रिजर्व बैंक ने रेपो दर 0.25 प्रतिशत बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत की
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भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने महंगाई को नियंत्रण में लाने के उद्देश्य से द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है।
खबर का अवलोकन:
जिसके बाद नई रेपो दर बढ़कर 6.50 प्रतिशत हो गई है।
आरबीआई द्वारा चालू वित्त वर्ष 2022-23 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर के अनुमान को 6.8 प्रतिशत से बढ़ाकर सात प्रतिशत किया गया है।
वहीं, अगले वित्त वर्ष 2023-24 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में वृद्धि दर 6.4 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है।
आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष में खुदरा महंगाई दर 6.5 फीसदी और अगले वित्त वर्ष में 5.3 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है।
आरबीआई द्वारा मुद्रास्फीति को काबू में लाने के लिये इस साल मई से लेकर अबतक कुल छह बार रेपो दर में कुल मिलाकर 2.50 प्रतिशत की वृद्धि की जा चुकी है।
रेपो दर:
रेपो दर वह ब्याज दर है, जिस पर वाणिज्यिक बैंक अपनी फौरी जरूरतों को पूरा करने के लिये केंद्रीय बैंक से कर्ज लेते हैं।
इसमें वृद्धि का मतलब है कि बैंकों और वित्तीय संस्थानों से लिया जाने वाला कर्ज महंगा होगा और मौजूदा ऋण की मासिक किस्त (EMI) बढ़ेगी।
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