मोहाली में पहली बार "नेशनल जीनोम एडिटिंग एंड ट्रेनिंग सेंटर" का उद्घाटन किया गया
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केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने 5 जनवरी को राष्ट्रीय कृषि-खाद्य जैव प्रौद्योगिकी संस्थान (एनएबीआई) मोहाली, पंजाब में "राष्ट्रीय जीनोम संपादन और प्रशिक्षण केंद्र (एनजीईटीसी)" का उद्घाटन किया।
खबर का अवलोकन
उन्होंने खाद्य और पोषण सुरक्षा 2023 पर 4 दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का भी उद्घाटन किया।
उन्होंने कहा कि एग्री-टेक स्टार्ट-अप की भारत में एक विशिष्ट क्षमता है और इसको सफल बनाने के लिए अधिक जागरूकता की आवश्यकता है।
नेशनल जीनोम एडिटिंग एंड ट्रेनिंग सेंटर
यह अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है और जीनोम संशोधन सहित विभिन्न जीनोम संपादन विधियों को अपनाने और क्षेत्रीय जरूरतों को पूरा करने के लिए एक उपयुक्त मंच है।
यह सेंटर, वर्तमान के क्लाइमेट सिनेरियो में फसलों में सुधार करने और उन्हें बदलती पर्यावरणीय परिस्थितियों के प्रति सहनशील बनाने में भी मदद करेगा।
एनजीईटीसी विभिन्न जीनोम संपादन विधियों को अपनाने के लिए क्षेत्रीय जरूरतों को पूरा करेगा।
यह युवा शोधकर्ताओं को फसलों में इसके अनुप्रयोग के बारे में प्रशिक्षण और मार्गदर्शन प्रदान करके उन्हें सशक्त भी बनाएगा।
जीनोम एडिटिंग क्या है?
जीनोम एडिटिंग, जिसे जीन एडिटिंग भी कहा जाता है विभिन्न प्रौद्योगिकियों का एक समूह है जो वैज्ञानिकों को एक जीव के डीऑक्सी-राइबोन्यूक्लिक एसिड (डीएनए) को बदलने की क्षमता प्रदान करता है।
ये प्रौद्योगिकियां जीनोम में विशेष स्थानों पर आनुवंशिक सामग्री को जोड़ने, हटाने या बदलने की अनुमति देती हैं।
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