नेटवर्क रेडीनेस इंडेक्स 2024

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नेटवर्क रेडीनेस इंडेक्स 2024

चर्चा में क्यों?

  • भारत ने अपनी स्थिति में ग्यारह पायदान का सुधार किया है और अब 21 नवंबर 2024 को जारी नेटवर्क रेडीनेस इंडेक्स 2024 (एनआरआई 2024) रिपोर्ट के अनुसार 49वें स्थान पर है, जबकि एनआरआई 2023 रिपोर्ट में 60वें स्थान पर था।

मुख्य बिंदु:

  • 2024 के अपने नवीनतम संस्करण में, रिपोर्ट चार अलग-अलग स्तंभों में उनके प्रदर्शन के आधार पर 133 अर्थव्यवस्थाओं के नेटवर्क-आधारित तत्परता परिदृश्य को दर्शाती है:
  • प्रौद्योगिकी, लोग, शासन और प्रभाव, जिसमें कुल 54 चर शामिल हैं। 
  • रिपोर्ट वाशिंगटन डीसी स्थित एक स्वतंत्र गैर-लाभकारी अनुसंधान और शैक्षणिक संस्थान पोर्टुलन्स इंस्टीट्यूट द्वारा प्रकाशित की गई है।
  • भारत ने न केवल अपनी रैंकिंग में सुधार किया है, बल्कि 2023 में अपने स्कोर को 49.93 से 2024 में 53.63 तक सुधारा है
  •  रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत ने ‘एआई वैज्ञानिक प्रकाशन’, ‘एआई प्रतिभा संकेन्द्रण’ और ‘आईसीटी सेवा निर्यात’ में प्रथम स्थान, ‘एफटीटीएच/इंटरनेट सदस्यता निर्माण’, ‘देश के भीतर मोबाइल ब्रॉडबैंड इंटरनेट ट्रैफ़िक’ और ‘अंतर्राष्ट्रीय इंटरनेट बैंडविड्थ’ में दूसरा स्थान, ‘घरेलू बाज़ार पैमाने’ में तीसरा स्थान और ‘दूरसंचार सेवाओं में वार्षिक निवेश’ में चौथा स्थान प्राप्त किया है।
  • भारत निम्न-मध्यम आय वाले देशों के समूह में वियतनाम के बाद दूसरे स्थान पर है। 
  • दूरसंचार विभाग (DoT) ने भारत के दूरसंचार बुनियादी ढांचे को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण प्रगति की है। पिछले एक दशक में, टेली घनत्व 75.2% से बढ़कर 84.69% हो गया और वायरलेस कनेक्शन 119 करोड़ तक पहुँच गए।
  • डिजिटल इंडिया ने प्रौद्योगिकी कंपनियों के साथ साझेदारी के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में ब्रॉडबैंड पहुंच का विस्तार करके एक मिसाल कायम की है, जिसके परिणामस्वरूप इंटरनेट ग्राहकों की संख्या 25.1 करोड़ से बढ़कर 94.4 करोड़ हो गई है, साथ ही वायरलेस इंटरनेट के उपयोग में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
  • स्पेक्ट्रम प्रबंधन, व्यापार करने में आसानी और उपभोक्ता संरक्षण में सुधारों ने इस क्षेत्र को और मजबूत किया है।

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