1. सरकार ने मई 2023 तक 60 लाख टन चीनी निर्यात की अनुमति दी
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भारत सरकार ने 2022-23 चीनी मौसम में 31 मई 2023 तक 60 लाख टन चीनी के निर्यात की अनुमति दी है। सरकार ने 2021-22 के चीनी सीजन में एक करोड़ टन चीनी के निर्यात की अनुमति दी है। अधिसूचना 5 नवंबर 2022 को केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के तहत विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) द्वारा जारी की गई थी। भारत में चीनी का मौसम अक्टूबर से सितंबर तक होता है
29 अक्टूबर 2022 को जारी एक अधिसूचना में भारत सरकार ने चीनी के निर्यात पर लगे प्रतिबंध को 2022-23 सीजन तक बढ़ा दिया था ताकि घरेलू बाजार में चीनी की कीमत पर अंकुश लगाया जा सके। साथ ही सरकार नेचीनी को प्रतिबंधात्मक सूची में रखा जिसका अर्थ है की भारत से चीनी का निर्यात भारत सरकार की अनुमति से ही किया जा सकता है।
ताजा आदेश में सरकार ने 60 लाख टन चीनी के निर्यात की अनुमति दी है और विभिन्न चीनी मिलों के लिए निर्यात कोटा भी आवंटित किया है।
चालू सीजन में 4.1 करोड़ टन चीनी के बंपर उत्पादन के अनुमान है और इसको देखते हुए सरकार ने चालू सीजन में चीनी के निर्यात की अनुमति दी है।
भारत दुनिया में चीनी का सबसे बड़ा उत्पादक और उपभोक्ता है और ब्राजील के बाद दुनिया में चीनी का दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक है।
2. दीपावली सप्ताह के दौरान 20 साल में पहली बार प्रचलन में मुद्रा में गिरावट: एसबीआई इकोरैप
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भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई)ने 3 नवंबर 2022 को प्रकाशित अपनी नवीनतम शोध रिपोर्ट इकोरैप (Ecowrap) में कहा है कि इस साल दिवाली वाली सप्ताह में ‘प्रचलन में मुद्रा ‘(currency in circulation) में 7,600 करोड़ रुपये की गिरावट आई है। यह पिछले 20 वर्षों में पहली बार था जब दिवाली त्योहार के मौसम में नकदी परिसंचरण में कमी आई है, जहां आम तौर पर खर्च में बढ़ोतरी होती है।
रिपोर्ट के अनुसार 2009 में प्रचलन में मुद्रामें 950 करोड़ रुपये की गिरावट आई थी लेकिन यह वैश्विक वित्तीय संकट के कारण हुए देश में आर्थिक मंदी के कारण था, जिसके कारण इसे अपवाद माना गया ।
प्रचलन में मुद्रा में गिरावट का कारण
रिपोर्ट के अनुसार नकदी के प्रचलन में गिरावट का मुख्य कारण भारतीय भुगतान प्रणाली में नकदी से स्मार्टफोन आधारितभुगतान अर्थव्यवस्था में बदलाव है ।
फिनटेक में नवाचार ने यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई), वॉलेट और प्रीपेड इंस्ट्रूमेंट्स जैसे इंटरऑपरेबल पेमेंट सिस्टम के विकास को बढ़ावा दिया है, जिसके कारण ,जिनके पास बैंक खाते नहीं हैं, उनके लिए भी डिजिटल रूप से पैसा ट्रांसफर करना आसान और सस्ता हो गया है।
रिपोर्ट सरकार की नकद के बजाय डिजिटल भुगतान प्रणाली को आगे बढ़ाने की पहल को भी इसका श्रेय देती है।
भविष्य के अनुमान
रिपोर्ट के अनुसार देश में प्रचलन में मुद्रा की हिस्सेदारी में उत्तरोत्तर गिरावट आई है और डिजिटल भुगतान की हिस्सेदारी में वृद्धि हुई है।
भुगतान प्रणाली में प्रचलन में मुद्रा की हिस्सेदारी 2015-16 में 88% थी जो 2021-22 में घटकर 20% रह गई। 2026-27 में इसके और कम होकर 11.15% होने का अनुमान है।
नतीजतन, डिजिटल लेनदेन की हिस्सेदारी 2015-16 में 11.26% से बढ़कर 2021-22 में 80.4% हो गई है और 2026-27 में 88% तक पहुंचने की उम्मीद है।
प्रचलन में मुद्रा क्या है?
प्रचलन में मुद्रा, आम जनता और वित्तीय संस्थानों के पास अंकित मूल्य पर दर्ज बैंकनोटों और प्रचलन में सिक्कों को कहते हैं।
बैंक नोट वे मुद्रा नोट हैं जो भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी किए जाते हैं। एक रुपये के नोट और सिक्के भारत सरकार द्वारा जारी किए जाते हैं।
हालांकि जारी किए गए सभी नोट और सिक्के प्रचलन में नहीं होते हैं। कुछ बैंक नोट और सिक्के प्रचलन में नहीं हैं जैसे करेंसी नोट और सिक्के जो आरबीआई की तिजोरी में रखे जाते हैं, बैंकों को नकद आरक्षित अनुपात आवश्यकताओं को बनाए रखना के लिए भी बैंकनोटों को अपने पास रखना होता है आदि।
3. सीबीडीटी ने सभी करदाताओं के लिए एकल आईटीआर फॉर्म का अनावरण किया
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केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने 1 नवंबर को सभी करदाताओं के लिए एकल आयकर रिटर्न (आईटीआर) फॉर्म का प्रस्ताव रखा है।
महत्वपूर्ण तथ्य
ट्रस्ट और गैर-लाभकारी संगठनों को छोड़कर सभी करदाता प्रस्तावित नए सामान्य आईटीआर फॉर्म के साथ रिटर्न दाखिल कर सकते हैं, जिस पर सीबीडीटी ने 15 दिसंबर तक हितधारकों की टिप्पणियां आमंत्रित की हैं।
वर्तमान में, करदाताओं को श्रेणी के आधार पर ITR-1 से ITR-7 में अपना आयकर रिटर्न प्रस्तुत करना आवश्यक है।
इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) क्या है?
आईटीआर एक ऐसा फॉर्म है जिसे एक व्यक्ति को भारत के आयकर विभाग को जमा करना होता है।
इसमें वर्ष के दौरान व्यक्ति की आय और उस पर भुगतान किए जाने वाले करों के बारे में जानकारी होती है।
आईटीआर फॉर्म के प्रकार
आईटीआर फॉर्म सात प्रकार के होते हैं, जिनका इस्तेमाल अलग-अलग श्रेणी के करदाताओं द्वारा किया जाता है।
ITR फॉर्म 1- जिसे 'सहज' भी कहा जाता है, छोटे और मध्यम करदाताओं के लिए है। सहज फॉर्म 50 लाख रुपये तक की आय वाले व्यक्तियों द्वारा, वेतन, एक गृह संपत्ति / अन्य स्रोतों (ब्याज आदि) से आय के साथ दाखिल किए जा सकते हैं।
ITR-2 - यह आवासीय संपत्ति से आय वाले लोगों द्वारा दायर किया जाता है।
ITR-3 - यह उन लोगों के लिए है जिनकी आय व्यवसाय/पेशे से लाभ के रूप में है।
ITR-4 (सुगम) - यह ITR-1 (सहज) की तरह एक साधारण फॉर्म है, और इसे व्यक्तियों, हिंदू अविभाजित परिवारों (HUF) और फर्मों द्वारा दायर किया जा सकता है, जिनकी व्यवसाय से कुल आय 50 लाख रुपये तक है।
ITR-5 और 6 - ये क्रमशः सीमित देयता भागीदारी (एलएलपी) और व्यवसायों के लिए हैं।
ITR-7 - यह ट्रस्ट और गैर-लाभकारी संगठनों द्वारा दायर किया जाता है।
प्रस्तावित किए गए परिवर्तन
प्रस्ताव के अनुसार, सभी करदाता, ट्रस्ट और गैर-लाभकारी संगठनों (ITR-7) को छोड़कर, एकल ITR फॉर्म का उपयोग करेंगे, जिसमें आभासी डिजिटल संपत्ति से आय के प्रकटीकरण के लिए एक अलग शीर्षक शामिल होगा।
मौजूदा आईटीआर-1 और आईटीआर-4 जारी रहेगा।
ड्राफ्ट फॉर्म का उद्देश्य रिटर्न दाखिल करना आसान बनाना है, और व्यक्तियों और गैर-व्यावसायिक-प्रकार के करदाताओं के समय की बचत करना है।
4. बैंक ऑफ इंग्लैंड ने मुद्रास्फीति को काबू करने के लिए 33 वर्षों में ब्याज दरों में सबसे बड़ी वृद्धि की
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यूनाइटेड किंगडम के केंद्रीय बैंक, बैंक ऑफ इंग्लैंड (बीओई) ने 1989 के बाद से, 3 नवंबर 2022 को अपनी ब्याज दरों में सबसे अधिक वृद्धि की है । बीओई ,अमेरिकी फेडरल रिजर्व और अन्य केंद्रीय बैंकों की तरह, रूस और यूक्रेन के संघर्ष से प्रेरित उच्च मुद्रास्फीति को काबू करने की कोशिश कर रहा हैं ।
बीओई ने बैंक दर को 2.25% से बढ़ाकर 3% कर दिया है और साथ ही यह चेतावनी भी दीहै कि ब्रिटिश अर्थव्यवस्था अगले दो वर्षों तक मंदी में रह सकती है और इसमें आर्थिक वृद्धि की संभावना नहीं है ।
जब लगातार दो तिमाहियों में अर्थव्यवस्था में नकारात्मक वृद्धि होती है तो अर्थव्यवस्था मंदी की स्थिति में होती है।
बीओई के गवर्नर एंड्रयू बेली ने कहा कि "उच्च ऊर्जा, भोजन और अन्य बिल लोगों को परेशान कर रहे हैं। परिवारों के पास अन्य चीजों पर खर्च करने के लिए कम है। इसकासाफ़ मतलब है कि ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था का आकार गिरना शुरू हो गया है।
बीओई ने कहा कि अब उसे उम्मीद है कि मौजूदा तिमाही के दौरान मुद्रास्फीति 40 साल के उच्च स्तर लगभग 11% पर पहुंच जाएगी, जो उसके 2% के लक्ष्य से पांच गुना अधिक है।
यूरोप में महंगी गैस की समस्या
यूरोप विशेष रूप से प्राकृतिक गैस की कीमतों में उछाल से बुरी तरह प्रभावित हुआ है । रूस के यूक्रेन पर सैन्य कारवाही के बाद पश्चिमी देशों ने रूस पर प्रतिबन्ध लगा दिया था ।
रूस ने पश्चिमी प्रतिबंधों का जवाब देते हुए यूरोप को अपनी गैस सप्लाई कम कर दिया जिसके परिणाम स्वरुप इन देशों में प्राकृतिक गैस की कमी और कीमतों में जबरदस्त वृद्धि हुई है ।
यूरोप में लोग अपने घरों को गर्म करने, बिजली और बिजली उद्योगमें गैस का इस्तेमाल करते हैं और आगामी सर्दी के मौसम को देखते हुए यूरोप के लिए यह संकट और बढेगा।
विश्व के महत्वपूर्ण केंद्रीय बैंक
देश | केंद्रीय बैंक | केंद्रीय बैंक के अध्यक्ष |
भारत | भारतीय रिजर्व बैंक | शक्तिकांत दास |
संयुक्त राज्य अमेरिका | फेडरल रिजर्व | जेरोम पॉवेल |
जापान | बैंक ऑफ जापान | हारुहिको कुरोडा |
चीन | पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना | यी गैंग |
यूनाइटेड किंगडम | बैंक ऑफ इंग्लैंड | एंड्रयू बेली |
यूरोपीय यूरो जोन | यूरोपीय केंद्रीय बैंक | क्रिस्टीन लेगार्ड |
यूरोपीय सेंट्रल बैंक (ईसीबी)
यह 19 यूरोपीय संघ के देशों का सेंट्रल बैंक है जिन्होंने यूरो को अपनी सामान्य मुद्रा के रूप में अपनाया है।
यूरोजोन के सदस्य देश: बेल्जियम, जर्मनी, स्पेन, फ्रांस, आयरलैंड, इटली, लक्जमबर्ग, नीदरलैंड, ऑस्ट्रिया, पुर्तगाल और फिनलैंड, स्लोवेनिया, साइप्रस, माल्टा, स्लोवाकिया, एस्टोनिया, लातविया लिथुआनिया हैं ।
5. भारत विश्व की सबसे सस्ती विनिर्माण लागत वाले देशों की सूची में सबसे ऊपर
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यूएस न्यूज एंड वर्ल्ड रिपोर्ट द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत को चीन और वियतनाम से बहुत आगे, सबसे सस्ती विनिर्माण लागत वाले देश के रूप में स्थान दिया गया है। रिपोर्ट को यूएस मीडिया कंपनी द्वारा 85 देशों के बीच किए गए सर्वेक्षण पर संकलित किया गया था।
रिपोर्ट 73 विशेषताओं पर 85 देशों का मूल्यांकन करती है। विशेषताओं को 10 उप श्रेणियों में बांटा गया है जैसे साहसिक, चपलता, उद्यमिता, व्यवसाय के लिए खुला, सामाजिक उद्देश्य और जीवन की गुणवत्ता।
भारत का प्रदर्शन
रिपोर्ट के अनुसार ,100 के पैमाने पर, भारत ने सस्ते विनिर्माण लागत के मामले में शत-प्रतिशत स्कोर किया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि देश का कुल मिलाकर 'बिजनेस के लिए ओपन' स्कोर 37 है।
भारत ने जहाँ अन्य पैमानों पर कम स्कोर किया है वे हैं ‘अनुकूल कर वातावरण' जिसमे भारत का स्कोर 100 में 16.2 था ,'भ्रष्ट नहीं' उप-श्रेणी में स्कोर 18.1/100 और 'पारदर्शी सरकारी नीतियों' में स्कोर 3.5/100 था ।
रिपोर्ट ऐसे समय में आई है जब मोदी सरकार भारत को ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग का हब बनाने की कोशिश कर रही है। 2020 में कोविड -19 के प्रकोप के बाद सरकार द्वारा 'आत्मनिर्भर भारत' शुरू किया गया था, जिसका उद्देश्य विदेशी निवेशको को आकर्षित करके देश की उत्पादन क्षमता को बढ़ाना है।
सर्वश्रेष्ठ देश रैंकिंग
समग्र सर्वश्रेष्ठ देश रैंकिंग में, स्विट्जरलैंड चार्ट में सबसे ऊपर है, उसके बाद जर्मनी, कनाडा, अमेरिका और स्वीडन का स्थान है।
85 देशों में भारत को सर्वश्रेष्ठ देशों की रैंकिंग में 31वां स्थान मिला है।
6. वडोदरा यूएस ट्रेजरी की सहायता से सफलतापूर्वक म्यूनिसिपल बांड जारी करने वाला दूसरा शहर बन गया है
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गुजरात का वडोदरा शहर ,अमेरिकी ट्रेजरी विभाग के तकनीकी सहायता कार्यालय की सहायता से सफलतापूर्वक अपने नगरपालिका बांड जारी करने वाला भारत का दूसरा शहर बन गया है ।
इससे पहले पुणे भारत का पहला शहर था जिसने यूएस ट्रेजरी विभाग के तकनीकी सहायता कार्यालय की सहायता से 2017 में म्यूनिसिपल बांड जारी किया था। संयुक्त राज्य अमेरिका में वित्त मंत्रालय को ट्रेजरी विभाग के रूप में जाना जाता है।
3 नवंबर 2022 को अमेरिकी दूतावास और अमेरिकी ट्रेजरी अधिकारियों, केंद्रीय आवास और शहरी विकास मंत्रालय, वडोदरा शहर और भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा बांड के सफलता पूर्वक जारी होने का जश्न मनाया गया।
बॉन्ड द्वारा जुटाए गए 100 करोड़ रुपये का इस्तेमाल वडोदरा में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए किया जाएगा।
म्यूनिसिपल बॉन्ड क्या है?
म्युनिसिपल बांड को मुनि बांड(muni bond) के नाम से भी जाना जाता है। यह एक ऋण पत्र है जो भारत में शहरी स्थानीय निकायों द्वारा जारी किया जाता है। ऋण पत्र के द्वारा जुटाए गए पूंजी का उपयोग नगरपालिका क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए किया जाता है।
पहला म्युनिसिपल बांड 1997 में बंगलौर नगर निगम द्वारा जारी किया गया था।
म्यूनिसिपल बॉन्ड पर सेबी के दिशानिर्देश
निम्नलिखित मानदंडों को पूरा करने वाली नगरपालिका, नगरपालिका बांड जारी कर सकती है:
- नगरपालिका के पिछले तीन वर्षों में से प्रत्येक में नकारात्मक निवल मूल्य नहीं होना चाहिए।
- पिछले वर्ष में वित्तीय संस्थानों को ऋण के पुनर्भुगतान में नगरपालिका का कोई चुक (डिफ़ॉल्ट) इतिहास नहीं होना चाहिए।
- भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा प्रकाशित विलफुल डिफॉल्टरों में नगरपालिका, प्रमोटर और निदेशकों को सूचीबद्ध नहीं किया गया हों ।
- नगर पालिका के पास ऋण लिखतों के संबंध में ब्याज के भुगतान और मूलधन की अदायगी में चूक का कोई रिकॉर्ड नहीं होना चाहिए।
बांड की अन्य विशेषताएं
म्यूनिसिपल बॉन्ड की समयावधि 3 वर्ष की होती है ।
बांड को क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों द्वारा निवेश ग्रेड से ऊपर की रेटिंग के साथ रेट किया जाना चाहिए।
7. इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक ने श्रीनगर में भारत का पहला पानी पर तैरने वाला वित्तीय साक्षरता शिवर शुरू किया
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भारत सरकार के स्वामित्व वाले इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक (आईपीपीबी) ने श्रीनगर, जम्मू और कश्मीर की विश्व प्रसिद्ध डल झील के आसपास भारत का पहला तैरता हुआ वित्तीय साक्षरता शिविर शुरू किया। वित्तीय साक्षरता शिविर का आयोजन आईपीपीबी की निवेशक दीदी या महिला डाकिया पहल के तहत किया गया था।
निवेशक दीदी योजना
निवेशक दीदी '' या महिला डाकिया, इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक के साथ निवेशक शिक्षा और संरक्षण कोष प्राधिकरण (आईईपीएफ),कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय की एक संयुक्त पहल है।
इस योजना का उद्देश्य महिलाओं के बीच वित्तीय और निवेशक शिक्षा को बढ़ावा देना है।
आईपीपीबी के प्रशिक्षित महिला एजेंट सामान्य महिला आबादी को पर्याप्त ज्ञान, कौशल, दृष्टिकोण और व्यवहार विकसित करने के लिए शिक्षित करते हैं जो उनके पैसे को बेहतर ढंग से प्रबंधित करने और उनके भविष्य की योजना बनाने के लिए आवश्यक हैं। इसे वित्तीय साक्षरता भी कहते हैं।
वित्तीय साक्षरता के उद्देश्य
वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने के लिए ,भारत सरकार और चार वित्तीय क्षेत्र नियामकों में भारतीय रिजर्व बैंक , भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड , भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण और पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण ने वित्तीय शिक्षा के लिए राष्ट्रीय रणनीति शुरू की है।
वर्तमान में वित्तीय शिक्षा के लिए दूसरी राष्ट्रीय रणनीति (2020-2025) भारत में लागू की जा रही है। इसने आर्थिक रूप से जागरूक और सशक्त भारत बनाने के लिए निम्नलिखित उद्देश्य निर्धारित किए हैं:
- इसे एक महत्वपूर्ण जीवन कौशल बनाने के लिए वित्तीय शिक्षा के माध्यम से जनसंख्या के विभिन्न वर्गों के बीच वित्तीय साक्षरता अवधारणाओं को विकसित करना,
- सक्रिय बचत व्यवहार को प्रोत्साहित करना ,
- वित्तीय लक्ष्यों और उद्देश्यों को पूरा करने के लिए वित्तीय बाजारों में भागीदारी को प्रोत्साहित करना ,
- क्रेडिट अनुशासन विकसित करना और आवश्यकता के अनुसार औपचारिक वित्तीय संस्थानों से ऋण प्राप्त करने को प्रोत्साहित करना,
- सुरक्षित और सुरक्षित तरीके से डिजिटल वित्तीय सेवाओं के उपयोग में सुधार करना ,
- प्रासंगिक और उपयुक्त बीमा कवर के माध्यम से जीवन के विभिन्न चरणों में जोखिम का प्रबंधन करना ,
- उपयुक्त पेंशन उत्पादों के कवरेज के माध्यम से वृद्धावस्था और सेवानिवृत्ति की योजना,
- शिकायत निवारण के अधिकारों, कर्तव्यों और रास्ते के बारे में ज्ञान,
- वित्तीय शिक्षा में प्रगति का आकलन करने के लिए अनुसंधान और मूल्यांकन विधियों में सुधार करना।
इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक (आईपीपीबी)
यह एक पेमेंट बैंक है जिसे भारत सरकार के संचार मंत्रालय के तहत डाक विभाग द्वारा शुरू किया गया है।
आईपीपीबी को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में 30 जनवरी 2017 को रांची (झारखंड) और रायपुर (छत्तीसगढ) में शुरू किया गया था।
इसे औपचारिक रूप से 1 सितंबर 2018 को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लॉन्च किया गया था।
आईपीपीबी का मुख्यालय: नई दिल्ली
बैंक की पंचलाइन : अपना बैंक आपके द्वार
प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी: जे वेंकटरमु
8. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने होलोंगी हवाई अड्डे का नामकरण डोनी पोलो हवाई अड्डे के रूप में करने की मंजूरी दी
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प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 2 नवंबर को होलोंगी, ईटानगर में ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे का नामकरण 'डोनी पोलो हवाई अड्डे' के रूप में करने को मंजूरी दी।
महत्वपूर्ण तथ्य
इस हवाई अड्डे का नाम 'डॉनी पोलो एयरपोर्ट, ईटानगर' रखने के लिए अरुणाचल प्रदेश की राज्य सरकार द्वारा एक प्रस्ताव पारित किया गया था।
डोनी पोलो इस राज्य की परंपराओं एवं समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के प्रतीक सूर्य (डोनी) और चंद्रमा (पोलो) के प्रति लोगों के सम्मान को दर्शाता है।
भारत सरकार ने जनवरी 2019 में होलोंगी ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे के विकास के लिए 'सैद्धांतिक' मंजूरी दी थी।
यह परियोजना 646 करोड़ रुपये की लागत से केंद्र सरकार और अरुणाचल प्रदेश की राज्य सरकार के सहयोग से भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) द्वारा विकसित की जा रही है।
होलोंगी हवाई अड्डा पासीघाट और तेज़ू हवाई अड्डों के बाद राज्य का तीसरा और राजधानी शहर का एकमात्र हवाई अड्डा है।
ईटानगर में डोनी पोलो हवाई अड्डा पूर्वोत्तर भारत का 16 वां हवाई अड्डा है।
उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में परिचालन हवाई अड्डे
गुवाहाटी, सिलचर, डिब्रूगढ़, जोरहाट, तेजपुर, लीलाबारी और रूपसी (असम); पासीघाट और तेजू (अरुणाचल प्रदेश); अगरतला (त्रिपुरा); इंफाल (मणिपुर); शिलांग (मेघालय); दीमापुर (नागालैंड); लेंगपुई (मिजोरम) और पाकयोंग (सिक्किम)।
9. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने एफआइ बीएसी 2022 का उद्घाटन किया
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भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने 2 नवंबर 2022 को मुंबई में एशिया के सबसे बड़े वार्षिक बैंकिंग सम्मेलनों में से एक, एफआइ बीएसी 2022(FIBAC 2022) का उद्घाटन किया।
एफआइ बीएसी 2022 का आयोजन फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) और इंडियन बैंक्स एसोसिएशन (आईबीए) द्वारा 2 और 3 नवंबर 2022 को मुंबई, महाराष्ट्र में किया गया है।
सम्मेलन का विषय: 'भारत को अपने विकास को बदलने में मदद करना: कैसे तकनीक सक्षम बैंकिंग $5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था लक्ष्य की प्राप्ति में योगदान कर सकती है'।
इस अवसर पर बोलते हुए राज्यपाल ने कहा कि 1 नवंबर 2022 को ई-रुपये का शुभारंभ देश में मुद्रा के इतिहास में एक ऐतिहासिक क्षण था क्योंकि यह व्यापार करने और लेनदेन करने के तरीके को बदल देगा।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंक को उम्मीद है कि कैलेंडर वर्ष 2023 तक डिजिटलीकृत किसान क्रेडिट कार्ड ऋण पूरी तरह से शुरू हो जाएगा।
इंडियन बैंक एसोसिएशन भारत में बैंकों और वित्तीय संस्थानों का एक संघ है जिसे 1946 में स्थापित किया गया था।
10. इन्वेस्ट कर्नाटक - 2022 समिट
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2 नवम्बर, 2022 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट इनवेस्ट कर्नाटक 2022 के उद्घाटन समारोह को संबोधित किया।
महत्वपूर्ण तथ्य
बेंगलुरु में 2-4 नवंबर से होने वाले इस तीन दिवसीय कार्यक्रम में 80 से अधिक वक्ता अपने विचार प्रस्तुत करेंगे।
आयोजन के दौरान संबोधित किए जाने वाले प्रमुख विषय नवाचार, स्थिरता, इक्विटी और लचीलापन से संबंधित होंगे।
वक्ताओं में अन्य लोगों के अलावा कुमार मंगलम बिड़ला, सज्जन जिंदल, विक्रम किर्लोस्कर सहित उद्योग जगत के कुछ शीर्ष नेता शामिल हैं।
सम्मेलन का उद्देश्य संभावित निवेशकों को आकर्षित करना और अगले दशक के लिए विकास एजेंडा स्थापित करना है।
सम्मेलन के सत्रों की मेजबानी जर्मनी, नीदरलैंड, दक्षिण कोरिया, जापान और ऑस्ट्रेलिया अलग अलग करेंगे जो अपने-अपने देशों से उच्चस्तरीय मंत्रिस्तरीय और औद्योगिक प्रतिनिधिमंडल के साथ भारत में हैं।
आयोजन का वैश्विक स्तर कर्नाटक को अपनी संस्कृति को दुनिया के सामने भी प्रदर्शित करने का अवसर देगा।