भारत में महिला और पुरुष 2022 रिपोर्ट

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सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने 15 मार्च को "भारत में महिला और पुरुष 2022" रिपोर्ट जारी की।

रिपोर्ट के निष्कर्ष

लिंग अनुपात

  • जन्म के समय लिंग अनुपात 2017-19 में 904 से 2018-20 में तीन अंक बढ़कर 907 हो गया।

  • भारत का लिंगानुपात (प्रति 1,000 पुरुषों पर महिलाएं) वर्ष 2036 तक 952 होन की उम्मीद है, जो 2011 में 943 से अधिक है।

जनसंख्या वृद्धि

  • जनसंख्या वृद्धि, जो 1971 में 2.2% से गिरकर 2021 में 1.1% हो गई थी, 2036 में 0.58% तक गिरने का अनुमान है।

श्रम बल की भागीदारी

  • 2017-2018 से 15 वर्ष से अधिक आयु वालों के लिए भारत की श्रम बल भागीदारी दर बढ़ रही है। हालांकि महिलाएं पुरुषों से काफी पीछे हैं।

  • 2021-22 में पुरुषों के लिए यह दर 77.2 और महिलाओं के लिए 32.8 थी, इस असमानता में कोई सुधार नहीं हुआ है।

सेक्स संरचना की आयु

  • भारत की आयु और लिंग संरचना के अनुसार 15 वर्ष से कम आयु की जनसंख्या में गिरावट और 2036 तक 60 वर्ष से अधिक की जनसंख्या में वृद्धि होने की उम्मीद है।

प्रजनन दर

  • 2016 और 2020 के बीच 20-24 वर्ष और 25-29 वर्ष आयु वर्ग के लिए प्रजनन दर क्रमशः 135.4 और 166.0 से घटकर 113.6 और 139.6 हो गई।

  • यह संभावित रूप से उचित शिक्षा प्राप्त करने और नौकरी हासिल करने से आर्थिक स्वतंत्रता के कारण हुआ।

  • 35-39 वर्ष आयु वर्ग के लिए यही सूचक 2016 में 32.7 से बढ़कर 2020 में 35.6 हो गया।

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