1. हाइड्रोजन मिश्रित पीएनजी परियोजना का संचालन एनटीपीसी कवास, गुजरात में शुरू हुआ
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भारत की सबसे बड़ी बिजली कंपनी एनटीपीसी लिमिटेड ने कवास में भारत की पहली हरित हाइड्रोजन सम्मिश्रण परियोजना शुरू की है। एनटीपीसी कवास टाउनशिप, सूरत में गुजरात गैस लिमिटेड पाइप्ड नेचुरल गैस (पीएनजी) नेटवर्क के माध्यम से ग्रीन हाइड्रोजन गैस के साथ मिश्रित पाइप्ड नेचुरल गैस (पीएनजी) की आपूर्ति की जा रही है।
ग्रीन हाइड्रोजन ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोतों का उपयोग करके पानी के अणु को हाइड्रोजन और ऑक्सीजन में तोड़ने को संदर्भित करता है।
केंद्र सरकार के स्वामित्व वाली एनटीपीसी ब्लेंडिंग उद्देश्यों के लिए गुजरात के सूरत जिले में एनटीपीसी कवास की 1 मेगावाट फ्लोटिंग सौर परियोजना में उत्पादित ग्रीन हाइड्रोजन प्रदान करती है।
प्रारंभ में, पीएनजी में हाइड्रोजन सम्मिश्रण का प्रतिशत लगभग 5% होगा और सफल समापन के बाद इसे बढ़ाया जाएगा। हाइड्रोजन मिश्रित पीएनजी का उपयोग खाना पकाने के लिए किया जाएगा।
यह देश में अपनी तरह की पहली परियोजना है। इसे खाना पकाने के क्षेत्र के डीकार्बोनाइजेशन और राष्ट्र की ऊर्जा आवश्यकताओं के लिए आत्मनिर्भरता की दिशा में पहले कदम के रूप में देखा जा रहा है।
2. साड़ी महोत्सव "विरासत" का दूसरा चरण - भारत की 75 हाथ से बुनी साड़ियों का उत्सव नई दिल्ली में शुरू हुआ
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साड़ी महोत्सव "विरासत" का दूसरा चरण - भारत की 75 हाथ से बुनी साड़ियों का उत्सव 3- 17 जनवरी 2023 से नई दिल्ली में शुरू होगा। केंद्रीय कपड़ा मंत्रालय उत्सव का आयोजन कर रहा है।
भारत के विभिन्न हिस्सों से 90 से अधिक प्रतिभागी जामदानी, इकत, पोचमपल्ली, बनारस ब्रोकेड, तुषार सिल्क (चंपा), बालूचरी, भागलपुरी रेशम, तंगेल, चंदेरी, ललितपुरी, पटोला, पैठानी आदि की हथकरघा साड़ियों जैसी विभिन्न प्रकार की साड़ियों का प्रदर्शन करेंगे।
विरासत" - भारत की हाथ से बुनी 75 साड़ियों का उत्सव का पहला चरण 16 दिसंबर 2022 से शुरू होकर 30 दिसंबर 2022 को संपन्न हुआ।
इस कार्यक्रम का उद्घाटन माननीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने 16 दिसंबर 2022 को किया था। इस अवसर पर माननीय राज्य मंत्री श्रीमती दर्शना जरदोश और अन्य महिला सांसद भी उपस्थित थीं।
इस आयोजन से सदियों पुरानी साड़ी बुनने की परंपरा की ओर नए सिरे से ध्यान आकृष्ट होने की संभावना है और इस तरह हथकरघा समुदाय की कमाई में सुधार होगा।
केंद्रीय कपड़ा मंत्री: पीयूष गोयल
3. केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने केरल के कन्नूर में भारतीय पुस्तकालय कांग्रेस का उद्घाटन किया
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केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने 1 जनवरी 2023 को केरल के कन्नूर में कलेक्ट्रेट ग्राउंड में भारतीय पुस्तकालय कांग्रेस का उद्घाटन किया।
इंडियन लाइब्रेरी कांग्रेस का आयोजन पीपुल्स मिशन फॉर सोशल डेवलपमेंट एंड लाइब्रेरी काउंसिल द्वारा 1 -3 जनवरी 2023 तक किया जा रहा है और इसकी मेजबानी कन्नूर विश्वविद्यालय, केरल द्वारा की जा रही है।
भारतीय पुस्तकालय कांग्रेस में तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, तमिलनाडु, कर्नाटक, बिहार और अन्य राज्यों और विदेशों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।
इससे पहले 26 दिसंबर 2022 को मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने घोषणा की थी कि उनका निर्वाचन क्षेत्र धर्मदम भारत का पहला पूर्ण पुस्तकालय क्षेत्र बन गया है।
4. प्रधानमंत्री नागपुर में आयोजित होने वाली 108वीं भारतीय विज्ञान कांग्रेस को संबोधित करेंगे
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 3 जनवरी, 2023 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 108वीं भारतीय विज्ञान कांग्रेस (आईएससी) को संबोधित करेंगे। 108वीं भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान कांग्रेस का आयोजन भारतीय विज्ञान कांग्रेस संघ द्वारा 3 से 7 जनवरी 2023 तक राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय में किया जा रहा है।
जनवरी 2022 में 107वीं भारतीय विज्ञान कांग्रेस 2022 कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय, जीकेवीके कैंपस, बैंगलोर, कर्नाटक में आयोजित की गई थी।
108वीं भारतीय विज्ञान कांग्रेस 2023 की थीम: "महिला सशक्तिकरण के साथ सतत विकास के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी"।
कांग्रेस सतत विकास, महिला सशक्तिकरण और इसे प्राप्त करने में विज्ञान और प्रौद्योगिकी की भूमिका के मुद्दों पर चर्चा करेगी। विज्ञान और प्रौद्योगिकी में महिलाओं के योगदान को प्रदर्शित करने के लिए एक विशेष कार्यक्रम भी आयोजित किया जाएगा, जिसमें प्रसिद्ध महिला वैज्ञानिकों के व्याख्यान भी होंगे।
आईएससी में अन्य कार्यक्रम
आईएससी के साथ-साथ कई अन्य कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे। बच्चों के बीच वैज्ञानिक रुचि और स्वभाव को प्रोत्साहित करने में मदद करने के लिए बाल विज्ञान कांग्रेस का भी आयोजन किया जाएगा। किसान विज्ञान कांग्रेस जैव-अर्थव्यवस्था में सुधार और युवाओं को कृषि के प्रति आकर्षित करने के लिए एक मंच प्रदान करेगी।
जनजातीय विज्ञान कांग्रेस भी आयोजित की जाएगी, जो आदिवासी महिलाओं के सशक्तिकरण पर ध्यान देने के साथ-साथ स्वदेशी प्राचीन ज्ञान प्रणाली और परंपरा को वैज्ञानिक तरीके से दर्शाने के लिए एक मंच होगा।
भारतीय विज्ञान कांग्रेस संघ (इंडियन साइंस कांग्रेस एसोसिएशन)
भारतीय विज्ञान कांग्रेस संघ की स्थापना का मुख्य श्रेय दो ब्रिटिश रसायनज्ञों, प्रोफेसर जे.एल. सिमोनसेन और प्रोफेसर पी.एस. मैकमोहन को दिया जाता है। भारतीय विज्ञान कांग्रेस संघ की स्थापना 1914 में कोलकाता में हुई थी।
इन ब्रिटिश रसायनज्ञों, का विचार था कि यदि ब्रिटिश एसोसिएशन फॉर द एडवांसमेंट ऑफ साइंस की तर्ज पर भारत में अगर अनुसंधान कार्यकर्ताओं की वार्षिक बैठक आयोजित की जा सकती है तो भारत में वैज्ञानिक अनुसंधान को बढ़ावा मिलेगा।
हर साल भारतीय विज्ञान कांग्रेस संघके सदस्य जनवरी के पहले सप्ताह में भारतीय विज्ञान कांग्रेस के नाम से आयोजित सम्मलेन में मिलते हैं। 1914 में कांग्रेस का पहला अधिवेशन हुआ था।
5. इसरो, आंध्र विश्वविद्यालय चीर धाराओं की भविष्यवाणी करने और समुद्र में डूबने से रोकने के लिए उपकरण स्थापित करेगा
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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) राष्ट्रीय पृथ्वी विज्ञान केंद्र,तिरुवनंतपुरम और आंध्र विश्वविद्यालय ,संयुक्त रूप से विशाखापत्तनम, आंध्र प्रदेश के ऋषिकोंडा और आरके समुद्र तट पर चीर धाराओं का पूर्वानुमान लगाने के लिए उपकरण स्थापित करेगा।
राज्य सरकार के अनुसार 2012 से 2022 के बीच विशाखापत्तनम और उसके आसपास के विभिन्न समुद्र तटों पर 200 से अधिक लोग समुद्र में डूब गए हैं और इनमें से शहर के आरके समुद्र तट पर 60 प्रतिशत मौतें हुई हैं। अधिकांश मौत चीरधाराओं की वजह से हुई है।
उपकरण का उपयोग स्थानीय समुद्री और स्थानीय पुलिस को सूचित करने के लिए किया जाएगा ताकि तटीय क्षेत्रों में लोगों को सचेत किया जा सके ।
चीर धाराएँ तेज़ गति वाले पानी के शक्तिशाली, संकीर्ण चैनल हैं जो किनारे से समुद्र की ओर बहते हैं। चीर धाराएं इतनी शक्तिशाली होती हैं कि वे लोगों को तटरेखा से दूर समुद्र की ओर खींच लेती हैं। अधिकांश लोग जो चीर धाराओं द्वारा खींचे जाते हैं, वे डूब कर मर जाते हैं जब वे खुद को बचाए रखने और किनारे तक तैरने में असमर्थ हों जाते हैं।
दुनिया के लगभग सभी समुद्र तटों में रिप धाराएँ पाई जाती हैं।
6. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कर्नाटक के देवनहल्ली में केंद्रीय जासूसी प्रशिक्षण संस्थान (सीडीटीआई) की आधारशिला रखी
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केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने 31 दिसंबर 2022 को कर्नाटक के देवनहल्ली में केंद्रीय जासूसी प्रशिक्षण संस्थान (सीडीटीआई) की आधारशिला रखी। यह देश में केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो का छठा सीडीटीआई होगा।
सीडीटीआई का देवनहल्ली केंद्र पड़ोसी राज्यों कर्नाटक, महाराष्ट्र, गोवा और केंद्र शासित प्रदेश दमन-दीव की फोरेंसिक जरूरतों को पूरा करेगा।
केंद्रीय जासूस प्रशिक्षण संस्थान (सीडीटीआई)
देश में पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो के अंतर्गत पांच कार्यरत केंद्रीय जासूस प्रशिक्षण संस्थान (सीडीटीआई) हैं। पहला सीडीटीआई कलकत्ता में 1958 में स्थापित किया गया था। अन्य हैदराबाद, चंडीगढ़, जयपुर और गाजियाबाद में स्तिथ हैं। सीडीटीआई का उद्देश्य डिप्टी एसएसपी रैंक तक के पुलिस कर्मियों को प्रशिक्षण प्रदान करना है।
सेवाकालीन प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य फोरेंसिक विज्ञान में विभिन्न विकासों के साथ पुलिस जांच अधिकारियों को परिचित कराकर इस देश में अपराध जांच के स्तर में सुधार करना है। उन्हें आधुनिक अपराधी के कौशल और संसाधनों से मेल खाने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है।
पुलिस कर्मियों को वैज्ञानिक तरीकों और नई तकनीकों और प्रक्रियाओं को अपनाने और विज्ञान की विभिन्न शाखाओं की सहायता लेने के लिए सिखाया जाता है।
पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो के महानिदेशक: बालाजी श्रीवास्तव
7. विश्व शतरंज ब्लिट्ज चैंपियनशिप में कोनेरू हम्पी ने रजत पदक जीता
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पूर्व भारतीय विश्व रैपिड शतरंज चैंपियन कोनेरू हम्पी ने 30 दिसंबर 2022 को अल्माटी, कजाकिस्तान में संपन्न एफआईडीई वर्ल्ड ब्लिट्ज शतरंज चैंपियनशिप के महिला वर्ग में रजत पदक जीता।
वह 12.5 अंकों के साथ कजाकिस्तान की विजेता बिबिसारा बालाबायेवा से सिर्फ आधा अंक पीछे रहीं। कोनेरू हम्पी ने इससे पहले 2019 की विश्व रैपिड शतरंज चैंपियनशिप जीती थी ।
विश्व रैपिड और ब्लिट्ज शतरंज चैंपियनशिप 2022
अंतर्राष्ट्रीय शतरंज शासी निकाय एफआईडीईवर्ष के अंत में विश्व रैपिड और ब्लिट्ज शतरंज चैंपियनशिप का आयोजन करता है। इस साल यह कजाकिस्तान की राजधानी अल्माटी में 26-30 दिसंबर 2022 तक आयोजित किया गया था।
विश्व रैपिड शतरंज चैंपियनशिप
यह 26 और 28 दिसंबर को अल्माटी, कजाकिस्तान में आयोजित किया गया था।
रैपिड वर्ग में पुरुषों का खिताब विश्व के नंबर 1 खिलाड़ी नॉर्वे के मैग्नस कार्लसन ने जीता। यह चौथी बार था जब कार्लसन ने रैपिड खिताब जीता था।
महिलाओं का खिताब चीनी ग्रैंड मास्टर टैन झोंग्यी ने जीता ।
भारत की सविता श्री ने विश्व रैपिड वर्ग में कांस्य पदक जीता।
विश्व ब्लिट्ज शतरंज चैंपियनशिप
यह 29 और 30 दिसंबर को अल्माटी, कजाकिस्तान में आयोजित किया गया था।
पुरुष वर्ग में मैग्नस कार्लसन ने जीत हासिल की। वह शतरंज के इतिहास में शास्त्रीय शतरंज विश्व चैम्पियनशिप, रैपिड विश्व चैम्पियनशिप और ब्लिट्ज विश्व चैम्पियनशिप एक ही समय में जीतने वाले पहले खिलाड़ी बने।
महिला वर्ग
महिला वर्ग में कजाकिस्तान की बिबिसारा बालाबायेवा ने स्वर्ण पदक जीता जबकि कोनेरू हम्पी दूसरे स्थान पर आकर रजत पदक जीता।
रैपिड और ब्लिट्ज इवेंट में भारतीय पदक विजेता
केवल तीन भारतीय विश्वनाथन आनंद, कोनेरू हम्पी और सविता श्री ने एफआईडीई वर्ल्ड रैपिड और ब्लिट्ज शतरंज चैंपियनशिप में पदक जीते हैं।
विश्वनाथन आनंद ने 2017 के वर्ल्ड रैपिड में स्वर्ण पदक और वर्ल्ड ब्लिट्ज चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता था ।
एफआईडीई (FIDE)
अंतर्राष्ट्रीय शतरंज संघ या फ्रेंच परिवर्णी शब्द एफआईडीई (Fédération Internationale des échecs) एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है जिसे 20 जुलाई 1924 को पेरिस, फ्रांस में स्थापित किया गया था।
यह अंतरराष्ट्रीय निकाय है जो विश्व शतरंज चैंपियनशिप को नियंत्रित करता है।
एफआईडीई के अध्यक्ष: अर्कडी ड्वोरकोविच,
एफआईडीई का मुख्यालय: लुसान, स्विट्ज़रलैंड
8. एस. जयशंकर की निकोसिया यात्रा के दौरान भारत, साइप्रस ने तीन समझौतों पर हस्ताक्षर किए
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विदेश मंत्री एस जयशंकर, जो साइप्रस की तीन दिवसीय यात्रा (29-31 दिसंबर 2022) पर हैं, ने 29 दिसंबर 2022 को साइप्रस की राजधानी निकोसिया में अपने साइप्रस समकक्ष इयोनिस कसौलाइड्स के साथ तीन समझौतों पर हस्ताक्षर किए। यह एस जयशंकर की साइप्रस की पहली यात्रा है।
दोनों मंत्रियों ने निम्नलिखित समझौतों पर हस्ताक्षर किए
- दोनों देशों के बीच रक्षा और सैन्य सहयोग,
- आप्रवास और गतिशीलता पर आशय पत्र, साथ ही समझौते पर
- साइप्रस के अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) में शामिल होंबे पर एक समझौता ।
एस जयशंकर ने भारतीय स्वतंत्रता के 75 वर्ष और साइप्रस के साथ राजनयिक संबंध स्थापित करने के 60 वर्ष पूरे होने पर स्मारक डाक टिकट भी जारी किया।
मंत्री ने कहा कि भारत और साइप्रस सामूहिक रूप से खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा, समुद्री सुरक्षा के साथ-साथ टिकाऊ पर्यावरण जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर काम कर रहे हैं।
साइप्रस की अपनी तीन दिवसीय यात्रा के दौरान, जयशंकर साइप्रस के संसद के प्रतिनिधि सभा की अध्यक्षा अनीता डेमेट्रियौ से भी मुलाकात करेंगे।
वह प्रवासी भारतीयों के साथ बातचीत के अलावा साइप्रस के व्यापार और निवेश समुदाय को भी संबोधित करेंगे।
साइप्रस गणराज्य
यह पूर्वी भूमध्य सागर में स्तिथ एक यूरोपीय द्वीपीय देश है।
साइप्रस ने 1960 में ब्रिटेन से अपनी स्वतंत्रता प्राप्त की। देश में बहुसंख्यक आबादी ग्रीस मूल की है जबकि अल्पसंख्यक आबादी तुर्की मूल की है।
तुर्की ने 1974 में साइप्रस पर आक्रमण किया और 1983 में उत्तरी साइप्रस का एक तुर्की गणराज्य बनाया। तुर्की को छोड़कर कोई भी देश तुर्की साइप्रस को मान्यता नहीं देता है।
भारत भी साइप्रस सरकार को मान्यता देता है।
राजधानी : निकोसिया
मुद्रा: यूरो
राष्ट्रपति: निकोस अनास्तासियादेस
9. राष्ट्रपति मुर्मू ने प्रसाद परियोजना के तहत तेलंगाना में भद्राचलम और यूनेस्को विश्व विरासत स्थल रुद्रेश्वर मंदिर (रामप्पा), की आधारशिला रखी
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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 28 दिसंबर 2022 को केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय के तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक विरासत विस्तार अभियान (पीआरएएसएचएडी, प्रसाद) योजना के तहत विकसित जाने वाले तेलंगाना के दो परियोजना, भद्राचलम मंदिर समूह परियोजना और रुद्रेश्वर (रामप्पा) मंदिर परियोजना की आधारशिला रखी।
केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने 2014-15 में पीआरएएसएचएडी (प्रसाद ) योजना शुरू की थी जिसके तहत देश में तीर्थ और विरासत पर्यटन स्थलों के लिए एकीकृत बुनियादी ढांचा विकास के लिए राज्य सरकार को सहायता प्रदान करना है ।
भद्राचलम मंदिरों के समूह में तीर्थ यात्रा सुविधाओं का विकास
भद्राचलम मंदिरों का समूह, श्री सीता रामचंद्र स्वामीवरी देवस्थानम, तेलंगाना राज्य के भद्राद्री कोठागुडेम जिले में स्थित है। इसे 350 साल पुराना बताया जाता है और यह भगवान राम, उनकी पत्नीसीता और भाई लक्ष्मण के साथ जुड़ा हुआ है। इस परियोजना को पर्यटन मंत्रालय द्वारा 41.38 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से मंजूरी दी गई है।
रुद्रेश्वर मंदिर (रामप्पा) में यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल की तीर्थयात्रा और विरासत अवसंरचना का विकास
इस परियोजना को केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने 62 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से मंजूरी दी है।
रामप्पा मंदिर जो तेलंगाना के मुलुगु जिले में स्थित है, भगवान शिव को समर्पित है। यह काकतीय शासकों द्वारा 1213 ईस्वी में बनाया गया था और 2021 में यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में अंकित किया गया है।
फुल फॉर्म
पीआरएएसएचएडी, प्रसाद/PRASHAD: नेशनल मिशन ओन पिल्ग्रिमेज रेजुवेनेशन एंड स्पिरिचुअलहेरिटेज औग्मेंटेसन ड्राइव (National Mission on Pilgrimage Rejuvenation and Spiritual Heritage Augmentation Drive)
10. गृह मंत्रालय ने उत्तर प्रदेश में दो स्थानों के नाम परिवर्तन को मंजूरी दी
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केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 27 दिसंबर 2022 को राज्य सरकार की सिफारिशों के बाद उत्तर प्रदेश में दो स्थानों के नाम बदलने पर अपनी सहमति दे दी है।
गोरखपुर जिले के नगर पालिका परिषद 'मुंडेरा बाजार' का नाम बदलकर 'चौरी-चौरा' तथा देवरिया जिले के 'तेलिया अफगान' गांव का नाम बदलकर 'तेलिया शुक्ला' करने के लिए मंत्रालय द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किया गया है।
किसी राज्य में शहरों के नाम बदलने की प्रक्रिया
- संविधान के अनुच्छेद 3 के तहत संसद को किसी राज्य का नाम बदलने का अधिकार है।
- हालांकि, संविधान में किसी राज्य के शहरों के नाम में बदलाव के मामले में अपनाई जाने वाली प्रक्रिया का कोई उल्लेख नहीं है।
- वर्त्तमान में जिस प्रक्रिया का पालन किया जाता है वह 1953 में केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा राज्य सरकारों को जारी दिशा-निर्देशों पर आधारित है।
- इन दिशा-निर्देशों के तहत जो राज्य सरकार,अपने शहरों का नाम बदलना चाहती है, उसे केंद्रीय गृह मंत्रालय कोअपना प्रस्ताव भेजना होगा।
- गृह मंत्रालय अन्य केंद्रीय एजेंसियों जैसे रेलवे, इंटेलिजेंस ब्यूरो, डाक विभाग, सर्वे ऑफ इंडिया और भारत के रजिस्ट्रार जनरल से परामर्श करता है।
- एजेंसियों से मंजूरी के बाद गृह मंत्रालय संबंधित राज्य सरकार को अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करता है।
- उसके बाद ही राज्य सरकार,अपने शहरों के नाम बदल सकती है।
केंद्रीय गृह मंत्री: अमित शाह