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By admin: Sept. 19, 2022

1. जापान में नानमाडोल टाइफून ने मचाई तबाही, हाई अलर्ट जारी

Tags: International News


जापान में ननमाडोल तूफान के कारण दक्षिण-पश्चिम इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्‍थानों पर जाने की चेतावनी दी गई है।


महत्वपूर्ण तथ्य -

  • तूफान की वजह से 19 सितंबर की पूरी रात तेज हवाओं के साथ अत्‍यधिक वर्षा हुई है और कई स्‍थानों पर भूस्‍खलन भी हुए हैं।

  • तूफान के कारण क्‍यूशू द्वीप से गुजरने पर एक व्‍यक्‍ति की मृत्‍यु हो गई और पचास अन्‍य लोग घायल हो गए।

  • सरकारी सूत्रों ने कहा है कि प्रधानमंत्री फोमियो किशिदा को संयुक्‍त राष्‍ट्र महासभा में भाग लेने के लिए जाना था लेकिन तूफान से हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए रूक गए हैं और वह अब एक दिन बाद जाएंगे।

  • नानमाडोल इस सीजन का 14वां प्रशांत तूफान है, और अब तक जापान से टकराने वाला सबसे बड़ा तूफान है।

By admin: Sept. 19, 2022

2. भारत चीन को पछाड़कर श्रीलंका का सबसे बड़ा ऋणदाता बना

Tags: International Relations International News


एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार 2022 के चार महीनों में कुल 968 मिलियन अमरीकी डालर के ऋण के साथ, भारत इस प्रक्रिया में चीन को पछाड़कर श्रीलंका का सबसे बड़ा द्विपक्षीय ऋणदाता बनकर उभरा है।


महत्वपूर्ण तथ्य -

  • 2017-2021 से पिछले पांच वर्षों में, चीन श्रीलंका का सबसे बड़ा द्विपक्षीय ऋणदाता रहा है।

  • एशियाई विकास बैंक (ADB) पिछले पांच वर्षों में सबसे बड़ा बहुपक्षीय ऋणदाता रहा है और 2021 में 610 मिलियन डॉलर की राशि का वितरण किया।

  • संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने कहा था कि, भारत ने श्रीलंका को करीब 4 अरब डॉलर की खाद्य और वित्तीय सहायता मुहैया कराई है।

  • 22 अगस्त को भारत ने संकटग्रस्त श्रीलंका को 21,000 टन उर्वरक उपलब्ध कराई थी।

  • भारत श्रीलंका को उनकी आवश्यकताओं के अनुसार आर्थिक सहायता प्रदान करने में सबसे आगे रहा है और उन देशों में से एक है जिसने आवश्यकता के समय में अधिकतम सहायता प्रदान की है।

  • 2022 की शुरुआत के बाद से, श्रीलंका आर्थिक संकट से जूझ रहा है।

By admin: Sept. 19, 2022

3. मिस्र के दो दिवसीय आधिकारिक दौरे पर काहिरा पहुंचे रक्षा मंत्री

Tags: International Relations International News


रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 19 सितंबर को मिस्र के दो दिवसीय आधिकारिक दौरे पर काहिरा पहुंचे।


महत्वपूर्ण तथ्य -

  • यात्रा के दौरान, राजनाथ सिंह रक्षा और रक्षा उत्पादन मंत्री, जनरल मोहम्मद जकी के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे।

  • राजनाथ सिंह की यात्रा का उद्देश्य भारत और मिस्र के बीच रक्षा सहयोग और मित्रता को और मजबूत करना है।

  • दोनों मंत्री द्विपक्षीय रक्षा संबंधों की समीक्षा करेंगे, सैन्य संबंधों को तेज करने के लिए नई पहल का पता लगाएंगे और दोनों देशों के रक्षा उद्योगों के बीच सहयोग को गहरा करने पर ध्यान केंद्रित करेंगे।

  • भारत और मिस्र के बीच रक्षा सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किए जाएंगे।

  • सिंह मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी से भी मुलाकात करेंगे।

भारत-मिस्र संबंध :

  • 3.15 बिलियन अमरीकी डालर के मौजूदा भारतीय निवेश के साथ मिस्र भारत के लिए सबसे बड़े निवेश स्थलों में से एक है।

  • भारतीय कंपनियां मिस्र में कई परियोजनाओं पर काम कर रही हैं।

  • दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को मजबूत करने के लिए, भारतीय वायु सेना की एक टीम मिस्र की वायु सेना के साथ द्विपक्षीय 'सामरिक नेतृत्व कार्यक्रम' में भाग लेने के लिए 22 जून को मिस्र पहुंची थीं।

  • इससे पहले पिछले साल नवंबर में चीफ ऑफ एयर स्टाफ चीफ मार्शल वीआर चौधरी काहिरा में वायु शक्ति संगोष्ठी और रक्षा प्रदर्शनी (ईडीईएक्स) में भाग लेने के लिए अपनी पांच दिवसीय यात्रा के लिए मिस्र गए थे।

  • वर्ष 2022 का विशेष महत्व है क्योंकि यह भारत और मिस्र के बीच राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ का प्रतीक है।

अतिरिक्त जानकारी -

मिस्र के बारे में :

  • राजधानी - काहिरा

  • राष्ट्रपति - अब्देल फतह अल-सिसी

  • राजभाषा - अरबी

  • आधिकारिक धर्म - इस्लाम

  • मुद्रा - मिस्र पाउंड

By admin: Sept. 19, 2022

4. सीमा पार फिनटेक नवाचारों को आगे बढ़ाने के लिए एमएएस और आईएफएससीए ने समझौते पर हस्ताक्षर किए

Tags: Economy/Finance International News

सिंगापुर के मौद्रिक प्राधिकरण (एमएएस) और अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण (आईएफएससीए) ने 18 सितंबर को फिनटेक में नियामक सहयोग और साझेदारी की सुविधा के लिए एक फिनटेक सहयोग समझौते (सीए) पर हस्ताक्षर किए।


महत्वपूर्ण तथ्य -

  • इस औपचारिक संधि को फिनटेक सहयोग समझौता (सीए) कहा जाता है।

  • समझौते पर हस्ताक्षर के समय एमएएस के मुख्य फिनटेक अधिकारी सोपनेदु मोहंती और आईआईएफएससीए के मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी जोसेफ जोशी उपस्थित थे।

समझौते के उद्देश्य :

  • सीए के माध्यम से, दो सहयोगी निकायों का उद्देश्य सैंडबॉक्स सहयोग की जांच करना और सूचना के प्रसार जैसे उद्देश्यों को बढ़ावा देना है।

  • एमएएस और आईएफएससीए दोनों अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में मौजूदा सैंडबॉक्स के उपयोग को अधिकतम करेंगे।

  • यह तकनीकी नवाचारों के प्रयोग का समर्थन करना है।

इसे प्राप्त करने के लिए क्या कदम उठाए जाएंगे ?

  • दोनों निकाय कंपनियों को एक दूसरे के सैंडबॉक्स से संदर्भित और कनेक्ट करेंगे।

  • वे दोनों क्षेत्राधिकारों में सीमा पार से अभिनव प्रयोग करेंगे।

  • यह समझौता IFSCA और MAS को उपयुक्त उपयोग के मामलों को निर्धारित करने की अनुमति देगा जो इन सीमा पार प्रयोगों से लाभान्वित हो सकते हैं।

  • इस वैश्विक नियामक में भाग लेने के लिए प्रासंगिक क्षेत्राधिकारों को आमंत्रित करना इस समझौते के तहत की गई एक और पहल होगी।

अतिरिक्त जानकारी -

वित्तीय प्रौद्योगिकी (फिनटेक) क्या है ?

  • फिनटेक उपभोक्ताओं को उनके उपयोग और वितरण को बेहतर बनाने के लिए वित्तीय सेवा कंपनियों द्वारा प्रौद्योगिकी के एकीकरण को संदर्भित करता है।

  • फिनटेक का उपयोग कंपनियों, व्यापार मालिकों और उपभोक्ताओं को उनके वित्तीय संचालन, प्रक्रियाओं को बेहतर ढंग से प्रबंधित करने में मदद करने के लिए किया जाता है।

  • फिनटेक एप्लिकेशन के उदाहरण हैं - रोबोएडवाइजर, पेमेंट ऐप, पीयर-टू-पीयर (पी 2 पी) लेंडिंग ऐप, इन्वेस्टमेंट ऐप और क्रिप्टो ऐप आदि।

By admin: Sept. 18, 2022

5. केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह अमेरिका में ग्लोबल क्लीन एनर्जी एक्शन फोरम की बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे

Tags: place in news Science and Technology Summits International News


केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान और प्रौद्योगिकी डॉ जितेंद्र सिंह,  अमेरिका में आयोजित, वैश्विक स्वच्छ ऊर्जा कार्य मंच (ग्लोबल क्लीन एनर्जी एक्शन फोरम) में हिस्सा लेने के लिए, एक संयुक्त भारतीय मंत्रिस्तरीय आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे ।

उनकी इस  5 दिवसीय (19-23 सितंबर) यात्रा  में केंद्रीय  बिजली और नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह भी  शामिल हैं।


महत्वपूर्ण तथ्य - 

संयुक्त राज्य अमेरिका में बैठक :

  • वे स्वच्छ ऊर्जा मंत्रिस्तरीय बैठक (सीईएम 13) और मिशन इनोवेशन (एमआई -7) का प्रतिष्ठित संयुक्त आयोजन जो संयुक्त राज्य अमेरिका के पेंसिल्वेनिया के पिट्सबर्ग में इस वर्ष 21 से 23 सितंबर तक होगा, में भाग लेंगे ।
  • वे सस्टेनेबल बायोएनेर्जी और बायो-रिफाइनरियों पर पहले राउंडटेबल और कनेक्टेड कम्युनिटीज के साथ नेट जीरो बिल्ट एनवायरनमेंट पर दूसरे राउंडटेबल में भी भाग लेंगे।
  • स्वच्छ ऊर्जा एक्शन फोरम में मंत्रियों द्वारा निम्न कार्बन भविष्य के लिए भारत की प्रतिबद्धता को रेखांकित करने की संभावना है, जिसका उद्देश्य स्वच्छ ऊर्जा नवाचारों को तेज करके देश के ऊर्जा परिदृश्य को बदलना है।

स्वच्छ ऊर्जा पर भारत की प्रतिबद्धता :

  • भारत सरकार ने 2030 तक 500 गीगावॉट अक्षय ऊर्जा क्षमता तक पहुंचने और कुल ऊर्जा में अक्षय ऊर्जा के योगदान को 50% तक बढ़ाने के लिए खुद को प्रतिबद्ध किया है।
  • भारत सरकार ने  कार्बन उत्सर्जन को एक अरब टन कम करने, अर्थव्यवस्था की कार्बन तीव्रता को 2005 के स्तर से 45 प्रतिशत कम करने और अंतत: 2070 तक शुद्ध शून्य उत्सर्जन प्राप्त करने के लिए भीखुद को प्रतिबद्ध किया है।

By admin: Sept. 18, 2022

6. ताजिकिस्तान-किर्गिस्तान सीमा पर ‘वोरुख’ में हुए संघर्ष में कम से कम 54 लोग मारे गए

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दो पूर्व मध्य एशियाई  सोवियत गणराज्यों, किर्गिस्तान और ताजिकिस्तान के बीच वोरुख इलाके में ,पुराना सीमा विवाद 16 सितंबर को फिर से भड़क गया, जिसमे कम से कम 54 लोगों की मौत हो गई। वोरुख इलाके में दोनों पक्षों के बीच अक्सर झड़पें होती रही हैं।

दोनों पक्षों ने एक दूसरे पर चौकियों और आसपास की बस्तियों पर हमला करने के लिए टैंक, मोर्टार, रॉकेट आर्टिलरी और असॉल्ट ड्रोन का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। यह नवीनतम सीमा संघर्ष उस समय हुआ, जब दोनों देशों के नेता, ताजिक राष्ट्रपति इमोमाली राखमोन और किर्गिज़ राष्ट्रपति सदिर जापरोव, उज्बेकिस्तान के समरकंद में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर बैठक में भाग ले रहे थे।


महत्वपूर्ण तथ्य - 

सीमा विवाद :

  • किर्गिस्तान और ताजिकिस्तान दोनों ही सोवियत संघ का हिस्सा थे। 1991 में सोवियत संघ के पतन के बाद दोनों देशों को स्वतंत्रता मिली थी ।
  • दोनों देशों के बीच वर्तमान सीमा विवाद सोवियत काल के दौरान सीमाओं के सीमांकन में निहित है।
  • वोरुख,एक ताजिक क्षेत्र का एक एन्क्लेव है जो चारों तरफ से किर्गिस्तान से घिरा हुआ है। इस क्षेत्र में रहने वाले ताजिक को ताजिकिस्तान किर्गिस्तान के इलाके को पार कर ताजिकिस्तान जाना पड़ता है, इसके कारण वहां पर दोनों समुदायों के बीच कई बार विवाद होता रहता है ।
  • ताजिकिस्तान ने किर्गिस्तान के साथ क्षेत्र के आदान-प्रदान का प्रस्ताव दिया है ताकि वोरुख की ताजिकिस्तान तक पहुंच हो सके। किर्गिस्तान ने इस प्रस्ताव को स्वीकार करने से इनकार कर दिया है।

अतिरिक्त जानकारी -

किर्गिज़स्तान :

  • राजधानी: बिश्केक
  • मुद्रा: किर्गिस्तान सोम
  • राष्ट्रपति :सदिर जापरोव
  • तजाकिस्तान
  • राजधानी दुशान्बे
  • मुद्रा: सोमोनी
  • राष्ट्रपति: इमोमाली राखमोन

By admin: Sept. 18, 2022

7. कजाकिस्तान ने अपनी राजधानी का नाम फिर से अस्ताना रखा और राष्ट्रपति के दूसरा कार्यकाल पर रोक

Tags: place in news International News

कजाकिस्तान की संसद ने देश की राजधानी का नाम अस्ताना वापस करने के लिए 16 सितंबर 2022 को संविधान में संशोधन करने के लिए मतदान किया। साथ ही संविधान में संशोधन कर राष्ट्रपति के  कार्यकाल को भी बढ़ाया  गया तथा  किसी व्यक्ति को एक से अधिक बार राष्ट्रपति बनने पर रोक लगा  दिया।


महत्वपूर्ण तथ्य - 

राष्ट्रपति का कार्यकाल :

  • राष्ट्रपति का कार्यकाल वर्तमान पांच वर्षों से बढ़ाकर सात वर्ष कर दिया गया है।
  • साथ ही एक व्यक्ति केवल एक ही  बार कजाकिस्तान का राष्ट्रपति बन सकता है। इससे पहले एक व्यक्ति अधिकतम दो बार लगातार राष्ट्रपति बन सकता था।

राजधानी का नामकरण :

  • इसने राजधानी का नाम नूर-सुल्तान से अस्ताना में बदलने के लिए एक संवैधानिक संशोधन भी पारित किया।
  • 1991 में एक स्वतंत्र देश बनने के बाद कजाकिस्तान ने 1997 में अपनी राजधानी को अल्माटी से अस्ताना स्थानांतरित कर दिया। सोवियत काल में अस्ताना को त्सेलिनोग्राड कहा जाता था।
  • बाद में जब कजाकिस्तान के पहले राष्ट्रपति नूर सुल्तान नज़रबायेव ने 2019 में लगभग तीस वर्षों तक सत्ता में रहने के बाद इस्तीफा दे दिया, तो उनके उत्तराधिकारी  कसीम-जोमार्ट टोकायेव ने पूर्व नेता के सम्मान में अस्ताना का नाम बदलकर नूर-सुल्तान कर दिया था ।
  • हालांकि, अब फिर से नाम बदलकर अस्ताना कर दिया गया है।

कजाकिस्तान की संसद :

  • कजाकिस्तान की संसद द्विसदनीय है। इसमें उच्च सदन को  सीनेट और निचले  सदन को नेशनल असेंबली (मज़िलिस) कहते हैं ।

कजाकिस्तान गणराज्य :

  • कजाकिस्तान, सोवियत संघ का हिस्सा हुआ करता था, जो सोवियत संघ के विघटन के बाद 16 दिसंबर 1991 को स्वतंत्रता हो गया ।
  • यह मध्य एशिया में स्थित है। यह मध्य एशिया का सबसे बड़ा देश और दुनिया का 9वां सबसे बड़ा देश है।
  • इसमें बैकोनूर कोस्मोड्रोम है, जो दुनिया का पहला स्पेसपोर्ट है। सोवियत संघ यहीं से अपना स्पेस रॉकेट लॉन्च करता था।
  • पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा को 3 अप्रैल 1984 को सोवियत सोयुज टी-11 रॉकेट से यहां से अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया गया था।
  • अब इसे रूसियों को पट्टे पर दिया गया है।
  • राजधानी: अस्ताना
  • मुद्रा: तेंगे (Tenge)
  • राष्ट्रपति : कसीम-जोमार्ट टोकायेव

By admin: Sept. 17, 2022

8. एससीओ शिखर सम्मेलन 2022: भारत अगले साल एससीओ शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा

Tags: International Relations Summits International News


एससीओ शिखर सम्मेलन दो साल बाद उज्बेकिस्तान के समरकंद में 15 और 16 सितंबर को आयोजित किया गया। एससीओ काउंसिल ऑफ हेड्स ऑफ स्टेट्स की अगली बैठक 2023 में भारत में होगी।

शिखर सम्मेलन का एजेंडा :

  • तकनीकी और डिजिटल विभाजन, वैश्विक वित्तीय बाजारों में निरंतर अशांति, आपूर्ति श्रृंखलाओं में अस्थिरता, संरक्षणवादी उपायों में वृद्धि और वैश्विक अर्थव्यवस्था में अनिश्चितता।

  • सदस्य राज्यों द्वारा वैश्विक जलवायु परिवर्तन और कोविड -19 महामारी के प्रभावों पर भी प्रकाश डाला गया, जिसने आर्थिक विकास, सामाजिक कल्याण और खाद्य सुरक्षा के लिए अतिरिक्त चुनौतियाँ उत्पन्न की हैं।

समरकंद घोषणा :

  • शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्य देशों के नेताओं ने राष्ट्राध्यक्षों की परिषद की बैठक में समरकंद घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर किए।

  • घोषणा पत्र में कहा गया है कि आगामी अवधि के लिए एससीओ की अध्यक्षता भारत के पास रहेगी।

  • घोषणा में, सदस्य राज्यों ने समृद्धि, शांति और सतत विकास सुनिश्चित करने के लिए क्षेत्र के देशों के प्रयासों का समर्थन किया।

  • उन्होंने क्षेत्र में स्थिरता और सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ाने में एससीओ की भूमिका को मजबूत करने की वकालत की।

महत्वपूर्ण तथ्य -

  • नेताओं ने अधिक न्यायसंगत और प्रभावी अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और सतत आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए नए दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया।

  • सदस्य राज्यों ने आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद से उत्पन्न सुरक्षा खतरे पर गहरी चिंता व्यक्त की और दुनिया भर में आतंकवादी कृत्यों की कड़ी निंदा की।

  • उन्होंने आतंकवाद के प्रसार को रोकने के लिए उपाय करने, आतंकवादी वित्तपोषण चैनलों को समाप्त करने का भी संकल्प लिया।

  • उन्होंने अफगानिस्तान को आतंकवाद, युद्ध और नशीले पदार्थों से मुक्त, एक स्वतंत्र, तटस्थ, एकजुट, लोकतांत्रिक और शांतिपूर्ण राज्य के रूप में स्थापित करने का समर्थन किया।

  • सदस्य राज्यों ने अंतर्राष्ट्रीय व्यापार एजेंडे पर चर्चा करने और बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली के नियमों को अपनाने के लिए प्रमुख मंच के रूप में विश्व व्यापार संगठन की प्रभावशीलता को मजबूत करने का आह्वान किया।

  • सदस्य राज्यों ने स्टार्ट-अप और नवाचार, गरीबी कम करने और पारंपरिक चिकित्सा पर एक विशेषज्ञ कार्य समूह स्थापित करने का निर्णय लिया है।

शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी की भागीदारी :

  • शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी ने कहा कि इस साल भारतीय अर्थव्यवस्था के 7.5 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है और इस तरह यह दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक होगी।

  • पीएम मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी, उज़्बेक राष्ट्रपति शवकत मिर्जियोयेव और तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन के साथ द्विपक्षीय वार्ता की।

अतिरिक्त जानकारी -

शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) :

  • यह एक स्थायी अंतर सरकारी अंतरराष्ट्रीय संगठन है।

  • इसकी स्थापना 2001 में हुई थी।

  • एससीओ चार्टर पर 2002 में हस्ताक्षर किए गए थे, और यह 2003 में लागू हुआ।

  • यह एक यूरेशियाई राजनीतिक, आर्थिक और सैन्य संगठन है।

  • इसका उद्देश्य क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखना है।

  • चीन, रूस और चार मध्य एशियाई राज्य - कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, उज्बेकिस्तान और ताजिकिस्तान - एससीओ के संस्थापक सदस्य थे।

  • इसके सदस्यों में चीन, रूस, भारत और पाकिस्तान के साथ-साथ 4 मध्य एशियाई देश - कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, उज्बेकिस्तान और ताजिकिस्तान शामिल हैं।
  • आधिकारिक भाषाएँ - रूसी और चीनी

  • अध्यक्षता - सदस्य राज्यों द्वारा एक वर्ष के लिए रोटेशन के आधार पर

By admin: Sept. 17, 2022

9. पीएम नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश के कुनो नेशनल पार्क में 8 चीतों को छोड़ा

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नामीबिया से भारत में स्थानांतरित किए गए चीतों के पहले बैच को 17 सितंबर को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मध्य प्रदेश के कुनो राष्ट्रीय उद्यान में छोड़ा गया।


महत्वपूर्ण तथ्य -

  • चीतों (5 मादा और 3 नर) को 'प्रोजेक्ट चीता' के हिस्से के रूप में अफ्रीका के नामीबिया से लाया गया है।

  • आठ चीतों को एक अंतरमहाद्वीपीय चीता स्थानान्तरण परियोजना के हिस्से के रूप में ग्वालियर में एक मालवाहक विमान में लाया गया।

  • बाद में, भारतीय वायु सेना के हेलिकॉप्टरों ने चीतों को ग्वालियर वायु सेना स्टेशन से कुनो राष्ट्रीय उद्यान तक पहुँचाया।

  • यह दुनिया में पहली बार है कि एक बड़े मांसाहारी को एक महाद्वीप से दूसरे महाद्वीप में स्थानांतरित किया गया है।

  • चीतों को इस साल की शुरुआत में हस्ताक्षरित एक समझौता ज्ञापन के तहत लाया गया है।

पुन: पुनर्वास कार्य योजना :

  • किसी प्रजाति के पुन: पुनर्वास का अर्थ है उसे उस क्षेत्र में छोड़ना जहां वह जीवित रहने में सक्षम है।

  • योजना के तहत, 5 वर्षों की अवधि में देश के विभिन्न राष्ट्रीय उद्यानों में 50 चीतों को छोड़ा जाएगा।

चीतों का विलुप्त होना :

  • देश का अंतिम चीता वर्ष 1947 में छत्तीसगढ़ में मृत पाया गया था और वर्ष 1952 में इसे देश में विलुप्त घोषित कर दिया गया था। 

  • निवास स्थान का नुकसान, मनुष्यों के साथ संघर्ष, अवैध शिकार और बीमारियों के प्रति उच्च संवेदनशीलता इनके विलुप्ति का प्रमुख कारण है।

अतिरिक्त जानकारी -

'प्रोजेक्ट चीता' के बारे में :

  • यह अपनी तरह की एक अनूठी परियोजना है जिसमें किसी प्रजाति को देश से बाहर (दक्षिण अफ्रीका / नामीबिया से) लाकर देश में बहाल किया जा रहा है।

  • भारत में विलुप्त हो चुकी चीता की उप-प्रजाति एशियाई चीता (एसिनोनिक्स जुबेटस वेनेटिकस) थी और देश में वापस लाए जा रहे चीते की उप-प्रजाति अफ्रीकी चीता (एसिनोनिक्स जुबेटस जुबेटस) है।

  • शोध से पता चला है कि इन दोनों उप-प्रजातियों के जीन समान हैं।

By admin: Sept. 16, 2022

10. संयुक्त राष्ट्र ने 345 मिलियन लोगों के भुखमरी के खतरे में होने चेतावनी दी

Tags: International News


संयुक्त राष्ट्र विश्व खाद्य कार्यक्रम ने 16 सितंबर को चेतावनी दी थी कि दुनिया वैश्विक आपातकाल का सामना कर रही है, क्योंकि 345 मिलियन लोग भुखमरी की ओर बढ़ रहे हैं।


महत्वपूर्ण तथ्य -

  • संयुक्त राष्ट्र विश्व खाद्य कार्यक्रम के कार्यकारी निदेशक डेविड बेस्ली ने कहा कि 82 देशों में 345 मिलियन लोग तीव्र खाद्य असुरक्षा का सामना कर रहे हैं।

  • उन्होंने कहा कि 45 देशों में 50 मिलियन लोग तीव्र कुपोषण से पीड़ित हैं।

  • यह व्यापक और बढ़ती खाद्य असुरक्षा संघर्ष और हिंसा के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष प्रभाव का परिणाम है।

  • जब से रूस ने 24 फरवरी को अपने पड़ोसी देश यूक्रेन पर आक्रमण किया है तबसे भोजन, ईंधन और उर्वरक की बढ़ती कीमतों ने 70 मिलियन लोगों को भुखमरी के करीब पहुंचा दिया है।

संयुक्त राष्ट्र विश्व खाद्य कार्यक्रम :

  • यह संयुक्त राष्ट्र की खाद्य-सहायता शाखा है।

  • यह दुनिया का सबसे बड़ा मानवीय संगठन है जो भूख और खाद्य सुरक्षा पर केंद्रित है और स्कूली भोजन का सबसे बड़ा प्रदाता है।

  • इसका उद्देश्य 2030 तक "शून्य भूख" के लिए एसडीजी 2 प्राप्त करने की प्राथमिकता के साथ 17 सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को पूरा करना है।

  • संघर्ष के क्षेत्रों में खाद्य सहायता प्रदान करने के प्रयासों के लिए इसे 2020 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

  • स्थापित - 1961

  • मुख्यालय - रोम 

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