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निम्नलिखित में से कौन-सा वर्ण अघोष है?
ख अघोष वर्ण है।
महत्त्वपूर्ण बिंदु -
अन्य विकल्प -
घोष - जिन व्यंजनों के उच्चारण में स्वरतन्त्रियों में कम्पन हो, वह घोष व्यंजन कहलाते हैं। प्रत्येक ‘वर्ग’ का तीसरा, चौथा और पाँचवाँ व्यंजन वर्ण घोष ध्वनि होता है ।
जैसे -ग, घ, ङ, ज, झ, ञ, ड, ढ,,ण, द, ध, न, ब, भ, म।
निम्नलिखित में से कौन-सा अग्र स्वर है?
इ अग्र स्वर है।
महत्त्वपूर्ण बिंदु -
अन्य विकल्प -
छ, झ व्यंजन होते हैं -
छ, झ तालव्य व्यंजन होते हैं।
महत्त्वपूर्ण बिंदु -
अन्य विकल्प -
निम्नलिखित में से कौन-सा एक उष्म व्यंजन नहीं है?
त्र उष्म व्यंजन नहीं है। 'त्र' संयुक्त व्यंजन है।
महत्त्वपूर्ण बिंदु -
अन्य विकल्प -
उच्चारण की दृष्टि से र, ल, स व्यंजन किस प्रकार के हैं ?
उच्चारण की दृष्टि से र, ल, स वर्त्स्य व्यंजन हैं।
महत्त्वपूर्ण बिंदु -
अन्य विकल्प -
हिन्दी वर्णमाला में दीर्घ स्वरों की संख्या निम्नलिखित में से क्या है?
हिन्दी वर्णमाला में दीर्घ स्वरों की संख्या सात हैं।
महत्त्वपूर्ण बिंदु -
हिन्दी वर्णमाला में 'तालव्य' वर्ण निम्नलिखित में से कौन-से हैं?
इ एवं ई तालव्य वर्ण हैं।
महत्त्वपूर्ण बिंदु -
तालव्य – इ, ई, च वर्ग (च्, छ्, ज्, झ्, ञ्) य् तथा श् का उच्चारण-स्थान तालु है।तालु से बोले जाने वाले इन वर्णों को तालव्य कहा जाता है। इनके उच्चारण में जिह्वा मुख के ऊपरी चिकने भाग ’तालु’ का स्पर्श करती है।
अन्य विकल्प -
कण्ठ्य – अ, आ क वर्ग (क्, ख्, ग्, घ्, ड्), ह् तथा विसर्ग का उच्चारण-स्थान कण्ठ है। कण्ठ से बोले जाने वाले इन वर्णों को कण्ठ्य कहा जाता है। इन वर्णों के उच्चारण में जिह्वा कण्ठ का स्पर्श करती है।
ओष्ठ्य – उ, ऊ, तथा प वर्ग (प्, फ्, ब्, भ्, म्) तथा उपध्मानीय का उच्चारण-स्थान ओष्ठ है। इन वर्णों को ओष्ठ्य कहा जाता है। इनके उच्चारण में जिह्वा के सहयोग से दोनों ओष्ठ परस्पर मिल जाते हैं।
जिन ध्वनियों की गणना न स्वर में की जाती है न व्यंजन में उसे अयोगवाह कहते हैं।हिन्दी वर्णमाला में अनुस्वार ( ं ) को अं तथा विसर्ग (:) को अः के रूप में लिखा जाता है।
जब किसी सार्थक शब्द का प्रयोग वाक्य में होता है तो उसे कहते हैं ।
जब किसी सार्थक शब्द का प्रयोग वाक्य में होता है तो उसे पद कहते हैं ।
अन्य विकल्प -
'त' वर्ग का उच्चारण स्थान निम्नलिखित में से कौन-सा है?
'त' वर्ग का उच्चारण स्थान दन्त है।
महत्त्वपूर्ण बिंदु -
अन्य विकल्प -
निरनुनासिक का सम्बन्ध निम्नलिखित से किससे होता है?
निरनुनासिक का सम्बन्ध मुँह से होता है।
महत्त्वपूर्ण बिंदु -
अन्य विकल्प -
अनुनासिक व्यंजन निम्नलिखित में से कौन-से होते हैं?
अनुनासिक व्यंजन वर्ग के पंचमाक्षर (ङ,ञ, ण, न, म होते हैं।
महत्त्वपूर्ण बिंदु -
अन्य विकल्प -
अल्पप्राण -जिन वर्णों के उच्चारण में श्वास मुख से सीमित रूप में निकली है तथा जिसमें ‘हकार‘ जैसी ध्वनि नहीं होती, उन्हें ‘अल्प-प्राण‘ व्यंजन कहते हैं। प्रत्येक वर्ग का पहला, तीसरा और पाँचवाँ वर्ण अल्प-प्राण होता है।
महाप्राण - इन व्यंजनों के उच्चारण में ‘हकार‘ जैसी ध्वनि विशेष रूप में निकलती है तथा श्वास भी निकलती है। प्रत्येक वर्ग का दूसरा तथा चौथा वर्ण महाप्राण व्यंजन होता है।
निम्नलिखित में से किस क्रमांक में मूर्धन्य व्यंजन है?
ट मूर्धन्य व्यंजन है।
महत्त्वपूर्ण बिंदु -
अन्य विकल्प -
तालव्य - इ, ई, च वर्ग (च्, छ्, ज्, झ्, ञ्) य् तथा श् का उच्चारण-स्थान तालु है। तालु से बोले जाने वाले इन वर्णों को तालव्य कहा जाता है। इनके उच्चारण में जिह्वा मुख के ऊपरी चिकने भाग ’तालु’ का स्पर्श करती है।
कण्ठ्य - अ, आ, क वर्ग (क्, ख्, ग्, घ्, ड्), ह् तथा विसर्ग का उच्चारण-स्थान कण्ठ है।कण्ठ से बोले जाने वाले इन वर्णों को कण्ठ्य कहा जाता है। इन वर्णों के उच्चारण में जिह्वा कण्ठ का स्पर्श करती है।
ओष्ठ्य - उ, ऊ, तथा प वर्ग (प्, फ्, ब्, भ्, म्) तथा उपध्मानीय का उच्चारण-स्थान ओष्ठ हैं। इन वर्णों को ओष्ठ्य कहा जाता है।
प्रत्यत्न के आधार पर 'ल' निम्नलिखित में से किस प्रकार की ध्वनि है?
ल पार्श्विक ध्वनि है।
महत्त्वपूर्ण बिंदु -
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क्ष' ध्वनि निम्नलिखित में से किसके अन्तर्गत आती है?
क्ष संयुक्त व्यंजन है।
महत्त्वपूर्ण बिंदु -
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निम्नलिखित में से कौन-सा एक 'महाप्राण' वर्ण है?
स 'महाप्राण व्यंजन' है।
महत्त्वपूर्ण बिंदु -
अन्य विकल्प -
अल्पप्राण -
निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सही नहीं है?
ई अग्र स्वर है।
महत्त्वपूर्ण बिंदु -
निम्नलिखित में से कौन -सा पार्श्विक व्यंजन हैं?
ल पार्श्विक व्यंजन है।
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अन्य विकल्प -
निम्नलिखित में से कौन-सा वर्ण घोष है?
द घोष वर्ण है।
महत्त्वपूर्ण बिंदु -
अन्य विकल्प -
अघोष - जिन ध्वनियों के उच्चारण में स्वरतंत्रियों में गूँज उत्पन्न नहीं होती, उन्हें अघोष व्यंजन कहते हैं। हिन्दी की अघोष ध्वनियाँ हैं – क, ख, च, छ, ट, ठ, त, थ, प, फ
(वर्गों के पहले तथा दूसरे व्यंजन) तथा फ, श, ष, स।
निम्नलिखित में से कौन-सा पश्च-स्वर है?
आ पश्च-स्वर है।
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निम्नांकित में से उच्चारण स्थान के आधार पर कंठ से लेकर मुख विवर में उच्चारित व्यंजन ध्वनियों का सही अनुक्रम है-
उच्चारण स्थान के आधार पर कंठ से लेकर मुख विवर में उच्चारित व्यंजन ध्वनियों का सही अनुक्रम है - कण्ठ्य, तालव्य, वर्त्स्य, दन्त्य, ओष्ठ्य।
महत्त्वपूर्ण बिंदु -