सुप्रीम कोर्ट ने 'प्रोजेक्ट ग्रेट इंडियन बस्टर्ड' संरक्षण कार्यक्रम पर सरकार से जवाब मांगा

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'ProjectGreat Indian Bustard'

सुप्रीम कोर्ट ने 28 नवंबर को 'प्रोजेक्ट ग्रेट इंडियन बस्टर्ड' संरक्षण कार्यक्रम को विकसित करने के बारे में सरकार से जवाब मांगा ताकि गंभीर रूप से लुप्तप्राय पक्षी के इस प्रजाति के सामने आने वाले संकट पर ध्यान दिया जा सके।

महत्वपूर्ण तथ्य

  • देश की शीर्ष अदालत में एक जनहित याचिका दायर की गई थी जिसमें गोदावन यानि ग्रेट इंडियन बस्टर्ड पक्षी को बचाने के लिए निर्देश दिए जाने की अपील की गई थी।

  • दरअसल, गुजरात और राजस्थान में बिजली पारेषण लाइनों के आड़े-तिरछे रहने के कारण बहुत सी ग्रेट इंडियन बस्टर्ड्स या गोडावण की मौते हुई हैं।

  • इस सन्दर्भ में दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा और प्रोजेक्ट ग्रेट इंडियन बस्टर्ड शुरू करने की सलाह दी। 

  • सर्वोच्च न्यायालय ने एक लुप्तप्राय पक्षी ग्रेट इंडियन बस्टर्ड के बचाव के लिए 'प्रोजेक्ट टाइगर' की तर्ज पर ‘प्रोजेक्ट ग्रेट इंडियन बस्टर्ड’ शुरू करने की सलाह दी है। 

ग्रेट इंडियन बस्टर्ड के बारे में

  • यह भारत की सबसे गंभीर रूप से लुप्तप्राय पक्षी प्रजाति मानी जाती है और विशेष रूप से राजस्थान और गुजरात में पाई जाती है।

  • यह भारतीय उपमहाद्वीप के सबसे भारी उड़ने वाले पक्षियों में से एक है।

  • यह राजस्थान का राजकीय पक्षी है।

  • इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर (IUCN) की 2021 की रिपोर्ट के अनुसार, ये पक्षी विलुप्त होने के कगार पर हैं, इनमें से मुश्किल से 50 से 249 जीवित हैं।

  • यह काले मुकुट और पंखों के निशान के साथ भूरे और सफेद पंखों वाला एक बड़ा पक्षी है। यह दुनिया के सबसे भारी पक्षियों में से एक है।

  • इसका निवास स्थान शुष्क घास के मैदान हैं।

  • IUCN स्थिति - गंभीर रूप से संकटग्रस्त।

  • वन्यजीव संरक्षण अधिनियम अनुसूची 1 में सूचीबद्ध।

  • संख्या में गिरावट का कारण शिकार, कृषि की गहनता, बिजली की लाइनें हैं।


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