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किसी ‘छंद’ के पढ़ने के प्रवाह अथवा लय को कहते हैं-
व्याख्या- वर्णों या मात्राओं के नियमित संख्या के विन्यास से यदि आह्लाद अर्थात् आनंद पैदा हो, तो उसे 'छंद' कहते हैं।
महत्त्वपूर्ण बिंदु -
अन्य विकल्प -
1) यति - किसी छंद में नियमित वर्ण अथवा मात्रा पर साँस लेने के लिए रुकना पड़ता है इसे ‘यति अथवा विराम’ कहते हैं।
3) तुक - किसी छंद के चरण के अंत की अक्षर मैत्री को ‘तुक’ कहते हैं।
निम्नलिखित विकल्पों में से कौन सा विकल्प ‘घनाक्षरी’ छंद है-
व्याख्या- घनाक्षरी वर्णिक छंद है।
महत्त्वपूर्ण बिंदु -
इसकी 31 मात्राएँहोती हैं।
निम्नलिखित में से कौन सममात्रिक छंद का उदाहरण है?
व्याख्या- जिस छंद के चारों चरणों में मात्राओं की संख्या एवं क्रम- नियोजन समान होता है, उसे सम मात्रिक छंद कहते हैं।
महत्त्वपूर्ण बिंदु -
अन्य विकल्प -
चौपाई छंद में कितनी मात्राएँ होती हैं?
व्याख्या-चौपाई में कुल ‘सोलह’मात्रा होती हैं।
चौपाई’ के प्रत्येक चरण में कितनी मात्राएँ होती हैं?
व्याख्या - ‘चौपाई’ के प्रत्येक चरण में 16 मात्राएँ होती हैं।
अतिरिक्त बिंदु -
निम्नलिखित में से ‘मात्रिक छंद’ है -
व्याख्या- दोहा मात्रिक छंद है।
महत्त्वपूर्ण बिंदु -
अन्य विकल्प -
अतिरिक्त बिंदु -
वार्णिक छंद - केवल वर्ण गणना के आधार पर रचा गया छंद 'वर्णिक छंद' कहलाता है। इन छंदों में वर्णों की संख्या और नियम का ध्यान रखा जाता है। जैसे- चाहे जो करो शरण्य, शरण तिहारे हैं (15 वर्ण वर्णिक छंद घनाक्षरी)।
दोहा और रोला को क्रम से मिलाने पर कौन सा छंद बनता है-
व्याख्या - दोहा और रोला को क्रम से मिलाने पर कुण्डलियाँ छंद बनता है।
महत्त्वपूर्ण बिंदु -
अतिरिक्त बिंदु -