ईपीएफओ के कार्यो को देखने के लिए केंद्र ने चार समितियों का गठन किया।

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  • केंद्रीय श्रम और रोजगार कैबिनेट  मंत्री भूपेंद्र यादव ने आईटी, संचार और पेंशन सहित कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के विभिन्न पहलुओं के कामकाज की निगरानी के लिए चार तदर्थ बोर्ड-स्तरीय समितियों को मंजूरी दी है।
  • श्रम सचिव "सुनील बर्थवाल" की अध्यक्षता वाली समिति:
    • 'पेंशन सुधार' की समिति और
    • 'आईटी और संचार'की समिति
  • श्रम और रोजगार राज्य मंत्री रामेश्वर तेली की अध्यक्षता में दो  समिति।
    • 'ईपीएफओ के आंतरिक मानव संसाधन और स्थापना मामलों' की समिति और
    • ईपीएफओ के कवरेज को बढ़ाने और संबंधित मुकदमेबाजी को कम करने के तरीके खोजने की समिति।

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन(ईपीएफओ)

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय के तहत स्थापित एक वैधानिक संगठन है जिसकी स्थापना 1951 में राष्ट्रपति द्वारा जारी एक अध्यादेश द्वारा की गई थी। बाद में संसद ने कर्मचारी भविष्य निधि योजना, अधिनियम 1952 पारित किया। यह देश की सबसे बड़ी सामाजिक सुरक्षा संगठन है

ईपीएफओ का कार्य

  • ईपीएफओ भारत में पंजीकृत प्रतिष्ठानों के लिए भविष्य निधि योजना, पेंशन योजना और बीमा योजना के प्रशासन में केंद्रीय न्यासी बोर्ड (ईपीएफ) की सहायता करता है।
  • केंद्रीय न्यासी बोर्ड (ईपीएफ) तीन योजनाएं संचालित करता है।

कर्मचारी भविष्य निधि योजना, 1952 (ईपीएफ)

कर्मचारी पेंशन योजना, 1995 (ईपीएस)

कर्मचारी जमा लिंक्ड बीमा योजना ,1976 (ईडीएलआई)

  • ईपीएफओ अन्य देशों के साथ द्विपक्षीय सामाजिक सुरक्षा समझौतों को लागू करने के लिए नोडल एजेंसी भी है।
  • कर्मचारी भविष्य निधि योजना, 1952

कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) द्वारा संचालित एक सेवानिवृत्ति लाभ योजना है। कर्मचारी और नियोक्ता मूल वेतन और महंगाई भत्ते के 12% के बराबर अनुपात में मासिक आधार पर ईपीएफ योजना में योगदान करते हैं। ब्याज दर प्रतिवर्ष भारत सरकार द्वारा तय की जाती है।

  • कर्मचारी पेंशन योजना, 1995 (ईपीएस)

यह योजना संगठित क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए 58 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन का प्रावधान करती है। हालाँकि, योजना का लाभ तभी उठाया जा सकता है जब कर्मचारी ने कम से कम 10 वर्षों तक सेवा प्रदान की हो

  • कर्मचारी जमा लिंक्ड बीमा योजना 1976

यह एक बीमा योजना है। ईडीएलआई योजना के पंजीकृत व्यक्ति को सेवा की अवधि के दौरान ईपीएफ सदस्य की मृत्यु की स्थिति में एकमुश्त भुगतान प्राप्त होता है। ईडीएलआई में  नामांकित व्यक्ति वही है जो कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) योजना में पंजीकृत है।

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