1. आईएमएफ ने 2022 के लिए भारत की अनुमानित विकास दर को घटाकर 6.8% कर दिया, भारत अभी भी दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था
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अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने 11 अक्टूबर 2022 को जारी अपने वार्षिक विश्व आर्थिक आउटलुक में 2022 में भारत की अपेक्षित विकास दर को 6.8% तक घटा दिया है, लेकिन फिर भी यह दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था रहेगी । आईएमएफ को उम्मीद है कि 2023 में भारतीय अर्थव्यवस्था 6.1% की दर से बढ़ेगी।
जुलाई 2022 में आईएमएफ ने कहा था कि भारत चालू वित्त वर्ष में 7.4% की दर से बढ़ेगा। आईएमएफ नवीनतम अंतरराष्ट्रीय एजेंसी है जिसने भारतीय विकास दर में कटौती की है।
हालांकि, आईएमएफ को अभी भी उम्मीद है कि चीन (4.4%), सऊदी अरब (3.7%), और नाइजीरिया (3%) से आगे दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में, भारतीय आर्थिक विकास सबसे अधिक होगा।
विश्व आर्थिक विकास की संभावनाएं
आईएमएफ के अनुसार 2022 में विश्व अर्थव्यवस्था के 3.2% बढ़ने की संभावना है, जबकि संयुक्त राज्य की अर्थव्यवस्था 1.6% बढ़ने की उम्मीद है।
आईएमएफ ने कहा कि 2023 में वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि 2.7% तक धीमी हो जाएगी, क्योंकि उच्च ब्याज दरें के कारण अमेरिकी अर्थव्यवस्था की गति धीमी हों जाएगी , गैस की कीमतों में वृद्धि के कारण यूरोप में अर्थव्यवस्था परप्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा तथा चीनमें निरंतर कोविड -19 लॉकडाउन और कमजोर संपत्ति बाज़ार के कारण अर्थव्यवस्था में विकास दर कमज़ोर रहेगा ।
आईएमएफ के मुख्य अर्थशास्त्री पियरे-ओलिवियर गौरींचस ने एक बयान में कहा, "तीन सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएं, संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन और यूरो क्षेत्र में ठहराव जारी रहेगा।" संक्षेप में, सबसे खराब स्थिती अभी आना बाकी है, और कई लोगों के लिए, 2023 कोमंदी की तरह महसूस करेंगे ।"
आईएमएफ विश्व बैंक की वार्षिक बैठक 2022
यह रिपोर्ट आईएमएफ और विश्व बैंक की वार्षिक बैठक की पूर्व संध्या पर जारी की गई थी जो 10 -16 अक्टूबर 2022 तक वाशिंगटन डीसी में आयोजित होने जा रही है। कोविड संबंधित प्रतिबंध के कारण तीन वर्षों के बाद यह पहली व्यक्तिगत बैठक है ।
भारतीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रही हैं।
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष
यह एक अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थान है जिसकी स्थापना 1 जुलाई से 22 जुलाई 1944 तक संयुक्त राज्य अमेरिका में आयोजित ब्रेटन वुड्स सम्मेलन के बाद की गई थी।
इसकी स्थापना जुलाई 1944 में हुई थी।
यह भुगतान संतुलन संकट का सामना कर रहे सदस्य देशों को ऋण प्रदान करने के लिए स्थापित किया गया था।
एक देश जो आईएमएफ का सदस्य है वह स्वतः ही विश्व बैंक का सदस्य बन जाता है।
आईएमएफ के कुल सदस्य: 189
मुख्यालय: वाशिंगटन डी. सी., संयुक्त राज्य अमेरिका
प्रबंध निदेशक: क्रिस्टालिना जॉर्जीवा
आईएमएफ की लेखा इकाई: स्पेशल ड्राइंग राइट्स (एसडीआर)
2. विश्व बैंक ने 2022-23 में भारत के विकास के अनुमान को घटाकर 6.5% कर दिया
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विश्व बैंक ने 6 अक्टूबर 2022 को जारी दक्षिण एशिया पर अपनी नवीनतम रिपोर्ट में 2022-23 में अपेक्षित भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर को घटाकर 6.5% कर दिया है, जो कि जून 2022 में अनुमानित 7.5% थी।
दक्षिण एशियाई क्षेत्र - जिसमें भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, नेपाल, भूटान और मालदीव शामिल हैं, के विकास अनुमानों को जून में 6.8% पूर्वानुमान से घटाकर 5.8% कर दिया गया।
बैंक ने यूक्रेन में युद्ध के प्रभाव का हवाला दिया, जिससे कमोडिटी की कीमतों में वृद्धि हुई है, और इस क्षेत्र में कोविड -19 महामारी के प्रभाव से आर्थिक विकास असमतल हुए है ।
हाल ही में एक रिपोर्ट में व्यापार और विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन ने भी 2022 में भारतीय आर्थिक विकास को संशोधित कर 5.7% कर दिया।
यह तीसरी बार है जब विश्व बैंक ने 2022-23 में भारत के लिए अपने सकल घरेलू उत्पाद के विकास के अनुमान को संशोधित किया है। जून में, इसने भारत के लिए अपने सकल घरेलू उत्पाद के विकास के अनुमान को घटाकर 7.5% कर दिया था। इससे पहले अप्रैल में, इसने पूर्वानुमान को 8.7% से घटाकर 8% कर दिया था।
विस्तारित भू-राजनीतिक तनाव और वैश्विक स्तर पर सख्त मौद्रिक नीति के कारणों को हवाला देते हुए , भारतीय रिजर्व बैंक ने हाल ही में चालू वित्त वर्ष के लिए आर्थिक विकास के अनुमान को 7.2% से घटाकर 7% कर दिया है।
परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण
विश्व बैंक मुख्यालय: वाशिंगटन डी.सी,संयुक्त राज्य अमेरिका
विश्व बैंक के अध्यक्ष: डेविड मलपास
विश्व बैंक द्वारा जारी रिपोर्ट इस प्रकार हैं
- विश्व विकास रिपोर्ट
- वैश्विक आर्थिक संभावना
- ईज ऑफ डूइंग बिजनेस (इसे अब निलंबित कर दिया गया है)
3. विश्व व्यापार संगठन ने 2022 में विश्व व्यापार के लिए अपने पूर्वानुमान को घटाकर 3% कर दिया
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विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) ने 5 अक्टूबर 2022 को जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में अपने 2022 के वैश्विक व्यापार विकास दर के अनुमान को 3.5% के पूर्वानुमान से घटाकर 3% कर दिया है। डब्ल्यूटीओ के अनुसार , जिंस(कमोडिटी)की उच्च कीमतों और बढ़ती ब्याज दरों से आयात की मांग पर अंकुश लगेगा, और साथ ही उसने यूक्रेन में संघर्ष बढ़ने पर विश्व व्यापार में संभावित संकुचन की चेतावनी भी दी।
डब्ल्यूटीओ को वैश्विक अनिश्चितताओं के कारण, 2023 में , विश्व व्यापार में वृद्धि धीमी होकर एक प्रतिशत रहने की उम्मीद है।
विश्व व्यापार के लिए चिंता के क्षेत्र का विस्तार करते हुए विश्व व्यापार संगठन के महानिदेशक नोगोज़ी ओकोन्जो-इवेला ने जिनेवा में कहा कि "अगर यूक्रेन में युद्ध बेहतर होने के बजाय बिगड़ता है, तो इसका बहुत बड़ा प्रभाव होने वाला है,"
यूक्रेन में युद्ध, उच्च ऊर्जा की कीमतों, मुद्रास्फीति, और कठोर मौद्रिक निति सहित कई झटकों से विश्व व्यापार और आर्थिक उत्पादन पर बुरा असर पड़ेगा ।
विश्व व्यापार संगठन ने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध से उपजे उच्च ऊर्जा की कीमतों के कारण यूरोप में मांग घटेगी और विनिर्माण की लागत बढ़ेगी।
विश्व व्यापार संगठन के अनुसार, संयुक्त राज्य अमेरिका में मौद्रिक नीति सख्त होने से आवास, मोटर वाहन और निश्चित निवेश जैसे क्षेत्रों में ब्याज-संवेदनशील खर्च प्रभावित होगा।
विश्व व्यापार संगठन को उम्मीद है कि विश्व जीडीपी 2022 में 2.8% और 2023 में 2.3% (3.2% से संशोधित) बढ़ेगा।
विश्व व्यापार संगठन
- विश्व व्यापार संगठन इसकी स्थापना 1 जनवरी 1995 को जनरल अग्रीमेंट ओन ट्रेड एंड टैरिफ (GATT) के स्थान पर की गई थी।
- इसका मुख्य उद्देश्य दुनिया में नियम आधारित व्यापार व्यवस्था को बढ़ावा देना है और यह सदस्य देशों के बीच व्यापार संबंधी विवादों को भी सुलझाता है।
- विश्व व्यापार संगठन का मुख्यालय जिनेवा, स्विट्जरलैंड में है।
- विश्व व्यापार संगठन में 164 सदस्य देश हैं।
- विश्व व्यापार संगठन के महानिदेशक: नाइजीरिया के डॉ न्गोज़ी-ओकोन्जो-इवेला
- विश्व व्यापार संगठन द्वारा जारी रिपोर्ट: विश्व व्यापार रिपोर्ट
4. 2022 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर घटकर 5.7 प्रतिशत रह जाएगी: यूएनसीटीएडी
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व्यापार और विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (यूएनसीटीएडी/अंकटाड) की व्यापार और विकास रिपोर्ट 2022 के अनुसार, 2022 (जनवरी-दिसंबर अवधि) में भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर घटकर 5.7% रहने की उम्मीद है। रिपोर्ट 3 अक्टूबर 2022 को जारी की गई थी।
रिपोर्ट के अनुसार , भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर 2023 में घटकर 4.7% रह जाएगी।
2021-22 में भारतीय अर्थव्यवस्था में 8.7% की वृद्धि हुई थी और चालू वित्त वर्ष (2022-23) की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में इसमें 13.5% की वृद्धि हुई है ।
भारतीय रिजर्व बैंक ने भी 30 सितंबर 2022 को अपनी नवीनतम मौद्रिक नीति समीक्षा में 2022-23 के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था की अपेक्षित विकास दर को घटाकर 7% कर दिया था ।
भारत की आर्थिक विकास दर को कम करने के लिए अंकटाड रिपोर्ट द्वारा उद्धृत मुख्य कारण प्रतिकूल वैश्विक आर्थिक परिस्थितियों के कारण सरकार के पूंजीगत व्यय में अपेक्षित कमी है।
अंकटाड ने कहा कि उसे उम्मीद है कि 2022 में दक्षिण एशिया क्षेत्र का 4.9 प्रतिशत की गति से विस्तार होगा
अंकटाड के अनुसार , 2022 में अमेरिकी अर्थव्यवस्था 1.9 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी और 2023 में 0.9 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी ।
चीन की आर्थिक वृद्धि 2022 में 3.9 प्रतिशत और 2023 में 5.3 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है।
विभिन्न एजेंसियों द्वारा भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर का पूर्वानुमान (3 अक्टूबर 2022 तक)
एजेंसी /संस्थान | 2022-23 के लिए पूर्वानुमान |
भारतीय रिजर्व बैंक | 7.0% |
विश्व बैंक | 7.5% |
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष | 7.4% |
एशियाई विकास बैंक | 7.2% |
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया | 6.8% |
मूडी इन्वेस्टर सर्विस | 7.7% |
इंडिया रेटिंग | 6.9% |
स्टैण्डर्ड एंड पुअर (एसएंडपी) | 7.3% |
यूएनसीटीएडी(अंकटाड ) | 5.7% |
ओईसीडी | 6.9% |
फिच रेटिंग | 7% |
यूएनसीटीएडी (संयुक्त राष्ट्र व्यापार और विकास सम्मेलन)
यूएनसीटीएडी 1964 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा स्थापित एक स्थायी अंतर सरकारी निकाय है।
इसकी स्थापना विश्व व्यापार में विकासशील देशों के हितों को बढ़ावा देने के लिए की गई थी।
यह विश्व निवेश रिपोर्ट भी जारी करता है।
मुख्यालय: जिनेवा, स्विट्ज़रलैंड
अंकटाड के कार्यालय: संयुक्त राज्य अमेरिका में न्यूयॉर्क और इथियोपिया में अदीस अबाबा
महासचिव: कोस्टा रिका की श्रीमती रेबेका ग्रिनस्पैन
5. बढ़ती मुद्रास्फीति से वैश्विक मंदी की सबसे अधिक संभावना : विश्व आर्थिक मंच
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28 सितंबर 2022 को जारी एक रिपोर्ट में, विश्व आर्थिक मंच (WEF) ने कहा कि लगातार उच्च मुद्रास्फीति और वास्तविक मजदूरी में गिरावट के कारण वैश्विक मंदी की संभावना बढ़ रही है।
विश्व आर्थिक मंच के मुख्य अर्थशास्त्री आउटलुक रिपोर्ट के अनुसार, 2022-2023 में दुनिया भर में वास्तविक मजदूरी में गिरावट जारी रहने की उम्मीद है और जीवन यापन की बढती खर्च से सामाजिक अशांति का खतरा है, हालांकि इसी रिपोर्ट में यह भी कहा गया है की अगले साल मुद्रास्फीति कम होने की उम्मीद है।
वित्त, बीमा, पेशेवर सेवाओं और प्रौद्योगिकी उद्योगों के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय संगठनों और क्षेत्रीय विकास बैंकों के 50 से अधिक अर्थशास्त्रियों के सर्वेक्षण में यह पाया गया कि 2022 और 2023 में आर्थिक विकास दर कम रहने की संभावना है , उच्च मुद्रास्फीति और वास्तविक मजदूरी में निरंतर गिरावट रहने की उम्मीद हैं।
दस में से औसतन सात अर्थशास्त्री वैश्विक मंदी को कम से कम "कुछ हद तक संभावित" मानते हैं।
विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ)
विश्व आर्थिक मंच की स्थापना जर्मन इंजीनियर, अर्थशास्त्री प्रोफेसर क्लॉस श्वाब ने यूरोपीय प्रबंधन फोरम के रूप में जिनेवा, स्विट्जरलैंड में की थी।
1987 में इसका नाम बदलकर वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम कर दिया गया।
डब्ल्यूईएफ वैश्विक, क्षेत्रीय और उद्योग एजेंडा को प्रभावित करने और निर्धारित करने के लिए दुनिया के शीर्ष राजनीतिक, व्यापारिक नेताओं के साथ बैठक और एक मंच प्रदान करता है ।
यह दावोस, स्विट्ज़रलैंड में एक वार्षिक बैठक आयोजित करता है जहां विश्व राजनीतिक और व्यापारिक नेता अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एकत्रित होते हैं
यह निम्नलिखित रिपोर्ट जारी करता है;
वैश्विक लिंग रिपोर्ट(Global Gender Report);
मुख्य अर्थशास्त्री आउटलुक (Chief Economist Outlook) ;
वैश्विक जोखिम रिपोर्ट (Global Risk Report;)
पर्यावरण प्रदर्शन रिपोर्ट (Environmental Performance Report);
वैश्विक प्रतिस्पर्धी सूचकांक (Global Competitive Index).
डब्ल्यूईएफ का मुख्यालय: जिनेवा, स्विट्ज़रलैंड
6. ओईसीडी को 2022-23 में भारत की विकास दर 6.9% रहने की उम्मीद है
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आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी) ने चालू वित्त वर्ष 2022-23 के लिए भारत के सकल घरेलू उत्पाद में 6.9% की वृद्धि के अपने अनुमान को बरकरार रखा है।
ओईसीडी को उम्मीद है कि अगले वित्त वर्ष 2023-24 में भारतीय विकास दर 5.7% होगी।
वैश्विक रेटिंग एजेंसी स्टैंडर्ड एंड पूअर (एसएंडपी) ने भी वित्त वर्ष 2022-23 के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था की 7.3% विकास दर के अपने पूर्वानुमान को बनाए रखा है।
आर्थिक आउटलुक एशिया-प्रशांत Q3 2022 रिपोर्ट शीर्षक वाली अपनी रिपोर्ट में, 2023-24 में भारत की विकास दर 6.5% रहने का अनुमान लगाया गया है।
इससे पहले सितंबर में जारी एक रिपोर्ट में एशियाई विकास बैंक ने 2022-23 के लिए भारत के लिए विकास दर के अनुमान को घटाकर 7% कर दिया था।
आरबीआई ने 2022-23 में भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए 7.2% की वृद्धि दर का अनुमान लगाया है।
2021-22 में भारतीय अर्थव्यवस्था में 8.7% की वृद्धि हुई और चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून 2022) में यह 13.5% बढ़ी।
आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी )
यह 16 दिसंबर 1960 को 18 यूरोपीय देशों और संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा द्वारा स्थापित किया गया था। यह एक थिंक टैंक है जो मुक्त बाजार अर्थव्यवस्था का समर्थन करता है।
ओईसीडी दुनिया भर में आर्थिक विकास के दृष्टिकोण पर आर्थिक रिपोर्ट, सांख्यिकीय डेटाबेस, विश्लेषण और पूर्वानुमान प्रकाशित करता है।
वर्तमान में इसके यूरोप, दक्षिण अमेरिका, एशिया और उत्तरी अमेरिका के 38 सदस्य देश हैं।
भारत, चीन ओईसीडी के सदस्य नहीं हैं।
मुख्यालय: पेरिस, फ्रांस
7. इंडिया डिस्क्रिमिनेशन रिपोर्ट 2022
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ऑक्सफैम इंडिया ने हाल ही में 'इंडिया डिस्क्रिमिनेशन रिपोर्ट 2022' जारी की. रिपोर्ट में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि महिलाओं और हाशिए के समुदायों को नौकरी के बाजार में भेदभाव का सामना करना पड़ता है।
महत्वपूर्ण तथ्य -
रिपोर्ट की मुख्य बातें :
श्रम बल भागीदारी दर (एलएफपीआर) :-
भारत में महिलाओं की श्रम शक्ति भागीदारी दर (LFPR) 2021 में सिर्फ 25 प्रतिशत थी।
यह ब्राजील, रूस, चीन और दक्षिण अफ्रीका से काफी कम है।
कम भागीदारी मुख्य रूप से मजदूरी और अवसरों में लैंगिक भेदभाव के कारण थी.
वेतन का अंतर :-
स्व-नियोजित शहरी पुरुष अपनी महिला समकक्षों की तुलना में 2.5 गुना अधिक कमाते हैं।
इस वेतन अंतर का 83 प्रतिशत लिंग आधारित भेदभाव के लिए जिम्मेदार है।
ग्रामीण क्षेत्रों में, पुरुषों और महिलाओं के बीच आय का अंतर 93 प्रतिशत है जो लैंगिक भेदभाव के कारण है।
शैक्षिक योग्यता के साथ भेदभाव :-
महिलाओं की रोजगार की स्थिति उनकी शैक्षिक योग्यता पर निर्भर नहीं करती है।
सामाजिक मानक :-
पारिवारिक जिम्मेदारियों के कारण योग्य महिलाओं का एक बड़ा वर्ग श्रम बाजार में उपलब्ध नहीं है।
सुशिक्षित और आर्थिक रूप से बेहतर घरों की महिलाएं अक्सर सामाजिक-सांस्कृतिक कारणों से श्रम शक्ति से हट जाती हैं।
यात्रा के दौरान असुरक्षा और समय पर कार्यालय जाने की आवश्यकता और पारिवारिक कारणों के कारण महिलाएं श्रम बाजार में प्रवेश नहीं करती हैं।
वेतनभोगी नौकरियों की कमी :-
60 प्रतिशत शहरी पुरुष वेतनभोगी नौकरियों में लगे हैं या स्वरोजगार कर रहे हैं, जबकि महिलाओं में यह आंकड़ा घटकर मात्र 19 प्रतिशत रह गया है।
एससी, एसटी समुदायों में स्थिति :-
एससी और एसटी महिलाएं ख़राब सामाजिक-आर्थिक परिस्थितियों के कारण कम उम्र में बिना किसी औपचारिक शिक्षा के काम करना शुरू कर देती हैं।
इसका मतलब यह है कि शैक्षिक योग्यता या उम्र से अधिक, सामाजिक कारक ग्रामीण महिलाओं के काम से बाहर निकलने या दूर रहने के लिए निर्धारक कारक हैं।
अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदाय के व्यक्ति राष्ट्रीय औसत से 5,000 रुपये कम कमाते हैं।
ऑक्सफैम इंडिया :-
यह भेदभाव को समाप्त करने और एक स्वतंत्र और न्यायपूर्ण समाज बनाने के लिए काम करने वाले लोगों का एक संगठन है।
यह ऑक्सफैम वैश्विक परिसंघ का एक हिस्सा है जिसमें 21 देश सहयोगी की भूमिका में एक साथ मिलकर एक बेहतर दुनिया का निर्माण कर रहे हैं।
8. लोकतंत्र का अंतर्राष्ट्रीय दिवस
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हर साल 15 सितंबर को अंतरराष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। अंतरराष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस दुनिया में लोकतंत्र की स्थिति की समीक्षा करने का अवसर प्रदान करता है।
संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, लोकतंत्र एक सार्वभौमिक रूप से मान्यता प्राप्त आदर्श है और संयुक्त राष्ट्र के मूल मूल्यों और सिद्धांतों में से एक है। लोकतंत्र मानव अधिकारों के संरक्षण और प्रभावी प्राप्ति के लिए एक वातावरण प्रदान करता है।
महत्वपूर्ण तथ्य -
दिवस की पृष्ठभूमि :
- 2007 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 15 सितंबर को अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस के रूप में मनाने का प्रस्ताव पारित किया था । पहला अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस 15 सितंबर 2008 को मनाया गया था।
विषय 2022 :
- अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस 2022 का विषय : लोकतंत्र के लिए प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा करना
- इस साल का विषय लोकतंत्र, शांति और सतत विकास लक्ष्यों को पूरा करने के लिए मीडिया की स्वतंत्रता के महत्व पर केंद्रित है।
- इकोनॉमिक इंटेलिजेंस यूनिट की डेमोक्रेसी इंडेक्स 2021 की रिपोर्ट के अनुसार, भारत 167 देशों में 46वें स्थान पर था। नॉर्वे शीर्ष पर था और इसे दुनिया का सबसे लोकतांत्रिक देश माना गया था।
अमेरिकी राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन ने कहा था, "लोकतंत्र लोगों का, लोगों के लिए और लोगों द्वारा शासन है"(Democracy is a rule of the people, for the people and by the people")।
9. आईएमएफ ने वैश्विक विकास पूर्वानुमानों में कटौती की, उच्च मुद्रास्फीति की चेतावनी दी मंदी का खतरा
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अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ ने 26 जुलाई को फिर से वैश्विक विकास अनुमानों में कटौती की।
महत्वपूर्ण तथ्य
आईएमएफ ने चेतावनी दी कि उच्च मुद्रास्फीति और यूक्रेन युद्ध के कारण अर्थव्यवस्था में वृद्धि नीचे की ओर बढ़ रहा है और अगर अनियंत्रित छोड़ दिया गया तो विश्व अर्थव्यवस्था मंदी के कगार पर पहुँच सकती है।
आईएमएफ ने कहा कि वैश्विक वास्तविक जीडीपी वृद्धि अप्रैल में जारी 3.6% के पूर्वानुमान से 2022 में 3.2% तक धीमी हो जाएगी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन और रूस में मंदी के कारण दुनिया की जीडीपी वास्तव में दूसरी तिमाही में सिकुड़ी है।
आईएमएफ ने सख्त मौद्रिक नीति के प्रभाव का हवाला देते हुए अपने 2023 के विकास के अनुमान को 3.6% के अप्रैल के अनुमान से घटाकर 2.9% कर दिया।
1970 के बाद से ग्लोबल ग्रोथ केवल पांच बार 2% से नीचे गिरा है।
1973, 1981 और 1982, 2009 और 2020 में COVID-19 महामारी की वजह से ग्लोबल ग्रोथ 2% से नीचे गिरी है और मंदी की स्थिति उत्पन्न हुई है।
वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए भारत का विकास पूर्वानुमान भी बढ़ते आर्थिक जोखिमों के कारण 0.8 प्रतिशत अंक घटाकर 6.1% कर दिया गया है।
अन्य संस्थानों द्वारा भारत के विकास का पूर्वानुमान
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) का 2022-23 में भारत की वृद्धि का अनुमान - 7.2%
2022-23 के लिए एशियाई विकास बैंक का भारत का विकास पूर्वानुमान - 7.2%
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के बारे में
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF), एक संयुक्त राष्ट्र (UN) विशेष एजेंसी, की स्थापना 1944 में ब्रेटन वुड्स सम्मेलन में अंतर्राष्ट्रीय मौद्रिक नीतियों को सुरक्षित करने के लिए की गई थी।
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष 189 सदस्य देशों वाला एक संगठन है।
प्रथम उप प्रबंध निदेशक- गीता गोपीनाथ
मुख्यालय- वाशिंगटन, डीसी, यू.एस.
प्रबंध निदेशक- क्रिस्टालिना जॉर्जीवा
मुख्य अर्थशास्त्री - पियरे ओलिवियर गौरिनचास
10. ‘'कॉस्ट ऑफ लिविंग क्राइसिस इन डेवलपिंग कंट्रीज" रिपोर्ट
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14 जुलाई, 2022 को, संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) ने अपनी ‘'कॉस्ट ऑफ लिविंग क्राइसिस इन डेवलपिंग कंट्रीज" रिपोर्ट प्रकाशित की।
रिपोर्ट के बारे में
शीर्षक - विकासशील देशों में रहने की लागत के संकट को संबोधित करना: गरीबी और भेद्यता अनुमान और नीति प्रतिक्रियाएं।
रिपोर्ट के उद्देश्य
यह वैश्विक गरीबी और भेद्यता पर खाद्य और ऊर्जा मुद्रास्फीति के संभावित प्रभावों का अनुमान लगाता है।
इस रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक जीवन-यापन संकट दुनिया के सबसे गरीब देशों में अन्य 71 मिलियन लोगों को अत्यधिक गरीबी में धकेल रहा है।
159 से अधिक विकासशील देशों के विश्लेषण से पता चला है कि 2022 में प्रमुख वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि उप-सहारा अफ्रीका, एशिया और बाल्कन के कुछ हिस्सों को पहले से ही परेशान कर रही है I
इस रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि, जीवन की लागत का संकट लाखों लोगों को खतरनाक गति से गरीबी और भुखमरी में धकेल कर रहा है।
UNDP की सिफारिश
यूएनडीपी के अनुसार, ऊर्जा और खाद्य कीमतों पर व्यापक सब्सिडी की तुलना में सरकारों द्वारा लक्षित नकद हस्तांतरण अधिक “न्यायसंगत और लागत प्रभावी” साबित होगा।
UNDP ने अनुरूप कार्रवाई के लिए कहा है। इसने कमजोर लोगों को सीधे नकद हस्तांतरण प्रदान करने के लिए कहा है। इसने धनी राष्ट्रों को ऋण सेवा निलंबन पहल (DSSI) का और विस्तार करने के लिए भी कहा, जो उन्होंने COVID-19 महामारी के दौरान गरीब देशों की मदद करने के लिए निर्धारित किया है।
संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) के बारे में
UNDP एक संयुक्त राष्ट्र निकाय है, जो देशों को गरीबी दूर करने और सतत आर्थिक विकास और मानव विकास प्राप्त करने में मदद करता है।
इसका मुख्यालय न्यूयॉर्क शहर में है, और इसके 170 देशों में कार्यालय हैं।
यूएनडीपी संयुक्त राष्ट्र की सबसे बड़ी विकास सहायता एजेंसी है।