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By admin: Nov. 13, 2022

1. उपराष्ट्रपति धनखड़ ने नोम पेन्ह में 17वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र का आह्वान किया

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Vice President Dhankhar calls for free and open Indo-Pacific

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 13 नवंबर 2022 को कंबोडियाई राजधानी नोम पेन्ह में आयोजित 17वीं पूर्वी एशिया शिखर बैठक में बोलते हुए खाद्य और सुरक्षा पर भारत की चिंता पर प्रकाश डाला और मुक्त, खुले और नेविगेशन और ओवरफ्लाइट की स्वतंत्रता के साथ समावेशी इंडो-पैसिफिक को बढ़ावा देने में पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन (ईएएस) की भूमिका पर जोर दिया। 

17वें ईएएस की मेजबानी वर्तमान आसियान (एसोसिएशन ऑफ साउथईस्ट एशियन नेशंस) के अध्यक्ष कंबोडिया द्वारा की जा रही है।

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 2023 में अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष में ईएएस सदस्यों के पूर्ण योगदान का भी आह्वान किया।

इससे पहले शिखर सम्मेलन में बोलते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन और जापानी प्रधान मंत्री फुमियो किशिदा ने भी दक्षिण चीन सागर में चीन के आक्रामक व्यवहार पर प्रकाश डाला और ताइवान जलडमरूमध्य में शांति और दक्षिण चीन सागर में नौवहन की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने का आह्वान किया।

उपराष्ट्रपति का कंबोडियाई दौरा

उपराष्ट्रपति 19वीं भारत-आसियान शिखर बैठक में भाग लेने के लिए तीन दिवसीय (11-13 नवंबर) कंबोडिया की यात्रा पर गये  थे, जिसे भारतीय आसियान संबंधों के 30 वर्षों को चिह्नित करने के लिए स्मारक शिखर सम्मेलन के रूप में नामित किया गया है।

इस वर्ष को आसियान-भारत मैत्री वर्ष के रूप में भी मनाया जा रहा है। धनखड़ के साथ इस यात्रा पर विदेश मंत्री एस जयशंकर भी थे।

पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन

  • पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन समूह में 18 देश शामिल हैं।
  • पूर्व एशिया समूह की अवधारणा को पहली बार 1991 में तत्कालीन मलेशियाई प्रधान मंत्री महाथिर बिन मोहम्मद द्वारा दिया गया था।
  • इसे 2005 में एशिया-प्रशांत क्षेत्र में आम क्षेत्रीय चिंता के राजनीतिक, सुरक्षा और आर्थिक मुद्दों पर रणनीतिक संवाद और सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक मंच के रूप में स्थापित किया गया था।
  • प्रारंभ में इसमें आसियान सदस्य (ब्रुनेई दारुस्सलाम, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, सिंगापुर, थाईलैंड, फिलीपींस और वियतनाम) और चीन, जापान ,दक्षिण कोरिया, भारत ,ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड शामिल थे।
  • संयुक्त राज्य अमेरिका और  रूस  को 2011 में  शामिल किया गया।


By admin: Nov. 12, 2022

2. भारत ने आसियान-भारत विज्ञान और प्रौद्योगिकी कोष में 5 मिलियन अमरीकी डालर के अतिरिक्त योगदान की घोषणा की

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उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 12 नवंबर 2022 को सार्वजनिक स्वास्थ्य, नवीकरणीय ऊर्जा और स्मार्ट कृषि के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए आसियान-भारत विज्ञान और प्रौद्योगिकी कोष में 5 मिलियन अमरीकी डालर के अतिरिक्त योगदान की घोषणा की।

यह घोषणा आसियान-भारत और पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन के लिए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की कंबोडिया की तीन दिवसीय यात्रा के दौरान हुई।

आसियान भारत विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विकास कोष (एआईएसटीडीएफ)

प्रारंभ में, भारत और आसियान के बीच सहयोगी एस एंड टी परियोजनाओं और गतिविधियों को आसियान इंडिया फंड (एआईएफ) के माध्यम से समर्थन दिया गया था।

2008 में, विदेश मंत्रालय और विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा संयुक्त रूप से अनुसंधान और विकास परियोजनाओं और परियोजना विकास गतिविधियों संबद्ध के समर्थन के लिए 1 मिलियन अमरीकी डालर की समतुल्य राशि के साथ एक समर्पित आसियान भारत S&T विकास निधि (एआईएसटीडीएफ) की स्थापना की गई थी।

एआईएसटीडीएफ  को नवंबर 2015 में मलेशिया में आसियान-भारत शिखर सम्मेलन के मौके पर भारत के प्रधान मंत्री द्वारा एक घोषणा के माध्यम से 5 मिलियन अमरीकी डालर की समतुल्य राशि तक बढ़ाया गया था।


By admin: Nov. 7, 2022

3. उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ कंबोडिया में आसियान-भारत स्मारक शिखर सम्मेलन में भारत का नेतृत्व करेंगे

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ASEAN-India Commemorative Summit

7 नवंबर 2022 को जारी विदेश मंत्रालय की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ आसियान-भारत स्मारक शिखर सम्मेलन और 17वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए 11-13 नवंबर 2022 तक कंबोडिया का दौरा करेंगे। उपराष्ट्रपति के साथ विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर भी होंगे।

अपनी तीन दिवसीय आधिकारिक यात्रा के दौरान, उपराष्ट्रपति 12 नवंबर 2022 को नोम पेन्ह में आसियान-भारत स्मारक शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। वह 13 नवंबर 2022 को 17वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में भी भाग लेंगे।

इस वर्ष आसियान-भारत संबंधों की 30वीं वर्षगांठ है और इसे आसियान-भारत मैत्री वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। वह कंबोडियाई नेतृत्व और अन्य देशों के नेताओं के साथ भी द्विपक्षीय वार्ता करेंगे।

भारत-आसियान सम्बन्ध

90 के दशक में नरसिम्हा राव सरकार की पूर्व की ओर देखो, विदेश नीति के अनुसार, भारत सरकार ने पूर्वी एशिया विशेष कर आसियान के साथ व्यापार और निवेश बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया।

भारत का विकास-आसियान संबंधो का विकास

1992 में आसियान द्वारा भारत को शुरू में एक क्षेत्रीय भागीदार बनाया गया था।

संबंधों में बढ़ती गहराई के साथ भारत को1996 में एक संवाद भागीदार में बदल दिया गया था।

2022 में संबंध को शिखर स्तर तक उन्नत किया गया और अंतत: 2012 में इसे सामरिक साझेदारी के स्तर में बदल दिया गया ।

दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्र संघ (आसियान)

इसकी स्थापना 1967 में दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के एक समूह के रूप में की गई थी।

इस समय ग्रुप में 10 सदस्य हैं।वे हैं: ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम।

आसियान का मुख्यालय: जकार्ता, इंडोनेशिया

पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन

पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन आसियान (दक्षिण-पूर्व एशियाई राष्ट्रों का संघ) द्वारा स्थापित एक क्षेत्रीय मंच है, जिसमें एशिया-प्रशांत क्षेत्र की क्षेत्रीय शक्तियों के साथ मिलकर , इस क्षेत्र में रणनीतिक और आर्थिक सहयोग को मज़बूत करने के उद्देश्य से बनाया गया था।

पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन के कुल 18 सदस्य हैं। इसमेंसभी 10 आसियान देश (ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम) के साथ ऑस्ट्रेलिया, चीन, भारत, जापान, न्यूजीलैंड, दक्षिण कोरिया, रूस और संयुक्त राज्य अमेरिका,सदस्य देश हैं।

जो भी आसियान देश आसियान का अध्यक्ष है, वह अपने देश में ईएएस से संबंधित बैठक की मेजबानी करता है। वर्तमान में कंबोडिया आसियान का अध्यक्ष है।


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