- 120 साल तक ऐसे ही रहेगीं सुरंग
सुरंग भूकंपीय क्षेत्र 3 के मानक पर आधारित:
- कोलकाता मेट्रो सुरंग को भूकंपीय क्षेत्र 3 के अनुसार बनाया गया है, जिस जोन में कोलकाता आता है।
कोलकाता मेट्रो सुरंग की आयु 120 वर्ष
- कोलकाता मेट्रो सुरंग को 120 वर्ष तक सेवा के लिए बनाया गया है। इसमें पानी की एक बूंद भी नदी की सुरंगों में प्रवेश नहीं कर सकती है।
- कोलकाता मेट्रो रेलवे के महाप्रबंधक: पी उदय कुमार रेड्डी
- कोलकाता मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (KMRC) के एमडी: एच एन जायसवाल
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