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By admin: Nov. 15, 2022

1. भारत ने सीओपी 27, शर्म अल शेख, मिस्र में स्वीडन के साथ लीडआईटी शिखर सम्मेलन की मेजबानी की

Tags: Environment place in news Summits

India hosts LeadIT Summit

भारत और स्वीडन ने 15 नवंबर 2022 को लीडआईटी (उद्योग संक्रमण के लिए नेतृत्व) शिखर सम्मेलन की मेजबानी की। यह शिखर सम्मेलन,6-18 नवंबर 2022 तक मिस्र के शर्म अल शेख में चल रहे पार्टियों के सम्मेलन (सीओपी) 27 के अंतर्गत आयोजित किया गया था।  लीडआईटी  पहल ,औद्योगिक क्षेत्र के कम कार्बन संक्रमण पर केंद्रित है जो दुनिया में कार्बन उत्सर्जन का एक प्रमुख स्रोत है।

केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री, भूपेंद्र यादव ने स्वीडन की जलवायु और पर्यावरण मंत्री सुश्री रोमिना पौरमोख्तरी के साथ शिखर सम्मेलन की सह-मेजबानी की।

उद्योग परिवर्तन के लिए नेतृत्व समूह (लीडआईटी)

उद्योग संक्रमण के लिए नेतृत्व समूह (लीडआईटी) को स्वीडन और भारत की सरकारों द्वारा सितंबर 2019 में न्यूयॉर्क शहर, संयुक्त राज्य अमेरिका में संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन में लॉन्च किया गया था।

यह उन देशों और कंपनियों को एक साथ लाता है जो कार्बन उत्सर्जन में कमी पर 2016 के पेरिस समझौते के उद्देश्य को हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

लीडआईटी सदस्य शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।


By admin: Nov. 13, 2022

2. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बाली में 17वें जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए इंडोनेशिया जाएंगे

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भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी बाली में 17वें जी-20  शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए इंडोनेशिया की तीन दिवसीय (14-16 नवंबर) यात्रा पर होंगे। वह 14 नवंबर 2022 को भारत से रवाना होंगे। 17वां जी-20 शिखर सम्मेलन 15 और 16 नवंबर 2022 को बाली में होगा।

विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने जानकारी देते हुए कहा कि जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान नेता '"साथ बढे़ं, सशक्‍त बनेंशिखर सम्मेलन की थीम के तहत वैश्विक चिंता के प्रमुख मुद्दों पर व्यापक विचार-विमर्श करेंगे।

जी-20 शिखर सम्मेलन एजेंडा के हिस्से के रूप में तीन कार्य सत्र आयोजित किए जाएंगे। ये खाद्य और ऊर्जा सुरक्षास्वास्थ्य और डिजिटल परिवर्तन हैं।

इंडोनेशिया भारत को अध्यक्षता का पद सौंपेगा

क्वात्रा के मुताबिक शिखर सम्मेलन के समापन सत्र में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सांकेतिक रूप से प्रधानमंत्री मोदी को जी-20 की अध्यक्षता सौंपेंगे। भारत औपचारिक रूप से इस साल 1 दिसंबर से जी-20 की अध्यक्षता ग्रहण करेगा। भारत अगले साल सितंबर में अगले जी-20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा।

जी-20  सम्मेलन के दौरान, भारत-इंडोनेशिया-ब्राजील तिकड़ी होगी। जी-20  में यह पहली बार होगा कि तिकड़ी में तीन विकासशील देश और उभरती हुई अर्थव्यवस्थाएं शामिल होंगी।

जी-20  शिखर सम्मेलन कार्यक्रम में इस महीने की 16 तारीख को बाली में नेताओं की एक मैंग्रोव वन की यात्रा भी शामिल है।

जी-20 ,19 प्रमुख विकसित और विकासशील देशों और यूरोपीय संघ का एक समूह है। यह वैश्विक मुद्दों पर विचार-विमर्श करने के लिए एक प्रभावशाली समूह के रूप में उभरा है। जी-20 के सदस्य देशों का सकल घरेलू उत्पाद वैश्विक अर्थव्यवस्था का लगभग 85 प्रतिशत है। इसमें विश्व की दो तिहाई आबादी और विश्व व्यापार का 75 प्रतिशत हिस्सा शामिल है।


By admin: Nov. 13, 2022

3. उपराष्ट्रपति धनखड़ ने नोम पेन्ह में 17वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र का आह्वान किया

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Vice President Dhankhar calls for free and open Indo-Pacific

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 13 नवंबर 2022 को कंबोडियाई राजधानी नोम पेन्ह में आयोजित 17वीं पूर्वी एशिया शिखर बैठक में बोलते हुए खाद्य और सुरक्षा पर भारत की चिंता पर प्रकाश डाला और मुक्त, खुले और नेविगेशन और ओवरफ्लाइट की स्वतंत्रता के साथ समावेशी इंडो-पैसिफिक को बढ़ावा देने में पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन (ईएएस) की भूमिका पर जोर दिया। 

17वें ईएएस की मेजबानी वर्तमान आसियान (एसोसिएशन ऑफ साउथईस्ट एशियन नेशंस) के अध्यक्ष कंबोडिया द्वारा की जा रही है।

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 2023 में अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष में ईएएस सदस्यों के पूर्ण योगदान का भी आह्वान किया।

इससे पहले शिखर सम्मेलन में बोलते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन और जापानी प्रधान मंत्री फुमियो किशिदा ने भी दक्षिण चीन सागर में चीन के आक्रामक व्यवहार पर प्रकाश डाला और ताइवान जलडमरूमध्य में शांति और दक्षिण चीन सागर में नौवहन की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने का आह्वान किया।

उपराष्ट्रपति का कंबोडियाई दौरा

उपराष्ट्रपति 19वीं भारत-आसियान शिखर बैठक में भाग लेने के लिए तीन दिवसीय (11-13 नवंबर) कंबोडिया की यात्रा पर गये  थे, जिसे भारतीय आसियान संबंधों के 30 वर्षों को चिह्नित करने के लिए स्मारक शिखर सम्मेलन के रूप में नामित किया गया है।

इस वर्ष को आसियान-भारत मैत्री वर्ष के रूप में भी मनाया जा रहा है। धनखड़ के साथ इस यात्रा पर विदेश मंत्री एस जयशंकर भी थे।

पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन

  • पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन समूह में 18 देश शामिल हैं।
  • पूर्व एशिया समूह की अवधारणा को पहली बार 1991 में तत्कालीन मलेशियाई प्रधान मंत्री महाथिर बिन मोहम्मद द्वारा दिया गया था।
  • इसे 2005 में एशिया-प्रशांत क्षेत्र में आम क्षेत्रीय चिंता के राजनीतिक, सुरक्षा और आर्थिक मुद्दों पर रणनीतिक संवाद और सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक मंच के रूप में स्थापित किया गया था।
  • प्रारंभ में इसमें आसियान सदस्य (ब्रुनेई दारुस्सलाम, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, सिंगापुर, थाईलैंड, फिलीपींस और वियतनाम) और चीन, जापान ,दक्षिण कोरिया, भारत ,ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड शामिल थे।
  • संयुक्त राज्य अमेरिका और  रूस  को 2011 में  शामिल किया गया।


By admin: Nov. 13, 2022

4. आसियान तिमोर-लेस्ते को अपने 11वें सदस्य के रूप में स्वीकार करने पर सहमत

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10 देशों का समूह एसोसिएशन ऑफ साउथ ईस्ट एशियन नेशंस (आसियान) ने सैद्धांतिक रूप से तिमोर-लेस्ते को अपने 11वें सदस्य के रूप में स्वीकार करने पर सहमति व्यक्त की है। 11 नवंबर 2022 को कंबोडिया की राजधानी नोम पेन्ह में आयोजित शिखर बैठक के बाद आसियान द्वारा इसकी घोषणा की गई। तिमोर- लेस्ते ने 2011 में आसियान की सदस्यता के लिए आवेदन किया था।

आसियान के अन्य सदस्य ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम हैं।

तिमोर- लेस्ते को शुरू में एक उच्चस्तरीय आसियान बैठक में एक पर्यवेक्षक का दर्जा दिया जाएगा और इसे आसियान समूह का पूर्ण सदस्य बनने में वर्षों लगेंगे।

1999 में कंबोडिया के आसियान में शामिल होने के बाद तिमोर- लेस्ते दो दशकों से अधिक समय में क्षेत्रीय समूह का पहला नया सदस्य होगा।

तिमोर-लेस्ते के राष्ट्रपति जोस रामोस-होर्टा ने निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि सदस्यता, आसियान के भागीदारों के साथ व्यापक राजनयिक संबंधों को मजबूत करेगी और देश में अधिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को आकर्षित करने में मदद करेगी।

तिमोर- लेस्ते

इसे पहले पूर्वी तिमोर कहा जाता था और 1975 तक यह एक पुर्तगाली उपनिवेश था। पुर्तगालियों के जाने के बाद इस पर इंडोनेशिया ने कब्जा कर लिया था। तिमोर-लेस्ते के लोगों ने इंडोनेशिया से स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए स्वतंत्रता संग्राम छेड़ा। बाद में संयुक्त राष्ट्र ने इस क्षेत्र में हस्तक्षेप किया ।

1999 में संयुक्त राष्ट्र के पर्यवेक्षण में कराये गए जनमत संग्रह में तिमोर-लेस्ते के लोगों ने इंडोनेशिया से स्वतंत्रता के लिए मतदान किया।

इसे आधिकारिक तौर पर 2022 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा एक स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता दी गई, और यह एशिया का सबसे युवा देश बन गया।

तिमोर -लेस्ते की राजधानी- : दिली (DILI)

मुद्रा: डॉलर

राष्ट्रपति :जोस रामोस-होर्टा


By admin: Nov. 13, 2022

5. भारत और आसियान संबंधों को व्यापक रणनीतिक साझेदारी स्तर तक बढाया गया

Tags: Summits

India and ASEAN relations enhanced

विदेश मंत्रालय के अनुसार भारत-आसियान (एसोसिएशन ऑफ साउथईस्ट एशियन नेशन) संबंधों को पहले की रणनीतिक साझेदारी से  एक स्तर ऊपर व्यापक रणनीतिक साझेदारी (Comprehensive Strategic Partnership )स्तर कर दिया गया है। संबंधों का यह उन्नयन दोनों पक्षों के बीच विश्वास के एक बड़े स्तर को दर्शाता है और संबंधों को और मजबूत करने के लिए आपसी मूल्य, रणनीतिक संरेखण और सकारात्मक इरादे की भावना व्यक्त करता है।

12 नवंबर 2022 को आयोजित 19वें भारत आसियान शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की कंबोडिया यात्रा के दौरान दोनों पक्षों के बीच संबंधों के उन्नयन पर यह सहमति बनी थी। 19वें भारत आसियान शिखर सम्मेलन को भारतीय आसियान संबंधों के 30 वर्षों को चिह्नित करने के लिए स्मारक शिखर सम्मेलन के रूप में नामित किया गया है। कंबोडिया वर्तमान में 10 देशों के आसियान समूह का अध्यक्ष है।

वह कंबोडिया की राजधानी नोम पेन्ह में होने वाले 17वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में भी भाग लेंगे।

व्यापक रणनीतिक साझेदारी का फोकस क्षेत्र इस प्रकार है;

  • समुद्री सुरक्षा, समुद्री डकैती का मुकाबला, खोज और बचाव कार्यों और मानवीय सहायता और आपदा प्रबंधन सहित समुद्री सुरक्षा के क्षेत्रों में उन्नत समुद्री सहयोग।दोनों पक्ष इंडो-पैसिफिक पर आसियान आउटलुक और भारत के इंडो-पैसिफिक ओशन इनिशिएटिव को लागू करने के लिए काम करेंगे।
  • डिजिटल वित्तीय प्रणालियों की अंतर-संचालनीयता सहित साइबर सुरक्षा, डिजिटल अर्थव्यवस्था और फिनटेक में सहयोग को मजबूत करना।
  • अक्षय ऊर्जा, स्मार्ट कृषि, स्वास्थ्य देखभाल और अंतरिक्ष के लिए नई और उभरती प्रौद्योगिकियों पर ध्यान देने के साथ सतत विकास में सहयोग को बढ़ाना।
  • पर्यटन के पुनरुद्धार को बढ़ावा देना और युवाओं को शामिल करने वाली गतिविधियों को बढ़ाना,
  • क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए आम चिंता के क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर मिलकर काम करना ।

कंबोडियाई प्रधान मंत्री हुन सेन के साथ द्विपक्षीय बैठक

उपराष्ट्रपति ने कंबोडियाई प्रधान मंत्री हुन सेन के साथ भी बैठक की। भारत और कंबोडिया ने 4 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए।

भारतीय पक्ष ने 1970 के दशक के अंत से 1990 के दशक तक बिछाई गई बारूदी सुरंगों  को हटाने के कंबोडिया के प्रयासों का समर्थन करने के लिए $426,000 के अनुदान की घोषणा की।

भारत-आसियान सम्बन्ध

90 के दशक में नरसिम्हा राव सरकार की पूर्व की ओर देखो विदेश नीति के अनुसार, भारत सरकार ने पूर्वी एशिया विशेष कर आसियान के साथ व्यापार और निवेश बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया।

भारत -आसियान संबंधो का विकास

  • 1992 में आसियान द्वारा भारत को शुरू में एक क्षेत्रीय भागीदार बनाया गया था।
  • संबंधों में बढ़ती गहराई के साथ भारत को1996 में एक संवाद भागीदार में बदल दिया गया था।
  • 2022 में संबंध को शिखर स्तर तक उन्नत किया गया
  • और अंतत: 2012 में इसे सामरिक साझेदारी  के स्तर में बदल दिया गया।

दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्र संघ (आसियान)

इसकी स्थापना 1967 में दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के एक समूह के रूप में की गई थी।

इस समय ग्रुप में 10 सदस्य हैं।

वे हैं: ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम।

आसियान का मुख्यालय: जकार्ता, इंडोनेशिया


By admin: Nov. 12, 2022

6. भारत ने आसियान-भारत विज्ञान और प्रौद्योगिकी कोष में 5 मिलियन अमरीकी डालर के अतिरिक्त योगदान की घोषणा की

Tags: Science and Technology Summits International News


उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 12 नवंबर 2022 को सार्वजनिक स्वास्थ्य, नवीकरणीय ऊर्जा और स्मार्ट कृषि के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए आसियान-भारत विज्ञान और प्रौद्योगिकी कोष में 5 मिलियन अमरीकी डालर के अतिरिक्त योगदान की घोषणा की।

यह घोषणा आसियान-भारत और पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन के लिए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की कंबोडिया की तीन दिवसीय यात्रा के दौरान हुई।

आसियान भारत विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विकास कोष (एआईएसटीडीएफ)

प्रारंभ में, भारत और आसियान के बीच सहयोगी एस एंड टी परियोजनाओं और गतिविधियों को आसियान इंडिया फंड (एआईएफ) के माध्यम से समर्थन दिया गया था।

2008 में, विदेश मंत्रालय और विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा संयुक्त रूप से अनुसंधान और विकास परियोजनाओं और परियोजना विकास गतिविधियों संबद्ध के समर्थन के लिए 1 मिलियन अमरीकी डालर की समतुल्य राशि के साथ एक समर्पित आसियान भारत S&T विकास निधि (एआईएसटीडीएफ) की स्थापना की गई थी।

एआईएसटीडीएफ  को नवंबर 2015 में मलेशिया में आसियान-भारत शिखर सम्मेलन के मौके पर भारत के प्रधान मंत्री द्वारा एक घोषणा के माध्यम से 5 मिलियन अमरीकी डालर की समतुल्य राशि तक बढ़ाया गया था।


By admin: Nov. 12, 2022

7. भारत दिल्ली में 'नो मनी फॉर टेरर' मंत्रिस्तरीय सम्मेलन की मेजबानी करेगा

Tags: National Summits National News


गृह मंत्रालय, भारत सरकार 18 और 19 नवंबर को नई दिल्ली में तीसरे मंत्रिस्तरीय 'नो मनी फॉर टेरर' सम्मेलन का आयोजन करेगा।

महत्वपूर्ण तथ्य

  • इस दो दिवसीय सम्मेलन में विचार-विमर्श के लिए 75 देशों और अंतर्राष्ट्रीय निकायों के प्रतिनिधि शामिल होंगे।

  • इस सम्मेलन का उद्देश्य पेरिस (2018) और मेलबर्न (2019) में पिछले दो सम्मेलनों में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय द्वारा आयोजित आतंकवादी वित्तपोषण का मुकाबला करने पर चर्चा को आगे बढ़ाना है।

  • इसमें आतंकवाद के वित्तपोषण के सभी पहलुओं के तकनीकी, कानूनी और विनियामक पहलुओं पर भी चर्चा की जाएगी।

  • सम्मेलन में आतंकवाद और आतंकवादी वित्तपोषण में वैश्विक रुझानों, आतंकवाद के लिए धन के औपचारिक और अनौपचारिक चैनलों के उपयोग, उभरती प्रौद्योगिकियों, आतंकवादी वित्तपोषण और आतंकवादी वित्तपोषण से निपटने में चुनौतियों का समाधान करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग जैसे विविध विषयों पर चर्चा की जाएगी।

  • भाग लेने वाले देश इस बात पर भी विचार-विमर्श करेंगे कि आतंकवादी समूह और आतंकवादियों पर फाइनेंशियल एक्शन टेरर फोर्स (एफएटीएफ) औसंयुक्त राष्ट्र लिस्टिंग द्वारा अनिवार्य मानकों को प्रभावी ढंग से कैसे लागू किया जाए।

  • भारत ने अक्टूबर, 2022 में दो वैश्विक कार्यक्रमों की मेजबानी की थी- दिल्ली में इंटरपोल की वार्षिक महासभा और मुंबई और दिल्ली में संयुक्त राष्ट्र आतंकवाद विरोधी समिति का एक विशेष सत्र।




By admin: Nov. 11, 2022

8. विशाखापत्तनम में आयोजित होगा ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023

Tags: Economy/Finance Summits National News

Global Investors Summit-2023

8 नवंबर 2022 को आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने अपने कैंप कार्यालय में विशाखापत्तनम में होने वाले ‘ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023’ के लोगो का अनावरण किया।

महत्वपूर्ण तथ्य

  • मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने अगले वर्ष 2023 में 3 और 4 मार्च को विशाखापत्तनम में होने वाले ‘ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट’ के आयोजन कराने का निर्देश दिया है। 

  • प्रदेश में पिछले तीन वर्षों में निवेश शिखर सम्मेलन नहीं हो सका। अन्य राज्य अभी ऐसा करना शुरू कर रहे हैं और एपी सरकार ने राज्य में परिसरों के विकास के लिए बुनियादी ढांचा प्रदान करने वाले एमएसएमई पर भी ध्यान केंद्रित किया है।

  • मछलीपट्टनम और भवनपाडु बंदरगाहों का निर्माण किया जा रहा है, विशाखा और काकीनाडा बंदरगाहों का विकास किया जा रहा है साथ ही पांच शिपिंग बंदरगाह का निर्माण प्रगति पर है।

  • विशाखापत्तनम में होने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में दुनिया भर के प्रमुख उद्योगपतियों को शिखर सम्मेलन में आमंत्रित भी किया जाएगा। 

आंध्र प्रदेश 

  • राजधानी: अमरावती

  • राज्यपाल: विश्व भूषण हरिचंदन 

  • मुख्यमंत्री: वाईएस जगन मोहन रेड्डी 


By admin: Nov. 11, 2022

9. अतिसार रोग और पोषण पर 16वां एशियाई सम्मेलन (ASCODD)

Tags: National Summits International News

16th Asian Conference

केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री, डॉ भारती प्रवीण पवार ने 11 नवंबर, 2022 को कोलकाता में डायरिया रोग और पोषण  पर 16वें एशियाई सम्मेलन (ASCODD) को संबोधित किया।

महत्वपूर्ण तथ्य

  • भारत और अन्य दक्षिण पूर्व एशियाई देशों, अफ्रीकी देशों, अमेरिका, यूरोपीय देशों के प्रतिनिधि वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के माध्यम से सम्मेलन में शामिल हुए।

  • सम्मेलन का विषय "सामुदायिक भागीदारी के माध्यम से निम्न और मध्यम आय वाले देशों में हैजा, टाइफाइड और अन्य आंत्र रोगों की रोकथाम और नियंत्रण: SARS-CoV-2 महामारी से परे" था।

  • सम्मेलन का आयोजन ICMR-नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ कॉलरा एंड एंटरिक डिजीज द्वारा किया गया था।

  • यह सम्मेलन 2030 तक हैजा को समाप्त करने के लिए रोडमैप सहित आंत्र संक्रमण, पोषण, नीति और प्रैक्टिस,  हैजा के टीके का विकास, आंतों के जीवाणुओं के रोगाणुरोधी प्रतिरोध के समकालीन दृष्टिकोण आदि मुद्दों पर केंद्रित था।


By admin: Nov. 10, 2022

10. मिस्र में COP27 के 27वें सत्र में भारत MAC में शामिल हुआ

Tags: National Summits National News

MAC, at 27th session of COP27 in Egypt

भारत मिस्र के शर्म अल-शेख में पार्टियों के सम्मेलन (COP27) के 27वें सत्र में मैंग्रोव एलायंस फॉर क्लाइमेट (MAC) में शामिल हो गया है।

महत्वपूर्ण तथ्य

  • गठबंधन में शामिल होने के बाद, भारत ने कार्बन पृथक्करण के लिए वनों की कटाई और वन क्षरण (आरईडीडी) कार्यक्रमों से उत्सर्जन को कम करने के साथ मैंग्रोव संरक्षण के एकीकरण का आह्वान किया।

  • पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि अध्ययनों से पता चला है कि मैंग्रोव वन भू-उष्णकटिबंधीय जंगलों की तुलना में चार से पांच गुना अधिक कार्बन उत्सर्जन को अवशोषित कर सकते हैं।

मैंग्रोव क्या हैं?

  • ये छोटे पेड़ और झाड़ियाँ हैं जो समुद्र तट के किनारे उगते हैं और खारे पानी में पनपते हैं और जमीन और समुद्र के किनारे पर अनोखे वन के रूप में विकसित होते हैं।

  • मैंग्रोव पारिस्थितिक तंत्र दुनिया में सबसे अधिक उत्पादक और पारिस्थितिक रूप से महत्वपूर्ण पारिस्थितिक तंत्रों में से एक हैं।

  • वे महत्वपूर्ण जलवायु परिवर्तन शमन और अनुकूलन सह-लाभ प्रदान करते हैं क्योंकि वे भूमि-आधारित उष्णकटिबंधीय वर्षावनों की तुलना में कार्बन को 400 प्रतिशत तक तेजी से संग्रहीत करने में सक्षम हैं।

  • वे तटीय क्षेत्रों को बढ़ते समुद्र के स्तर, कटाव और तूफान से बचाते हैं और समुद्री जैव विविधता के लिए प्रजनन आधार प्रदान करते हैं।

  • विश्व भर में मछलियों की आबादी का लगभग 80 प्रतिशत अपने अस्तित्व के लिए इन पारिस्थितिक तंत्रों पर निर्भर है।

  • भारत दक्षिण एशिया में कुल मैंग्रोव कवर का लगभग आधे का योगदान देता है और पश्चिम बंगाल में सुंदरबन भारत में मैंग्रोव कवर का उच्चतम प्रतिशत है।

  • भारत में मैंग्रोव कवर का सबसे अधिक प्रतिशत पश्चिम बंगाल में है। इसके बाद गुजरात और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह हैं। 

  • महाराष्ट्र, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, गोवा और केरल में भी मैंग्रोव हैं।

मैंग्रोव एलायंस फॉर क्लाइमेट (MAC) के बारे में

  • MAC एक अंतर सरकारी गठबंधन है जो मैंग्रोव पारिस्थितिकी तंत्र के संरक्षण और बहाली की दिशा में तेजी लाने का प्रयास करता है।

  • भारत MAC में शामिल होने वाले पहले पांच देशों में शामिल है, जिसमें ऑस्ट्रेलिया, जापान, स्पेन और श्रीलंका शामिल हैं।


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