अग्नि-प्राइम मिसाइल का सफल उड़ान परीक्षण
Tags: Science and Technology National News
अग्नि-प्राइम मिसाइल का ओडिशा में सफल उड़ान परीक्षण हुआ।
खबर का अवलोकन
परीक्षण डॉ एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से सामरिक बल कमान (एसएफसी) और रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया था।
रक्षा मंत्रालय ने बताया कि अग्नि-प्राइम मिसाइल ने अपने विश्वसनीय प्रदर्शन को प्रदर्शित करते हुए सभी परीक्षण उद्देश्यों को पूरा किया।
अग्नि-पी (अग्नि-प्राइम) का परिचय:
अग्नि-पी, जिसे अग्नि-प्राइम के नाम से भी जाना जाता है, भारत के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा विकसित की जा रही एक मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल है।
यह अग्नि श्रृंखला की छठी मिसाइल है और इसे दो चरणों वाली, सतह से सतह पर मार करने वाली, कैनिस्टर-लॉन्च और रोड-मोबाइल प्रणाली के रूप में डिज़ाइन किया गया है।
उद्देश्य और तैनाती:
अग्नि-पी को परिचालन उपयोग के लिए सामरिक बल कमान के भीतर तैनात करने का इरादा है।
इसके विकास का लक्ष्य भारत की बैलिस्टिक मिसाइल क्षमताओं को बढ़ाना है, खासकर मध्यम दूरी के क्षेत्र में।
मुख्य विशेषताएं और उन्नयन:
मिसाइल में अपने पूर्ववर्तियों की तुलना में महत्वपूर्ण उन्नयन शामिल हैं।
इन उन्नयनों में समग्र मोटर आवरण, नेविगेशन प्रणाली और मार्गदर्शन प्रणाली में प्रगति शामिल है।
पैंतरेबाज़ी पुनः प्रवेश वाहन (MaRV):
अग्नि-पी एक मैन्युवरेबल रीएंट्री व्हीकल (एमएआरवी) से लैस है, जो दुश्मन की सुरक्षा को भेदने और लक्ष्यों पर सटीक निशाना साधने में इसकी प्रभावशीलता को बढ़ाता है।
ठोस-ईंधन डिजाइन:
अग्नि-पी विश्वसनीयता, गतिशीलता और तैनाती में आसानी सुनिश्चित करते हुए ठोस ईंधन प्रणोदन का उपयोग करता है।
कनस्तर प्रक्षेपण क्षमता:
इसकी कनस्तर-प्रक्षेपण प्रणाली इसकी गतिशीलता और तत्परता को बढ़ाती है, जिससे विभिन्न प्लेटफार्मों से तेजी से तैनाती और लॉन्च की अनुमति मिलती है।
सामरिक महत्व:
अग्नि-पी का विकास और तैनाती भारत के रणनीतिक मिसाइल कार्यक्रम में एक महत्वपूर्ण प्रगति है।
यह भारत की निवारक क्षमता को मजबूत करता है और क्षेत्र में उभरती सुरक्षा चुनौतियों के लिए एक विश्वसनीय प्रतिक्रिया प्रदान करता है।
Please Rate this article, so that we can improve the quality for you -