राष्ट्रपति ने प्रदान किये भूमि सम्मान 2023

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18 जुलाई, 2023 को भारतीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा आयोजित एक समारोह में "भूमि सम्मान" 2023 प्रदान किए। 

खबर का अवलोकन:

  • यह पुरस्कार उन राज्य सचिवों और जिला कलेक्टरों ने अपनी उन टीमों के साथ प्राप्त किए जिन्होंने डिजिटल इंडिया लैंड रिकॉर्ड्स आधुनिकीकरण कार्यक्रम (डीआईएलआरएमपी) के प्रमुख भागों की परिपूर्णता प्राप्त करने में उत्कृष्टता दिखाई है।

नौ राज्यों के सचिव और 68 जिलों के अफसरों को सम्मान: 

  • नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में आयोजित भूमि सम्मान-2023 के समारोह में ओडिशा, मध्यप्रदेश, गुजरात, बिहार, असम, छत्तीसगढ़, झारखंड, त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल के नौ सचिवों सहित कुल 68 जिलों की टीम के अधिकारियों को सम्मानित किया गया।

ओडिशा व मध्यप्रदेश को सर्वाधिक पुरस्कार: 

  • इनमें सर्वाधिक पुरस्कार पाने वाले ओडिशा के 19 जिलों के 57 अधिकारीमध्यप्रदेश के 15 जिलों के 35 आधिकारियों को राष्ट्रपति ने भूमि सम्मान प्रदान किया।

डिजिटल इंडिया लैंड रिकॉर्ड्स आधुनिकीकरण कार्यक्रम (डीआईएलआरएमपी): 

  • डीआईएलआरएमपी को भूमि संबंधी अभिलेखों के डिजिटलीकरण हेतु अगस्त 2008 में केंद्रीय पंचायतीराज मंत्रालय द्वारा आरंभ किया गया था।

डीआईएलआरएमपी का उद्देश्य:  

  • भूमि अभिलेखों के प्रबंधन को आधुनिकीकरण,
  • भूमि/संपत्ति विवादों के दायरे को कम करना,
  • भूमि अभिलेख रखरखाव प्रणाली में पारदर्शिता बढ़ाना और
  • देश में अचल संपत्तियों के लिये अंततः गारंटीकृत निर्णायक अधिकार की ओर बढ़ने की सुविधा प्रदान करना है।

डीआईएलआरएमपी के मुख्य घटक: 

  • भूमि स्वामित्त्व का फेर-बदल,
  • मानचित्रों का डिजिटलीकरण तथा पाठ्यचर्या और स्थानिक डेटा के एकीकरण,
  • सर्वेक्षण/पुन: सर्वेक्षण और
  • मूल भूमि के रिकॉर्ड सहित सभी भूमि अभिलेखों का कंप्यूटरीकरण करना है।

समग्र विकास हेतु ग्रामीण विकास आवश्यक: 

  • इस अवसर पर राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि देश के समग्र विकास के लिए ग्रामीण विकास में तेजी लाना आवश्यक है, क्योंकि अधिकांश ग्रामीण आबादी की आजीविका भूमि संसाधनों पर निर्भर करता है।
  • ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापक एकीकृत भूमि प्रबंधन प्रणाली के डिजिटलीकरण होने से पारदर्शिता बढ़ेगी।

होने वाले लाभ: 

  • भू-अभिलेखों के डिजिटलीकरण और विभिन्न सरकारी विभागों के साथ इसके जुड़ाव से कल्याणकारी योजनाओं के उचित कार्यान्वयन में सहायक होगी।
  • अब यह दस्तावेज बाढ़ और आग जैसी आपदाओं के कारण होने वाले नुकसान से बचाया जा सकेगा। 
  • इससे देश की एक बड़ी आबादी के जमीन से जुड़े विवादों में प्रशासन और न्यायपालिका का समय नष्ट कम होगा।
  • डिजिटलीकरण और सूचना के जुड़ाव के माध्यम से लोगों और संस्थानों की ऊर्जा, जो विवादों को सुलझाने में खर्च होती थी, अब उसका उपयोग विकास के लिए किया जाएगा। 

भूमि पार्सल पहचान संख्या: 

  • डिजिटल इंडिया भूमि सूचना प्रबंधन प्रणाली के तहत एक विशिष्ट भूमि पार्सल पहचान संख्या प्रदान की जा रही है, जिन्हें आधार कार्ड की तरह उपयोग की जा  सकती है।
  • यह संख्या भूमि के समुचित उपयोग के साथ ही नई कल्याणकारी योजनाओं को बनाने और लागू करने में सहायक होगी।
  • ई-कोर्ट को भूमि रिकार्ड और पंजीकरण डेटा-बेस से जोड़ने से कई लाभ होंगे।
  • भूमि के डिजिटलीकरण होने से प्रशासन में पारदर्शिता आएगी।
  • जमीन संबंधी अनैतिक और अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगेगा।
  • अब भूमि संबंधी जानकारी मुफ्त और सुविधाजनक तरीके से मिलने से कई अन्य लाभ होंगे।

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