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By admin: Dec. 8, 2022

1. पैकमैक एशिया 2022 मुंबई में आयोजित किया

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Packmach Asia 2022 held in Mumbai

प्रसंस्करण और पैकेजिंग के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय व्यापार सम्मेलन “पैकमैक एशिया एक्सपो 2002”, 7-9 दिसंबर 2022 से मुंबई में आयोजित किया जा रहा है। "पैकमैक एशिया एक्सपो 2002" का आयोजन भारतीय पैकेजिंग मशीनरी निर्माता संस्थान (आईपीएमएमआई) ,मेसे मुएनचेन इंडिया और उद्योग भागीदार के रूप में पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स (पीएचडीसीसीआई) द्वारा समर्थित है ।

पैकमैक एशिया एक्सपो 2002 के दौरान केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई) ने एमएसएमई कंपनियों द्वारा बनाए गए पैकेजिंग समाधान के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए पीएचडीसीसीआई के साथ क्रेता-विक्रेता बैठक का आयोजन किया।

प्रदर्शनी में पैकेजिंग,  प्रसंस्करण, रसद और आपूर्ति श्रृंखला जैसे क्षेत्रों में नए बाजार उत्पादों और प्रौद्योगिकियों को प्रदर्शित किया गया ।


By admin: Dec. 8, 2022

2. जैविक विविधता पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन, सीओपी 15, मॉन्ट्रियल, कनाडा में शुरू

Tags: Environment place in news Summits International News

U.N. Convention on Biological Diversity

जैविक विविधता पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन, जिसे पार्टियों के सम्मेलन (सीओपी 15) के रूप में जाना जाता है, 7 दिसंबर 2022 को मॉन्ट्रियल, कनाडा में शुरू हुआ। दो सप्ताह तक चलने वाला सम्मेलन (7-19 दिसंबर 2022) मूल रूप से अक्टूबर में कुनमिंग, चीन में आयोजित होना था, लेकिन चीन में कोविड की स्थिति के कारण इसे मॉन्ट्रियल, कनाडा में स्थानांतरित कर दिया गया।

यह सीओपी 15 का दूसरा भाग है। पहले भाग की मेजबानी चीन ने 18 अगस्त 2021 को वर्चुअली की थी और दूसरे भाग को फिजिकल मोड में आयोजित किया जाना था लेकिन इसे बाद में कोविड के कारण चीन से कनाडा में स्थानांतरित कर दिया गया । हालाँकि मॉन्ट्रियल में आयोजित सीओपी 15 का मेजबान अभी भी चीन है

सम्मेलन प्रकृति को बचाने पर केंद्रित है

जैविक विविधता सम्मेलन प्रकृति पर केंद्रित है। यह यूएनएफसीसीसी (यूनाइटेड नेशन फ्रेमवर्क कन्वेंशन ऑन क्लाइमेट चेंज) द्वारा आयोजित पार्टियों के सम्मेलन (सीओपी) से अलग है, जो ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन के कारण ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन की समस्या पर ध्यान केंद्रित करता है।

जैविक विविधता सम्मेलन प्रकृति पर ध्यान केंद्रित होगा और 2030 तक प्रकृति के क्षरण को कैसे रोका और उलटा जाए, इस पर किसी नतीजे पर पहुचने की कोशिश करेगा ।

मॉन्ट्रियल सम्मेलन में जिन मुख्य मुद्दों पर चर्चा की जाएगी वे हैं;

  • इसका उद्देश्य दुनिया के पौधों, जानवरों और पारिस्थितिक तंत्र के नुकसान को रोकने और उलटने के लिए जैव विविधता के लिए एक वैश्विक ढांचे को अपनाना होगा।
  • सबसे उल्लेखनीय मसौदा लक्ष्यों में से एक 2030 तक वैश्विक स्तर पर 30% भूमि और समुद्री क्षेत्रों का संरक्षण करना है।
  • प्राकृतिक आनुवंशिकी संसाधनों के लाभों का उचित और न्यायसंगत बंटवारा।

जैव विविधता पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन

यह एक बहुपक्षीय संधि है जिस पर 1992 में रियो डी जनेरियो में पृथ्वी शिखर सम्मेलन के दौरान देशों द्वारा हस्ताक्षर किए गए थे। यह 29 दिसंबर 1993 को लागू हुआ। वर्तमान में 194 देश इसके हस्ताक्षरकर्ता हैं।

इसके 3 मुख्य उद्देश्य हैं:

  • जैविक विविधता का संरक्षण
  • जैविक विविधता के घटकों का सतत उपयोग
  • आनुवंशिक संसाधनों के उपयोग से होने वाले लाभों का उचित और न्यायसंगत बंटवारा।

सीओपी

  • जिन देशों ने सम्मेलनों पर हस्ताक्षर किए हैं उन्हें पार्टियों के सम्मेलन कहा जाता है। पार्टियों के सम्मेलनों की बैठक को सीओपी भी कहा जाता है
  • पहला सीओपी -1 नासाउ, बहामास 1994 में आयोजित किया गया था।
  • 14वीं बैठक शर्म अल शेख, मिस्र में आयोजित की गई (17-19 नवंबर 2018)
  • यह हर दो साल के बाद आयोजित किया जाता है लेकिन कोविड के कारण इसे 2021 में आयोजित किया गया था।


By admin: Dec. 8, 2022

3. डॉ. मनसुख मंडाविया ने नई दिल्ली में एफएआई वार्षिक संगोष्ठी का उद्घाटन किया

Tags: Summits National News

Dr. Mansukh Mandaviya Inaugurates FAI Annual Seminar

केंद्रीय रसायन और उर्वरक, और स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री, डॉ मनसुख मंडाविया ने 7 दिसंबर को नई दिल्ली में भारतीय उर्वरक संघ (एफएआई) वार्षिक संगोष्ठी 2022 (2030 तक उर्वरक क्षेत्र) का उद्घाटन किया।

महत्वपूर्ण तथ्य

  • इस अवसर पर उर्वरक विभाग के सचिव अरुण सिंघल, अरविंद चौधरी, महानिदेशक एफएआई, केएस राजू, अध्यक्ष एफएआई और उद्योगों के प्रतिनिधि और मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

  • डॉ. मनसुख मंडाविया ने कहा कि खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उर्वरक एक महत्वपूर्ण घटक है।

  • पिछले तीन वर्षों के दौरान उर्वरकों और कच्चे माल की कीमतों में भारी वृद्धि हुई है।

  • सरकार ने विभिन्न सुधार किए हैं और यह सुनिश्चित किया है कि भारतीय किसानों को उर्वरक सस्ती कीमतों पर उपलब्ध कराया जाए।

  • सरकार ने पूर्व-महामारी वर्ष 2019-20 के लिए उर्वरक सब्सिडी की राशि 10 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़ाकर चालू वर्ष में लगभग 27 बिलियन अमेरिकी डॉलर कर दी है।

  • सरकार ने किसानों को उर्वरक आपूर्ति में स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए भारतीय उर्वरक कंपनियों और विदेशी आपूर्तिकर्ताओं के बीच विभिन्न समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए हैं।

  • इस मौके पर केंद्रीय मंत्री ने तीन एफएआई प्रकाशन और एफएआई डाटा पोर्टल का विमोचन भी किया।

  • यह पोर्टल एक समान डेटा बेस बनाएगा और एफएआई द्वारा डेटा के मैन्युअल इनपुट से बचाएगा।

एफएआई वार्षिक संगोष्ठी का विषय

  • संगोष्ठी '2030 तक उर्वरक क्षेत्र' विषय पर समर्पित है।

  • संगोष्ठी में हरित उर्वरकों के लिए प्रौद्योगिकियों, स्थिरता क्षेत्र में विश्वव्यापी विकास, सतत कृषि, हरित वित्तपोषण और रसद की लागत का अनुकूलन पर प्रस्तुतिकरण होगा।

फर्टिलाइजर एसोसिएशन ऑफ इंडिया के बारे में

  • यह एक गैर-लाभकारी और गैर-व्यापारिक कंपनी है जो मुख्य रूप से उर्वरक निर्माताओं, वितरकों, आयातकों, उपकरण निर्माताओं, अनुसंधान संस्थानों और इनपुट के आपूर्तिकर्ताओं का प्रतिनिधित्व करती है।

  • एसोसिएशन की स्थापना 1955 में उर्वरकों के उत्पादन, विपणन और उपयोग से जुड़े सभी लोगों को एक साथ लाने के उद्देश्य से की गई थी।


By admin: Dec. 6, 2022

4. एनएसए डोभाल ने दिल्ली में मध्य एशियाई देशों के समकक्षों से मुलाकात की

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NSA Doval meet counterparts from Central Asian countries

एनएसए अजीत डोभाल 6 दिसंबर को नई दिल्ली में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों/सुरक्षा परिषदों के सचिवों की पहली भारत-मध्य एशिया बैठक में गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया।

महत्वपूर्ण तथ्य

  • यह पहली बार था जब मध्य एशियाई देशों के एनएसए अफगानिस्तान में उपजे मानवीय और सुरक्षा स्थिति के बीच सुरक्षा बैठक के लिए राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में थे।

  • इस साल की शुरुआत में, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने आभाषी रूप से 27 जनवरी को पहले भारत-मध्य एशिया शिखर सम्मेलन की मेजबानी की, जिसमें कजाकिस्तान, किर्गिज गणराज्य, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपतियों ने भाग लिया।

  • शिखर सम्मेलन के दौरान, प्रधान मंत्री मोदी और मध्य एशियाई नेताओं ने भारत-मध्य एशिया संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए अगले कदमों पर चर्चा की।

  • नेताओं ने हर दो साल में इसे आयोजित करने का निर्णय लेकर शिखर सम्मेलन तंत्र को संस्थागत बनाने पर सहमति व्यक्त की थी।

  • वे शिखर बैठकों के लिए कार्ययोजना तैयार करने के लिए विदेश मंत्रियों, व्यापार मंत्रियों, संस्कृति मंत्रियों और सुरक्षा परिषद के सचिवों की नियमित बैठकों पर भी सहमत हुए।

  • नए तंत्र का समर्थन करने के लिए नई दिल्ली में एक भारत-मध्य एशिया सचिवालय स्थापित किया जाएगा।

  • नेताओं ने व्यापार और कनेक्टिविटी, विकास सहयोग, रक्षा और सुरक्षा, सांस्कृतिक और लोगों से लोगों के संपर्क में सहयोग के दूरगामी प्रस्तावों पर चर्चा की।

  • इनमें ऊर्जा और कनेक्टिविटी पर गोलमेज, अफगानिस्तान और चाबहार बंदरगाह के उपयोग पर वरिष्ठ आधिकारिक स्तर पर संयुक्त कार्यकारी समूह, मध्य एशियाई देशों में बौद्ध प्रदर्शनियों का प्रदर्शन और संयुक्त आतंकवाद विरोधी अभ्यास शामिल है।

  • वे मध्य एशियाई देशों से सालाना 100 सदस्यीय युवा प्रतिनिधिमंडलों के भारत आने और मध्य एशियाई राजनयिकों के लिए विशेष पाठ्यक्रमों पर भी सहमत हुए।


By admin: Dec. 5, 2022

5. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने नई दिल्ली में सतत खेती के लिए मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन पर राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया

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Soil Health Management for Sustainable Farming

विश्व मृदा दिवस के अवसर पर, केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री, नरेंद्र सिंह तोमर ने 5 दिसंबर 2022 को नई दिल्ली में सतत खेती के लिए मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन पर राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया। हर साल 5 दिसंबर को विश्व मृदा दिवस के रूप में मनाया जाता है।

सम्मेलन का आयोजन नीति आयोग द्वारा आर्थिक सहयोग और विकास संघीय मंत्रालय (बीएमजेड), जर्मनी से संबद्ध जीआईजेड के सहयोग से किया गया था।

सम्मेलन में नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी, सीईओ परमेश्वरन अय्यर भी उपस्थित थे।

इस अवसर पर बोलते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि रासायनिक खेती और अन्य कारणों से मिट्टी की उर्वरता कम हो रही है और इस गंभीर चुनौती से निपटने के लिए सरकार प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दे रही है।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने 1,584 करोड़ रुपये के व्यय के साथ एक अलग योजना के रूप में राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन शुरू किया है। 17 राज्यों में 4.78 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त क्षेत्र को प्राकृतिक खेती के तहत लाया गया है।

मृदा प्रबंधन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने किसानों को 22 करोड़ से अधिक मृदा स्वास्थ्य कार्ड जारी किए हैं। मृदा स्वास्थ्य कार्ड किसानों को फसलों की खेती के लिए उपयोग की जाने वाली मिट्टी के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी देता है। यह उन्हें बताता है कि उनकी मिट्टी के लिए किस प्रकार की फसलें उपयुक्त हैं। इसे फरवरी 2015 में लॉन्च किया गया था।



By admin: Dec. 5, 2022

6. बाजरा-स्मार्ट पोषक खाद्य कॉन्क्लेव नई दिल्ली में आयोजित

Tags: Summits National News

Millets- Smart Nutritious Food Conclave

बाजरा के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए, सरकार द्वारा 5 दिसंबर को नई दिल्ली में एक दिवसीय 'बाजरा-स्मार्ट पोषक खाद्य' कॉन्क्लेव आयोजित किया गया।

महत्वपूर्ण तथ्य

  • केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल इस कॉन्क्लेव के मुख्य अतिथि थे।

  • इसका आयोजन वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा अपने शीर्ष कृषि निर्यात संवर्धन निकाय, कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) के माध्यम से किया गया।

  • इसका उद्वेश्य बाजरा के निर्यात को बढ़ावा देना है। 

  • अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष - 2023 (आईवाईओएम - 2023) के पूर्व-लांच कार्यक्रम में होने वाला यह पहला कॉन्क्लेव है।

  • कान्क्लेव में, किसान उत्पादक संगठन, स्टार्टअप्स, निर्यातक, बाजरा आधारित मूल्य वर्द्धित उत्पादों के उत्पादकों ने भाग लिया। 

  • कॉन्क्लेव में, भारतीय बाजरा तथा बाजरा आधारित उत्पादों को प्रदर्शित करने के लिए प्रदर्शनी तथा बी2बी बैठकों का भी आयोजन किया गया।

  • केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल कॉन्क्लेव में गेस्ट ऑफ़ ऑनर थीं।

  • संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) ने 5 मार्च, 2021 को घोषणा की कि 2023 अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष (आईवाईओएम) के रूप में मनाया जाएगा।

  • सरकार वर्तमान में भारतीय बाजरा और इसके मूल्य वर्धित उत्पादों को विश्व भर में  लोकप्रिय बनाने तथा इसे एक जन आंदोलन बनाने के लिए घरेलू तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आईवाईओएम-2023 का आयोजन कर रही है।


By admin: Dec. 4, 2022

7. भारत की जैव -अर्थव्यवस्था 2022 में 8 गुना बढ़कर 80 अरब डॉलर से अधिक हो गई है: जितेंद्र जितेंद्र सिंह

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India’s Bio-economy has grown 8 times

केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान और प्रौद्योगिकी डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा है कि प्रधान मंत्री मोदी के नेतृत्व में  पिछले 8 वर्षों में भारत की जैव-अर्थव्यवस्था 2014 में 10 बिलियन डॉलर से बढ़कर 2022 में 80 बिलियन डॉलर से अधिक हो गई है।

वह 3 दिसंबर 2022 को जम्मू में आयोजित  "जैव विज्ञान और रासायनिक प्रौद्योगिकी में उभरते रुझानों पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन- 2022" में बोल रहे थे।

डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि बायोटेक स्टार्टअप्स पिछले 8 वर्षों में  स्टार्टअप्स  की संख्या 100 गुना बढ़ गए हैं । 2014 में देश में कुल  52 स्टार्टअप्स  थे जो 2022 में बढ़कर 5300 से अधिक हों गए हैं।

उन्होंने कहा कि 2021में प्रति दिन  3 बायोटेक स्टार्टअप्स स्थापित की जा रही थी और  2021 में कुल 1,128 बायोटेक स्टार्टअप्स की स्थापना की गई, जो भारत में इस क्षेत्र के तेजी से विकास का द्योतक है।

जैव-अर्थव्यवस्था क्या है?

जैव-अर्थव्यवस्था की अवधारणा का सर्वप्रथम उपयोग यूरोप में किया गया था। जैव-अर्थव्यवस्था शब्द आम तौर पर भोजन, ऊर्जा, उत्पादों और सेवाओं का उत्पादन करने के लिए नवीकरणीय प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करने वाली अर्थव्यवस्था को संदर्भित करता है।

जैव-अर्थव्यवस्था  में उन सभी क्षेत्रों और प्रणालियों को शामिल किया गया है जो जैविक संसाधनों (जानवरों, पौधों, सूक्ष्म जीवों और व्युत्पन्न बायोमास, जैविक कचरे सहित), उनके कार्यों और सिद्धांतों पर निर्भर हैं।

इसमें सभी आर्थिक और औद्योगिक क्षेत्र शामिल हैं जो भोजन, फ़ीड, जैव-आधारित उत्पादों, ऊर्जा और सेवाओं का उत्पादन करने के लिए जैविक संसाधनों और प्रक्रियाओं का उपयोग करते हैं।


By admin: Dec. 4, 2022

8. "जे सी बोस: एक सत्याग्रही वैज्ञानिक" पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन नई दिल्ली में आयोजित किया गया

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International conference on “J C Bose

केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने महान भारतीय वैज्ञानिक आचार्य जगदीश चंद्र बोस की 164वीं जयंती के अवसर पर 3 दिसंबर 2022 को इंटर-यूनिवर्सिटी एक्सेलेरेटर सेंटर, नई दिल्ली में "जे सी बोस: एक सत्याग्रही वैज्ञानिक के योगदान पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन" का आयोजन किया।

सम्मेलन का उद्देश्य आचार्य जगदीश चंद्र बोस के योगदान को स्वीकार करना और लोकप्रिय बनाना था।

जगदीश चंद्र बोस

जगदीश चंद्र बोस का जन्म 30 नवंबर 1858 को मैमनसिंह (बांग्लादेश) में हुआ था और उनकी मृत्यु 23 नवंबर 1937 को झारखंड के गिरिडीह में हुई थी।

वह एक प्लांट फिजियोलॉजिस्ट और भौतिक विज्ञानी थे जिन्होंने क्रेस्कोग्राफ का आविष्कार किया था, जो पौधों की वृद्धि को मापने के लिए एक उपकरण है। उन्होंने पहली बार यह प्रदर्शित किया कि पौधों में भावनाएँ होती हैं

उन्होंने बेतार संचार की खोज की और इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग संस्थान द्वारा उन्हें रेडियो विज्ञान का जनक नामित किया गया।

उनके सम्मान में चंद्रमा पर एक गड्ढे का नाम रखा गया है।

उन्होंने 1917 में कोलकाता में बोस इंस्टीट्यूट की स्थापना की जो एशिया का पहला अंतःविषय अनुसंधान केंद्र है।


By admin: Dec. 1, 2022

9. रक्षा सचिव गिरिधर अरमाने ने चेन्नई में पहले तटीय सुरक्षा सम्मेलन का उद्घाटन किया

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first Coastal Security Conference

रक्षा सचिव गिरिधर अरमाने ने 1 दिसंबर 2022 को चेन्नई में कोलंबो सिक्योरिटी कॉन्क्लेव  के तत्वावधान में भारतीय तटरक्षक द्वारा आयोजित पहले तटीय सुरक्षा सम्मेलनका उद्घाटन किया। इस अवसर पर महानिदेशक, भारतीय तटरक्षक वी एस पठानिया भी उपस्थित थे। .रक्षा सचिव नेसदस्य देशों से अंतरराष्ट्रीय अपराधों का मुकाबला करने के लिए ठोस उपाय करने और समुद्र को सुरक्षित बनाने के लिए चिन्हित क्षेत्रों को संबोधित करने का आह्वान किया।

दो दिवसीय (1-2 दिसंबर) सम्मेलन में भारत, मालदीव, श्रीलंका और मॉरीशस  के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।

सम्मेलन का विषय: तटीय सुरक्षा के लिए सहयोगात्मक प्रयास।

सम्मेलन में तटीय सुरक्षा खतरे, सहयोगी प्रतिक्रिया, अंतरराष्ट्रीय समुद्री कानून और सशक्त एजेंसियों की भूमिका, तटीय सुरक्षा के लिए तकनीकी समाधान आदि सहित कई मुद्दों पर चर्चा की गई।

कोलंबो सुरक्षा सम्मेलन (सीएससी)

सीएससी 2011 में भारत, मालदीव और श्रीलंका के बीच एक त्रिपक्षीय समुद्री सहयोग तंत्र के रूप में शुरू हुआ था। मार्च 2022 में मॉरीशस इसमें शामिल हुआ ।

सीएससी का सचिवालय कोलंबो, श्रीलंका में स्थित है।

सदस्यों ने सहयोग के लिए पांच स्तंभों की पहचान की है, अर्थात्-

  • समुद्री सुरक्षा ;
  • आतंकवाद और कट्टरवाद का मुकाबला करना;
  • अवैध व्यापार और संगठित अपराध का मुकाबला करना;
  • साइबर सुरक्षा, महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे और प्रौद्योगिकी और मानवीय सहायता और
  • आपदा राहत का संरक्षण।


By admin: Dec. 1, 2022

10. नाडा इंडिया 2 दिसंबर 2022 को विकलांग एथलीटों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए पहली बार समावेशन कॉन्क्लेव की मेजबानी करेगा

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NADA India to host Inclusion Conclave

भारत पहली बार एक समावेशन कॉन्क्लेव की मेजबानी करेगा जो विकलांग एथलीटों के लिए डोपिंग रोधी शिक्षा और प्रक्रिया पर ध्यान केंद्रित करेगा । वाडा  (वर्ल्ड एंटी-डोपिंग एजेंसी) एशिया-ओशिनिया कार्यालय की मदद से नेशनल एंटी-डोपिंग एजेंसी (नाडा) द्वारा आयोजित कॉन्क्लेव 2 दिसंबर 2022 को नई दिल्ली में आयोजित किया जाएगा।

कॉन्क्लेव एंटी डोपिंग पर एक नीति और कानूनी ढांचा विकसित करने के साथ-साथ विकलांग एथलीटों को डोपिंग रोधी प्रक्रिया और नियंत्रण पर शिक्षित करने पर ध्यान केंद्रित करेगा।

एथलीटों द्वारा खेलों में अपने प्रदर्शन को बढ़ाने के लिए अनाधिकृत दवाओं का उपयोग करना  डोपिंग  कहलाता है ।

राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी या नाडा

राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) एक राष्ट्रीय संगठन है जो देश में खेलों के सभी रूपों में डोपिंग नियंत्रण कार्यक्रम को बढ़ावा देने, समन्वय करने और निगरानी करने के लिए जिम्मेदार है। यह विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी का सदस्य है।

राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी  की स्थापना 24 नवंबर, 2005 को केंद्रीय युवा मामले और खेल मंत्रालय के तहत की गई थी।

नाडा के महानिदेशक: रितु सैन

मुख्यालय: नई दिल्ली


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