एनसीएईआर रिपोर्ट: भारत की गरीबी दर 2022-24 में गिरकर 8.5% हो गई
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एनसीएईआर रिपोर्ट के अनुसार, भारत में गरीबी 2011-12 में 21.2% से घटकर 2022-24 में 8.5% हो गई है।
खबर का अवलोकन
भारत मानव विकास सर्वेक्षण (आईएचडीएस) के आंकड़ों के अनुसार, महामारी द्वारा उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद यह गिरावट जारी रही।
ग्रामीण बनाम शहरी रुझान:
ग्रामीण गरीबी 2011-12 में 24.8% से घटकर वर्तमान में 8.6% हो गई है।
शहरी क्षेत्रों में भी गिरावट देखी गई, जो 13.4% से घटकर 8.4% हो गई।
आर्थिक विकास का प्रभाव:
आर्थिक विकास ने गरीबी में कमी लाने में योगदान दिया, जिससे लचीले सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रमों की आवश्यकता पर बल मिला।
दीर्घकालिक गरीबी के कारक "जन्म की दुर्घटनाओं" से "जीवन की दुर्घटनाओं" की ओर बढ़ रहे हैं, जैसे प्राकृतिक आपदाएँ और बदलते व्यावसायिक अवसर।
सरकारी सर्वेक्षण और डेटा:
नीति आयोग के सीईओ ने संकेत दिया कि गरीबी घटकर 5% रह गई है, जो नवीनतम उपभोक्ता व्यय सर्वेक्षण के अनुरूप है।
एनएसएसओ डेटा ने 2011-12 से 2022-23 तक प्रति व्यक्ति मासिक घरेलू व्यय में उल्लेखनीय वृद्धि दिखाई।
गरीबी की सीमाएँ और समायोजन:
समय के साथ समायोजित गरीबी रेखाएँ: 2004-05 (तेंदुलकर समिति) में 447 रुपये और 579 रुपये से लेकर 2011-12 में योजना आयोग द्वारा समायोजित उच्च सीमा तक।
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