77वां भारतीय स्वतंत्रता दिवस 2023
Tags: National News
भारत ने 15 अगस्त, 2023 को अपना 77वां स्वतंत्रता दिवस "राष्ट्र पहले, हमेशा पहले" थीम के साथ मनाया।
खबर का अवलोकन
"राष्ट्र पहले, हमेशा पहले" थीम राष्ट्रीय एकता और विकास पर जोर देती है, जो सरकार की प्राथमिकताओं को दर्शाती है।
यह उत्सव भारत की विविध संस्कृति और एकता को उजागर करता है।
77वें भारतीय स्वतंत्रता दिवस पर कार्यक्रम:
स्वतंत्रता दिवस भारत की स्वतंत्रता और एकता का जश्न मनाता है।
प्रधान मंत्री लाल किले पर झंडा फहराते हैं, जिसके बाद देश भर में समारोह होते हैं।
राजपथ पर एक सैन्य परेड भारतीय सशस्त्र बलों की ताकत का प्रदर्शन करती है।
सांस्कृतिक कार्यक्रम संगीत, नृत्य और नाटक के माध्यम से भारत की समृद्ध विरासत को प्रदर्शित करते हैं।
स्मारक कार्यक्रमों में डाक टिकट, सिक्के और धार्मिक समारोह शामिल हैं।
सार्वजनिक समारोहों में देशभक्ति के गीत, नृत्य और मिठाइयाँ बाँटना शामिल होता है।
स्वतंत्रता दिवस 2023 का इतिहास:
भारतीय स्वतंत्रता दिवस की जड़ें 19वीं शताब्दी में स्वतंत्रता आंदोलन के उदय के साथ जुड़ी हैं।
गांधी, नेहरू और बोस जैसे नेताओं ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व किया।
भारत को 15 अगस्त, 1947 को स्वतंत्रता मिली, जब 1947 का भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम प्रभावी हुआ।
पहला स्वतंत्रता दिवस 1947 में नेहरू के प्रतिष्ठित ध्वजारोहण भाषण के साथ मनाया गया था।
यह तारीख स्वतंत्रता के लिए लंबे संघर्ष की परिणति का प्रतीक है और बलिदानों का सम्मान करने के लिए एक राष्ट्रीय अवकाश है।
भारत को स्वतंत्रता की ओर ले जाने वाली प्रमुख घटनाएँ:
1857-1858: ब्रिटिश शासन के खिलाफ भारतीय विद्रोह (सिपाही विद्रोह) असंतोष और परिवर्तन की इच्छा को उजागर करता है।
1885: सरकार में भारतीय प्रतिनिधित्व की वकालत के लिए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी) का गठन।
1905: बंगाल विभाजन के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन ब्रिटिश नीतियों का विरोध दर्शाता है।
1919: जलियांवाला बाग नरसंहार ने आक्रोश फैलाया और राष्ट्रवादी भावना को मजबूत किया।
1920-1922: गांधीजी के नेतृत्व में असहयोग आंदोलन ने ब्रिटिश संस्थानों के बहिष्कार को प्रोत्साहित किया।
1930-1934: सविनय अवज्ञा आंदोलन नमक कानूनों को चुनौती देता है और अहिंसक प्रतिरोध को बढ़ावा देता है।
1930 का दशक: लंदन में गोलमेज सम्मेलन में भारत के लिए संवैधानिक सुधारों पर चर्चा हुई।
1942: गांधीजी के नेतृत्व में भारत छोड़ो आंदोलन ने ब्रिटिश शासन को समाप्त करने की मांग की।
1942-1945: द्वितीय विश्व युद्ध में भागीदारी और भारतीय राष्ट्रीय सेना (आईएनए) ने भारतीय आकांक्षाओं को उजागर किया।
1947: माउंटबेटन योजना के कारण भारत का विभाजन हुआ और 15 अगस्त को स्वतंत्रता प्राप्त हुई।
1947: विभाजन के बाद सांप्रदायिक हिंसा और विस्थापन हुआ।
Please Rate this article, so that we can improve the quality for you -