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By admin: Nov. 28, 2022

1. दुनिया का सबसे बड़ा सक्रिय ज्वालामुखी मौना लोआ हवाई में फटा

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volcano Mauna Loa erupts in Hawaii

दुनिया का सबसे बड़ा सक्रिय ज्वालामुखी हवाई का मौना लोआ 40 साल बाद फटा है। यूएस जियोलॉजिकल सर्विस (यूएसजीएस) ने स्थिति को "चेतावनी" में अपग्रेड किया है जो ज्वालामुखी विस्फोट के लिए उच्चतम वर्गीकरण है।  वर्त्तमान  में लावा का प्रवाह ज्यादातर शिखर के भीतर समाहित है, लेकिन निवासियों को अलर्ट पर रखा गया है।

मौना लोआ हवाई ज्वालामुखी राष्ट्रीय उद्यान के अंदर स्थित है जो अमेरिकी राज्य के बड़े द्वीप के आधे हिस्से को कवर करता है। ज्वालामुखी समुद्र तल से 13,679 फीट (4,169 मीटर) ऊपर उठता है और 2,000 वर्ग मील (5,179 वर्ग किमी) से अधिक के क्षेत्र में फैला है।

विस्फोट 27 नवंबर 2022 की रात को ज्वालामुखी के शिखर काल्डेरा मोकुआवेओवो में शुरू हुआ था। काल्डेरा खोखले होते हैं जो विस्फोट के अंत में शिखर के नीचे बनते हैं।

यूएसजीएस के अनुसार, मौना लोआ 1843 में अपने पहले प्रलेखित विस्फोट के बाद से 33 बार फूट चुका है। 1984 में हुए पिछले विस्फोट ने द्वीप के सबसे अधिक आबादी वाले शहर हिलो शहर के 5 मील के भीतर तकलावा प्रवाहित हुआ  था।


By admin: Nov. 28, 2022

2. केवीआईसी के अध्यक्ष मनोज कुमार ने नैनीताल में महत्वाकांक्षी पुनर्वास परियोजना का उद्घाटन किया

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Manoj Kumar inaugurated the ambitious RE-HAB, Project

खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के अध्यक्ष मनोज कुमार ने 28 नवंबर  2022 को उत्तराखंड, के जिला नैनीताल के वन परिक्षेत्र फतेहपुर, हल्द्वानी के गांव चौसला में खादी और ग्रामोद्योग आयोग की महत्वाकांक्षी आरई-एचएबी परियोजना (मधुमक्खियों का उपयोग कर मानव हमलों को कम करना) का उद्घाटन किया।  उन्होंने चौसला गांव में ग्रामीण हितग्राहियों को 330 मधुमक्खी बक्सों, मधुमक्खी कालोनियों और टूलकिट के साथ-साथ शहद निकालने वालों का वितरण भी किया।

आरई-एचएबी(मधुमक्खियों का उपयोग कर मानव हमलों को कम करना) परियोजना

  • मानव बस्तियों पर जंगली हाथियों के हमलों को हतोत्साहित करने के लिए सरकार मधुमक्खियों के उपयोग को बढ़ावा दे रही है।
  • केवीआईसी ने असम, उत्तराखंड, कर्नाटक, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और उड़ीसा राज्यों में री-हब परियोजना शुरू की है।

यह काम किस प्रकार करता है

  • आरई-एचएबी परियोजना के तहत मानवीय बस्तियों में हाथियों के प्रवेश को अवरुद्ध करने के लिए उनके मार्ग में मधुमक्खी पालन के बक्से स्थापित करके "मधुमक्खियों की बाड़" लगाई जाती है।
  • इन बक्सों को एक तार से जोड़ा जाता है ताकि जब हाथी वहां से गुजरने का प्रयास करता है, तो एक खिंचाव या दबाव के कारण मधुमक्खियां हाथियों के झुंड की तरफ चली आती हैं और उन्हें आगे बढ़ने से रोकती हैं। यह परियोजना जानवरों को कोई नुकसान पहुंचाए बिना ही मानव और जंगली जानवरों के बीच संघर्षों को कम करने का एक किफ़ायती तरीका है।
  • यह वैज्ञानिक रूप से सही पाया गया है कि हाथी मधुमक्खियों से चिढ़ जाते हैं। उनको इस बात का भी भय होता है कि मधुमक्खियां उनकी सूंड और आंखों के अन्य संवेदनशील अंदरूनी हिस्सों में काट सकती हैं। मधुमक्खियों के सामूहिक कोलाहल से हाथी परेशान हो जाते हैं और वे वापस लौटने के लिए मजबूर हो जाते हैं।
  • प्रोजेक्ट आरई-एचएबी केवीआईसी के राष्ट्रीय शहद मिशन का एक उप-मिशन है।
  • यह अभियान मधुमक्खियों की आबादी, शहद उत्पादन और मधुमक्खी पालकों की आय बढ़ाने के लिए एक विशेष कार्यक्रम है, जबकि प्रोजेक्ट आरई-एचएबी हाथी के हमलों को रोकने के लिए मधुमक्खी के बक्से को बाड़ के रूप में उपयोग करता है।
  • एक नई पहल के रूप में, री-हैब परियोजना केवीआईसी द्वारा चयनित स्थानों पर एक वर्ष की अवधि के लिए चलाई जाएगी।

खादी ग्रामोद्योग आयोग(केवीआईसी)

खादी ग्रामोद्योग आयोग की स्थापना 1957 में खादी और ग्रामोद्योग आयोग अधिनियम 1956 के तहत की गई थी।

यह सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय के अधीन है।

यह ग्रामीण क्षेत्रों में खादी और अन्य ग्रामोद्योगों के विकास के लिए योजनाओं, प्रचार, संगठन और कार्यक्रमों के कार्यान्वयन के अन्य एजेंसियों के साथ-साथ जहां भी आवश्यक हो, जिम्मेदार है।

केवीआईसी के अध्यक्ष: मनोज कुमार

फुल फॉर्म

KVIC/केवीआईसी: खादी ऐन्डविलेज कमीशन


By admin: Nov. 28, 2022

3. बॉलीवुड अभिनेता जैकी श्रॉफ, करण कुंद्रा समुद्र तट सफाई अभियान में गोवा के मुख्यमंत्री के साथ शामिल हुए

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Jackie Shroff, Karan Kundrra join Goa CM in beach clean-up drive

बॉलीवुड अभिनेता जैकी श्रॉफ और करण कुंद्रा, 28 नवंबर 2022 को गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत के साथ पंजिम के मिरामार बीच पर गोवा सरकार की  'क्लीनथॉन' पहल शुरू करने के लिए शामिल हुए।' क्लीनएथॉन' पहल में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र पहाड़नवीस भी शामिल हुए, अमृता फडणवीस भी इस पहल में शामिल हुईं।

गोवा अपने समुद्र तटों के लिए प्रसिद्ध है और जो लाखों घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों को आकर्षित करता है। पणजी में मिरामार बीच पर्यटकों के साथ सबसे लोकप्रिय समुद्र तटों में से एक है।

इस सफाई अभियान के लिए, कई लोग काले और सफेद वर्दी पहने समुद्र तट पर एकत्र हुए, ताकि कचरे से छुटकारा मिल सके।

गोवा

यह अरब सागर तट के साथ स्थित भारत का क्षेत्रफल के हिसाब से सबसे छोटा राज्य है।

यह पहले पुर्तगाल का एक उपनिवेश था और भारत सरकार ने 1961 में गोवा को आजाद कराने के लिए ऑपरेशन विजय शुरू किया था।

यह 1962 में एक केंद्र शासित प्रदेश बना और 30 मई 1987 को यह  भारत का 25वां राज्य बना। जब यह एक राज्य बना तो दमन और दीव तथादादरा और नगर हवेली को इससे अलग कर केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया।

राजधानी : पंजिम

राज्यपाल: पी एस श्रीधरन पिल्लई


By admin: Nov. 25, 2022

4. पनामा में वन्यजीव शिखर सम्मेलन में लीथ के सॉफ्टशेल कछुए की सुरक्षा बढ़ाने के लिए भारत के प्रस्ताव को अपनाया गया

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protection to Leith's softshell turtle

केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने 24 नवंबर को कहा कि पनामा में चल रहे विश्व वन्यजीव सम्मेलन में लीथ के सॉफ्टशेल कछुए की सुरक्षा स्थिति बढ़ाने के भारत के प्रस्ताव को अपनाया गया है।

महत्वपूर्ण तथ्य

  • भारत ने लुप्तप्राय प्रजातियों के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर कन्वेंशन (CITES) के तहत लीथ के नरम खोल वाले कछुए की सुरक्षा को मजबूत किया है।

  • लीथ का कोमल आवरण वाला कछुआ एक बड़ा ताजे पानी का नरम खोल वाला कछुआ है जो प्रायद्वीपीय भारत के लिए स्थानिक है और नदियों और जलाशयों में मिलता है। 

  • भारत के भीतर अवैध रूप से इसका शिकार किया गया और इसका सेवन भी किया गया। 

  • मांस और इसकी कैलीपी के लिए विदेशों में भी इसका अवैध रूप से कारोबार किया गया है। 

  • इस कछुए की प्रजाति की आबादी में पिछले 30 वर्षों में 90%की गिरावट का अनुमान लगाया गया है, जिससे कि अब इस प्रजाति को खोजना मुश्किल है।

  • इसे अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (आईयूसीएन) द्वारा ‘गंभीर रूप से संकटग्रस्त’ प्राणी की श्रेणी में वर्गीकृत किया गया है।

  • यह प्रजाति वन्य जीवन (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की अनुसूची IV में सूचीबद्ध है जो इसे शिकार के साथ-साथ इसके व्यापार से भी सुरक्षा प्रदान करती है।

  • सीआईटीईएस परिशिष्ट I में इस कछुओं की प्रजातियों की सूची को रखा जाना यह सुनिश्चित करेगा कि इन प्रजातियों में कानूनी अंतर्राष्ट्रीय व्यापार व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए नहीं होता है।

  • लुप्तप्राय प्रजातियों के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर सम्मेलन (CITES) के लिए COP की 19वीं बैठक पनामा में 14 से 25 नवंबर 2022 तक आयोजित की जा रही है।


By admin: Nov. 23, 2022

5. जेएनपीए ने सतत समुद्री जल गुणवत्ता निगरानी स्टेशन का उद्घाटन किया

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JNPA inaugurates Continuous Marine Water

भारत में सर्वश्रेष्ठ कामकाज करने वाले जवाहरलाल नेहरू पोर्ट प्राधिकरण (जेएनपीए) में आईआईटी मद्रास के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के सहयोग से निरंतर समुद्री जल गुणवत्ता निगरानी स्टेशन (सीएमडब्लूक्यूएमएस) का 21 नवंबर 2022 को उद्घाटन किया गया।

महत्वपूर्ण तथ्य

  • इसके साथ ही विद्युत चालित पर्यावरण निगरानी वाहन (ईवी) की औपचारिक शुरूआत की गई। 

  • जेएनपीए निरतंरता प्राप्त करने और व्यापार के लिये मूल्य रचना के लिये प्रतिबद्ध है, जो आर्थिक, सामाजिक तथा पर्यावरण मानकों में परिलक्षित होता है। 

  • निरंतर जल गुणवत्ता प्रणाली और विद्युत चालित निगरानी वाहन के जरिए बंदरगाह क्षेत्र में समुद्री जल और वायु की गुणवत्ता प्रबंधन में सहायता मिलेगी तथा बंदरगाह क्षेत्र के भीतर पर्यावरण की गुणवत्ता को बेहतर किया जा सकेगा। 

  • जेएनपीए वाहनों से निकलने वाली ग्रीन-हाउस गैस को कम करने में सक्षम होगा।

  • इसके अलावा बंदरगाह संपदा के आसपास पर्यावरण गुणवत्ता के पालन की निगरानी भी संभव होगी। 

  • यह कार्य जल गुणवत्ता स्टेशन के आंकड़ों, पानी के तापमान, पीएच, घुली हुई ऑक्सीजन, अमोनिया, कंडक्टीविटी, नाइट्रेट, खारेपन, समुद्री जल का टीडीएस आदि के जरिए पूरा किया जाएगा।

  • समुद्री जल का टीडीएस समुद्री जल की गुणवत्ता संबंधी डेटाबेस पर आधारित होता है। 

  • यह समुद्री पर्यावरण में स्वच्छता मानकों को बनाए रखने के लिए जरूरी है। 

  • ई-वाहनों से भी जेएनपीए में मौजूदा वायु और कोलाहल के स्तर की निगरानी की जाएगी।

जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह प्राधिकरण (जेएनपीए)

  • नवी मुंबई में स्थित जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह प्राधिकरण (जेएनपीए) भारत में प्रमुख कंटेनर हैंडलिंग बंदरगाह है।

  • 26 मई 1989 को कमीशन किया गया यह बंदरगाह तीन दशकों में बल्क-कार्गो टर्मिनल से देश में प्रमुख कंटेनर बंदरगाह बन गया है।

  • JNPA दुनिया के 200 से अधिक बंदरगाहों से जुड़ा है और वैश्विक स्तर पर शीर्ष 100 कंटेनर बंदरगाहों की सूची में 26वें स्थान पर है।


By admin: Nov. 22, 2022

6. सीआईटीईएस द्वारा शीशम आधारित वस्तुओं के लिए नियमों में बदलाव से भारतीय निर्यातकों को लाभ

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भारत के हस्तशिल्प निर्यातकों को एक बड़ी राहत देते हुए वन्य जीवों और वनस्पतियों की लुप्तप्राय प्रजातियों में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर सम्मेलन (सीआईटीईएस),पार्टियों के सम्मेलन की 19वीं बैठक (सीओपी 19) ने सहमति व्यक्त की है कि अब  किसी भी संख्या में शीशम (दालबर्जिया सिस्सू, ) लकड़ी-आधारित वस्तुओं को बिना सीआईटीईएस परमिट के शिपमेंट में एकल खेप के रूप में निर्यात किया जा सकता है, यदि इस खेप के प्रत्येक उत्पाद का व्यक्तिगत वजन 10 किलो से कम है।

पनामा शहरपनामा में 14 से 25 नवंबर 2022 तक वन्य जीवों और वनस्पतियों (सीआईटीईएस) की लुप्तप्राय प्रजातियों में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर सम्मेलन के लिए पार्टियों के सम्मेलन की 19 वीं बैठक आयोजित की जा रही है।

इससे पहले 10 किलोग्राम से अधिक वजन वाले शीशम की लकड़ी से निर्मित फर्नीचर या हस्तशिल्प की हर खेप को सीआईटीईएस की अनुमति की आवश्यकता होती थी।

इस नियम ने भारत से शीशम के निर्यात को बुरी तरह प्रभावित किआ था ।  अब नियम में इस बदलाव से भारत से शीशम से बने फर्नीचर या हस्तशिल्प के निर्यात को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है और इस पर काम करने वाले 50,000 कारीगरों को लाभ होगा।

वन्य जीवों और वनस्पतियों की लुप्तप्राय प्रजातियों के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर सम्मेलन (सीआईटीईएस)

वन्य जीवों और वनस्पतियों की लुप्तप्राय प्रजातियों में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर कन्वेंशन (सीआईटीईएस) की स्थापना 1973 में लुप्तप्राय वन्यजीवों और वन्यजीव उत्पादों में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के लिए सरकारी परमिट की आवश्यकता के द्वारा जंगली वनस्पतियों और जीवों को विलुप्त होने से बचाने में मदद करने के लिए की गई थी।

वर्तमान में 184 देश इसके सदस्य हैं।

वन्य जीवों और वनस्पतियों (सीआईटीईएस) की लुप्तप्राय प्रजातियों में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर सम्मेलन के लिए पार्टियों के सम्मेलन की पहली  बैठक 1976 में बर्नस्विट्जरलैंड में आयोजित की गई थी।

18 वीं बैठक 2019 में जिनेवास्विट्जरलैंड में आयोजित की गई थी।


By admin: Nov. 15, 2022

7. बेसिक समूह की मंत्रिस्तरीय बैठक मिस्र में आयोजित

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ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका, भारत और चीन (बेसिक समूह) के मंत्रियों ने 15 नवंबर 2022 को शर्म अल-शेख, मिस्र में आयोजित जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र प्रारूप सम्मेलन की 27वीं पक्षकार संगोष्ठी (कॉप-27) में बैठक हुई ।

बैठक की अध्यक्षता दक्षिण अफ्रीका के पर्यावरण मंत्री बारबरा क्रीसी ने की और इसमें भारतीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव, ब्राजील के पर्यावरण मंत्री जोआकिम लेइट, जलवायु परिवर्तन पर चीनी विशेष दूत झी झेंहुआ ने भाग लिया। वर्तमान में दक्षिण अफ्रीका बेसिक समूह का अध्यक्ष है ।

मंत्रियों ने एक सफल सम्मेलन के लिए मिस्र की सीओपी 27 अध्यक्षता को अपना पूर्ण समर्थन देने का वचन दिया। उन्होंने राष्ट्रीय परिस्थितियों के आलोक में सामान्य लेकिन अलग-अलग जिम्मेदारियों और संबंधित क्षमताओं के सिद्धांत पर जोर दिया।

उन्होंने चिंता व्यक्त की कि विकसित देश जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभाव से निपटने के लिए विकासशील देशों को प्रति वर्ष 100 बिलियन अमरीकी डालर की वित्तीय सहायता प्रदान करने के अपने वादे को पूरा नहीं कर रहे हैं।

2009 में डेनमार्क के कोपेनहेगन में 15वें कांफ्रेंस ऑफ पार्टीज की बैठक में विकसित देशों ने विकासशील देशों को ऐसी सहायता देने का वादा किया था।

बेसिक ग्रुप’ (बीएएसआईसी ग्रुप)

बेसिक समूह का गठन भारत, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका और चीन द्वारा नवंबर 2009 में कोपेनहेगन, डेनमार्क में 15वेंसीओपी सम्मेलन से ठीक पहले किया गया था।

समूह का गठन इसलिए किया गया था ताकि ग्रीनहाउस गैसों में कमी और जलवायु वित्तपोषण की आवश्यकता जैसे मुद्दों पर विकसित देशों के साथ सामूहिक रूप से सौदेबाजी की जा सके।

ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका, भारत और चीन के पास दुनिया के भौगोलिक क्षेत्र का एक तिहाई और दुनिया की आबादी का लगभग 40% हिस्सा है।

चीन दुनिया में कार्बन डाइऑक्साइड का सबसे बड़ा उत्सर्जक है और भारत तीसरा सबसे बड़ा है। संयुक्त राज्य अमेरिका दुनिया में कार्बन डाइऑक्साइड का दूसरा सबसे बड़ा उत्सर्जक है।




By admin: Nov. 18, 2022

8. पीएम मोदी अरुणाचल प्रदेश के पहले ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे डोनी पोलो हवाई अड्डे का उद्घाटन करेंगे

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उत्तर पूर्व में कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी 19 नवंबर 2022 को अरुणाचल प्रदेश में निर्मित पहले ग्रीनफ़ील्ड हवाई अड्डे का उद्घाटन करेंगे। नवनिर्मित डोनी पोलो हवाई अड्डा ईटानगर के होलांगी में स्थित है। फरवरी, 2019 में इस एयरपोर्ट की आधारशिला खुद पीएम ने रखी थी।

डोनी पोलो हवाई अड्डे के बारे में

यह भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण द्वारा लगभग 650 करोड़ रुपये की लागत से विकसित अरुणाचल प्रदेश का पहला ग्रीनफील्ड हवाई अड्डा है। ग्रीनफील्ड हवाई अड्डा का अर्थ है कि यह नव निर्मित है।

जीरो एयरपोर्ट और तेजू एयरपोर्ट के बाद अरुणाचल प्रदेश में यह तीसरा एयरपोर्ट होगा।

हवाई अड्डे को A-320 विमान के संचालन का समर्थन करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। प्रधान मंत्री कार्यालय (पीएमओ) के अनुसार हवाई अड्डे का नाम अरुणाचल प्रदेश की परंपराओं और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और सूर्य ('डोनी') और चंद्रमा ('पोलो') के लिए इसकी पुरानी स्वदेशी श्रद्धा को दर्शाता है।

उत्तर पूर्वी क्षेत्र में हवाई अड्डा

प्रधान मंत्री कार्यालय के अनुसार आजादी के बाद से  2014 तक इस क्षेत्र में केवल 9 हवाई अड्डे बनाए गए थे। हालांकि पिछले 8 सालों में मौजूदा सरकार ने इस क्षेत्र में 7 नए  हवाई अड्डे बनाए हैं।

डोनी पोलो हवाई अड्डे के चालू होने के साथ ही उत्तर पूर्व में कुल हवाई अड्डों की संख्या 16 हो जाएगी।

पीएमओ के अनुसार, उत्तर-पूर्व में विमानों की आवाजाही में भी 2014 के बाद से 113% की वृद्धि देखी गई है, जो 2014 में 852 प्रति सप्ताह से बढ़कर 2022 में 1817 प्रति सप्ताह हो गई है।

प्रधानमंत्री 600 मेगावाट के कामेंग जल विद्युत् संयंत्र  का उद्घाटन करेंगे

अरुणाचल प्रदेश की अपनी यात्रा के दौरान, प्रधान मंत्री 600 मेगावाट कामेंग जल विद्युत् संयंत्र भी राष्ट्र को समर्पित करेंगे। यह जल विद्युत्  संयंत्र , 8450 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित किया गया है और यह अरुणाचल प्रदेश के पश्चिम कामेंग जिले में स्थित है।

कामेंग जल विद्युत्  संयंत्र , बिचोम और टेंगा नदियों (कामेंग नदी की दोनों सहायक नदियों) की जल विद्युत का दोहन करने के लिए एक रन-ऑफ-द-रिवर योजना है। पावर स्टेशन के दो बांध हैं, एक बिचोम में और दूसरा टेंगा में।

यह परियोजना नॉर्थ ईस्टर्न इलेक्ट्रिक पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड, (नीपको लिमिटेड) द्वारा विकसित की गई है, जो एनटीपीसी लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है।

रन ऑफ द रिवर प्रोजेक्ट

रन ऑफ द रिवर ,नदी परियोजना के संचालन में, जल भंडारण के  उद्देश्यों के लिए जलाशयों का निर्माण नहीं किया जाता है और ऊंचाई से पानी के प्राकृतिक प्रवाह का उपयोग , बिजली उत्पादन के लिए सूक्ष्म टर्बाइनों को चलाने के लिए किया जाता है।

अरुणाचल प्रदेश

यह भारत का सबसे पूर्वी क्षेत्र है। इसे 'भोर-प्रकाश-पर्वतों की भूमि'(Land of the Dawn-lit-Mountains’) या उगते सूरज की भूमि भी कहा जाता है।

इसे पहला नॉर्थ ईस्ट फ्रंटियर एजेंसी  कहा जाता था और 1972 में इसका नाम बदलकर अरुणाचल प्रदेश कर दिया गया। यह एक केंद्र शासित प्रदेश था। 20 फरवरी 1987 को इसे एक पूर्ण राज्य बना दिया गया ।

राज्य के राज्यपाल: ब्रिगेडियर(सेवानिवृत्त) बीडी मिश्रा

मुख्यमंत्री: पेमा खांडू

राजधानी: ईटानगर


By admin: Nov. 16, 2022

9. भारतीय कंपनी रीन्यू ने मिस्र में ग्रीन हाइड्रोजन संयंत्र स्थापित करने के लिए मिस्र सरकार के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए

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 ReNew signs set up Green Hydrogen plant in Egypt

भारतीय कंपनी  रिन्यू पावर प्राइवेट लिमिटेड ने 15 नवंबर 2022 को मिस्र में स्वेज नहर आर्थिक क्षेत्र में एक ग्रीन हाइड्रोजन निर्माण सुविधा स्थापित करने के लिए मिस्र की सरकार के साथ एक अनुबंध पर  15 नवंबर 2022 को हस्ताक्षर किया  हैं। रीन्यू इस परियोजना में 8 अरब डॉलर तक का निवेश करेगा ।

ग्रीन हाइड्रोजन ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोतों का उपयोग करके पानी के अणु के हाइड्रोजन और ऑक्सीजन में टूटने को संदर्भित करता है।

रिन्यू पावर ने एल्सेवेद्य इलेक्ट्रिक (Elsewedy Electric S.A.E) के साथ साझेदारी की है।  एल्सेवेद्य मध्य पूर्व और अफ्रीका में एक अग्रणी एकीकृत ऊर्जा समाधान प्रदाता है, जो परियोजना के लिए स्थानीय सह-डेवलपर होगा।

परियोजना की मुख्य विशेषताएं

अनुबंध के अनुसार, रीन्यू सालाना 20,000 टन ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन करने की क्षमता वाला एक संयंत्र स्थापित करेगी, जिसे बाद में नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का इस्तेमाल करके उसे  220,000 टन क्षमता तक बढ़ाया जाएगा।

परियोजना को चरणों में लागू किया जाना है, जिनमें से पहले चरण में  20,000 टन हरित हाइड्रोजन का उत्पादन करने के लिए एक पायलट प्रोज़ेक्ट होगा, जिसमें 570 मेगावाट अक्षय ऊर्जा से लैस 150 मेगावाट इलेक्ट्रोलाइज़र के माध्यम से सालाना 100,000 टन हरित अमोनिया का उत्पादन होगा।

ग्रीन हाइड्रोजन, ब्राउन हाइड्रोजन, ब्लू हाइड्रोजन क्या है?

आवर्त सारणी में हाइड्रोजन सबसे प्रथम और सबसे छोटा तत्व है।

उत्पादन विधि के आधार पर हाइड्रोजन का रंग हरा, भूरा, नीला या ग्रे हो सकता है।

हरित हाइड्रोजन

यह ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोतों का उपयोग करके जल के अणु के हाइड्रोजन और ऑक्सीजन में टूटने को संदर्भित करता है। ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोत का अर्थ है जिसका बार-बार उपयोग किया जा सकता है जैसे सौर ऊर्जा, जलविद्युत, पवन ऊर्जा आदि। इसमें कोई कार्बन नहीं है जो वैश्विक तापन (ग्लोबल वार्मिंग) के लिए जिम्मेदार है।

ग्रे हाइड्रोजन

भाप मीथेन सुधार प्रक्रिया (स्टीम मीथेन रिफॉर्मेशन )का उपयोग करके ग्रे हाइड्रोजन प्राकृतिक गैस या मीथेन से बनाया जाता है। यह हाइड्रोजन और कार्बन डाइऑक्साइड उत्पन्न करता है जिसे वायुमंडल में छोड़ा जाता है।

नीला हाइड्रोजन

ब्लू हाइड्रोजन मुख्य रूप से प्राकृतिक गैस से उत्पन्न होता है, स्टीम रिफॉर्मिंग नामक एक प्रक्रिया का उपयोग करके, जो भाप के रूप में प्राकृतिक गैस और गर्म जल को एक साथ लाता है। यह हाइड्रोजन और कार्बन डाइऑक्साइड उत्पन्न  करता है।

कला और ब्राउन(भूरा) हाइड्रोजन

जब हाइड्रोजन बनाने की प्रक्रिया में काला कोयला या लिग्नाइट (भूरा कोयला) का उपयोग किया जाता है तो इसे ब्लैक या भूरा कोयला कहा जाता है।

रिन्यू कंपनी

रीन्यू   कंपनी  वैश्विक स्तर पर सबसे बड़े नवीकरणीय ऊर्जा स्वतंत्र बिजली उत्पादकों में से एक है। रिन्यू यूटिलिटी-स्केल पवन ऊर्जा, सौर ऊर्जा और जलविद्युत परियोजनाओं का विकास, निर्माण, स्वामित्व और संचालन करता है।

10 अक्टूबर, 2022 तक,रीन्यू के पास चालू और प्रतिबद्ध परियोजनाओं को मिला कर  पूरे भारत में कुल 13.4 गीगा वाट अक्षय ऊर्जा परियोजनाए हैं 

कंपनी ने अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं में एक लाख करोड़ रुपये निवेश करने की भी घोषणा की है, जिसमें महाराष्ट्र और कर्नाटक दोनों में बैटरी भंडारण शामिल है।

कंपनी के संस्थापक अध्यक्ष और सीईओ: सुमंत सिन्हा


By admin: Nov. 15, 2022

10. भारत ने सीओपी 27, शर्म अल शेख, मिस्र में स्वीडन के साथ लीडआईटी शिखर सम्मेलन की मेजबानी की

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India hosts LeadIT Summit

भारत और स्वीडन ने 15 नवंबर 2022 को लीडआईटी (उद्योग संक्रमण के लिए नेतृत्व) शिखर सम्मेलन की मेजबानी की। यह शिखर सम्मेलन,6-18 नवंबर 2022 तक मिस्र के शर्म अल शेख में चल रहे पार्टियों के सम्मेलन (सीओपी) 27 के अंतर्गत आयोजित किया गया था।  लीडआईटी  पहल ,औद्योगिक क्षेत्र के कम कार्बन संक्रमण पर केंद्रित है जो दुनिया में कार्बन उत्सर्जन का एक प्रमुख स्रोत है।

केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री, भूपेंद्र यादव ने स्वीडन की जलवायु और पर्यावरण मंत्री सुश्री रोमिना पौरमोख्तरी के साथ शिखर सम्मेलन की सह-मेजबानी की।

उद्योग परिवर्तन के लिए नेतृत्व समूह (लीडआईटी)

उद्योग संक्रमण के लिए नेतृत्व समूह (लीडआईटी) को स्वीडन और भारत की सरकारों द्वारा सितंबर 2019 में न्यूयॉर्क शहर, संयुक्त राज्य अमेरिका में संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन में लॉन्च किया गया था।

यह उन देशों और कंपनियों को एक साथ लाता है जो कार्बन उत्सर्जन में कमी पर 2016 के पेरिस समझौते के उद्देश्य को हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

लीडआईटी सदस्य शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।


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