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By admin: Nov. 18, 2022

1. पीएम मोदी अरुणाचल प्रदेश के पहले ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे डोनी पोलो हवाई अड्डे का उद्घाटन करेंगे

Tags: Environment Economy/Finance State News


उत्तर पूर्व में कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी 19 नवंबर 2022 को अरुणाचल प्रदेश में निर्मित पहले ग्रीनफ़ील्ड हवाई अड्डे का उद्घाटन करेंगे। नवनिर्मित डोनी पोलो हवाई अड्डा ईटानगर के होलांगी में स्थित है। फरवरी, 2019 में इस एयरपोर्ट की आधारशिला खुद पीएम ने रखी थी।

डोनी पोलो हवाई अड्डे के बारे में

यह भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण द्वारा लगभग 650 करोड़ रुपये की लागत से विकसित अरुणाचल प्रदेश का पहला ग्रीनफील्ड हवाई अड्डा है। ग्रीनफील्ड हवाई अड्डा का अर्थ है कि यह नव निर्मित है।

जीरो एयरपोर्ट और तेजू एयरपोर्ट के बाद अरुणाचल प्रदेश में यह तीसरा एयरपोर्ट होगा।

हवाई अड्डे को A-320 विमान के संचालन का समर्थन करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। प्रधान मंत्री कार्यालय (पीएमओ) के अनुसार हवाई अड्डे का नाम अरुणाचल प्रदेश की परंपराओं और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और सूर्य ('डोनी') और चंद्रमा ('पोलो') के लिए इसकी पुरानी स्वदेशी श्रद्धा को दर्शाता है।

उत्तर पूर्वी क्षेत्र में हवाई अड्डा

प्रधान मंत्री कार्यालय के अनुसार आजादी के बाद से  2014 तक इस क्षेत्र में केवल 9 हवाई अड्डे बनाए गए थे। हालांकि पिछले 8 सालों में मौजूदा सरकार ने इस क्षेत्र में 7 नए  हवाई अड्डे बनाए हैं।

डोनी पोलो हवाई अड्डे के चालू होने के साथ ही उत्तर पूर्व में कुल हवाई अड्डों की संख्या 16 हो जाएगी।

पीएमओ के अनुसार, उत्तर-पूर्व में विमानों की आवाजाही में भी 2014 के बाद से 113% की वृद्धि देखी गई है, जो 2014 में 852 प्रति सप्ताह से बढ़कर 2022 में 1817 प्रति सप्ताह हो गई है।

प्रधानमंत्री 600 मेगावाट के कामेंग जल विद्युत् संयंत्र  का उद्घाटन करेंगे

अरुणाचल प्रदेश की अपनी यात्रा के दौरान, प्रधान मंत्री 600 मेगावाट कामेंग जल विद्युत् संयंत्र भी राष्ट्र को समर्पित करेंगे। यह जल विद्युत्  संयंत्र , 8450 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित किया गया है और यह अरुणाचल प्रदेश के पश्चिम कामेंग जिले में स्थित है।

कामेंग जल विद्युत्  संयंत्र , बिचोम और टेंगा नदियों (कामेंग नदी की दोनों सहायक नदियों) की जल विद्युत का दोहन करने के लिए एक रन-ऑफ-द-रिवर योजना है। पावर स्टेशन के दो बांध हैं, एक बिचोम में और दूसरा टेंगा में।

यह परियोजना नॉर्थ ईस्टर्न इलेक्ट्रिक पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड, (नीपको लिमिटेड) द्वारा विकसित की गई है, जो एनटीपीसी लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है।

रन ऑफ द रिवर प्रोजेक्ट

रन ऑफ द रिवर ,नदी परियोजना के संचालन में, जल भंडारण के  उद्देश्यों के लिए जलाशयों का निर्माण नहीं किया जाता है और ऊंचाई से पानी के प्राकृतिक प्रवाह का उपयोग , बिजली उत्पादन के लिए सूक्ष्म टर्बाइनों को चलाने के लिए किया जाता है।

अरुणाचल प्रदेश

यह भारत का सबसे पूर्वी क्षेत्र है। इसे 'भोर-प्रकाश-पर्वतों की भूमि'(Land of the Dawn-lit-Mountains’) या उगते सूरज की भूमि भी कहा जाता है।

इसे पहला नॉर्थ ईस्ट फ्रंटियर एजेंसी  कहा जाता था और 1972 में इसका नाम बदलकर अरुणाचल प्रदेश कर दिया गया। यह एक केंद्र शासित प्रदेश था। 20 फरवरी 1987 को इसे एक पूर्ण राज्य बना दिया गया ।

राज्य के राज्यपाल: ब्रिगेडियर(सेवानिवृत्त) बीडी मिश्रा

मुख्यमंत्री: पेमा खांडू

राजधानी: ईटानगर


By admin: Nov. 16, 2022

2. भारतीय कंपनी रीन्यू ने मिस्र में ग्रीन हाइड्रोजन संयंत्र स्थापित करने के लिए मिस्र सरकार के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए

Tags: Environment Economy/Finance International News

 ReNew signs set up Green Hydrogen plant in Egypt

भारतीय कंपनी  रिन्यू पावर प्राइवेट लिमिटेड ने 15 नवंबर 2022 को मिस्र में स्वेज नहर आर्थिक क्षेत्र में एक ग्रीन हाइड्रोजन निर्माण सुविधा स्थापित करने के लिए मिस्र की सरकार के साथ एक अनुबंध पर  15 नवंबर 2022 को हस्ताक्षर किया  हैं। रीन्यू इस परियोजना में 8 अरब डॉलर तक का निवेश करेगा ।

ग्रीन हाइड्रोजन ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोतों का उपयोग करके पानी के अणु के हाइड्रोजन और ऑक्सीजन में टूटने को संदर्भित करता है।

रिन्यू पावर ने एल्सेवेद्य इलेक्ट्रिक (Elsewedy Electric S.A.E) के साथ साझेदारी की है।  एल्सेवेद्य मध्य पूर्व और अफ्रीका में एक अग्रणी एकीकृत ऊर्जा समाधान प्रदाता है, जो परियोजना के लिए स्थानीय सह-डेवलपर होगा।

परियोजना की मुख्य विशेषताएं

अनुबंध के अनुसार, रीन्यू सालाना 20,000 टन ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन करने की क्षमता वाला एक संयंत्र स्थापित करेगी, जिसे बाद में नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का इस्तेमाल करके उसे  220,000 टन क्षमता तक बढ़ाया जाएगा।

परियोजना को चरणों में लागू किया जाना है, जिनमें से पहले चरण में  20,000 टन हरित हाइड्रोजन का उत्पादन करने के लिए एक पायलट प्रोज़ेक्ट होगा, जिसमें 570 मेगावाट अक्षय ऊर्जा से लैस 150 मेगावाट इलेक्ट्रोलाइज़र के माध्यम से सालाना 100,000 टन हरित अमोनिया का उत्पादन होगा।

ग्रीन हाइड्रोजन, ब्राउन हाइड्रोजन, ब्लू हाइड्रोजन क्या है?

आवर्त सारणी में हाइड्रोजन सबसे प्रथम और सबसे छोटा तत्व है।

उत्पादन विधि के आधार पर हाइड्रोजन का रंग हरा, भूरा, नीला या ग्रे हो सकता है।

हरित हाइड्रोजन

यह ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोतों का उपयोग करके जल के अणु के हाइड्रोजन और ऑक्सीजन में टूटने को संदर्भित करता है। ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोत का अर्थ है जिसका बार-बार उपयोग किया जा सकता है जैसे सौर ऊर्जा, जलविद्युत, पवन ऊर्जा आदि। इसमें कोई कार्बन नहीं है जो वैश्विक तापन (ग्लोबल वार्मिंग) के लिए जिम्मेदार है।

ग्रे हाइड्रोजन

भाप मीथेन सुधार प्रक्रिया (स्टीम मीथेन रिफॉर्मेशन )का उपयोग करके ग्रे हाइड्रोजन प्राकृतिक गैस या मीथेन से बनाया जाता है। यह हाइड्रोजन और कार्बन डाइऑक्साइड उत्पन्न करता है जिसे वायुमंडल में छोड़ा जाता है।

नीला हाइड्रोजन

ब्लू हाइड्रोजन मुख्य रूप से प्राकृतिक गैस से उत्पन्न होता है, स्टीम रिफॉर्मिंग नामक एक प्रक्रिया का उपयोग करके, जो भाप के रूप में प्राकृतिक गैस और गर्म जल को एक साथ लाता है। यह हाइड्रोजन और कार्बन डाइऑक्साइड उत्पन्न  करता है।

कला और ब्राउन(भूरा) हाइड्रोजन

जब हाइड्रोजन बनाने की प्रक्रिया में काला कोयला या लिग्नाइट (भूरा कोयला) का उपयोग किया जाता है तो इसे ब्लैक या भूरा कोयला कहा जाता है।

रिन्यू कंपनी

रीन्यू   कंपनी  वैश्विक स्तर पर सबसे बड़े नवीकरणीय ऊर्जा स्वतंत्र बिजली उत्पादकों में से एक है। रिन्यू यूटिलिटी-स्केल पवन ऊर्जा, सौर ऊर्जा और जलविद्युत परियोजनाओं का विकास, निर्माण, स्वामित्व और संचालन करता है।

10 अक्टूबर, 2022 तक,रीन्यू के पास चालू और प्रतिबद्ध परियोजनाओं को मिला कर  पूरे भारत में कुल 13.4 गीगा वाट अक्षय ऊर्जा परियोजनाए हैं 

कंपनी ने अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं में एक लाख करोड़ रुपये निवेश करने की भी घोषणा की है, जिसमें महाराष्ट्र और कर्नाटक दोनों में बैटरी भंडारण शामिल है।

कंपनी के संस्थापक अध्यक्ष और सीईओ: सुमंत सिन्हा


By admin: Nov. 15, 2022

3. भारत ने सीओपी 27, शर्म अल शेख, मिस्र में स्वीडन के साथ लीडआईटी शिखर सम्मेलन की मेजबानी की

Tags: Environment place in news Summits

India hosts LeadIT Summit

भारत और स्वीडन ने 15 नवंबर 2022 को लीडआईटी (उद्योग संक्रमण के लिए नेतृत्व) शिखर सम्मेलन की मेजबानी की। यह शिखर सम्मेलन,6-18 नवंबर 2022 तक मिस्र के शर्म अल शेख में चल रहे पार्टियों के सम्मेलन (सीओपी) 27 के अंतर्गत आयोजित किया गया था।  लीडआईटी  पहल ,औद्योगिक क्षेत्र के कम कार्बन संक्रमण पर केंद्रित है जो दुनिया में कार्बन उत्सर्जन का एक प्रमुख स्रोत है।

केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री, भूपेंद्र यादव ने स्वीडन की जलवायु और पर्यावरण मंत्री सुश्री रोमिना पौरमोख्तरी के साथ शिखर सम्मेलन की सह-मेजबानी की।

उद्योग परिवर्तन के लिए नेतृत्व समूह (लीडआईटी)

उद्योग संक्रमण के लिए नेतृत्व समूह (लीडआईटी) को स्वीडन और भारत की सरकारों द्वारा सितंबर 2019 में न्यूयॉर्क शहर, संयुक्त राज्य अमेरिका में संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन में लॉन्च किया गया था।

यह उन देशों और कंपनियों को एक साथ लाता है जो कार्बन उत्सर्जन में कमी पर 2016 के पेरिस समझौते के उद्देश्य को हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

लीडआईटी सदस्य शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।


By admin: Nov. 15, 2022

4. भारत द्वारा सीओपी 27 में शुरू किया गया "इन अवर लाइफटाइम" अभियान

Tags: Environment State News

"In our LiFEtime" Campaign launched by India at COP 27

पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय और संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) ने संयुक्त रूप से 14 नवंबर 2022 को मिस्र में सीओपी 27 के एक कार्यक्रम में "इन अवर लाइफटाइम" अभियान शुरू किया।

महत्वपूर्ण तथ्य

  • अभियान का उद्देश्य 18 से 23 वर्ष के बीच के युवाओं को स्थायी जीवन शैली के संदेश वाहक बनने के लिए प्रोत्साहित करना है।

  • 1 नवंबर 2021 को ग्लासगो में COP 26 में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा LiFE की अवधारणा पेश की गई थी।

  • यह अभियान दुनिया भर के युवाओं को जलवायु कार्यवाही की पहल को आगे बढ़ाने वाले युवाओं को पहचानने की बात करता है जो कि LiFE की अवधारणा के साथ प्रतिध्वनित होते हैं।

  • इस अभियान के तहत युवाओं को अपने जलवायु कार्यों को प्रस्तुत करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा जो अपनी क्षमता के भीतर पर्यावरण के लिए जीवन शैली में योगदान करते हैं।

  • युवा नई आदतों को लोकप्रिय बनाने में सक्षम हैं, विभिन्न तकनीकों को अपना रहे हैं और जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में योगदान देने के लिए बेहतर स्थिति में हैं।


By admin: Nov. 14, 2022

5. सरकार ने सॉवरेन ग्रीन बांड जारी करने के लिए रूपरेखा की घोषणा की

Tags: Environment Economy/Finance


केंद्र सरकार ने अपने प्रस्तावित सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड के लिए एक रूपरेखा जारी की है। निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में 2022-23 वित्तीय वर्ष में सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड जारी करने का प्रस्ताव दिया था। सरकार ने बाद में कहा कि उसका चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में 16,000 करोड़ रुपये के बांड जारी करने का प्रस्ताव है।

सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड क्या है?

सॉवरेन का अर्थ है भारत सरकार। बॉन्ड का मतलब है कि यह एक ऋण पत्र  है जो पूंजी या फंड जुटाने के लिए जारी किया जाता है और यह जारीकर्ता पर कर्ज बनाता है।

यहां ग्रीन का मतलब है कि बॉन्ड की बिक्री से जुटाई गई राशि का इस्तेमाल पर्यावरण के अनुकूल परियोजनाओं के लिए किया जाएगा।

सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड की मुख्य विशेषताएं

योग्य परियोजना का चयन करने के लिए समिति

सरकार मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ. वी. अनंत नागेश्वरन की अध्यक्षता में एक 'ग्रीन फाइनेंस वर्किंग कमेटी' का गठन करेगी। समिति वित्तपोषण के लिए पात्र परियोजनाओं का चयन करेगी।

समिति वर्ष में कम से कम दो बार बैठक करेगी और इसमें प्रासंगिक मंत्रालयों, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, नीति आयोग, और वित्त मंत्रालय के बजट प्रभाग और अन्य  प्रभाग के सदस्य शामिल होंगे।

किन परियोजनाओं को वित्तपोषित किया जाना है

ग्रीन बॉन्ड द्वारा  जारी पूंजी का इस्तेमाल निम्लिखित नौ श्रेणियों की परियोजना को  वित्तपोषित या पुनर्वित्त के लिए किया जायेगा :

  • नवीकरणीय ऊर्जा,
  • ऊर्जा दक्षता,
  • स्वच्छ परिवहन,
  • जलवायु परिवर्तन अनुकूलन,
  • सतत जल और अपशिष्ट प्रबंधन,
  • प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण,
  • ग्रीन  इमारतें,
  • जीवित प्राकृतिक संसाधनों और भूमि उपयोग का सतत प्रबंधन, और
  • स्थलीय और जलीय जैव विविधता संरक्षण

परियोजनाएं जो पात्र नहीं हैं

  • हालाँकि, ग्रीन बॉन्ड के माध्यम से जुटाई गई धनराशि का उपयोग निम्नलिखित परियोजनों के लिए नहीं किया जा सकता है:
  • उन जलविद्युत संयंत्रों के वित्तपोषण के लिए नहीं किया जाएगा जो 25 मेगावाट से बड़े हैं,
  • परमाणु परियोजनाओं और संरक्षित क्षेत्रों से उत्पन्न होने वाले बायोमास के साथ कोई भी बायोमास आधारित बिजली उत्पादन।

किस प्रकार का सरकारी खर्च ग्रीन सॉवरेन बांड के लिए योग्य होगा

  • हरित वित्त पोषण के लिए अर्हता प्राप्त करने वाले खर्च में निवेश, सब्सिडी, अनुदान-सहायता, या कर के रूप में सरकारी व्यय शामिल हैं या
  • अर्थव्यवस्था की कार्बन तीव्रता को कम करने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की परियोजनाओं में परिचालन व्यय और आर एंड डी व्यय
  • केवल मेट्रो परियोजनाओं के मामले में ग्रीन बांड से प्राप्त राशि का उपयोग करके मेट्रो परियोजनाओं की इक्विटी में निवेश की अनुमति है।
  • जीवाश्म ईंधन से सीधे संबंधित व्यय हरित वित्तपोषण के योग्य नहीं होंगे। हालांकि अपेक्षाकृत स्वच्छ संपीड़ित प्राकृतिक गैस (सीएनजी) के उद्देश्य से निवेश या व्यय की अनुमति है यदि इसका उपयोग केवल सार्वजनिक परिवहन परियोजनाओं में किया जाता है।

फ्रेमवर्क को मीडियम ग्रीन रेटिंग दी गई है

  • वित्त मंत्रालय के अनुसार सिसरो द्वारा सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड रूपरेखा  को "मध्यम हरित" करार दिया गया है।
  • "गहरे हरे रंग" के बाद, यह सबसे अच्छा ग्रेड  है, जिसे सिसरो द्वारा एक ग्रीन बांड के दिया जाता है जो कम कार्बन जलवायु लचीला भविष्य के साथ संरेखित करता है।
  • सिसरो हरित बांड निवेश संरचना का एक प्रमुख वैश्विक स्वतंत्र समीक्षक है।

महत्वपूर्ण तथ्य

  • दुनिया का पहला ग्रीन बांड 2007 में यूरोपीय निवेश बैंक द्वारा जारी किया गया था।
  • विश्व बैंक ने 2008 में पहली बार ग्रीन बांड जारी किया था।
  • भारत का पहला ग्रीन बांड 2015 में यस बैंक द्वारा जारी किया गया था।

By admin: Nov. 14, 2022

6. अमेरिकी जलवायु दूत जॉन केरी ने कार्बन ऑफसेट योजना शुरू की

Tags: Environment International News

U.S. climate envoy John Kerry launches carbon offset plan

अमेरिकी जलवायु दूत जॉन केरी ने 9 नवंबर को जलवायु वित्त के लिए एनर्जी ट्रांज़िशन एक्सेलेरेटर (ईटीए) नामक एक नई कार्बन ऑफसेट योजना का अनावरण किया है।

एनर्जी ट्रांज़िशन एक्सेलेरेटर (ईटीए) के बारे में

  • एनर्जी ट्रांजिशन एक्सेलेरेटर (ईटीए) अमेरिका द्वारा बेजोस अर्थ फंड और रॉकफेलर फाउंडेशन के साथ विकसित किया जाएगा और सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों से इनपुट प्राप्त करेगा।

  • यह कंपनियों को विकासशील देशों में स्वच्छ ऊर्जा परियोजनाओं को वित्तपोषित करने और कार्बन क्रेडिट अर्जित करने की अनुमति देगा जिसका उपयोग वे अपने स्वयं के जलवायु लक्ष्यों को पूरा करने के लिए कर सकते हैं।

  • यह कंपनियों को जलवायु लक्ष्यों को पूरा करने की दौड़ में अपने प्रतिस्पर्धियों पर वित्तीय बढ़त हासिल करने की अनुमति देगा।

  • इसका उद्देश्य बेकार हो चुके कोयले के प्लांट्स को उपयोग से बाहर करना और नवीकरणीय ऊर्जा के प्रयोग में तेजी लाना है।

  • यह निश्चित रूप से नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के लिए और उन कोयला संयंत्रों के लिए अच्छा हो सकता है जो बहुत पुराने और अव्यवहार्य हैं और जिन्हें भारत बंद करना चाहता है।

  • ETA के 2030 तक संचालित होने का अनुमान है, संभावित रूप से 2035 तक इसका विस्तार किया जा सकता है।


By admin: Nov. 14, 2022

7. पाकिस्तान और बांग्लादेश जी- 7 ' 'ग्लोबल शील्ड' क्लाइमेट फंडिंग प्राप्त करने वाले पहले देशों में शामिल होंगे

Tags: Environment International News

पाकिस्तान, घाना, बांग्लादेश, कोस्टा रिका, फिजी, फिलीपींस और सेनेगल जलवायु आपदाओं से पीड़ित देशों को वित्त पोषण प्रदान करने के लिए  जी- 7   'ग्लोबल शील्ड' पहल से धन प्राप्त करने वाले पहले कुछ देशों  में शामिल होंगे। जर्मनी द्वारा 14 नवंबर 2022 को मिस्र में चल रहे सीओपी 27  शिखर सम्मेलन में इसकी घोषणा की गई थी।  जर्मनी द्वारा 14 नवंबर 2022 को मिस्र में चल रहे सीओपी 27  शिखर सम्मेलन में इसकी घोषणा की।

ग्लोबल शील्ड क्लाइमेट फाइनेंस

इसे 14 नवंबर 2022 को मिस्र में सीओपी 27  शिखर सम्मेलन में जी- 7  देशों (संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, फ्रांस, इटली, यूनाइटेड किंगडम और जापान) द्वारा लॉन्च किया गया था।

ग्लोबल शील्ड का समन्वय जर्मनी द्वारा किया जाएगा और इसे 58 जलवायु संवेदनशील अर्थव्यवस्थाओं के 'वी20' समूह के सहयोग से विकसित किया जा रहा है।

निधि का उद्देश्य

इस कोष का उपयोग जलवायु प्रेरित आपदाओं से निपटने के लिए कम आय वाले और गरीब  देशों की मदद के लिए किया जाएगा।

इसका उद्देश्य सामाजिक सुरक्षा योजनाओं और जलवायु जोखिम बीमा को मजबूत करना है ताकि जब बाढ़ जैसी चरम मौसम की घटना हो, तो प्रभावित देशों को जल्दी से सहायता पहुँचाया जा सके ।

जर्मनी ने घोषणा की है कि वह फंड में 172 मिलियन अमरीकी डालर का योगदान देगा। हालांकि अभी फंड के आकार का खुलासा नहीं किया गया है।

विशेष हानि एवं क्षति कोष की मांग

ग्लोबल वार्मिंग से प्रेरित जलवायु परिवर्तन ने विकासशील देशों को बुरी तरह से प्रभावित किया है और उनके पास बाढ़, सूखा आदि जैसी प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए पर्याप्त  संसाधन नहीं हैं।

विकासशील देश मांग करते रहे हैं कि प्रदूषणकारी देश (विकसित देश) जलवायु परिवर्तन के कारण गरीब विकासशील देशों को हुए नुकसान और क्षति के लिए भुगतान करें।

विकसित देशों द्वारा वर्षों के प्रतिरोध के बाद, वे 6-18 नवंबर 2022 से मिस्र के शर्म-एल शेख में आयोजित होने वाली सीओपी 27 बैठक में एक विशेष नुकसान और क्षति कोष पर चर्चा करने के लिए सहमत हुए हैं।

"ग्लोबल शील्ड" पहल को इस तरह के फंडिंग को संबोधित करने के लिए एक कदम के रूप में देखा जा रहा है।


By admin: Nov. 13, 2022

8. मणिपुर 14 नवंबर को अमूर फाल्कन आयोजित करेगा

Tags: Environment Festivals State News

अमूर फाल्कन फेस्टिवल का 7 वां संस्करण 14 नवंबर 2022 को मणिपुर के तामेंगलोंग जिले में आयोजित किया जाएगा। दुनिया में  सबसे लंबे समय तक उड़ने वाले प्रवासी पक्षी अमूर फाल्कन(बाज़) के संरक्षण के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए इस महोत्सव का आयोजन 2015 से किया जा रहा है। दिन भर चलने वाला त्योहार आम तौर पर नवंबर के पहले या दूसरे सप्ताह में मनाया जाता है।

अमूर फाल्कन (फाल्को एमुरेंसिस)

अमूर बाज़ ,बाज़ परिवार का दुनिया का सबसे लम्बी यात्रा करने वाला छोटा रैप्टर है। रैप्टर का अर्थ है जो शिकार के रूप में अन्य जानवरों या पक्षियों का शिकार करता है।

अमूर फाल्कन रूस के मध्य साइबेरिया क्षेत्र, पूर्वी चीन में प्रजनन करते हैं । वे अक्टूबर के दौरान उत्तर पूर्वी राज्यों मणिपुर, नागालैंड, असम के कुछ  हिस्से में प्रवास करते हैं।

वे लगभग दो महीने तक भारत में रहते हैं और नवंबर के महीने में वे लगभग 22,00 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए दक्षिण अफ्रीका और केन्या के लिए बिना रुके अरब सागर को पार करते हैं उड़ान भरते हैं । अमूर फाल्कन्स वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के तहत संरक्षित हैं।

नागालैंड को दुनिया की फाल्कन राजधानी के रूप में जाना जाता है

अक्टूबर-नवंबर महीने के दौरान नागालैंड में वोखा जिले के पांगती गांव में लगभग दसलाख अमूर फाल्कन रैप्टर रुकते हैं। यह एक जगह पर दुनिया में अमूर बाज़ पक्षी का सबसे बड़ा जमावड़ा है। इसलिए नागालैंड को दुनिया की फाल्कन राजधानी भी कहा जाता है।


By admin: Nov. 12, 2022

9. COP27 प्रेसीडेंसी ने शर्म-अल-शेख अनुकूलन एजेंडा लॉन्च किया

Tags: Environment International News

Sharm-el-Sheikh Adaptation Agenda

मिस्र में आयोजित हो रहे संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में, COP27 प्रेसीडेंसी ने 2030 तक सबसे अधिक जलवायु-संवेदनशील समुदायों में रहने वाले चार बिलियन लोगों के लिए लचीलापन बढ़ाने के लिए शर्म-अल-शेख अनुकूलन एजेंडा लॉन्च किया।

महत्वपूर्ण तथ्य

  • शर्म-अल-शेख अनुकूलन एजेंडा अनुकूलन और लचीलापन पर वैश्विक कार्यवाही को सर्वोच्च प्राथमिकता के रूप में बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण योगदान का प्रतिनिधित्व करता है।

  • प्रत्येक परिणाम वैश्विक समाधान प्रस्तुत करता है जिसे स्थानीय स्तर पर अपनाया जा सकता है ताकि स्थानीय जलवायु संदर्भों, जरूरतों और जोखिमों का जवाब दिया जा सके

  • इससे कमजोर समुदायों को बढ़ते जलवायु खतरों, जैसे अत्यधिक गर्मी, सूखा, बाढ़, या चरम मौसम से बचाने के लिए तंत्र में आवश्यक बदलाव लाने में मदद मिलेगी।

  • विकासशील देशों ने यह भी मांग की कि कोष आसानी से सुलभ होना चाहिए।

  • इसका उद्देश्य जलवायु परिवर्तन के विनाशकारी प्रभावों को कम करना है। 

  • प्रेसीडेंसी ने इन लक्ष्यों को आगे बढ़ाने के लिए 140 बिलियन डॉलर से 300 बिलियन डॉलर जुटाने की मांग की।

  • भारत सहित विकासशील देश, अमीर देशों से एक नए वैश्विक जलवायु वित्त लक्ष्य के लिए सहमत होने की मांग कर रहे हैं, जिसे जलवायु वित्त पर नए सामूहिक मात्रात्मक लक्ष्य के रूप में भी जाना जाता है।

  • ये कार्यवाहियां पांच प्रणालियों में की जाएंगी - खाद्य और कृषि, जल और प्रकृति, तटीय और महासागर, मानव बस्तियाँ, और बुनियादी ढाँचा। 

  • ये कार्यवाहियां इन क्षेत्रों में योजना और वित्त के लिए सक्षम समाधान शामिल करेंगे।


By admin: Nov. 11, 2022

10. अनामलाई टाइगर रिजर्व ने हाथी गोद लेने की योजना शुरू की

Tags: Environment National News

Anamalai Tiger Reserve initiated elephant adoption scheme

नवंबर 2022 में तमिलनाडु स्थित ‘अनामलाई टाइगर रिजर्व’ (एटीआर) ने ‘हाथी दत्तक ग्रहण योजना’ का अनावरण किया है। 

महत्वपूर्ण तथ्य  

  • एटीआर ने एक हाथी दत्तक ग्रहण कार्यक्रम शुरू किया है जिसमें गैर-सरकारी संगठन, संस्थान, ट्रस्ट या व्यक्ति वन विभाग के शिविर में हाथियों की लागत को प्रायोजित कर सकते हैं।

  • मार्टिन ग्रुप ऑफ कंपनीज, मार्टिन ट्रस्ट की निदेशक और रोटरी क्लब ऑफ कोयंबटूर आकृति के 'गो ग्रीन' कार्यक्रम की जिला समन्वयक लीमा रोज मार्टिन ने कोझीकामुथि हाथी शिविर के 2 हाथियों अभिनय और संजीव को 1 साल के लिए गोद लिया।

  • हाथी दत्तक ग्रहण योजना के तहत, कोई भी दानदाता जो हाथियों को गोद लेने का इच्छुक है, उसे आयकर अधिनियम 1961 की धारा 80G के तहत छूट दिए जाने की बात की जा है ।

  • 7 नवंबर 2022 को, लीमा रोज मार्टिन ने 3 महीने के लिए 2 हाथियों के खर्चों को पूर्ण करने के लिए 1,86,720 रुपये का डिमांड ड्राफ्ट सौपा है।

अनामलाई टाइगर रिजर्व (एटीआर) 

  • एटीआर, तमिलनाडु के चार टाइगर रिज़र्व में से एक है। यह दक्षिणी पश्चिमी घाट का ही भाग है। यह वर्ष 2003 में  घोषित अनामलाई परंबिकुलम एलीफेंट रिज़र्व का भाग है।

  • यह पूर्व में चिनार वन्यजीव अभयारण्य और दक्षिण-पश्चिमी में एराविकुलम नेशनल पार्क तथा परम्बिकुलम टाइगर रिज़र्व से घिरा हुआ है।

  • यह रिज़र्व केरल के नेनमारा वाज़चल, मलयत्तुर और मरयूर आरक्षित वनों से भी घिरा हुआ है।

  • इस अभयारण्य में पाई जाने वाली पर्वत श्रेणियों में अमरावती, उदुमलपेट, पोलाची, उलेडी और वलपरई आदि शामिल हैं।

  • इस क्षेत्र में पाई जाने वाली जनजातियों में कादर, मालासर, मलमलसर, पुलायार, मुदुवर और एरावलान शामिल हैं।

  • यहाँ पाए जाने वाले मुख्य स्तनधारियों में एशियाई हाथी, सांभर, चित्तीदार हिरण, बार्किंग हिरण, माउस हिरण, गौर, नीलगिरि तहर, बाघ, आदि शामिल हैं।


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