1. वाणिज्य मंत्रालय को उम्मीद है कि भारत चालू वित्त वर्ष में 100 अरब डॉलर का एफडीआई होगा
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केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय को उम्मीद है कि भारत 2022-23 में 100 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) आकर्षित करेगा। वाणिज्य मंत्रालय ने 24 सितंबर 2022 को कहा कि देश में जारी आर्थिक सुधार और व्यापार की सुगमता के कारण , भारत को इस लक्ष्य को हासिल करने में मदद करेगी।
मंत्रालय के अनुसार, 2014-2015 में भारत में एफडीआई, 45.15 बिलियन डॉलर था और यह 2021-22 में 83.6 बिलियन डॉलर के रिकॉर्ड उच्चतम "एफडीआई" दर्ज किया गया।
यह एफडीआई 101 देशों से आया है और भारत में 31 राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों तथा 57 सेक्टर में निवेश किया गया है। यह एफडीआई 101 देशों से आया है और भारत में 31 राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों तथा 57 सेक्टर में निवेश किया गया है।
वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार, सरकार ने एक उदार और पारदर्शी नीति बनाई है जिसमें अधिकांश क्षेत्र वैश्विक निवेश को आकर्षित करने के लिए स्वचालित मार्ग के तहत एफडीआई के लिए खुले हैं।
प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई)
विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम 1999 (फेमा) मेंविदेशी निवेश को परिभाषित किया गया है।
प्रत्यक्ष विदेशी निवेश भारत के बाहर, निवासी व्यक्ति द्वारा पूंजी लिखतों के माध्यम से किया गया निवेश है जो ;
- (1) एक गैर-सूचीबद्ध भारतीय कंपनी में; या
- (2) किसी सूचीबद्ध भारतीय कंपनी की चुकता इक्विटी पूंजी के 10 प्रतिशत या उससे अधिक में हों ।
- असूचीबद्ध कंपनी का अर्थ है कि कंपनी का पूंजी लिखत किसी स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध नहीं है और इसे बाजार में खरीदा और बेचा नहीं जा सकता है।
- सूचीबद्ध कंपनी का मतलब है कि कंपनी का पूंजी लिखत किसी भी स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध है और इसे बाजार में खरीदा और बेचा जा सकता है।
- पूंजी लिखत या कैपिटल इंस्ट्रूमेंट का अर्थ है किसी कंपनी द्वारा जारी किया गया एक पूंजीगत प्राप्तियां जो व्यापार / निवेश उद्देश्यों के लिए बाजार से पूंजी (धन) जुटाने के लिए जारी किया जाता है। इसमें शेयर (इक्विटी) या डिबेंचर या बांड दोनों शामिल हैं।
भारतमें एफडीआई के दो मार्ग
भारत में दो मार्ग हैं जिनके तहत एफडीआई की अनुमति है। एक स्वचालित मार्ग है और दूसरा अनुमोदन मार्ग है। सरकार कुछ क्षेत्रों को स्वचालित सूची में और कुछ को अनुमोदन मार्ग सूची में रखती है।
स्वचालित मार्ग
विदेशी निवेशक को इन क्षेत्रों में निवेश करने से पहले भारत सरकार या भारतीय रिजर्व बैंक से पूर्व अनुमोदन की आवश्यकता नहीं है। उदाहरण के लिए थर्मल पावर प्लांट, इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम आदि।
स्वीकृति मार्ग
विदेशी निवेशक को इन क्षेत्रों में निवेश करने से पहले भारत सरकार से अनुमति की आवश्यकता होती है। उदाहरण के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक, प्रिंट मीडिया आदि।
वे क्षेत्र जहां भारत में एफडीआई प्रतिबंधित है
- परमाणु ऊर्जा उत्पादन
- कोई भी जुआ या सट्टेबाजी व्यवसाय
- लॉटरी (ऑनलाइन, निजी, सरकारी, आदि)
- चिट फंड में निवेश
- निधि कंपनी
- कृषि या वृक्षारोपण गतिविधियाँ (हालाँकि बागवानी, मत्स्य पालन, चाय बागान, मछली पालन, पशुपालन, आदि जैसे कई अपवाद हैं)
- आवास और रियल एस्टेट (टाउनशिप, वाणिज्यिक परियोजनाओं आदि को छोड़कर)
- टीडीआर में ट्रेडिंग
- सिगार, सिगरेट, या कोई भी संबंधित तंबाकू उद्योग
2. आरबीआई ने महिंद्रा फाइनेंस को तीसरे पक्ष के माध्यम से ऋण की वसूली रोकने का निर्देश दिया
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भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 22 सितंबर 2022, को जारी एक आदेश में महिंद्रा एंड महिंद्रा फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड (एमएमएफएसएल), मुंबई को निर्देश दिया कि, वे तीसरे पक्ष के एजेंटों के माध्यम से ऋण की वसूली और पुनर्ग्रहण गतिविधि को तुरंत रोक दें।
महत्वपूर्ण तथ्य -
- महिंद्रा एंड महिंद्रा फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड महिंद्रा एंड महिंद्रा समूह द्वारा प्रवर्तित एक गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) है।
- यह निर्देश भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45 एल (1) (बी) के तहत आरबीआई द्वारा जारीकिया गया था।
- नियामक कार्रवाई झारखंड के हजारीबाग में एक घटना के मद्देनजर हुई है, जहां गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) की ओर से काम कर रहे एक रिकवरी एजेंट ने कथित तौर पर एक गर्भवती महिला को उसके परिवार के ट्रैक्टर को जब्त करने के दौरान कुचल दिया था।
- आरबीआई ने एनबीएफसी के लिए एक कोड जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि, उधारदाताओं को अनुचित उत्पीड़न का सहारा नहीं लेना चाहिए, लगातार विषम समय में उधारकर्ताओं को परेशान नहीं करना चाहिए या ऋण की वसूली के लिए बाहुबल का उपयोग नहीं करना चाहिए।
याद रखने योग्य महत्वपूर्ण बिंदु :
- भारत में बैंकों को बैंकिंग विनियमन अधिनियम 1949 के तहत आरबीआई द्वारा विनियमित किया जाता है।
- एनबीएफसी को भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम 1934 के तहत आरबीआई द्वारा विनियमित किया जाता है।
3. आरईआईटी और इनविट वाणिज्यिक पत्र जारी कर सकते है: सेबी
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भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (सेबी) ने 22 सितंबर 2022 को, रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (आरईआईटी) और इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (इनविट) को वाणिज्यिक पत्र जारी करने की अनुमति दे दी है।
हालांकि केवल वे आरईआईटी और इनविट, जिनकी कुल न्यूनतम निवल मूल्य(नेट वर्थ) कम से कम 100 करोड़ रुपये या उससे ज्यादा हों, वाणिज्यिक पत्र जारी करने के पात्र हैं।
सेबी ने यह भी कहा कि योग्य, आरईआईटी और इनविट को वाणिज्यिक पत्र जारी करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा निर्धारित दिशानिर्देशों का पालन करने की आवश्यकता है।
महत्वपूर्ण तथ्य -
वाणिज्यिक पत्र :
- यह एक असुरक्षित मुद्रा बाजार लिखत है जो अल्पावधि के लिए उधार लेने के लिए एक वचन पत्र के रूप में जारी किया जाता है।
इसे कौन जारी कर सकता है ?
- यह कंपनियों, गैर-बैंकिंग वित्त कंपनियों (एनबीएफसी), अखिल भारतीय वित्तीय संस्थानों (एआईएफआई), सहकारी समितियों / संघों, सरकारी संस्थाओं, ट्रस्टों, सीमित देयता भागीदारी (एलएलपी) फर्मों और किसी भी अन्य निकाय कॉर्पोरेट जो भारत में उपस्थित हों और जिसकी न्यूनतम निवल मूल्य(नेट वर्थ) कम से कम 100 करोड़ रुपये या उससे ज्यादा हों।
वाणिज्यिक पत्र की समयावधि :
- वाणिज्यिक पत्र की न्यूनतम समयावधि 7 दिन और अधिकतम समयावधि एक वर्ष है।
वाणिज्यिक पत्र की अन्य विशेषता :
- वाणिज्यिक पत्र का न्यूनतम फेस वैल्यू (face value) 5 लाख रुपये है और यह 5 लाख के गुणक में जारी किया जाता है।
- इनकी कोई ब्याज दर नहीं होती है और यह हमेशा इसके फेस वैल्यूपर छूट पर जारी किया जाता है।
अतिरिक्त जानकारी -
आरईआईटी क्या है ?
- वे म्यूचुअल फंड की तरह हैं जो निवेशक के पैसे को जमा करते हैं और मॉल, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, कार्यालय भवनों जैसे रियल एस्टेट में निवेश करते हैं। वे किराए के माध्यम से जो पैसा कमाते हैं उसे निवेशकों के बीच लाभांश के रूप में वितरित किया जाता है। साथ ही अगर निवेशित रियल एस्टेट का मूल्य बढ़ता है तो निवेशकों को भी फायदा होगा।
- वे एक निवेशक को रियल एस्टेट में 10,000 रुपये से 15,000 रुपये तक निवेश करने में मदद करते हैं।
इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (इनविट) :
- वे म्यूचुअल फंड की तरह हैं जो निवेशक के पैसे को जमा करते हैं और इंफ्रास्ट्रक्चर, सड़कों, पाइपलाइनों, बिजली संयंत्रों आदि में निवेश करते हैं। वे नियमित लाभांश और पूंजी में मूल्य वृद्धि का लाभ प्रदान करते हैं।
- आरईआईटी और इनविट दोनों को सेबी द्वारा विनियमित किया जाता है।
- मुद्रा बाजार को आरबीआई द्वारा विनियमित किया जाता है जबकि पूंजी बाजार को सेबी द्वारा विनियमित किया जाता है।
फुल फॉर्म :
सीपी/CP : कमर्शियल पेपर(commercial paper)
4. भारत और 4 अन्य दक्षिण एशियाई देशों ने एशियन पाम ऑयल एलायंस की स्थापना की
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दक्षिण एशिया, भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका और नेपाल के पांच ताड़ के तेल आयात करने वाले देशों ने अपनी सौदेबाजी की शक्ति को मजबूत करने और तेल आयात को टिकाऊ बनाने के लिए आगरा में एशियन पाम ऑयल एलायंस (एपीओए) की स्थापना की घोषणा की है।
महत्वपूर्ण तथ्य -
एपीओए के पहले अध्यक्ष :
- सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) के अध्यक्ष अतुल चतुर्वेदी को एपीओए का पहला अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।
एपीओए का उद्देश्य :
- एपीओए के उद्देश्य के बारे में बताते हुए, चतुर्वेदी ने कहा कि, "हमारा उद्देश्य ताड़ के तेल की खपत करने वाले देशों के आर्थिक और व्यावसायिक हितों की रक्षा करना है और सदस्य देशों में ताड़ के तेल की खपत बढ़ाने की दिशा में काम करेंगे।"
- उन्होंने कहा कि, एपीओए की सदस्यता का और विस्तार किया जाएगा ताकि पूरे महाद्वीप में ताड़ के तेल के उत्पादन या शोधन से जुड़ी कंपनियों या उद्योग निकायों को शामिल किया जा सके।
- एपीओए की अगली बैठक अगले साल की शुरुआत में इंडोनेशिया में होने की उम्मीद है।
- भारत, एशिया और विश्व में ताड़ के तेल का सबसे बड़ा आयातक है, और वैश्विक आयात का 15% हिस्सा, भारत आयात करता है, इसके बाद चीन (9%), पाकिस्तान (4%) और बांग्लादेश (2%) का स्थान है।
ताड़ के तेल (पाम तेल)और भारत :
- ताड़ के तेल का उपयोग खाना पकाने से लेकर शैंपू, ब्रेड, आइसक्रीम आदि बनाने तक कई तरह के उत्पादों में किया जाता है।
- भारत कच्चे ताड़ के तेल (सीपीओ), पामोलिन और पीएफएडी (पाम फैटी एसिड डिस्टिलेट) सहित लगभग 8.3 मिलियन टन ताड़ के तेल का आयात करता है।
- लगभग 4 मिलियन टन ताड़ के तेल इंडोनेशिया से आता है, मलेशिया से करीब 3.8 मिलियन टन और आधा मिलियन टन थाईलैंड से आता है।
- इंडोनेशिया और मलेशिया संयुक्त रूप से विश्व के 84% ताड़ के तेल का उत्पादन करते हैं, जिसमें इंडोनेशिया विश्व में तेल का सबसे बड़ा उत्पादक है।
- भारत में पाम तेल का सबसे बड़ा उत्पादक आंध्र प्रदेश है जिसके बाद तेलंगाना है।
5. आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल म्यूचुअल फंड ने भारत का पहला निफ्टी ऑटो इंडेक्स फंड लॉन्च किया
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आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल म्यूचुअल फंड ने देश का पहला ऑटो इंडेक्स फंड, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल निफ्टी ऑटो इंडेक्स फंड लॉन्च किया है। फंड निफ्टी ऑटो इंडेक्स को ट्रैक करेगा जिसे ऑटोमोबाइल सेक्टर के प्रदर्शन को दर्शाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
सूचकांक में 15 सूचीबद्ध कंपनियां शामिल हैं और ऑटो-संबंधित क्षेत्रों जैसे ऑटो सहायक और टायर का भी प्रतिनिधित्व करती हैं।
निफ्टी नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का इंडेक्स है।
म्युचुअल फंड भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा विनियमित होते हैं।
महत्वपूर्ण तथ्य -
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल म्यूचुअल फंड :
- आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल म्यूचुअल फंड भारत की सबसे बड़ी एसेट मैनेजमेंट कंपनी में से एक है। यह आईसीआईसीआई बैंक और यूनाइटेड किंगडम की प्रूडेंशियल कंपनी का संयुक्त उद्यम है।
- मुख्य कार्यकारी अधिकारी : निमेश शाह
- मुख्यालय : मुंबई
6. आरईसी बना 12वां 'महारत्न' सीपीएसई
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वित्त मंत्रालय के तहत सार्वजनिक उद्यम विभाग ने 22 सितंबर 2022 को एक आदेश जारी किया है, जिसमें ग्रामीण विद्युतीकरण निगम (आरईसी) को 'महारत्न' केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम (सीपीएसई) का दर्जा दिया गया है। आरईसी महारत्न का दर्जा पाने वाला 12वां सीपीएसई है।
आरईसी के सीएमडी विवेक कुमार देवांगन ने कहा कि, आरईसी ने वैश्विक कोविड-19 महामारी के दौरान भी अपनी अनुकूलन क्षमता, लचीलेपन और लगातार प्रदर्शन के कारण यह उपलब्धि हासिल की है।
महत्वपूर्ण तथ्य -
ग्रामीण विद्युतीकरण निगम (आरईसी) :
- ग्रामीण विद्युतीकरण निगम केंद्रीय विद्युत मंत्रालय के तहत एक गैर-बैंकिंग वित्त कंपनी (एनबीएफसी) है। इसे 1969 में स्थापितकिया गया था और यह पूरे भारत में बिजली क्षेत्र के वित्तपोषण और विकास पर केंद्रित है।इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है।
महारत्न सीपीएसई क्या है ?
- महारत्न योजना 2010 में भारत सरकार द्वारा केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (सीपीएसई) के लिए शुरू की गई थी, ताकि मेगा सीपीएसई को अपने संचालन का विस्तार करने और वैश्विक दिग्गजों के रूप में उभरने के लिए सशक्त बनाया जा सके।
- केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम (सीपीएसई) वे कंपनियाँ हैं जिनका स्वामित्व भारत सरकार के पास है।
महारत्न का दर्जा देने के लिए पात्रता मानदंड :
निम्नलिखित मानदंडों को पूरा करने वाले सीपीएसई को महारत्न का दर्जा देने के लिए विचार किए जाने के पात्र हैं।
- उसे नवरत्न का दर्जा प्राप्त हों;
- सेबी के नियमों के तहत न्यूनतम निर्धारित सार्वजनिक शेयरधारिता के साथ भारतीय स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध;
- पिछले 3 वर्षों के दौरान 25,000 करोड़ रुपये से अधिक का औसत वार्षिक कारोबार;
- पिछले 3 वर्षों के दौरान 15,000 करोड़ रुपये से अधिक की औसत वार्षिक निवल संपत्ति;
- पिछले 3 वर्षों के दौरान 5,000 करोड़ रुपये से अधिक के कर के बाद एक औसत वार्षिक शुद्ध लाभ;
- महत्वपूर्ण वैश्विक उपस्थिति/अंतर्राष्ट्रीय संचालन होना चाहिए।
एक महारत्न होने के लाभ :
- सीपीएसई को 'महारत्न' का दर्जा दिए जाने से कंपनी के बोर्ड को वित्तीय निर्णय लेने के दौरान बढ़ी हुई शक्तियां हासिल होती हैं ।
- एक ‘महारत्न’ केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम (सीपीएसई) का बोर्ड वित्तीय संयुक्त उद्यम और पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनियों को शुरू करने के लिए इक्विटी निवेश कर सकता है और भारत एवं विदेशों में विलय तथा अधिग्रहण कर सकता है।
- इस विलय तथा अधिग्रहण की सीमा संबंधित सीपीएसई की शुद्ध संपत्ति (नेट वर्थ) के 15 प्रतिशत हिस्से और एक परियोजना में 5,000 करोड़ रुपये तक सीमित होती है।
- बोर्ड कार्मिक एवं मानव संसाधन प्रबंधन और प्रशिक्षण से संबंधित योजनाओं की संरचना और कार्यान्वयन भी कर सकता है।
- ‘महारत्न’ के इस दर्जे के साथ, सीपीएसई, प्रौद्योगिकी आधारित संयुक्त उद्यम या अन्य रणनीतिक गठजोड़ में भी कदम रख सकता है।
अतिरिक्त जानकारी -
महारत्न सीपीएसई (22 सितंबर 2022 तक) :
- भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड
- भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड
- कोल इंडिया लिमिटेड
- गेल (इंडिया) लिमिटेड
- हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड
- इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड
- एनटीपीसी लिमिटेड
- तेल और प्राकृतिक गैस निगम लिमिटेड
- पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन
- पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड
- ग्रामीण विद्युतीकरण निगम
- स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड
फुल फॉर्म :
सीपीएसई /CPSE : सेंट्रल पब्लिक सेक्टर इंटरप्राइजेज
7. सिकोइया कैपिटल राजन आनंदन को वेंचर कैपिटल काउंसिल का नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया
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सिकोइया इंडिया के प्रबंध निदेशक राजन आनंदन को 21 सितंबर 2022 को इंडियन वेंचर एंड अल्टरनेट कैपिटल एसोसिएशन (आईवीसीए) द्वारा 2022-24 के लिए आठ सदस्यीय वीसी काउंसिल के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया है।
महत्वपूर्ण तथ्य -
- इंडियन वेंचर एंड अल्टरनेट कैपिटल एसोसिएशन (आईवीसीए) भारत में वेंचर फंड और अल्टरनेट कैपिटल फंड का शीर्ष निकाय है।
- परिषद का गठन वीसी और स्टार्ट-अप के लिए शासन प्रथाओं को मजबूत करने और भारत में उद्यम पूंजी के लिए पर्यावरण में सुधार के लिए सरकार और इसकी एजेंसियों के साथ काम करना जारी रखने के लिए किया गया था।
- भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (सेबी) वेंचर कैपिटल और वैकल्पिक निवेश कोष का विनियामक है।
8. एडीबी ने 2022-23 के लिए भारत के विकास के अनुमान को घटाकर 7% कर दिया
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एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने 21 सितंबर 2022 को जारी अपनी आउटलुक सप्लीमेंट्री रिपोर्ट 2022 में वित्त वर्ष 2022-23 के लिए जुलाई 2022 में अनुमानित 7.2% से भारत के सकल घरेलू उत्पाद के विकास के अनुमान को घटाकर 7% कर दिया है।
कम सकल घरेलू उत्पाद के पूर्वानुमान के लिए बैंक द्वारा उद्धृत कारणों में बढ़ती मुद्रास्फीति और आरबीआई द्वारा पालन की जाने वाली सख्त मौद्रिक नीति और सुस्त वैश्विक विकास है।
एडीबी नवीनतम वित्तीय संगठन है जिसने चालू वित्त वर्ष में भारत की विकास संभावना को कम कर दिया है।
हाल ही में फिच रेटिंग्स ने भी भारत की विकास दर को 7.8% के पहले के अनुमान से घटाकर 7% कर दिया है।
एशियाई विकास बैंक ने वैश्विक चुनौतियों के कारण एशिया और प्रशांत क्षेत्रों के लिए समग्र विकास अनुमानों को भी कम कर दिया।
रिपोर्ट सके अनुसार 2022 में चीन में अनुमानित विकास दर 3.3 प्रतिशत रहने की सम्भावना है।
महत्वपूर्ण तथ्य -
एशियाई विकास बैंक :
- इसकी स्थापना 1966 में हुई थी।
- इसका मुख्यालय मांडलुयोंग सिटी, मनीला, फिलीपींस में है।
- कुल सदस्य देश : 68
- एडीबी के अध्यक्ष : मासात्सुगु असाकावा
9. प्रमुख खरीफ फसलों के उत्पादन का पहला अग्रिम अनुमान जारी
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कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा वर्ष 2022-23 के लिए प्रमुख खरीफ फसलों के उत्पादन का पहला अग्रिम अनुमान 21 सितंबर को जारी किया गया।
महत्वपूर्ण तथ्य -
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अनुसार खरीफ सीजन में 149.92 मिलियन टन खाद्यान्न उत्पादन का अनुमान है।
यह 2016-17 से 2020-21 तक पिछले पांच वर्षों के औसत खाद्यान्न उत्पादन की तुलना में 6.98 मिलियन टन अधिक है।
2022-23 के दौरान खरीफ चावल का कुल उत्पादन 104.99 मिलियन टन होने का अनुमान है, जो पिछले पांच वर्षों की तुलना में 4.40 मिलियन टन अधिक है।
2022-23 के दौरान देश में मक्का का उत्पादन रिकॉर्ड 23.10 मिलियन टन होने का अनुमान है, जो कि 19.89 मिलियन टन के औसत मक्का उत्पादन की तुलना में 3.21 मिलियन टन अधिक है।
खरीफ पोषक/मोटे अनाज का उत्पादन 36.56 मिलियन टन होने का अनुमान है, जो औसत उत्पादन 33.64 मिलियन टन से 2.92 मिलियन टन अधिक है।
2022-23 के लिए प्रमुख खरीफ फसलों का पहला अग्रिम अनुमान :
खाद्यान्न - 149.92 मिलियन टन
चावल - 104.99 मिलियन टन
पोषक/मोटे अनाज - 36.56 मिलियन टन
मक्का - 23.10 मिलियन टन। (रिकॉर्ड)
दालें - 8.37 मिलियन टन
तूर - 3.89 मिलियन टन
तिलहन - 23.57 मिलियन टन
मूंगफली - 8.37 मिलियन टन
सोयाबीन - 12.89 मिलियन टन
कपास - 34.19 मिलियन गांठें (प्रत्येक 170 किग्रा)
जूट और मेस्टा - 10.09 मिलियन गांठें (प्रत्येक 180 किग्रा की)
गन्ना - 465.05 मिलियन टन (रिकॉर्ड)
10. अमेज़ॅन ने भारत में अपने पहले सौर ऊर्जा संयंत्र के लिए राजस्थान को चुना
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अमेरिकी ई-कॉमर्स दिग्गज कंपनी अमेज़ॅन ने घोषणा की है कि, वह राजस्थान में 420 मेगावाट की संयुक्त क्षमता के साथ तीन सौर फार्म स्थापित करेगी। यह पहली बार होगा जब अमेज़न देश में सोलर फार्म स्थापित कर रहा है।
महत्वपूर्ण तथ्य -
प्रस्तावित बिजली संयंत्र :
- बिजली संयंत्र तीन कंपनियों द्वारा विकसित किया जाएगा। रेन्यू पावर 210 मेगावाट संयंत्र विकसित करेगी, एएमपी एनर्जी इंडिया 100 मेगावाट स्थापित करेगी और ब्रुकफील्ड अक्षय भागीदार 110 मेगावाट बिजली संयंत्र विकसित करेगी।
- अमेज़न भारत के 14 शहरों में 23 नए सोलर रूफटॉप प्रोजेक्ट भी स्थापित करेगा, जिसमें अतिरिक्त4.09 मेगावाट बिजलीपैदा करने की क्षमता होगी।
भारत में सौर ऊर्जा :
- राष्ट्रीय सौर ऊर्जा संस्थान ने देश की लगभग 748 गीगावॉट की सौर क्षमता का आकलन किया है।
- भारत सरकार ने 2030 तक 300 गीगावॉट की स्थापित सौर ऊर्जा क्षमता रखने का लक्ष्य रखा है।
- भारत सरकार के अनुसार नवंबर 2021 के अंत मेंदेश में कुल स्थापित सौर क्षमता 48.55 गीगावॉट थी।
- चीन, संयुक्त राज्य अमेरिका, जापान और जर्मनी के बाद भारत के पास दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी स्थापित बिजली क्षमता है।