आरबीआई 8,000 करोड़ रुपये की दो किस्तों में ग्रीन बांड जारी करेगा
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भारतीय रिज़र्व बैंक ने 6 जनवरी को कहा कि पहला सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड (SGrB) 25 जनवरी और 9 फरवरी को 8,000 करोड़ रुपये के दो किश्तों में जारी किया जाएगा।
खबर का अवलोकन
केंद्र सरकार इन सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड को अपने कुल बाजार उधार के हिस्से के रूप में जारी कर रही है। ये बांड हरित बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने के लिए जारी किए जा रहे हैं।
केंद्र सरकार ने 9 नवंबर 2022 को सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड की रूपरेखा जारी की थी।
25 जनवरी 2023 को 8000 करोड़ रुपए के सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड जारी किए जाएंगे। इसमें 4000 करोड़ वाले ग्रीन बॉन्ड 5 साल के लिए और दूसरे 4000 करोड़ रुपए वाले सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड 10 साल के लिए जारी किए जाएंगे।
इसके अलावा 9 फरवरी 2023 को अगली किस्त के तौर पर 8000 करोड़ के सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड जारी किए जाएंगे। जिसमें 4000 करोड़ वाले ग्रीन बॉन्ड 5 साल के लिए और दूसरे 4000 करोड़ रुपए वाले सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड 10 साल के लिए जारी किए जाएंगे।
सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड क्या हैं?
ये ऐसे बॉन्ड होते हैं जिनका उपयोग सरकार ऐसी वित्तीय परियोजनाओं में करती है जिसका पर्यावरण पर एक सकारात्मक असर पड़ता है।
ग्रीन बॉन्ड को यूरोपीय निवेश बैंक और वर्ल्ड बैंक ने 2007 में लॉन्च किया था।
ग्रीन बॉन्ड एक ऐसा इंस्ट्रूमेंट है जो ग्रीन परियोजनाओं के लिए धनराशि जुटाने में मदद करता है।
इन बॉन्ड्स से प्राप्त धनराशि को सार्वजनिक क्षेत्र के उन परियोजनाओं में लगाया जाएगा जिससे कार्बन तीव्रता को कम करने में मदद मिलती हो।
ये बॉन्ड 9 व्यापक श्रेणियों में होते हैं। इनमें से कुछ अक्षय ऊर्जा, ऊर्जा कुशलता, स्वच्छ परिवहन, ग्रीन बिल्डिंग जैसे प्रोजेक्ट्स है।
सरकार का लक्ष्य इन बॉन्ड्स के जरिए विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने का है।
एसेट लिंक होने की वजह से सरकार को इन बॉन्ड्स के जरिए पैसा जुटाना आसान हो जाता है।
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