तमिलनाडु ने भारत के दूसरे निजी तौर पर विकसित रॉकेट के साथ इतिहास रचा
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तमिलनाडु की अंतरिक्ष कंपनियों में से एक, अग्निकुल कॉसमॉस प्राइवेट लिमिटेड, आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से अपना पहला रॉकेट, अग्निबाण सब ऑर्बिटल टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेटर (SOrTeD) लॉन्च करने की तैयारी कर रही है।
खबर का अवलोकन
अग्निबाण SOrTeD एक निजी लॉन्चपैड से भारत के उद्घाटन प्रक्षेपण का प्रतीक है, जो देश के अंतरिक्ष उद्योग में एक महत्वपूर्ण प्रगति को दर्शाता है।
यह प्रक्षेपण अर्ध-क्रायोजेनिक इंजन द्वारा संचालित भारत के पहले रॉकेट का भी प्रतिनिधित्व करेगा, जो प्रणोदन प्रौद्योगिकी में प्रगति को प्रदर्शित करेगा।
3डी प्रिंटेड इंजन के साथ नवाचार:
अग्निकुल कॉसमॉस ने स्वदेशी नवाचार और इंजीनियरिंग विशेषज्ञता को उजागर करते हुए दुनिया के पहले सिंगल-पीस 3डी प्रिंटेड इंजन के उत्पादन के साथ एक और मील का पत्थर हासिल किया है।
संस्थापक और सहयोगात्मक प्रयास:
श्रीनाथ रविचंद्रन, मोइन एसपीएम और सत्या चक्रवर्ती द्वारा 2017 में स्थापित, अग्निकुल कॉसमॉस प्राइवेट लिमिटेड IN-SPACe परियोजना के तहत भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के साथ सहयोग करने वाली पहली भारतीय कंपनी बन गई।
दिसंबर 2020 में शुरू की गई इस साझेदारी ने अग्निकुल कॉसमॉस को इसरो के संसाधनों और विशेषज्ञता तक पहुंच प्रदान की, जिससे अग्निबाण के विकास में आसानी हुई।
पूर्व उपलब्धियाँ:
निजी तौर पर विकसित रॉकेटों में भारत की यात्रा 2022 में स्काईरूट एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड द्वारा विकसित विक्रम-एस के लॉन्च के साथ शुरू हुई।
विक्रम-एस ने अपने आरंभ मिशन के दौरान 89.5 किलोमीटर की चरम ऊंचाई हासिल की, जिससे निजी तौर पर विकसित रॉकेट बाजार में भारत का प्रवेश हुआ और निजी अंतरिक्ष क्षेत्र में इसकी आकांक्षाओं को बल मिला।
ISRO के बारे में
संस्थापक - विक्रम साराभाई
मुख्यालय - बेंगलुरु
स्थापना - 15 अगस्त 1969
अध्यक्ष - श्रीधर सोमनाथ
कार्यालयधारक - एस. सोमनाथ (अध्यक्ष)
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