राष्ट्रीय हथकरघा दिवस - 7 अगस्त 2024

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10वां राष्ट्रीय हथकरघा दिवस, 7 अगस्त 2024 को मनाया गया।

खबर का अवलोकन 

  • यह कार्यक्रम विज्ञान भवन, नई दिल्ली में आयोजित किया गया। भारत के माननीय उपराष्ट्रपति मुख्य अतिथि थे।

  • केंद्रीय कपड़ा मंत्री  गिरिराज सिंह और विदेश एवं कपड़ा राज्य मंत्री पबित्रा मार्गेरिटा ने भाग लिया।

  • उपस्थित लोगों में सांसद, प्रख्यात हस्तियाँ, डिज़ाइनर, उद्योग प्रतिनिधि, निर्यातक, वरिष्ठ सरकारी अधिकारी और देश भर से 1000 से अधिक बुनकर शामिल थे।

पुरस्कार और विमोचन

  • हथकरघा क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए हथकरघा बुनकरों को संत कबीर पुरस्कार और राष्ट्रीय हथकरघा पुरस्कार प्रदान किए गए।

  • पुरस्कार सूची का विमोचन भारत के माननीय उपराष्ट्रपति द्वारा किया गया।

  • भारत के माननीय उपराष्ट्रपति द्वारा “परंपरा-भारत की हथकरघा परंपराओं में स्थिरता” नामक एक कॉफी टेबल बुक का भी विमोचन किया गया।

ऐतिहासिक महत्व

  • आरंभ: राष्ट्रीय हथकरघा दिवस पहली बार 7 अगस्त 2015 को मनाया गया था।

  • स्मरणोत्सव: यह तिथि 7 अगस्त 1905 को स्वदेशी आंदोलन की शुरुआत का प्रतीक है, जिसने स्वदेशी उद्योगों, विशेष रूप से हथकरघा बुनकरों को बढ़ावा दिया।

उद्देश्य

  • बुनकरों का सम्मान: हथकरघा बुनकरों को पहचानना और प्रेरित करना, उद्योग में गर्व की भावना को बढ़ावा देना।

  • सांस्कृतिक और आर्थिक प्रभाव: भारत के सांस्कृतिक, पारंपरिक और आर्थिक परिदृश्य में हथकरघा क्षेत्र के योगदान की सराहना करना।

  • जागरूकता सृजन: सामाजिक-आर्थिक विकास में हथकरघा क्षेत्र के महत्व को उजागर करना।

राष्ट्रव्यापी गतिविधियाँ

  • सोशल मीडिया अभियान: My Gov पोर्टल के माध्यम से प्रतिज्ञा लेने, सेल्फी लेने, स्मारिका डिजाइन करने और प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता जैसी गतिविधियों के साथ।

  • प्रदर्शनियाँ:

    • नई दिल्ली के हैंडलूम हाट में "विरासत" (3 से 16 अगस्त) विषयगत प्रदर्शन और लाइव प्रदर्शनों के साथ।

    • दिल्ली हाट आईएनए में विशेष प्रदर्शनी (1 से 15 अगस्त)।

  • विशेष सोर्सिंग शो: (बी2बी) वाराणसी में हैंडलूम निर्यात संवर्धन परिषद द्वारा आयोजित (7 से 9 अगस्त)।

  • शैक्षणिक जागरूकता:

    • शिल्प संग्रहालय में "अपनी बुनाई को जानें" कार्यक्रम (1 से 14 अगस्त) जिसमें दिल्ली भर के स्कूलों के लगभग 10,000 छात्र भाग लेंगे।

    • बुनकर सेवा केंद्रों द्वारा कॉलेजों में हैंडलूम एक्सपो और जागरूकता गतिविधियाँ आयोजित की गईं।

    • विषयगत प्रदर्शन, बुनाई प्रदर्शन, पैनल चर्चा, हैंडलूम पर प्रश्नोत्तरी और NIFT और IIHT द्वारा फैशन प्रस्तुतियाँ।

कुछ प्रसिद्ध हथकरघा

  • तमिलनाडु की प्रसिद्ध कांचीपुरम साड़ियाँ

  • महाराष्ट्र की पैठणी बुनाई

  • असम का मुगा सिल्क

  • कर्नाटक का मैसूर सिल्क

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