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जिस स्वर के उच्चारण में एक मात्रा लगती है उसे क्या कहते हैं ?
जिस स्वर के उच्चारण में एक मात्रा लगती है उसे लघु स्वर कहते हैं; जैसे, अ, इ, उ, ऋ ।
अन्य विकल्प -
अंत:स्थ और ऊष्म वर्ण कितने हैं :
अन्त:स्थ और ऊष्म वर्ण कुल मिलाकर आठ होते हैं।
महत्त्वपूर्ण बिंदु -
'र' का विवरण है :
र अक्षर - वर्त्स्य, लुंठित, सघोष, अल्पप्राण व्यंजन के अंतर्गत आता है।
महत्त्वपूर्ण बिंदु -
काकल्य वर्ण कौन-सा है?
उपरोक्त विकल्पों में ह काकल्य वर्ण है।
महत्त्वपूर्ण बिंदु -
अन्य विकल्प -
तालव्य - इ, ई, च वर्ग (च्, छ्, ज्, झ्, ञ्) य् तथा श् का उच्चारण-स्थान तालु है। तालु से बोले जाने वाले इन वर्णों को तालव्य कहा जाता है।
दन्त्य - लृ, त वर्ग (त्, थ्, द्, ध्, न्) ल्, स का उच्चारण-स्थान दन्त है। इन वर्णों को दन्त्य कहा जाता है।
मूर्धन्य -ऋ, ऋृ, ट वर्ग (ट्, ठ्, ड्, ढ्, ण्), र्, ष् का उच्चारण-स्थान मूर्धा है। मूर्धा से बोले जाने वाले वर्णों को मूर्धन्य कहा जाता है। इनके उच्चारण में जिह्वा ऊपर के दाँतों के साथ वाले खुरदरे भाग ’मूर्धा’ का स्पर्श करती है।
'य' का उच्चारण स्थान है -
'य' वर्ण का उच्चारण स्थान तालु है।
महत्त्वपूर्ण बिंदु -
अन्य विकल्प -
दिए गए विकल्पों के आधार पर हिंदी वर्णमाला में कुल स्वरों की संख्या कितनी है?
उपर्युक्त विकल्पों के आधार पर हिंदी वर्णमाला में कुल स्वरों की संख्या 13 है।
महत्त्वपूर्ण बिंदु -
हिंदी की 'ठ' ध्वनि है -
ठ मूर्धन्य ध्वनि है।
महत्वपूर्ण बिंदु -
अन्य विकल्प -
निम्न में से कौन -सा शब्द स्पर्श- संघर्षी व्यंजन है?
’ज’ शब्द स्पर्श संघर्षी व्यंजन है।
महत्वपूर्ण बिंदु -
अन्य विकल्प -
निम्न में से कौन -सा तालव्य ध्वनि है ?
‘ज’ तालव्य ध्वनि है।
महत्वपूर्ण बिंदु -
अन्य विकल्प -
कंठ्य - अ, आ, क वर्ग (क्, ख्, ग्, घ्, ड्), ह् तथा विसर्ग का उच्चारण-स्थान कण्ठ है।कण्ठ से बोले जाने वाले इन वर्णों को कण्ठ्य कहा जाता है। इन वर्णों के उच्चारण में जिह्वा कण्ठ का स्पर्श करती है।
मूर्धन्य - ऋ, ऋृ, ट वर्ग (ट्, ठ्, ड्, ढ्, ण्), र्, ष् का उच्चारण-स्थान मूर्धा है। मूर्धा से बोले जाने वाले वर्णों को मूर्धन्य कहा जाता है।
दन्त्य - लृ, त वर्ग (त्, थ्, द्, ध्, न्) ल्, स का उच्चारण-स्थान दन्त है। इन वर्णों को दन्त्य कहा जाता है। इनके उच्चारण में जिह्वा दाँतों में लगती है।
'ढ़' किस प्रकार की ध्वनि है ?
'ढ़ उत्क्षिप्त व्यंजन का उदाहरण है।
महत्वपूर्ण बिंदु -
अन्य विकल्प -
वह वर्ण बताइए जो मूर्धन्य, सघोष और अल्पप्राण तीनों है।
ड़ वर्ण मूर्धन्य, सघोष और अल्पप्राण तीनों होता है अर्थात ड़ वर्ण के उच्चारण स्थान मूर्धा है इसके उच्चारण में स्वरतंत्रियों में कंपन होता है तथा इसके उच्चारण में मुख से कम हवा निकलती है।
महत्त्वपूर्ण बिंदु-
अन्य विकल्प-
निम्न में ऐसा कौन सा वर्ण है जिससे कोई शब्द शुरू नहीं होता?
ण वर्ण से कोई शब्द शुरू नहीं होता।
अन्य विकल्प-
कोई भी स्वर ................ नहीं होते?
कोई भी स्वर अघोष और महाप्राण नहीं होते। सभी स्वर सघोष और अल्पप्राण होते हैं।
महत्त्वपूर्ण बिंदु-
निम्न में से ऐसा कौन सा वर्ण है जिसके दो उच्चारण स्थान नहीं है?
झ वर्ण का केवल एक उच्चारण स्थान होता है जो कि तालु है।
अन्य विकल्प–
च वर्ग के अलावा निम्न में ऐसा कौन सा वर्ण है जिसका उच्चारण स्थान तालु है?
च वर्ग के अलावा य वर्ण भी है जिसका उच्चारण स्थान तालु होता है।
महत्त्वपूर्ण बिन्दु–
अन्य विकल्प-
निम्न में से किस शब्द में अनुनासिक स्वर लगा है?
दाँत शब्द में अनुनासिक स्वर लगा है। दाँत शब्द में लगा अँ शब्द अनुनासिक है क्योंकि इसके उच्चारण में हवा मुँह के साथ–साथ नाक से भी निकलती है।
महत्त्वपूर्ण बिन्दु–
निम्न में से किस स्वर में हवा सिर्फ मुँह से निकलती है?
आ, ऐ, औ इन तीनों वर्णों के उच्चारण में हवा सिर्फ मुँह से निकलती है। इन्हें निरनुनासिक स्वर भी कहा जाता है।
महत्त्वपूर्ण बिंदु–
अल्पप्राण ध्वनियाँ स्पर्श व्यंजनों के वर्गीकरण में किस वर्ग से सम्बंधित हैं?
अल्पप्राण ध्वनियाँ स्पर्श व्यंजनों के वर्गीकरण में पहले, तीसरे और पाँचवे वर्ग के अंतर्गत आती हैं। जैसे: पहले वर्ग में क, च वर्ण, तीसरे वर्ग में ग, ज, वर्ण तथा पाँचवे वर्ग में ण, न वर्ण, सभी अल्पप्राण ध्वनियाँ हैं।
महत्वपूर्ण बिंदु-
‘ऐ’ वर्ण के उच्चारण में किन उच्चारण स्थान का प्रयोग होता है?
‘ऐ’ वर्ण के उच्चारण में कंठ और तालु दोनों उच्चारण स्थान का प्रयोग होता है।
महत्वपूर्ण बिंदु-
अन्य विकल्प-
‘र’ का चिन्ह जब व्यंजन वर्ण के ऊपर लगाया जाता है तो उसे______कहते हैं?
‘र’ का चिन्ह जब व्यंजन वर्ण के ऊपर लगाया जाता है तो उसे ‘रेफ’ कहते हैं।
अन्य विकल्प-