लद्दाख में MACE ने ब्रह्मांडीय गामा किरणों के लिए अपनी अनूठी पहल शुरू की है।
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लद्दाख
खबरों में क्यों?
- लद्दाख में MACE ने ब्रह्मांडीय गामा किरणों के लिए अपनी अनूठी पहल शुरू की है।
महत्वपूर्ण बिंदु:
- दूरबीन आकाशगंगा से परे उत्सर्जित उच्च-ऊर्जा गामा किरणों की जांच कर सकती है।
- अन्य संभावित खगोलीय लक्ष्यों में पल्सर, ब्लाज़र और गामा-रे विस्फोट शामिलहैं। वैज्ञानिक काल्पनिक डार्क-मैटर कणों के एक वर्ग का पता लगाने के लिए MACE का भी उपयोग करेंगे।
- लाल वलय के केंद्र में नीला धब्बा छोटे मैगेलैनिक बादल में एक अलग न्यूट्रॉन तारा है।
न्यूट्रॉन तारे भारी तारों के सुपरनोवा बनने के बाद बनते हैं, इस प्रक्रिया में अन्य ऊर्जाओं पर विकिरण के साथ-साथ गामा किरणें भी निकलती हैं I
उद्देश्य:
- MACE का मुख्य लक्ष्य20 बिलियन eV से अधिक ऊर्जा वाली गामा किरणों का अध्ययनकरना है।
मेजर एटमॉस्फेरिक चेरेनकोव एक्सपेरिमेंट (MACE) के बारे में:
- मेजर एटमॉस्फेरिक चेरेनकोव एक्सपेरिमेंट (MACE)दूरबीन एक अत्याधुनिक ग्राउंड-आधारित गामा-रे दूरबीन है जिसका उद्घाटन 4 अक्टूबर को हानले लद्दाख में किया गया। समुद्र तल से लगभग 4.3 किमी ऊपर स्थित, यह दुनिया की सबसे ऊँची इमेजिंग चेरेनकोव दूरबीन है।
- इसमें 21 मीटर चौड़ी डिश है, जो एशिया में अपनी तरह की सबसे बड़ी और दुनिया में दूसरी सबसे बड़ी है।
- इस सुविधा का निर्माण भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र, टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च, इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड और भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान द्वारा किया गया था।
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