प्रोजेक्ट-भीष्म: दुनिया का पहला स्वदेशी पोर्टेबल अस्पताल
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प्रोजेक्ट-भीष्म: दुनिया का पहला स्वदेशी पोर्टेबल अस्पताल
प्रोजेक्ट भीष्म क्या है?
- यह चिकित्सा तत्परता और प्रतिक्रिया क्षमता है। इसमें आरोग्य मैत्री आपदा प्रबंधन क्यूब-भीष्म के नाम से जाने जाने वाले मोबाइल अस्पतालों की तैनाती शामिल है।
- ये इकाइयाँ अत्याधुनिक तकनीक से लैस हैं और 200 से अधिक हताहतों का इलाजकरने के लिए डिज़ाइन की गई हैं।
प्रोजेक्ट भीष्म की मुख्य विशेषताएँ:
- पोर्टेबल अस्पताल: कार्यक्रम आरोग्य मैत्री आपदा प्रबंधन क्यूब-भीष्म नामक मोबाइल अस्पतालों का उपयोग करता है। ये अस्पताल कॉम्पैक्ट, पोर्टेबल "मिनी क्यूब्स" से बने होते हैं जिन्हें एक साथ जोड़कर एक पूर्ण भीष्म क्यूब बनाया जा सकता है।
- तेजी से तैनाती: क्यूब्स को हवा, समुद्र, जमीन या ड्रोन द्वारा जल्दी से तैनात किया जा सकता है।
- उन्नत तकनीक: क्यूब्स 180 भाषाओं में इन्वेंट्री प्रबंधन और डिजिटल समर्थन के लिए रेडियो-फ्रीक्वेंसी पहचान (RFID) का उपयोग करते हैं। वे वास्तविक समय की निगरानी और कुशल प्रबंधन के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और डेटा एनालिटिक्स का भी उपयोग करते हैं।
- चिकित्सा उपकरण: क्यूब्स उन्नत चिकित्सा उपकरणों से सुसज्जित हैं, जिनमें एक ऑपरेशन थियेटर, मिनी-आईसीयू, वेंटिलेटर, रक्त परीक्षण उपकरण और एक एक्स-रे मशीन शामिल हैं। क्षमता: एक भीष्म क्यूब 200 मामलों तक चिकित्सा देखभाल प्रदान कर सकता है, जिसमें शल्य चिकित्सा प्रक्रियाएँ भी शामिल हैं।
वैश्विक प्रभाव:
- भारत ने अंतर्राष्ट्रीय मानवीय प्रयासों में अपनी भूमिका को मजबूत करने के लिए अपने भीष्म नवाचार को अन्य देशों के साथ साझा किया है।
- उदाहरण के लिए, भारत ने रूस के साथ संघर्ष के दौरान आपातकालीन चिकित्सा देखभाल को बढ़ाने के लिए यूक्रेन को चार भीष्म क्यूब्स दान किए।
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