दुष्कर्म पीड़ित नाबालिग लड़कियों हेतु ‘मिशन वात्सल्य’ योजना

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Mission-Vatsalya

केंद्र सरकार ने दुष्कर्म पीड़ित नाबालिग लड़कियों के गर्भवती होने पर परिवारों द्वारा उनका परित्याग करने के संबंध में ‘मिशन वात्सल्य’ योजना के अंतर्गत एक नई रहत योजना आरंभ की है।

खबर का अवलोकन: 

  • इसके तहत उन नाबालिगों को आश्रय, भोजन और कानूनी सहायता प्रदान करने की व्यवस्था की गई है।
  • महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी के अनुसार, ‘निर्भया योजना’ के तत्वावधान में आरंभ की गई नयी योजना का उद्देश्य उन गर्भवती नाबालिग पीड़ितों के लिए संस्थागत और वित्तीय सहायता सुनिश्चित करना है, जिनके पास खुद की देखभाल करने का कोई साधन नहीं है।

योजना का मुख्य पहल: 

  • इसके तहत जमीनी स्तर पर नाबालिग पीड़ितों तक मदद पहुंचाने के लिए राज्य सरकारों और बाल देखभाल संस्थानों के सहयोग से ‘मिशन वात्सल्य’ की प्रशासनिक संरचना का भी उपयोग किया है।
  • योजना के तहत यह अतिरिक्त सहायता बाल देखभाल संस्थानों (सीसीआई) के स्तर पर 18 वर्ष तक की लड़कियों और 23 वर्ष तक की युवतियों के लिए देखभाल केंद्रों पर उपलब्ध होगी। 
  • कानूनी सहायता के साथ-साथ पीड़िता को अदालती सुनवाई में शामिल होने के लिए सुरक्षित परिवहन भी उपलब्ध कराया जाएगा।
  • नाबालिग पीड़िता की न्याय तक पहुंच आसान करने हेतु केंद्र ने देश में 415 पॉक्सो (यौन अपराध से बच्चों का संरक्षण) त्वरित अदालतें स्थापित किया है।

मिशन वात्सल्य:

  • देश में महिलाओं एवं बाल संरक्षण सेवाओं हेतु अम्ब्रेला योजना है।
  • योजना आरंभ: 2021 में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा 
  • योजना का क्रियान्वयन: 1 अप्रैल 2022 
  • उद्देश्य: देश के बच्चों हेतु स्वस्थ और खुशहाल बचपन सुनिश्चित करना।
  • इसके माध्यम से राजधानी दिल्ली में एक राष्ट्रीय मानव दूध बैंक को स्थापित किया गया।
  • मिशन वात्सल्य योजना 2023 के माध्यम से महिलाओं को स्तनपान करवाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
  • इस योजना के माध्यम से एक स्तनपान परामर्श केंद्र का गठन भी हुआ है।
  • मिशन वात्सलय शिशुओं और महिलाओं के बेहतर स्वस्थ के लिए लाई गई है।
  • वित्तीय वर्ष 2021-2022 के बजट में मिशन वात्सल्य को 900 करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे।
  • इस योजना के माध्यम से शिशु मृत्यु दर को कम करने का प्रयास किया जा रहा है।

ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य:

  • वर्ष 2009 से पहले महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने सुरक्षा की आवश्यकता वाले बच्चों हेतु तीन योजनाओं को लागू किया:- 
    • किशोर न्याय कार्यक्रम, 
    • एकीकृत कार्यक्रम और 
    • बाल गृह सहायता योजना।
  • वर्ष 2010 में इन्हें मिलाकर ‘एकीकृत बाल संरक्षण योजना’ बना दिया गया।
  • वर्ष 2017 में इसका नाम बदलकर "बाल संरक्षण सेवा योजना" कर दिया और पुनः वर्ष 2021 में इसे मिशन वात्सल्य के रूप में नामित किया गया।

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