1. 2021 में 4.12 लाख सड़क हादसों में 1.53 लाख लोगों की मौत: सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की रिपोर्ट
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा 28 दिसंबर 2022 को जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, 2021 कैलेंडर वर्ष में कुल 4,12,432 सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिसमें 1,53,972 लोगों की जान गई, जबकि 3,84,448 लोग घायल हुए।
'भारत में सड़क दुर्घटनाएं- 2021' शीर्षक वाली रिपोर्ट में कहा गया है कि दुर्घटनाओं से संबंधित प्रमुख संकेतकों ने 2019 की तुलना में 2021 में बेहतर प्रदर्शन किया है।
रिपोर्ट के अनुसार, "2019 की तुलना में 2021 में सड़क दुर्घटनाओं में 8.1 प्रतिशत की कमी और चोटों में 14.8 प्रतिशत की कमी आई। हालांकि, 2019 की समान अवधि की तुलना में 2021 में सड़क दुर्घटनाओं में मृत्यु दर में 1.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
सड़क हादसों की वजह सीट बेल्ट और हेलमेट नहीं लगाना है
- रिपोर्ट के अनुसार सीट बेल्ट नहीं लगाने के कारण 2021 में सड़क दुर्घटनाओं में कुल 16,397 लोग मारे गए, जिनमें से 8,438 चालक थे और शेष 7,959 यात्री थे।
- हेलमेट न पहनने के कारण कुल 46,593 लोग सड़क दुर्घटनाओं में मारे गए, जिनमें 32,877 चालक और 13,716 यात्री थे।
- रिपोर्ट के अनुसार, 2021 के दौरान हेलमेट नहीं पहनने से 93,763 लोगों को चोटें आईं और सीट बेल्ट नहीं लगाने से 39,231 लोगों को चोटें आईं।
- हेलमेट और सीट बेल्ट जैसे सुरक्षा उपकरणों का उपयोग न करने से दुर्घटनाएं नहीं होती हैं, लेकिन सड़क दुर्घटनाओं की स्थिति में घातक और गंभीर चोटों को रोकने के लिए महत्वपूर्ण हैं।
- केंद्रीय मोटर वाहन नियम (सीएमवीआर) के नियम 138 (3) के तहत पिछली सीट पर बैठे यात्रियों द्वारा सीट बेल्ट नहीं लगाने पर 1,000 रुपये का जुर्माना लगता है, लेकिन ज्यादातर लोग या तो इस अनिवार्य नियम से अनजान हैं या इसे अनदेखा कर देते हैं।
रिपोर्ट के अनुसार देश ने दुर्घटनाओं, मौतों और चोटों में अभूतपूर्व कमी देखी।यह कोविड-19 महामारी के असामान्य प्रकोप और विशेष रूप से मार्च-अप्रैल, 2020 के दौरान इसके परिणामस्वरूप कड़े राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन और धीरे-धीरे अनलॉकिंग और नियंत्रण उपायों को कम करने के बाद ऐसा संभव हुआ।
रिपोर्ट कैलेंडर वर्ष 2021 के दौरान देश में सड़क दुर्घटनाओं के विभिन्न पहलुओं के बारे में जानकारी प्रदान करती है। यह रिपोर्ट एशिया प्रशांत सड़क दुर्घटना डेटा (एपीआरएडी) आधार परियोजना के तहत एशिया और प्रशांत के लिए संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक आयोग (यूएनईएससीएपी) द्वारा मानकीकृत प्रारूप में प्रदान किए गए कैलेंडर वर्ष के आधार पर एकत्रित राज्यों/संघ शासित प्रदेशों के पुलिस विभागों से प्राप्त आंकड़ों/सूचनाओं पर आधारित है।
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री: नितिन गडकरी
2. भारत 2037 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा; सीईबीआर
Tags: Reports Economy/Finance
यूनाइटेड किंगडम स्थित अर्थशास्त्र सलाहकार संस्था सेंटर फॉर इकोनॉमिक्स एंड बिजनेस रिसर्च (सीईबीआर) ने भविष्यवाणी की है कि भारत 2037 तक विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।
'वर्ल्ड इकोनॉमिक लीग टेबल' शीर्षक वाली इसकी वार्षिक रिपोर्ट विश्व स्तर पर और देशवार व्यापक आर्थिक विकास को ट्रैक करती है। इस रिपोर्ट में यहदुनिया के 191 देशों के लिए पूर्वानुमान प्रस्तुत करता है।
26 दिसंबर 2022 को जारी रिपोर्ट के 14वें संस्करण के अनुसार, अगले पांच वर्षों में भारत की वार्षिक आर्थिक वृद्धि औसतन 6.4% रहने की उम्मीद है, और फिर उसके बाद के नौ वर्षों में भारत की विकास दर औसतन 6.5% रहने की उम्मीद है।
यह उम्मीद करता है कि 2022-23 में भारतीय अर्थव्यवस्था 6.8% की दर से बढ़ेगी।
रिपोर्ट किए गए विकास प्रक्षेपवक्र में भारत 2022 में विश्व आर्थिक लीग तालिका में पांचवें स्थान से चीन और संयुक्त राज्य अमेरिका के बाद 2037 तक वैश्विक रैंकिंग में तीसरे स्थान पर पहुंच जाएगा।
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के अनुसार, भारत के 2027-28 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की उम्मीद है।
एसबीआई की इकोरैप (Ecowrap) की रिपोर्ट के अनुसार भारत के 2029 में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की संभावना है।
आईएमएफ के अनुसार 2022-23 में भारत के ग्रेट ब्रिटेन से आगे निकल जाने और संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन, जापान और जर्मनी के बाद 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की संभावना है।
3. पुडुचेरी और आइजोल (मिजोरम) को सामाजिक प्रगति सूचकांक में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्य और जिले घोषित किया गया
प्रधान मंत्री आर्थिक सलाहकार परिषद (पीएमईएसी) ने 20 दिसंबर 2022 को प्रतिस्पर्धात्मकता और सामाजिक प्रगति अनिवार्य संस्थान द्वारा तैयार राज्यों और जिलों के लिए सामाजिक प्रगति सूचकांक (एसपीआई) जारी किया।
सूचकांक सामाजिक प्रगति के तीन महत्वपूर्ण आयामों - बुनियादी मानवीय आवश्यकताओं, कल्याण की नींव और अवसर के 12 घटकों के आधार पर राज्यों और जिलों का आकलन करता है।
सूचकांक एक व्यापक ढांचे का उपयोग करता है जिसमें राज्य स्तर पर 89 संकेतक और जिला स्तर पर 49 संकेतक शामिल हैं।
- बुनियादी मानवीय आवश्यकताएं पोषण और बुनियादी चिकित्सा देखभाल, जल और स्वच्छता, व्यक्तिगत सुरक्षा और आश्रय के संदर्भ में राज्यों और जिलों के प्रदर्शन का आकलन करती हैं।
- फाउंडेशन ऑफ़ वेलबीइंग बुनियादी ज्ञान तक पहुँच, सूचना और संचार तक पहुँच, स्वास्थ्य और कल्याण, और पर्यावरणीय गुणवत्ता के घटकों में देश द्वारा की गई प्रगति का मूल्यांकन करता है।
- अवसर व्यक्तिगत अधिकारों, व्यक्तिगत स्वतंत्रता और पसंद, समावेशिता और उन्नत शिक्षा तक पहुंच पर केन्द्रित है।
एसपीआई स्कोर के आधार पर, राज्यों और जिलों को सामाजिक प्रगति के छह स्तरों के तहत रैंक किया गया है। टीयर 1: बहुत उच्च सामाजिक प्रगति; टीयर 2: उच्च सामाजिक प्रगति; टीयर 3: ऊपरी मध्य सामाजिक प्रगति; टीयर 4: निम्न मध्य सामाजिक प्रगति, टीयर 5: कम सामाजिक प्रगति और टीयर 6: बहुत कम सामाजिक प्रगति।
शीर्ष रैंक वाले राज्य / केंद्र शासित प्रदेश
राज्य / केंद्र शासित प्रदेश | एसपीआई | रेंक |
पुदुचेरी | 65.99 | 1 |
लक्षद्वीप | 65.89 | 2 |
गोवा | 65.53 | 3 |
सिक्किम | 65.10 | 4 |
मिजोरम | 64.19 | 5 |
सबसे कम रैंक राज्य/ केंद्र शासित प्रदेश
झारखंड को 43.95 के एसपीआई स्कोर के साथ 36वें और बिहार को 44.47 के स्कोर के साथ 35वें स्थान पर रखा गया।
49.16 के एसपीआई स्कोर के साथ उत्तर प्रदेश को 31वां स्थान दिया गया और उसे निम्न सामाजिक प्रगति श्रेणी में रखा गया।
शीर्ष प्रदर्शन करने वाले जिले
आइजोल (मिजोरम), सोलन (हिमाचल प्रदेश), और शिमला (हिमाचल प्रदेश) शीर्ष 3 सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले जिले हैं।
4. वैज्ञानिक पत्रों के प्रकाशन में भारत विश्व स्तर पर तीसरे स्थान पर; केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह
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केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह के अनुसार वैज्ञानिक पत्रों के प्रकाशन में भारत को विश्व स्तर पर तीसरा स्थान दिया गया है। संयुक्त राज्य अमेरिका की नेशनल साइंस फाउंडेशनके विज्ञान और इंजीनियरिंग संकेतक 2022 की रिपोर्ट का हवाला देते हुए, उन्होंने कहा की वैज्ञानिक प्रकाशनों में विश्व स्तर पर भारत की स्थिति 2010 में 7वें स्थान से सुधर कर 2020 में तीसरे स्थान पर आ गई है। 2010 मेंदेश में 60,555 वैज्ञानिक पेपर प्रकाशित किये गए थे जो 2020 में बढ़कर 1,49,213 हों गए ।
चीन सबसे अधिक संख्या में वैज्ञानिक पत्रों के प्रकाशन में दुनिया का नेतृत्व करता है, जिसके बाद संयुक्त राज्य अमेरिका का स्थान है।
डॉ जितेंद्र सिंह ने यह भी कहा कि भारत अब विज्ञान और इंजीनियरिंग में पीएचडी की संख्या के मामले में तीसरे स्थान पर है।
नेशनल साइंस फाउंडेशन संयुक्त राज्य सरकार की एक स्वतंत्र एजेंसी है जो विज्ञान और इंजीनियरिंग के सभी गैर-चिकित्सा क्षेत्रों में मौलिक अनुसंधान और शिक्षा का समर्थन करती है।
5. एडीबी ने 2022-23 के लिए भारत की विकास दर का अनुमान 7% पर रखा
Tags: Reports Economy/Finance
एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने 14 दिसंबर 2022 को जारी अपनी नवीनतम रिपोर्ट "एशियन डेवलपमेंट आउटलुक" सप्लीमेंट दिसंबर 2022 में 2022-23 के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था की 7% की विकास दर के अपने पूर्वानुमान को बरक़रार रखा है । 2021-22 में भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर8.7% थी ।
एडीबी ने सितंबर में जारी अपनी आखिरी रिपोर्ट में 2022-23 में भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए 7% की विकास दर का अनुमान लगाया था। एडीबी को उम्मीद है कि 2023-24 में भारत की वृद्धि दर 7.2% होगी।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2022-23 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में भारतीय अर्थव्यवस्था में 6.3% की वृद्धि हुई। हालाँकि, अपने हालिया मौद्रिक नीति वक्तव्य में भारतीय रिज़र्व बैंक ने 2022-23 में भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर को पहले 7% केपूर्वानुमान को संशोधित कर 6.8% कर दिया था।
रिपोर्ट के अन्य प्रमुख बिंदु
एडीबी के नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार 2022 (जनवरी-दिसंबर)में एशिया प्रशांत क्षेत्र में विकास दर 4.2% और 2023 में 4.6% रहने की उम्मीद है ।
बांग्लादेश में आई मंदी और पाकिस्तान में बाढ़ के कारण, 2022 में दक्षिण एशियाई क्षेत्र में 6.5% और 2023 में 6.3% की वृद्धि होने की उम्मीद है।
एडीबी ने 2022 के लिए चीन की विकास दर को पहले के पूर्वानुमान 3.3% से घटाकर 3% कर दिया है।
एशियाई विकास बैंक (एडीबी)
यह एक क्षेत्रीय बहुपक्षीय वित्तीय संस्थान है जो एशिया और प्रशांत क्षेत्र के देशों पर केंद्रित है।
1963 में एशिया और सुदूर पूर्व के लिए संयुक्त राष्ट्र आर्थिक आयोग द्वारा आयोजित एशियाई आर्थिक सहयोग पर पहले मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में एक प्रस्ताव पारित होने के बाद इसकी स्थापना की गई थी।
इसने 19 दिसंबर 1966 से 31 सदस्य देशों के साथ काम करना शुरू किया।
वर्तमान में इसके 68 सदस्य हैं - जिनमें से 49 सदस्य एशिया और प्रशांत क्षेत्र से हैं और 19 बाहर से हैं।
जापान एडीबी का सबसे बड़ा शेयरधारक है और एक जापानी हमेशा एडीबी का प्रमुख रहा है।
एडीबी अध्यक्ष: मसात्सुगु असाकावा
मुख्यालय: मंडालुयोंग सिटी, मनीला, फिलीपींस
6. निर्मला सीतारमण फोर्ब्स की दुनिया की सबसे शक्तिशाली महिलाओं की सूची में 6 भारतीयों में शामिल
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फोर्ब्स ने 7 दिसंबर को दुनिया की 100 सबसे शक्तिशाली महिलाओं की वार्षिक सूची, 2022 जारी की, जिसमें भारत की छह महिलाओं को शामिल किया गया है।
महत्वपूर्ण तथ्य
इसमें वित्तीय मंत्री निर्मला सीतारामण सहित बायोकॉन की कार्यकारी अध्यक्ष किरण मजूमदार-शॉ, एचसीएल टेक की चेयरपर्सन रोशनी नादर मल्होत्रा और नायका की सीईओ फाल्गुनी नायर के साथ दो और नाम शामिल हैं।
भारत की वित्त मंत्री लगातार पांचवीं बार इस लिस्ट में शामिल हुई हैं।
इस लिस्ट में 39 सीईओ और 10 राष्ट्राध्यक्ष भी शामिल हैं, इसके अलावा इसमें 11 अरबपति शामिल हैं, जिनकी कुल संपत्ति 115 अरब डॉलर है।
सूची चार मुख्य मैट्रिक्स द्वारा निर्धारित की गई थी: धन, मीडिया, प्रभाव और प्रभाव के क्षेत्र।
छह भारतीयों के नाम
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन - 36वें स्थान पर, लगातार चौथी बार सूची में हैं।
एचसीएलटेक की चेयरपर्सन रोशनी नादर मल्होत्रा - 53वें स्थान पर रहीं।
माधवी पुरी बुच, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) की अध्यक्ष -54वें स्थान पर रहीं।
स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया की चेयरपर्सन सोमा मंडल - 67वें स्थान पर हैं।
मजूमदार-शॉ, कार्यकारी अध्यक्ष और बायोकॉन लिमिटेड और बायोकॉन बायोलॉजिक्स लिमिटेड के संस्थापक - 72 वें स्थान पर हैं।
ब्यूटी और लाइफस्टाइल रिटेल कंपनी नायका के संस्थापक और सीईओ फाल्गुनी संजय नायर 89वें स्थान पर हैं
फोर्ब्स की सूची में विश्व की शीर्ष तीन महिलाएं
इस सूची में यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन शीर्ष पर रहीं, जिन्होंने कोविड-19 संकट, रूस-यूक्रेन युद्ध आदि से निपटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
यूरोपीय सेंट्रल बैंक की अध्यक्ष क्रिस्टीन लेगार्ड सूची में दूसरे स्थान पर रहीं।
अमेरिकी उप राष्ट्रपति कमला हैरिस सूची में तीसरे स्थान पर रहीं।
ईरान की जीना "महसा" अमिनी को मरणोपरांत प्रभावशाली सूची में 100वें स्थान पर रखा गया था। सितंबर में उनकी मृत्यु ने ईरान के सबसे बुरा सार्वजनिक विरोधों में से एक को जन्म दिया।
7. भारत में आईपीएल 2022 में गूगल पर सबसे ज्यादा सर्च की जाने वाली विषय
7 दिसंबर 2022 को "ईयर इन सर्च 2022" शीर्षक वाली गूगल की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) क्रिकेट टूर्नामेंट लगातार तीसरे वर्ष शीर्ष ट्रेंडिंगविषय बना रहा।
इसके बाद कोविन (CoWIN), एक सरकारी वेब पोर्टल है जो कोविड -19 टीकों के लिए पंजीकरण और नियुक्तियों की सुविधा प्रदान करता है और डिजिटल वैक्सीन प्रमाणपत्र जारी करता है।
भारत में तीसरा सबसे अधिक खोजा जाने वाला ट्रेंडिंग विषय फीफा विश्व कप था, जो 20 नवंबर को कतर में शुरू हुआ है ।
चौथे और पांचवें स्थान पर क्रमशः क्रिकेटएशिया कप और आईसीसी पुरुष टी20 विश्व कप जैसे खेल आयोजन थे।
बॉलीवुड ब्लॉकबस्टर फिल्मब्रह्मास्त्र: भाग एक - शिव ने छठी रैंक हासिल की।
2022 में भारत में सबसे ज्यादा सर्च की जाने वाली हस्तियां
2022 में भारत में सबसे अधिक खोजी गई हस्तियों में भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा शामिल हैं, जिन्होंने पहला स्थान हासिल किया। उनके बाद भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, यूनाइटेड किंगडम के नए प्रधानमंत्री ऋषि सुनक औरचौथे स्थान परललित मोदी थे।
8. विश्व बैंक ने 2022-23 के लिए भारत की जीडीपी वृद्धि का अनुमान बढ़ाकर 6.9% कर दिया है
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भारतीय अर्थव्यवस्था केवैश्विक आर्थिक संकट से बेहतर ढंग से निपटने के मजबूती का हवाला देते हुए विश्व बैंक ने 2022-23 में भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए 6.9% विकास दर का अनुमान लगाया है।इससे पहले उसने अक्टूबर 2022 में वैश्विक आर्थिक स्थिति का हवाला देते हुए ,भारत के सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर को पहले के अनुमानित 7.5 प्रतिशत से घटाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया था।
6 दिसंबर 2022 को जारी अपने इंडिया डेवलपमेंट अपडेट में, विश्व बैंक ने कहा कि संशोधन वैश्विक झटकों और उम्मीद से बेहतर दूसरी तिमाही की भारतीय अर्थव्यवस्था के उच्च लचीलेपन के कारण था।
भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की विकास दर पिछले वित्त वर्ष 2021-22 में 8.7 प्रतिशत थी। इस साल की जुलाई-सितंबर 2022-23 तिमाही में इसकी विकास दर 6.3 प्रतिशत थी ।
भारतीय रिजर्व बैंक को 2022-23 में भारतीय अर्थव्यवस्था के 7% बढ़ने की उम्मीद है।
9. भारत 2023 में 8वीं सबसे बड़ी विज्ञापन बाजार बन जाएगा; ग्रुप एम
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ग्रुप एम के वैश्विक अंत-वर्ष के पूर्वानुमान के अनुसार, 2023 में भारत ब्राजील को पीछे छोड़कर आठवां सबसे बड़ा विज्ञापन बाजार बन जायेगा।
ग्रुपएम ने अपने 'दिस ईयर, नेक्स्ट ईयर 2022' रिपोर्ट में भारत को वैश्विक स्तर पर नौवें सबसे बड़े विज्ञापन बाजार के रूप में स्थान दिया है।
रिपोर्ट के अनुसार, भारत में खुदरा मीडिया 2022 में 551 मिलियन डॉलर होने का अनुमान है और 2027 तक लगभग दोगुना होने की उम्मीद है। टीवी विज्ञापन जिसका विज्ञापन बाजार हिस्सेदारी में कुल 36% है , इस साल 10.8% बढ़ने की उम्मीद है।
दुनिया में शीर्ष विज्ञापन बाजार 2022
संयुक्त राज्य अमेरिका दुनिया का सबसे बड़ा विज्ञापन बाजार है जिसके बाद (2) चीन, (3) जापान, (4) यूनाइटेड किंगडम, (5) जर्मनी, (6) फ्रांस, (7) कनाडा, (8) ब्राजील और (9वां) भारत।
10. सिप्री की शीर्ष 100 रक्षा कंपनियों की सूची में एचएएल और बीईएल
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भारत सरकार के स्वामित्व वाली दो रक्षा कंपनियों हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) को स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट( सिप्री) ने दुनिया की 100 शीर्ष रक्षा कंपनियों की सूची में शामिल किया है।
सिप्री द्वारा 5 दिसंबर 2022 को जारी एक रिपोर्ट में हथियारों की बिक्री में एचएएल को $3.3 बिलियन के साथ 42वां स्थान दिया गया था और 2021 में $1.8 बिलियन की बिक्री के साथ एचएएल को 63वें स्थान पर रखा गया था।
एचएएल भारतीय वायु सेना के लिए एलसीए तेजस, एसयू-30 एमकेआई जैसे लड़ाकू विमानों, एलसीएच प्रचंड जैसे हेलीकॉप्टर,ट्रेनर विमान, परिवहन विमान आदि का निर्माता है। बीईएल सशस्त्र बलों के लिए उन्नत इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बनाती है।
पिछले साल एचएएल और बीईएल के अलावा, भारतीय आयुध कारखानों को शीर्ष 100 रक्षा कंपनियों में शामिल किया गया था।
सिप्री रिपोर्ट की मुख्य विशेषताएं
दुनिया के शीर्ष 100 की कुल हथियारों की बिक्री 2021 में कुल $592 बिलियन थी, जो 2020 की तुलना में उनकी हथियारों की बिक्री में 1.9 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाती है।
दुनिया की शीर्ष 100 रक्षा कंपनियों में संयुक्त राज्य अमेरिका की 40 कंपनियां हैं।
शीर्ष 5 कंपनियां सभी अमेरिकी हैं।
शीर्ष 100 कंपनियों में चीन की 8 कंपनियां हैं।
देश-वार, 2021 की सूची में,
- अमेरिकी कंपनियों की कुल हथियारों की बिक्री में 51 प्रतिशत की हिस्सेदारी है,
- इसके बाद चीनी कंपनियों की 18 प्रतिशत,
- यूके की कंपनियों की 6.8 प्रतिशत और
- फ्रांसीसी कंपनियों की 4.9 प्रतिशत
रूसी कंपनियों ने वैश्विक हिस्सेदारी का केवल 3 प्रतिशत ही हासिल किया।
भारत सऊदी अरब के बाद हथियारों का दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा आयातक है और अमेरिका और चीन के बाद रक्षा पर दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ख़र्च करने वाला देश भी है।
स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (सिप्री)
सिप्री एक स्वतंत्र अंतर्राष्ट्रीय संस्थान है जो सशस्र संघर्ष, शस्त्रीकरण, शस्त्र नियंत्रण और निरस्त्रीकरण में अनुसंधान के लिए समर्पित है। यह मुख्य रूप से स्वीडिश सरकार द्वारा वित्त पोषित है।
यह 1966 में स्थापित किया गया था।
मुख्यालय: सोलना, स्वीडन