दुनिया भर में 20 साल बाद बढ़ी टीबी के मरीजों की संख्या: डब्लूएचओ

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TB patients increases worldwide

27 अक्टूबर 2022 को जारी विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) की रिपोर्ट "ग्लोबल ट्यूबरकुलोसिस रिपोर्ट 2022" के अनुसार, दुनिया भर में तपेदिक (टीबी) के रोगियों की घटनाओं ने कोविड महामारी के कारण 20 साल की गिरावट की प्रवृत्ति को उलटते हुए एक बढ़ती हुई प्रवृत्ति दिखाई है।

डब्ल्यूएचओ के अनुसार 2021 में टीबी से कुल 16 लाख लोगों की मौत हुई जो 2019 की तुलना में 14% अधिक है। 2019 में 14 लाख लोगों की मौत टीबी से हुई जबकि 2020 में यह 15 लाख थी।

डब्ल्यूएचओ का कहना है कि दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में जारी जंग, वैश्विक ऊर्जा संकट और खाद्य संकट के चलते आने वाले समय में टीबी की स्थिति और खराब हो सकती है। रिपोर्ट में कहा गया है, "पहली प्राथमिकता टीबी से संबंधित सेवाओं तक मरीजों की पहुंच को बहाल करना होना चाहिए ताकि टीबी के मामलों का पता लगाने और उपचार को 2019 के स्तर पर वापस लाया जा सके।"

डब्ल्यूएचओ रिपोर्ट की मुख्य विशेषताएं

टीबी मृत्यु का 13वां प्रमुख कारण है और कोविड-19 के बाद दूसरा प्रमुख संक्रामक मृत्यु  का कारक है ।

2021 में लगभग एक करोड़ लोग टीबी से बीमार हुए, जो कि 2020 के मुकाबले 4.5 प्रतिशत ज्यादा है

2000 और 2020 के बीच टीबी निदान और उपचार के माध्यम से अनुमानित 66 मिलियन लोगों की जान बचाई गई।

विश्व स्तर पर, टीबी की घटना प्रति वर्ष लगभग 2% गिर रही है और 2015 और 2020 के बीच संचयी कमी 11% थी।

2030 तक टीबी महामारी को समाप्त करना संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के स्वास्थ्य लक्ष्यों में से एक है।

बीते साल जिन इलाकों में सबसे ज्यादा लोगों को यह रोग हुआ, उनमें दक्षिण पूर्व एशिया सबसे ऊपर है। दुनिया के कुल मरीजों में से 45 प्रतिशत इसी इलाके से आए। अफ्रीका में 23 फीसदी और पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में 18 प्रतिशत लोग टीबी का शिकार हुए।

भारत सबसे ऊपर

डब्ल्यूएचओ के अनुसार, 2020 में, टीबी के 87 प्रतिशत नए मामले 30 उच्च टीबी बोझ वाले देशों में हुए। आठ देशों ने वैश्विक कुल के दो तिहाई से अधिक के लिए जिम्मेदार है।

भारत से सबसे अधिक नए मामले सामने आए और उसके बाद इंडोनेशिया, चीन, फिलीपींस, पाकिस्तान, नाइजीरिया, बांग्लादेश और कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य का स्थान रहा।

टीबी से संबंधित मौतें

दुनिया में जिन चार देशों में टीबी से सर्वाधिक मौतें हुईं, उनमें भारत पहले नंबर पर है

उसके बाद इंडोनेशिया, म्यांमार और फिलीपींस का नंबर है।

रिपोर्ट के अनुसार  यह संभव है कि किसी एक कारण से होने वाली मौतों में टीबी एक बार फिर दुनिया में पहले नंबर पर आ जाए

टीबी क्या है?

तपेदिक (टीबी) बैक्टीरिया (माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस) के कारण होता है जो अक्सर फेफड़ों को प्रभावित करता है। क्षय रोग इलाज योग्य और रोकथाम योग्य है।

टीबी हवा के जरिए एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलती है। जब फेफड़े की टीबी से पीड़ित लोग खांसते, छींकते या थूकते हैं, तो वे टीबी के कीटाणुओं को हवा में फैला देते हैं। एक व्यक्ति को संक्रमित होने के लिए इनमें से कुछ ही कीटाणुओं को अंदर लेना पड़ता है।

भारत और टीबी

सरकार ने 2025 तक भारत से टीबी को खत्म करने का लक्ष्य रखा है।

हर साल 24 मार्च को विश्व में विश्व क्षय रोग दिवस के रूप में मनाया जाता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ)

  • विश्व स्वास्थ्य संगठन, संयुक्त राष्ट्र की एक विशेष एजेंसी है जिसकी स्थापना 7 अप्रैल 1948 को हुई थी।
  • सदस्य: 194 देश
  • डब्ल्यूएचओ का मुख्यालय: जिनेवा, स्विट्जरलैंड;
  • डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक: इथियोपिया के टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस

फुल फॉर्म 

डब्ल्यूएचओ/WHO: वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन (World Health Organisation )



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