हवा से हवा में मार करने वाली ब्रह्मोस मिसाइल के विस्तारित रेंज संस्करण को सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया
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हवा में मार करने वाली ब्रह्मोस मिसाइल के विस्तारित दूरी के संस्करण को सुखोई-30 मार्क-वन लड़ाकू विमान से सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया गया।
परीक्षण के दौरान मिसाइल ने बंगाल की खाड़ी में निर्धारित लक्ष्य पर सटीक निशाना लगाया।
सुखोई-30 मार्क-वन लड़ाकू विमान से ब्रह्मोस मिसाइल के विस्तारित दूरी के संस्करण का यह पहला प्रक्षेपण था।
इस मिसाइल के एडवांस्ड वर्जन की रेंज लगभग 350 किलोमीटर है जबकि मूल मिसाइल की रेंज लगभग 290 किलोमीटर थी।
इस परीक्षण में भारतीय वायुसेना के साथ भारतीय रक्षा अनुसंधान संगठन (DRDO), भारतीय नौसेना, बीएपीएल और एचएएल शामिल थे I
सुखोई 30 एमकेआई लड़ाकू विमान
सुखोई 30 एमकेआई भारतीय वायुसेना का प्रमुख लड़ाकू विमान है।
यह लड़ाकू विमान रूस के सैन्य विमान निर्माता सुखोई तथा भारत के हिन्दुस्तान ऐरोनॉटिक्स लिमिटेड के सहयोग से बना है।
वर्ष 2002 में इसे भारतीय वायुसेना में सम्मिलित किया गया था और वर्ष 2004 से इनका निर्माण भारत में ही हिन्दुस्तान ऐरोनॉटिक्स लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है।
यह विमान 3000 किमी की दूरी तक जा कर हमला कर सकता है।
ब्रह्मोस मिसाइल के बारे में
ब्रह्मोस एक कम दूरी की रैमजेट, सुपरसॉनिक क्रूज मिसाइल है।
इसे पनडुब्बी से, पानी के जहाज से, विमान से या जमीन से भी छोड़ा जा सकता है।
इसे रूस की एनपीओ मशीनोस्ट्रोयेनिया तथा भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने संयुक्त रूप से विकसित किया है।
ब्रह्मोस नाम भारत की ब्रह्मपुत्र और रूस की मस्कवा नदी पर रखा गया है।
ब्रह्मोस की विशेषताएँ
यह हवा में ही मार्ग बदल सकती है और चलते फिरते लक्ष्य को भी भेद सकती है।
यह 10 मीटर की ऊँचाई पर उड़ान भर सकती है और रडार की पकड में नहीं आती।
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