पायल कपाड़िया कान्स में ग्रैंड प्रिक्स जीतने वाली पहली भारतीय फिल्म निर्माता बनीं
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पायल कपाड़िया कान्स फिल्म फेस्टिवल में ग्रांड प्रिक्स पुरस्कार जीतने वाली पहली भारतीय फिल्म निर्माता बनीं।
खबर का अवलोकन
कपाड़िया की फिल्म "ऑल वी इमेजिन एज़ लाइट" ने ग्रांड प्रिक्स जीता, जो पाल्मे डी'ओर के बाद दूसरा सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार है।
यह फिल्म 30 वर्षों में पहली भारतीय फिल्म है और किसी भारतीय महिला निर्देशक द्वारा कान्स में मुख्य प्रतियोगिता में प्रदर्शित होने वाली पहली फिल्म है।
प्रतिष्ठित प्रतियोगिता
कपाड़िया की फिल्म ने फ्रांसिस फोर्ड कोपोला, सीन बेकर, योर्गोस लैंथिमोस, पॉल श्रेडर, मैग्नस वॉन हॉर्न और पाओलो सोरेंटिनो जैसे प्रसिद्ध निर्देशकों के काम को टक्कर दी।
जूरी की अध्यक्षता 'लेडीबर्ड' और 'बार्बी' की निदेशक ग्रेटा गेरविग ने की।
पिछले पुरस्कार:
तीन साल पहले, पायल कपाड़िया ने कान्स में 'ए नाइट ऑफ नोइंग नथिंग' के लिए सर्वश्रेष्ठ डॉक्यूमेंट्री का 'ले प्रिक्स डू डॉक्यूमेंटेयर' जीता था।
पहली फीचरफिल्म:
'ऑल वी इमेजिन ऐज़ लाइट' कपाड़िया की पहली फीचर फिल्म है।
'ऑल वी इमेजिन ऐज़ लाइट' फ़िल्म का सारांश
यह फिल्म, एक इंडो-फ़्रेंच प्रोडक्शन है, जो प्रभा नाम की एक नर्स की कहानी बताती है, जिसे अपने अलग हो चुके पति से एक अप्रत्याशित उपहार मिलता है, जिससे उसके जीवन में व्यवधान पैदा होता है।
कान्स में भारतीय फिल्मों की विरासत
उल्लेखनीय चयन: अन्य भारतीय फिल्में जिन्हें पहले कान्स प्रतियोगिता अनुभाग के लिए चुना गया है उनमें चेतन आनंद, वी शांताराम, राज कपूर, सत्यजीत रे, एमएस सथ्यू और मृणाल सेन की कृतियां शामिल हैं।
पिछला विजेता: 'नीचा नगर' पाल्मे डी'ओर जीतने वाली एकमात्र भारतीय फिल्म बनी हुई है।
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