रूस के नेतृत्व वाला सैन्य गठबंधन सीएसटीओ कजाकिस्तान में शांति सेना भेजेगा
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रूसी नेतृत्व वाले सैन्य गठबंधन, सामूहिक सुरक्षा संधि संगठन (सीएसटीओ) ने कहा है कि कजाकिस्तान के राष्ट्रपति कसीम-जोमार्ट टोकायव द्वारा कजाकिस्तान के विभिन्न हिस्सों में बढ़ते हिंसा और दंगों कोनियंत्रित करने में मदद के लिए कहने के बाद, वह कजाकिस्तान को अपनी शांति सेना भेजेगा ।
- यह अपील कजाकिस्तान के राष्ट्रपति के द्वारा तब की गई, जब हिंसक प्रदर्शनकारियों ने कजाकिस्तानके सबसे बड़े शहर अल्माटी में राष्टपति निवास पर धावा बोला और आगजनी की ।
- सरकार द्वारा वाहनों में इस्तेमाल होने वाली सस्ती तरलीकृत पेट्रोलियम गैस की कीमत दोगुनी करने के बाद विरोध शुरू हुआ।कजाखस्तान में लोग व्यापक तोर पर तरलीकृत पेट्रोलियम गैस का उपयोग वाहन ईधन के रूप में करते हैं क्योकि यह अन्य ईधन के मुकाबले सस्ता है ।
- यह विरोध बाद में देश के कई हिस्सों में फैल गया, जिसमें राजनीतिक प्रतिनिधित्व बढ़ाने और सामाजिक लाभ में सुधार की व्यापक मांग थी।
- विरोध के बीच प्रधानमंत्री अस्कर मामिन ने इस्तीफा दे दिया और सरकार ने देश में आपातकाल लगा दिया है।
- अलीखान स्माइलोव को कार्यवाहक प्रधान मंत्री नियुक्त किया गया है।
- कजाकिस्तान एक तेल समृद्ध देश है लेकिन इसके शासकों को भ्रष्ट और निरंकुश माना जाता है।
कजाखस्तान
कजाकिस्तान की राजधानी - नूर-सुल्तान है|
मुद्रा :- तेंगे
राष्ट्रपति :- कसीम-जोमार्ट टोकायेव
सीएसटीओ (सामूहिक सुरक्षा संधि संगठन)
- यह पूर्व सोवियत संघ के देशों का एक सैन्य गठबंधन है।
- इसे 1992 में एकीकृत सशस्त्र बलों के रूप में स्थापित किया गया था, जिसे बाद में 2002 में सीएसटीओ के रूप में बदल दिया गया था।
- वर्तमान में सदस्य देश रूस, बेलारूस, आर्मेनिया, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान और ताजिकिस्तान हैं।
सीएसटीओ का मुख्यालय मास्को, रूस है|
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