टाटा मोटर्स जनवरी 2023 से एनवाईएसई से अमेरिकी डिपॉजिटरी रसीदों को हटा देगी
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भारत की अग्रणी मोटर कंपनी टाटा मोटर्स ने घोषणा की है कि वह जनवरी 2023 से संयुक्त राज्य अमेरिका में दुनिया के सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज, न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज (एनवाईएसई) से अपनी अमेरिकी डिपॉजिटरी रसीदों (एडीआर) को हटा देगी।
टाटा मोटर्स ने कंपनी में विदेशी शेयरधारकों की भागीदारी बढ़ाने और विदेशी पूंजी जुटाने के उद्देश्य से 2004 में एडीआर जारी किया था। टाटा मोटर्स ने कहा कि मौजूदा समय में कंपनी में काफी विदेशी निवेश है और उसके एडीआर मेंविदेशी निवेशकों की दिलचस्पी घट रही है। इसलिए कंपनी ने एडीआर को डीलिस्ट करने का फैसला किया है।
पहली भारतीय कंपनी जिसने एडीआर जारी किया था वह इनफ़ोसिस है जिसने 1999 में इसे जारी किया था और इसे अमेरिकी स्टॉक एक्सचेंज NASDAQ पर लिस्ट किया गया था ।
एडीआर क्या है?
यह एक अमेरिकी डिपॉजिटरी द्वारा अमेरिकी निवेशक को जारी किया गया एक डेरीवेटिव (derivative)उपकरण है जिसे एक अमेरिकी स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध किया जाता है। इसे एक गैर-अमेरिकी कंपनी के इक्विटी शेयरों के खिलाफ जारी किया जाता है। एडीआर में कंपनी के शेयर की तरह ही कारोबार किया जाता है और एडीआर धारक के पास वे सभी अधिकार होते हैं जो कंपनी के इक्विटी शेयरधारक को प्राप्त होते है सिर्फ वोटिंग अधिकारों को छोड़कर ।
यह काम किस प्रकार करता है ?
उदाहरण के लिए टाटा मोटर्स विदेशी पूंजी जुटाने और कंपनी में विदेशी भागीदारी बढ़ाने के लिए एडीआर जारी करना चाहती है।
उदाहरण के लिए टाटा मोटर्स या तो नए 10,000 शेयर बनाएगी या कंपनी के मौजूदा शेयरों का उपयोग करेगी। यह एक अमेरिकी डिपॉजिटरी से संपर्क करता है, जैसे सिटी बैंक को और उसे अपने 10,000 शेयर जमा करने के लिए कहता है।
सिटी बैंक टाटा मोटर्स के शेयरों को स्वीकार करेगा और टाटा मोटर्स के जमा शेयरों के बदले रसीद जारी करेगा। मान लीजिए एक शेयर के लिए एक रसीद जारी की जाती है तो कुल 10,000 रसीदें जारी की जाएगी । इन रसीदों को मान लीजये अमेरिकी निवेशक को $ 10 प्रति के रसीद के हिसाब से बेचा जाएगा।
इस प्रकार 10,00,00 डॉलर मूल्य की रसीदें बेची जाएंगी और डिपॉजिटरी अपना कमीशन काटकर शेष राशि इंफोसिस को देगी। इस तरह से टाटा की शेयर सिटी बैंक के पास होगा जबकि इस बदले जारी की गयी रसीद अमेरिकी निवेशिकों के पास होगा इसलिए इसे डेरीवेटिव कहा जाता है ।
इन रसीदों को अमेरिकी स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध किया जाएगा और सामान्य शेयरों की तरह इसमें कारोबार किया जाएगा।
अमेरिकी डिपॉजिटरी द्वारा जारी इन रसीदों को अमेरिकी डिपॉजिटरी रसीद कहा जाता है ।
एडीआर के धारक को वोटिंग अधिकार के अलावा टाटा मोटर्स के भारतीय शेयरधारक को मिलने वाले सभी लाभ मिलेंगे। एडीआर धारक को मतदान का अधिकार इसलिए नहीं दिया जाता क्योंकि अभी भी भारत के पास पूर्ण पूंजी खाता परिवर्तनीयता नहीं है।
न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज (एनवाईएसई)
यह न्यूयॉर्क शहर संयुक्त राज्य अमेरिका में स्थित दुनिया का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है।
इसे वॉल स्ट्रीट के नाम से भी जाना जाता है। वॉल स्ट्रीट उस स्थान का नाम है जहां वह भवन स्थित है जिसमे एनवाईएसई है।
एनवाईएसई का सूचकांक डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज या डॉव जोन्स है। यह दुनिया का पहला शेयर बाजार सूचकांक है । भारत के बीएसई का सूचकांक सेंसेक्स डॉव जोन्स मॉडल पर आधारित है।
1999 में आईसीआईसीआई एनवाईएसई में सूचीबद्ध होने वाली पहली भारतीय कंपनी थी।
एनवाईएसई की स्थापना 17 मई 1792 को हुई थी।
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