1. टाटा मोटर्स जनवरी 2023 से एनवाईएसई से अमेरिकी डिपॉजिटरी रसीदों को हटा देगी
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भारत की अग्रणी मोटर कंपनी टाटा मोटर्स ने घोषणा की है कि वह जनवरी 2023 से संयुक्त राज्य अमेरिका में दुनिया के सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज, न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज (एनवाईएसई) से अपनी अमेरिकी डिपॉजिटरी रसीदों (एडीआर) को हटा देगी।
टाटा मोटर्स ने कंपनी में विदेशी शेयरधारकों की भागीदारी बढ़ाने और विदेशी पूंजी जुटाने के उद्देश्य से 2004 में एडीआर जारी किया था। टाटा मोटर्स ने कहा कि मौजूदा समय में कंपनी में काफी विदेशी निवेश है और उसके एडीआर मेंविदेशी निवेशकों की दिलचस्पी घट रही है। इसलिए कंपनी ने एडीआर को डीलिस्ट करने का फैसला किया है।
पहली भारतीय कंपनी जिसने एडीआर जारी किया था वह इनफ़ोसिस है जिसने 1999 में इसे जारी किया था और इसे अमेरिकी स्टॉक एक्सचेंज NASDAQ पर लिस्ट किया गया था ।
एडीआर क्या है?
यह एक अमेरिकी डिपॉजिटरी द्वारा अमेरिकी निवेशक को जारी किया गया एक डेरीवेटिव (derivative)उपकरण है जिसे एक अमेरिकी स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध किया जाता है। इसे एक गैर-अमेरिकी कंपनी के इक्विटी शेयरों के खिलाफ जारी किया जाता है। एडीआर में कंपनी के शेयर की तरह ही कारोबार किया जाता है और एडीआर धारक के पास वे सभी अधिकार होते हैं जो कंपनी के इक्विटी शेयरधारक को प्राप्त होते है सिर्फ वोटिंग अधिकारों को छोड़कर ।
यह काम किस प्रकार करता है ?
उदाहरण के लिए टाटा मोटर्स विदेशी पूंजी जुटाने और कंपनी में विदेशी भागीदारी बढ़ाने के लिए एडीआर जारी करना चाहती है।
उदाहरण के लिए टाटा मोटर्स या तो नए 10,000 शेयर बनाएगी या कंपनी के मौजूदा शेयरों का उपयोग करेगी। यह एक अमेरिकी डिपॉजिटरी से संपर्क करता है, जैसे सिटी बैंक को और उसे अपने 10,000 शेयर जमा करने के लिए कहता है।
सिटी बैंक टाटा मोटर्स के शेयरों को स्वीकार करेगा और टाटा मोटर्स के जमा शेयरों के बदले रसीद जारी करेगा। मान लीजिए एक शेयर के लिए एक रसीद जारी की जाती है तो कुल 10,000 रसीदें जारी की जाएगी । इन रसीदों को मान लीजये अमेरिकी निवेशक को $ 10 प्रति के रसीद के हिसाब से बेचा जाएगा।
इस प्रकार 10,00,00 डॉलर मूल्य की रसीदें बेची जाएंगी और डिपॉजिटरी अपना कमीशन काटकर शेष राशि इंफोसिस को देगी। इस तरह से टाटा की शेयर सिटी बैंक के पास होगा जबकि इस बदले जारी की गयी रसीद अमेरिकी निवेशिकों के पास होगा इसलिए इसे डेरीवेटिव कहा जाता है ।
इन रसीदों को अमेरिकी स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध किया जाएगा और सामान्य शेयरों की तरह इसमें कारोबार किया जाएगा।
अमेरिकी डिपॉजिटरी द्वारा जारी इन रसीदों को अमेरिकी डिपॉजिटरी रसीद कहा जाता है ।
एडीआर के धारक को वोटिंग अधिकार के अलावा टाटा मोटर्स के भारतीय शेयरधारक को मिलने वाले सभी लाभ मिलेंगे। एडीआर धारक को मतदान का अधिकार इसलिए नहीं दिया जाता क्योंकि अभी भी भारत के पास पूर्ण पूंजी खाता परिवर्तनीयता नहीं है।
न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज (एनवाईएसई)
यह न्यूयॉर्क शहर संयुक्त राज्य अमेरिका में स्थित दुनिया का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है।
इसे वॉल स्ट्रीट के नाम से भी जाना जाता है। वॉल स्ट्रीट उस स्थान का नाम है जहां वह भवन स्थित है जिसमे एनवाईएसई है।
एनवाईएसई का सूचकांक डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज या डॉव जोन्स है। यह दुनिया का पहला शेयर बाजार सूचकांक है । भारत के बीएसई का सूचकांक सेंसेक्स डॉव जोन्स मॉडल पर आधारित है।
1999 में आईसीआईसीआई एनवाईएसई में सूचीबद्ध होने वाली पहली भारतीय कंपनी थी।
एनवाईएसई की स्थापना 17 मई 1792 को हुई थी।
2. यूएस ट्रेजरी ने भारत को अपनी करेंसी मॉनिटरिंग लिस्ट से हटाया
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अमेरिकी ट्रेजरी विभाग (अमेरिकी वित्त मंत्रालय) ने 11 नवंबर 2022 को इटली, मैक्सिको, थाईलैंड और वियतनाम के साथ भारत को अपनी मुद्रा निगरानी सूची से हटा दिया है।
ट्रेजरी विभाग ने कांग्रेस को अपनी द्विवार्षिक रिपोर्ट के अनुसार चीन, जापान, कोरिया, जर्मनी, मलेशिया, सिंगापुर और ताइवान सात अर्थव्यवस्थाएं हैं जो अभी भी मुद्रा निगरानी सूची का हिस्सा हैं।
भारत को पहली बार 2018 में मुद्रा निगरानी सूची में रखा गया था और बाद में उसे इस सूची से हटा दिया गया था, लेकिन अप्रैल 2021 में इसे फिर से सूची में डाल दिया गया था ।
ट्रेजरी विभाग के रिपोर्ट में कहा गया है कि जिन देशों को सूची से हटा दिया गया है, वे लगातार दो रिपोर्टों में , तीन मानदंडों में से केवल एक को पूरा कर पाए हैं।
मुद्रा निगरानी सूची क्या है?
संयुक्त राज्य अमेरिका के 2015 के अधिनियम के तहत ट्रेजरी विभाग को संयुक्त राज्य अमेरिका के कांग्रेस (अमेरिकी संसद) को एक अर्ध-वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होती है।
इस रिपोर्ट में उन संयुक्त राज्य अमेरिका के प्रमुख व्यापारिक भागीदारों का उल्लेख किया जाता है जो जान - बूझकर अपने मुद्रा की कीमत काम रखते हैं ताकि व्यापार में उनको अनुचित लाभ मिले।
मुद्रा हेरफेर का मतलब है कि देश जानबूझकर अपने प्रतिस्पर्धियों की तुलना में अपनी मुद्रा का मूल्य कम रखता है ताकि उसके निर्यात किए गए सामान की कीमत कम रखी जा सके और इसलिए उसके निर्यात को बढ़ावा मिल सके।
2015 के अधिनियम में तीन मानदंडों में से दो को पूरा करने वाली अर्थव्यवस्था को निगरानी सूची में रखा गया है। ये मानदंड इस प्रकार हैं:
- उस देश का संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ एक बड़ा व्यापार अधिशेष होगा।
- वह देश लगातार विदेशी मुद्रा बाजार में 12 महीनों में से कम से कम छह महीनों में विदेशी मुद्रा की खरीद करता हो और विदेशी मुद्रा की शुद्ध खरीद देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 2% से अधिक हो।
- देश का चालू खाता अधिशेष सकल घरेलू उत्पाद का कम से कम 3% हो।
3. बढ़ते वैश्विक मंदी के खतरे के बीच मूडीज ने 2022 के लिए भारत के आर्थिक विकास अनुमानों को घटाकर 7% कर दिया है
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वैश्विक मंदी और बढ़ती घरेलू ब्याज दरें को भारत के आर्थिक विकास के लिए नकारात्मक मानते हुएमूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने 11 नवंबर 2022 को भारत के सकल घरेलू उत्पाद के विकास के अनुमानों को 2022 के लिए अपने पहले के 7.7 प्रतिशत के अनुमान से से घटाकर 7 प्रतिशत कर दिया है। मूडी अपने पूर्वानुमान के लिए कैलेंडर वर्ष (जनवरी-दिसंबर) मानता है जबकि भारत का वित्तीय वर्ष अप्रैल-मार्च है।
यह दूसरी बार है जब मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने भारत के विकास अनुमानों में कटौती की है। सितंबर में, इसने चालू वर्ष के लिए अनुमानों को मई में अनुमानित 8.8 प्रतिशत से घटाकर 7.7 प्रतिशत कर दिया था।
11 नवंबर 2022 को जारी अपने ग्लोबल मैक्रो आउटलुक 2023-24 में मूडी ने "उच्च मुद्रास्फीति, भारत में उच्च ब्याज दरों और धीमी वैश्विक विकास" को एक कारक के रूप में उजागर किया, जिसने इसे 2022 में भारतीय विकास दर को 7% तक संशोधित करने के लिए प्रेरित किया है ।
मूडीज को उम्मीद है कि 2023 में विकास दर घटकर 4.8 प्रतिशत और फिर 2024 में बढ़कर लगभग 6.4 प्रतिशत हो जाएगी।
वैश्विक अर्थव्यवस्था
मूडीज के अनुसार लगातार मुद्रास्फीति, मौद्रिक नीति की सख्ती, राजकोषीय चुनौतियों, भू-राजनीतिक बदलाव और वित्तीय बाजार में उतार-चढ़ाव के बीच असाधारण रूप से उच्च स्तर की अनिश्चितता के बीच वैश्विक अर्थव्यवस्था मंदी के कगार पर है।
2023 में वैश्विक विकास धीमा होगा और 2024 में सुस्त रहेगा। फिर भी, 2024 तक सापेक्ष स्थिरता की अवधि उभर सकती है यदि सरकारें और केंद्रीय बैंक मौजूदा चुनौतियों के बीच अपनी अर्थव्यवस्थाओं का सही ढंग से प्रबंधन करे ।
मंदी
जब किसी अर्थव्यवस्था मेंलगातार दो तिमाहियों में नकारात्मक वृद्धि होती है तो वह अर्थव्यवस्था मंदी की स्थिति में होती है।
विभिन्न एजेंसियों द्वारा भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर का पूर्वानुमान (11नवम्बर तक)
एजेंसी /संस्थान | 2022-23 के लिए पूर्वानुमान |
भारतीय रिजर्व बैंक | 7.0% |
विश्व बैंक | 6.5% |
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष | 6.8% |
एशियाई विकास बैंक | 7.0% (2022) |
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया | 6.8% |
मूडी इन्वेस्टर सर्विस | 7.0%(2022) |
इंडिया रेटिंग | 6.9% |
स्टैण्डर्ड एंड पुअर (एसएंडपी) | 7.3% |
यूएनसीटीएडी(अंकटाड ) | 5.7 %(2022) |
ओईसीडी | 6.9% |
फिच रेटिंग | 7% |
4. प्रधानमंत्री तेलंगाना के रामागुंडम में आरएफसीएल उर्वरक संयंत्र का उद्घाटन करेंगे
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देश में उर्वरक के स्थानीय उत्पादन को बढ़ावा देने के प्रयास में, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी 12 नवंबर 2022 को तेलंगाना के पेद्दापल्ली जिले के रामागुंडम में आरएफसीएल उर्वरक संयंत्र का उद्घाटन करेंगे। 2021 में व्यावसायिक उत्पादन शुरू करने वाले संयंत्र को 6,338 करोड़ रुपये की लागत से पुनर्जीवित किया गया है।
प्रधानमंत्री 990 करोड़ रुपये के बजट से बनी भद्राचलम रोड से सत्तुपल्ली तक 54.1 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन का भी उद्घाटन करेंगे.
2024 तक यूरिया में आत्मनिर्भर बनने का सरकार का प्रयास
भारत यूरिया का एक बड़ा आयातक है और अपनी 35 मिलियन टन वार्षिक यूरिया आवश्यकता का लगभग 30% आयात से पूरा करता है। भारतके लिए चीन, ओमान, संयुक्त अरब अमीरात, मिस्र और यूक्रेन 2021-22 में यूरिया के प्रमुख स्रोत थे।
भारत का लक्ष्य नए संयंत्रों की स्थापना के साथ अपनी स्थानीय उत्पादन क्षमता को बढ़ाकर 2025 से यूरिया के आयात को समाप्त करना है।
केंद्रीय उर्वरक और रसायन मंत्रालय के अनुसार, सरकार उत्तर प्रदेश के गोरखपुर, तेलंगाना के रामागुंडम, ओडिशा के तालचेर, बिहार के बरौनी और झारखंड के सिंदरी में पांच नए संयंत्रों को चालू करने और पुनर्जीवित करने की योजना बना रही है। इन संयंत्रों से हर साल 6.5 मिलियन टन यूरिया की अतिरिक्त क्षमता जोड़ने की उम्मीद है।
आरएफसीएल उर्वरक संयंत्र
रामागुंडम फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल लिमिटेड (आरएफसीएल) की स्थापना 2015 में रामागुंडम, तेलंगाना में 2,200 एमटीपीडी (प्रति दिन मीट्रिक टन) अमोनिया यूनिट और 3,850 एमटीपीडी यूरिया प्लांट की डिजाइन क्षमता के साथ एक प्राकृतिक गैस आधारित अमोनिया यूरिया कॉम्प्लेक्स स्थापित करने के लिए की गई थी।
आरएफसीएल नेशनल फर्टिलाइजर्स लिमिटेड (एनएफएल), इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड (ईआईएल), फर्टिलाइजर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एफसीआईएल) और तेलंगाना सरकार का एक संयुक्त उद्यम है।
गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया (गेल) और एचटीएएस कंसोर्टियम (एचटी रामागुंडम ए/एस, आईएफयू और डेनिश एग्रीबिजनेस फंड, डेनमार्क से मिलकर) ने भी इस परियोजना में निवेश किया है।
5. राज्यभर में सोने की एक समान कीमत लागू करने वाला पहला राज्य बना केरल
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नवंबर 2022 में केरल सरकार द्वारा संपूर्ण राज्य में सोने की एक समान कीमत लागू करने वाला भारत का पहला राज्य बन गया है।
महत्वपूर्ण तथ्य:
बैंक दर के आधार पर सोने का एक समान कीमत कारोबार शुरू करने वाला केरल देश का पहला राज्य है।
देश की सबसे बड़ी सोने और हीरे की खुदरा श्रृंखलाओं में से एक मालाबार गोल्ड एंड डायमंड्स के अधिकारियों और ऑल केरल गोल्ड एंड सिल्वर मर्चेंट्स एसोसिएशन के प्रमुख सदस्यों के बीच एक बैठक में 916 शुद्धता वाले 22 कैरेट सोने का मूल्य एक समान रखने का निर्णय लिया गया है।
सरकार का यह कदम राज्य भर में उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करने और व्यापार में मूल्य पारदर्शिता लाने में मददगार साबित होगा।
मालाबार गोल्ड एंड डायमंड्स में राज्य ने अपनी 'वन इंडिया वन गोल्ड रेट' नीति के साथ देश में अपने सभी स्टोर्स पर एक समान सोने की कीमत लागू करने की पहल की है।
राष्ट्रिय स्तर पर सोने की समान मूल्य लागु करने हेतु आधार
मालाबार गोल्ड एंड डायमंड्स समूह के अध्यक्ष एमपी अहमद के अनुसार, ‘देश में सोने की खपत करने वाला एक शीर्ष राज्य होने के नाते केरल देश भर में एक समान सोने की कीमत के लिए मंच तैयार कर सकता है।
सांसद अहमद ने यह भी मांग की कि देश में हर जगह सोने की बिक्री मूल्य को एकीकृत किया जाना चाहिए।
पूरे देश में सोने की कीमत बैंक दर के आधार पर होनी चाहिए। इस सन्दर्भ में उल्लेखनीय है कि ज्यादातर राज्यों में सोने की कीमत बैंक दर के अनुसार 150-300 रुपये प्रति ग्राम अधिक होती है।
केरल
राजधानी: तिरुवनन्तपुरम
राज्यपाल: आरिफ मोहम्मद खान
मुख्यमंत्री: पिनाराई विजयन
6. विशाखापत्तनम में आयोजित होगा ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023
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8 नवंबर 2022 को आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने अपने कैंप कार्यालय में विशाखापत्तनम में होने वाले ‘ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023’ के लोगो का अनावरण किया।
महत्वपूर्ण तथ्य
मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने अगले वर्ष 2023 में 3 और 4 मार्च को विशाखापत्तनम में होने वाले ‘ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट’ के आयोजन कराने का निर्देश दिया है।
प्रदेश में पिछले तीन वर्षों में निवेश शिखर सम्मेलन नहीं हो सका। अन्य राज्य अभी ऐसा करना शुरू कर रहे हैं और एपी सरकार ने राज्य में परिसरों के विकास के लिए बुनियादी ढांचा प्रदान करने वाले एमएसएमई पर भी ध्यान केंद्रित किया है।
मछलीपट्टनम और भवनपाडु बंदरगाहों का निर्माण किया जा रहा है, विशाखा और काकीनाडा बंदरगाहों का विकास किया जा रहा है साथ ही पांच शिपिंग बंदरगाह का निर्माण प्रगति पर है।
विशाखापत्तनम में होने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में दुनिया भर के प्रमुख उद्योगपतियों को शिखर सम्मेलन में आमंत्रित भी किया जाएगा।
आंध्र प्रदेश
राजधानी: अमरावती
राज्यपाल: विश्व भूषण हरिचंदन
मुख्यमंत्री: वाईएस जगन मोहन रेड्डी
7. डीएमआरसी, बीईएल ने स्वदेशी ट्रेन नियंत्रण प्रणाली के विकास के लिए समझौता किया
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नवंबर 2022 में दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरिशन (डीएमआरसी) ने ‘स्वदेशी संचार-आधारित ट्रेन नियंत्रण प्रणाली’ (आई-सीबीटीसी) के विकास के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम ‘भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड’ (बीइएल) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है।
महत्वपूर्ण तथ्य
समझौता ज्ञापन पर ओम हरि पांडे (निदेशक, विद्युत) डीएमआरसी और मनोज जैन, निदेशक बीइएल ने मेट्रो भवन, नई दिल्ली में वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए।
डीएमआरसी, आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के तत्वावधान में भारत सरकार की 'मेक इन इंडिया' पहल के भाग के रूप में बीइएल और सी-डैक के साथ इस स्वदेशी प्रणाली को विकसित कर रहा है।
आई-सीबीटीसी की विशेषताएँ
इस प्रणाली को दुनिया भर के अधिकांश देशों द्वारा व्यापक रूप से अपनाया जा रहा है, विशेष रूप से चलती ब्लॉकों की अपनी विशेषता के लिए जो ट्रेनों की उच्च आवृत्ति की अनुमति देता है।
आई-सीबीटीसी मेट्रो सिग्रलिंग और ट्रेन नियंत्रण प्रणालियों में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने की दिशा में भारत में स्वदेशी रूप से निर्मित सिग्रलिंग प्रणाली के विकास की दिशा में एक बड़ा कदम है।
आई-सीबीटीसी मेट्रो बुनियादी ढांचे के उपयोग में कुशल है और सुरक्षित संचालन प्रदान करता है जो नवाचार की सुविधा प्रदान करता है, स्थानीय कौशल बढ़ाता है और महानगरों की तैनाती लागत को कम करता है।
डीएमआरसी और बीइएल ने संयुक्त रूप से स्वदेशी स्वचालित ट्रेन पर्यवेक्षण प्रणाली (आई-एटीएस) भी विकसित की है जो वर्तमान में कार्यान्वयन के अधीन है।
भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीइएल)
स्थापना: 1954
मुख्यालय: बेंगलुरु, कर्नाटक
अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक: भानु प्रकाश श्रीवास्तव
8. फोर्ब्स की एशियाई व्यवसायी महिलाओं की सूची में तीन भारतीय महिलाएं शामिल
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फोर्ब्स एशिया पत्रिका ने अपनी वार्षिक 'एशिया की पावर बिजनेसवुमन' सूची जारी की है , जिसमें एशिया-प्रशांत क्षेत्र की 20 महिलाओं में से तीन भारतीय महिलाएं शामिल हैं।
गैर-रैंक सूची में शामिल तीन भारतीय व्यवसायी महिलाओं में ग़ज़ल अलघ, सोमा मंडल और नमिता थापर हैं।
इस साल इस सूची में भारत, जापान, ऑस्ट्रेलिया और इंडोनेशिया से तीन-तीन, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर और थाईलैंड की दो-दो और ताइवान और चीन की एक-एक महिला शामिल हैं।
सूची में भारतीय व्यवसायी महिला
ग़ज़ल अलग होनासा कंज्यूमर की सह-संस्थापक हैं, जो मामाअर्थ ब्रांड की मालिक हैं।
सोमा मंडल सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी, स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) की पहली महिला अध्यक्ष हैं।
नमिता थापर एमक्योर फार्मा (इंडिया) की कार्यकारी निदेशक हैं।
महिलाओं को बड़े राजस्व के साथ व्यवसाय चलाने और अपने पूरे करियर में मजबूत नेतृत्व का प्रदर्शन करने में उनकी उपलब्धियों के लिए चुना गया था।
9. एनआईए नवंबर 2022 में तीसरे 'नो मनी फॉर टेरर' मंत्रिस्तरीय सम्मेलन की मेजबानी करेगा
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भारत 18 और 19 नवंबर 2022 को नई दिल्ली में 2 दिवसीय "नो मनी फॉर टेररिज्म" के मंत्रिस्तरीय सम्मेलन की मेजबानी करेगा। सम्मेलन की मेजबानी भारत की प्रमुख आतंकवाद विरोधी एजेंसी, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए)द्वारा की जाएगी। एग्मोंट समूह के सदस्य राज्यों के मंत्रियों, राजनयिकों और आतंकवाद विरोधी विशेषज्ञों के इस तीसरे सम्मेलन में भाग लेने की संभावना है।
इस तरह की पहली बैठक 2018 में पेरिस, फ्रांस में हुई थी और दूसरी 2019 में मेलबर्न, ऑस्ट्रेलिया में हुई थी। भारत को तीसरे सम्मेलन की मेजबानी करनी थी, लेकिन इसे कोविड -19 महामारी के कारण स्थगित कर दिया गया था।
एग्मोंट समूह
एग्मोंट समूह 150 से अधिक देशों का संघ है। इसमें सदस्य देशों की वित्तीय खुफिया इकाई (एफआईयू) शामिल है। एग्मोंट समूह का मुख्य उद्देश्य मनी लॉन्ड्रिंग, आतंकवादी वित्तपोषण और संबंधित विधेय अपराधों से निपटने के लिए अपने सदस्यों के बीच सूचना-साझाकरण तंत्र को मजबूत करना है।
वित्तीय खुफिया इकाई (एफआईयू) क्याहै
वित्तीय खुफिया इकाइयां (एफआईयू) संदिग्ध लेनदेन रिपोर्ट और प्रासंगिक मनी लॉन्ड्रिंग जानकारी, और आतंकवादी वित्तपोषण की प्राप्ति और विश्लेषण के लिए राष्ट्रीय केंद्रों के रूप में कार्य करती हैं। एफआईयू देश की कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच ऐसी जानकारी साझा करने के लिए भी जिम्मेदार होता हैं।
भारत में एफआईयू केंद्रीय वित्त मंत्रालय के तहत आयकर विभाग के अंतर्गत आता है।
यह भारत द्वारा आयोजित आतंकवाद पर दूसरा बड़ा अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन होगा। पहली बार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आतंकवाद विरोधी समिति की बैठक न्यूयॉर्क के बाहर 28 और 29 अक्टूबर 2022 को भारत में आयोजित की गई थी।
10. सरकार ने खेती के लिए बासमती चावल की सूखा प्रतिरोधी पीबी.2 किस्म के उपयोग को अधिसूचित किया
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केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने बड़े पैमाने पर रिलीज के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) द्वारा विकसित सूखा-सहिष्णु बासमती चावल के उपयोग को अधिसूचित किया है।
पूसा बासमती (पीबी) 1882 की नई किस्म अनाज के फूल आने की अवस्था के दौरान कम वर्षा की स्थिती का सामना कर सकती है। पारंपरिक किस्म में पौधे के फूल आने के दौरान अपर्याप्त वर्षा से चावल की उत्पादकता में गिरावट आती है।
साथ ही इस नई किस्म की धान में रोपाई की कोई आवश्यकता नहीं होगी जैसा कि पारंपरिक तरीकों से किया जाता है। चावल की इस किस्म को सीधे खेत में बोया जा सकता है जिससे पानी की भारी बचत होगी।
आईएआरआई के प्रमुख वैज्ञानिक एस गोपाल कृष्णन के अनुसार, रोपाई विधि से उगाए गए चावल में एक किलो चावल के उत्पादन के लिए करीब 3000 लीटर पानी की आवश्यकता होती है, जबकि सीधी बोने की विधि के माध्यम से बोई गई नई किस्म से पानी के उपयोग पर भारी बचत होती है।
उन्होंने यह भी कहा कि दो साल के फील्ड परीक्षण के दौरान नई किस्म ने 4.6 टन/हेक्टेयर की औसत उपज दी थी, जबकि इसकी मूल किस्म पीबी 1 की औसत उपज 4.2 टन/हेक्टेयर है ।
भारत का बासमती उत्पादक क्षेत्र
भारत के प्रमुख बासमती चावल उगाने वाले क्षेत्रों में खेती के लिए नई पीबी.2 किस्म की सिफारिश की गई है।
भारत में बासमती चावल उत्पादन के क्षेत्र जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तराखंड और पश्चिमी उत्तर प्रदेश राज्य हैं।
भारत दुनिया में बासमती चावल के प्रमुख निर्यातकों में से एक है। ईरान, सऊदी अरब, इराक, संयुक्त अरब अमीरात, अमेरिका और यमन गणराज्य भारत से बासमती चावल के प्रमुख खरीदार हैं। (स्रोत एपीडा)
भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई)
इसे 1905 में पूसा, बिहार में कृषि अनुसंधान संस्थान के रूप में स्थापित किया गया था। 1936 में इसे नई दिल्ली स्थानांतरित कर दिया गया।
आजादी के बाद इसका नाम बदलकर भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान कर दिया गया।
यह मूल रूप से कृषि और उसके संबद्ध क्षेत्र में फसल उत्पादकता बढ़ाने और एक स्थायी कृषि उत्पादन प्रणाली के लिए एकीकृत फसल प्रबंधन प्रौद्योगिकियों के विकास के लिए अनुसंधान में लगा हुआ है।
इसने गेहूं और चावल के संकर बीज विकसित किए जिससे भारत में हरित क्रांति हुई।
मुख्यालय: नई दिल्ली
निर्देशक: अशोक कुमार सिंह