विश्व डाक दिवस - 9 अक्टूबर
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विश्व डाक दिवस प्रतिवर्ष 9 अक्टूबर को मनाया जाता है।
खबर का अवलोकन
विश्व डाक दिवस संयुक्त राष्ट्र एजेंसी, यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन (यूपीयू) की स्थापना का जश्न मनाता है।
यूपीयू की स्थापना 9 अक्टूबर, 1884 को बर्न, स्विट्जरलैंड में हुई थी।
विश्व डाक दिवस मनाने की परंपरा 1969 में जापान के टोक्यो में यूपीयू कांग्रेस के दौरान शुरू हुई।
विश्व डाक दिवस 2023 की थीम:
विश्व डाक दिवस 2023 की थीम 'विश्वास के लिए एक साथ: एक सुरक्षित और जुड़े भविष्य के लिए सहयोग' है।
यह थीम डिजिटल अर्थव्यवस्था के लक्ष्यों को प्राप्त करने में डाकघरों की भूमिका पर जोर देती है।
भारत में पहला डाक टिकट:
भारत का पहला डाक टिकट 21 नवंबर 1947 को जारी किया गया था, जिस पर 'जय हिंद' और 'भारत' लिखा था।
इस स्टांप का मूल्य साढ़े तीन आने या 14 पैसे था और इसका उपयोग घरेलू मेल के लिए किया जाता था।
महात्मा गांधी को अपने नाम पर डाक टिकट जारी करने वाले पहले भारतीय होने का गौरव प्राप्त था।
सचिन तेंदुलकर भारत के पहले जीवित व्यक्ति बने जिनके नाम पर डाक टिकट जारी हुआ।
भारतीय डाक का इतिहास:
भारतीय डाक व्यवस्था की शुरुआत आज से 257 साल पहले 1766 में हुई थी।
1774 में वॉरेन हेस्टिंग्स ने कोलकाता में पहला डाकघर स्थापित किया।
भारत में डाक टिकटों की शुरुआत 1852 में हुई थी।
1 अक्टूबर, 1854 को महारानी विक्टोरिया की तस्वीर वाले एक डाक टिकट ने भारत में डाक विभाग की स्थापना को चिह्नित किया।
भारत का डाक नेटवर्क व्यापक है, जिसमें 89.87% डाकघर ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित हैं।
भारत में उल्लेखनीय स्टाम्प:
20 अगस्त 1991 को, भारत ने अपना सबसे बड़ा डाक टिकट जारी किया, जिस पर पूर्व प्रधान मंत्री राजीव गांधी की तस्वीर थी।
यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन (यूपीयू):
यूपीयू संयुक्त राष्ट्र की एक विशेष एजेंसी है।
स्थापना: 9 अक्टूबर, 1884.
मुख्यालय: बर्न, स्विट्जरलैंड.
वर्तमान प्रमुख: मासाहिको मेटोकी।
यूपीयू संयुक्त राष्ट्र की आर्थिक और सामाजिक परिषद के तहत काम करता है।
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