मैरीटाइम इंडिया विजन 2030
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जलमार्ग नेटवर्क को बढ़ावा देने के लिए, बंदरगाह, नौवहन और जलमार्ग मंत्रालय ने भारत में वैश्विक मानकों के अनुरूप बंदरगाहों को विकसित करने के लिए कई पहलों की योजना बनाई है।
खबर का अवलोकन
यह परियोजना मैरीटाइम इंडिया विजन (MIV) 2030 के अंतर्गत बनाई गई है।
मंत्रालय ने बंदरगाहों की क्षमता वृद्धि और विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 1,00,000 रुपए से 1,25,000 करोड़ रुपए के निवेश की योजना बनाई है।
मैरीटाइम इंडिया विजन (MIV) 2030 के तहत सरकार का लक्ष्य विश्व स्तरीय मेगा पोर्ट, ट्रांसशिपमेंट हब बनाना है।
भारतीय बंदरगाहों का कंटेनर प्रवाह क्षमता 2020 की अवधि में 17 मिलियन टीईयू (ट्वेंटी इक्विपमेंट यूनिट ) था, जबकि चीन का इसी अवधि में 245 मिलियन टीईयू था।
शीर्ष 20 प्रमुख वैश्विक बंदरगाहों में संयुक्त कंटेनर प्रवाह क्षमता 2020 की अवधि के दौरान 357 मिलियन टीईयू रहा।
मैरीटाइम इंडिया विजन 2030
यह अगले दशक में भारत के समुद्री क्षेत्र के समन्वित और त्वरित विकास को सुनिश्चित करने की मूल योजना है।
यह भारतीय समुद्री क्षेत्र के सभी पहलुओं को कवर करने वाले 10 विषयों में 150 से अधिक पहलों की पहचान करता है।
यह राष्ट्रीय समुद्री उद्देश्यों को परिभाषित करने और पूरा करने का एक व्यापक प्रयास है।
यह बंदरगाहों, शिपिंग और अंतर्देशीय जलमार्ग श्रेणियों में 3,00,000 - 3,50,000 करोड़ रुपए के समग्र निवेश की कल्पना करता है।
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