‘वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन’ (ONOS) पहल

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वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन’ (ONOS) पहल

खबरों में क्यों?

  • केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सोमवार, 25 नवंबर, 2024 को ‘वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन’ (ONOS) पहल को मंज़ूरी दे दी

मुख्य बिंदु:

  • केंद्र या राज्य सरकारों के अंतर्गत आने वाले सभी उच्च शिक्षा संस्थान और केंद्र सरकार के अनुसंधान एवं विकास संस्थान राष्ट्रीय सदस्यता के ज़रिए इस पहल का लाभ उठा सकते हैं।
  • यह साझा प्लेटफ़ॉर्म 30 अंतरराष्ट्रीय प्रकाशकों द्वारा प्रकाशित 13,000 पत्रिकाओं की मेज़बानी करेगा, जिनमेंएल्सेवियर साइंस डायरेक्ट (लैंसेट सहित), स्प्रिंगर नेचर, विले ब्लैकवेल पब्लिशिंग, टेलर एंड फ्रांसिस, IEEE, सेज पब्लिशिंग, अमेरिकन केमिकल सोसाइटी और अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटीआदि शामिल हैं।
  • सभी संस्थानों को इन पत्रिकाओं तक पहुँचने के लिए केवल प्लेटफ़ॉर्म पर पंजीकरण करना होगा। इस पहल के लिए INFLIBNET को कार्यान्वयन एजेंसी के रूप में नामित किया गया है।
  • केंद्र सरकार ने30 अलग-अलग प्रकाशकों में से प्रत्येक के लिए एक सदस्यता मूल्य पर बातचीत की और तीन कैलेंडर वर्षों - 2025, 2026 और 2027 के लिए 6,000 करोड़ रुपये मंजूर किए।

उद्देश्य:

  • लगभग 6,300 सरकारी संस्थानों के लिए जर्नल सदस्यता को केंद्रीकृत करने के उद्देश्य से, ONOS एक ही मंच के तहत 13,000 विद्वानों की पत्रिकाओं तक समान पहुंच प्रदान करना चाहता है। 
  • ONOS योजना के माध्यम से, केंद्र का लक्ष्य सभी सरकारी उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए जर्नल एक्सेस के लिए अलग-अलग दृष्टिकोण को समेकित करना है। ONOS राज्य और केंद्र सरकार के उच्च शिक्षा संस्थानों को एक मंच पर हजारों पत्रिकाओं तक पहुंच प्रदान करने में सक्षम करेगा, जो 1 जनवरी, 2025 से सक्रिय होगा
  •  यह सरकारी उच्च शिक्षा संस्थानों और केंद्र सरकार के अनुसंधान और विकास (R&D) प्रयोगशालाओं के लिए शोध लेखों और जर्नल प्रकाशन तक केंद्रीकृत पहुंच में मदद करेगा।

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