सियाचिन दिवस - 13 अप्रैल
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भारतीय सेना द्वारा प्रतिवर्ष 13 अप्रैल को सियाचिन दिवस मनाया जाता है।
खबर का अवलोकन
यह 13 अप्रैल 1984 को शुरू किए गए ऑपरेशन मेघदूत की याद दिलाता है।
यह दिन सियाचिन ग्लेशियर पर तैनात भारतीय सेना के जवानों के साहस और बलिदान को श्रद्धांजलि देता है।
स्थान और महत्व:
हिमालय में पूर्वी काराकोरम रेंज में स्थित सियाचिन ग्लेशियर, केंद्र शासित प्रदेश (यूटी) लद्दाख का हिस्सा है।
इसे दुनिया का सबसे ऊंचा और सबसे ठंडा युद्धक्षेत्र माना जाता है।
यह क्षेत्र इस क्षेत्र में भारत की रणनीतिक उपस्थिति और क्षेत्रीय अखंडता का प्रतीक है।
ऑपरेशन मेघदूत:
ऑपरेशन मेघदूत भारत द्वारा शुरू किया गया एक महत्वपूर्ण सैन्य प्रयास था।
उद्देश्य: जम्मू और कश्मीर (अब उत्तरी लद्दाख का हिस्सा) में स्थित पूरे सियाचिन ग्लेशियर पर सुरक्षित नियंत्रण।
इसने लद्दाख क्षेत्र में पाकिस्तान की बढ़ती गतिविधियों के जवाब में भारत के सक्रिय रुख को चिह्नित किया।
यह ऑपरेशन पूरे सियाचिन ग्लेशियर पर भारतीय नियंत्रण हासिल करने में महत्वपूर्ण था।
भारतीय वायु सेना (IAF) की भूमिका:
ऑपरेशन मेघदूत का अभिन्न अंग भारतीय वायु सेना (आईएएफ) की भागीदारी थी।
सैनिकों को एयरलिफ्ट करना: भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टरों ने भारतीय सेना के सैनिकों को सियाचिन क्षेत्र में पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
सहायता और रसद: भारतीय वायुसेना ने ऑपरेशन के दौरान आवश्यक सहायता और रसद प्रदान की, जिससे चुनौतीपूर्ण इलाके में सेना की तैनाती और रखरखाव की सुविधा मिली।
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