संतूर वादक पंडित भजन सोपोरी का निधन
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मशहूर संतूर वादक पद्मश्री पंडित भजन सोपोरी का गुरुग्राम के एक अस्पताल में 2 जून को निधन हो गया। वे 74 साल के थे और पिछले कुछ समय से बीमार थे।
उनका इलाज कोलन कैंसर के स्टेज IV का चल रहा था।
यह बीमारी लीवर और हड्डियों तक फैल चुकी थी।
उनका फरवरी 2022 से फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट (एफएमआरआई), गुरुग्राम में इलाज चल रहा था।
पंडित भजन सोपोरी के बारे में
उनका जन्म वर्ष 1948 में श्रीनगर में हुआ था।
उन्हें क्लासिकल म्यूजिक में योगदान के लिए 1992 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार दिया गया था।
उन्हें भारत सरकार ने वर्ष 2004 में पद्मश्री से सम्मानित किया।
भजन सोपोरी को संतूर वादन की शिक्षा विरासत में मिली थी। उनके दादा एससी सोपोरी और पिता पंडित एसएन सोपोरी भी संतूर वादक थे।
वह संतूर के साथ गायन में भी निपुण थे।
संगीत के साथ उन्होंने अंग्रेजी साहित्य में पोस्ट ग्रेजुएट किया। इसके बाद उन्होंने वाशिंगटन विश्वविद्यालय से वेस्टर्न क्लासिकल म्यूजिक में भी पढ़ाई की थी।
उन्होंने तीन रागों की रचना की। इनमें राग लालेश्वरी, राग पटवंती और राग निर्मल रंजनी शामिल हैं।
उनका संबंध सूफियाना घराना से है।
उन्होंने एक एलबम नट योग ऑन संतूर बनाया। वह सोपोरी एकेडमी फॉर म्यूजिक एंड परफॉर्मिंग आर्ट्स के संस्थापक भी हैं।
वह भारत के इकलौते क्लासिकल म्यूजीशियन हैं जिन्होंने संस्कृत, अरबी समेत देश की लगभग हर भाषा में करीब चार हजार से अधिक गीतों के लिए म्यूजिक कंपोज किया है।
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