फरीदाबाद में सीवर से हुई मौतों पर एनएचआरसी का हरियाणा सरकार को नोटिस
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राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने हरियाणा के फरीदाबाद जिले के एक निजी अस्पताल में 6 अक्टूबर को सीवर टैंक की सफाई के दौरान जहरीले धुएं से मरने वाले चार लोगों की मौत के संबंध में हरियाणा के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक (DGP) को नोटिस जारी किया है.
महत्वपूर्ण तथ्य
एनएचआरसी ने मीडिया में प्रकाशित खबरों पर स्वत: संज्ञान लिया है।
आयोग ने हरियाणा के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर चार हफ्ते में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
आयोग ने सरकार द्वारा गरीबों और वंचित लोगों के मानवाधिकार के घोर उल्लंघन को रोकने के लिए उठाए गए कदमों या जिन कदमों को उठाया जाना है,उसकी विस्तृत रिपोर्ट भी मांगी है।
अधिकारियों को मामले में दर्ज प्राथमिकी की स्थिति और मृतक व्यक्तियों के परिजनों को दिए जाने वाले मुआवजे, यदि कोई हो, के बारे में सूचित करने का भी निर्देश दिया गया है।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग
भारत के राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) की स्थापना 12 अक्टूबर 1993 को राष्ट्रपति द्वारा जारी एक अध्यादेश के माध्यम से की गई थी।
इसे मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम (PHRA), 1993 द्वारा वैधानिक दर्जा प्रदान किया गया था।
मुख्यालय - नई दिल्ली
अध्यक्ष - सर्वोच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश या सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश को राष्ट्रपति द्वारा NHRC के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया जा सकता है।
NHRC के पहले अध्यक्ष - न्यायमूर्ति रंगनाथ मिश्रा
NHRC के वर्तमान और 8वें अध्यक्ष न्यायमूर्ति अरुण कुमार मिश्रा हैं
भूमिका - NHRC की भूमिका मानवाधिकारों की रक्षा करना और उनके प्रभावी कार्यान्वयन के लिए उपायों की सिफारिश करना है।
NHRC का मोटो - "सर्वे भवन्तु सुखिनः / सभी सुखी रहें।"
यह बृहदारण्यक उपनिषद से लिया गया है।
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