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By admin: Dec. 8, 2022

1. निर्मला सीतारमण फोर्ब्स की दुनिया की सबसे शक्तिशाली महिलाओं की सूची में 6 भारतीयों में शामिल

Tags: Reports International News

Nirmala Sitharaman among 6 Indians on Forbes list of world's most powerful women

फोर्ब्स ने 7 दिसंबर को दुनिया की 100 सबसे शक्तिशाली महिलाओं की वार्षिक सूची, 2022 जारी की, जिसमें भारत की छह महिलाओं को शामिल किया गया है।

महत्वपूर्ण तथ्य 

  • इसमें वित्तीय मंत्री निर्मला सीतारामण सहित बायोकॉन की कार्यकारी अध्यक्ष किरण मजूमदार-शॉ, एचसीएल टेक की चेयरपर्सन रोशनी नादर मल्होत्रा और नायका की सीईओ फाल्गुनी नायर के साथ दो और नाम शामिल हैं।

  • भारत की वित्त मंत्री लगातार पांचवीं बार इस लिस्ट में शामिल हुई हैं।

  • इस लिस्ट में 39 सीईओ और 10 राष्ट्राध्यक्ष भी शामिल हैं, इसके अलावा इसमें 11 अरबपति शामिल हैं, जिनकी कुल संपत्ति 115 अरब डॉलर है।

  • सूची चार मुख्य मैट्रिक्स द्वारा निर्धारित की गई थी: धन, मीडिया, प्रभाव और प्रभाव के क्षेत्र

छह भारतीयों के नाम

  1. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन - 36वें स्थान पर, लगातार चौथी बार सूची में हैं।

  2. एचसीएलटेक की चेयरपर्सन रोशनी नादर मल्होत्रा - 53वें स्थान पर रहीं।

  3. माधवी पुरी बुच, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) की अध्यक्ष -54वें स्थान पर रहीं।

  4. स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया की चेयरपर्सन सोमा मंडल - 67वें स्थान पर हैं।

  5. मजूमदार-शॉ, कार्यकारी अध्यक्ष और बायोकॉन लिमिटेड और बायोकॉन बायोलॉजिक्स लिमिटेड के संस्थापक - 72 वें स्थान पर हैं।

  6. ब्यूटी और लाइफस्टाइल रिटेल कंपनी नायका के संस्थापक और सीईओ फाल्गुनी संजय नायर 89वें स्थान पर हैं

फोर्ब्स की सूची में विश्व की शीर्ष तीन महिलाएं

  1. इस सूची में यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन शीर्ष पर रहीं, जिन्होंने कोविड-19 संकट, रूस-यूक्रेन युद्ध आदि से निपटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

  2. यूरोपीय सेंट्रल बैंक की अध्यक्ष क्रिस्टीन लेगार्ड सूची में दूसरे स्थान पर रहीं।

  3. अमेरिकी उप राष्ट्रपति कमला हैरिस सूची में तीसरे स्थान पर रहीं।

ईरान की जीना "महसा" अमिनी को मरणोपरांत प्रभावशाली सूची में 100वें स्थान पर रखा गया था। सितंबर में उनकी मृत्यु ने ईरान के सबसे बुरा सार्वजनिक विरोधों में से एक को जन्म दिया।


By admin: Dec. 7, 2022

2. भारत में आईपीएल 2022 में गूगल पर सबसे ज्यादा सर्च की जाने वाली विषय

Tags: Reports National

IPL remains the most searched query on Google in India on 2022

7 दिसंबर 2022 को "ईयर इन सर्च 2022" शीर्षक वाली गूगल की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) क्रिकेट टूर्नामेंट लगातार तीसरे वर्ष शीर्ष ट्रेंडिंगविषय बना रहा।

इसके बाद कोविन (CoWIN), एक सरकारी वेब पोर्टल है जो कोविड -19 टीकों के लिए पंजीकरण और नियुक्तियों की सुविधा प्रदान करता है और डिजिटल वैक्सीन प्रमाणपत्र जारी करता है।

भारत में तीसरा सबसे अधिक खोजा जाने वाला ट्रेंडिंग विषय फीफा विश्व कप था, जो 20 नवंबर को कतर में शुरू हुआ है ।

चौथे और पांचवें स्थान पर क्रमशः क्रिकेटएशिया कप और आईसीसी पुरुष टी20 विश्व कप जैसे खेल आयोजन थे।

बॉलीवुड ब्लॉकबस्टर  फिल्मब्रह्मास्त्र: भाग एक - शिव ने छठी रैंक हासिल की।

2022 में भारत में सबसे ज्यादा सर्च की जाने वाली हस्तियां

2022 में भारत में सबसे अधिक खोजी गई हस्तियों में भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा शामिल हैं, जिन्होंने पहला स्थान हासिल किया। उनके बाद भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, यूनाइटेड किंगडम के नए प्रधानमंत्री ऋषि सुनक औरचौथे स्थान परललित मोदी थे।


By admin: Dec. 6, 2022

3. विश्व बैंक ने 2022-23 के लिए भारत की जीडीपी वृद्धि का अनुमान बढ़ाकर 6.9% कर दिया है

Tags: Reports Economy/Finance

World Bank increases India’s GDP

भारतीय अर्थव्यवस्था केवैश्विक आर्थिक संकट से बेहतर ढंग से निपटने के मजबूती का हवाला देते हुए विश्व बैंक  ने 2022-23 में भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए 6.9% विकास दर का अनुमान लगाया है।इससे पहले उसने अक्टूबर  2022 में वैश्विक आर्थिक स्थिति  का हवाला देते हुए ,भारत के सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर को पहले के अनुमानित  7.5 प्रतिशत से घटाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया था।

6 दिसंबर 2022 को जारी अपने इंडिया डेवलपमेंट अपडेट में, विश्व बैंक ने कहा कि संशोधन वैश्विक झटकों और उम्मीद से बेहतर दूसरी तिमाही की भारतीय अर्थव्यवस्था के उच्च लचीलेपन के कारण था।

भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की विकास दर पिछले वित्त वर्ष 2021-22 में 8.7 प्रतिशत थी। इस साल की जुलाई-सितंबर 2022-23  तिमाही में इसकी विकास दर  6.3 प्रतिशत थी ।

भारतीय रिजर्व बैंक को 2022-23 में भारतीय अर्थव्यवस्था के 7% बढ़ने की उम्मीद है।


By admin: Dec. 6, 2022

4. भारत 2023 में 8वीं सबसे बड़ी विज्ञापन बाजार बन जाएगा; ग्रुप एम

Tags: Reports National Economy/Finance

India to become 8th largest advertising market in 2023

ग्रुप एम  के वैश्विक अंत-वर्ष के पूर्वानुमान के अनुसार, 2023 में भारत  ब्राजील को पीछे छोड़कर आठवां सबसे बड़ा विज्ञापन बाजार बन जायेगा।

ग्रुपएम ने अपने  'दिस ईयर, नेक्स्ट ईयर 2022' रिपोर्ट में  भारत को वैश्विक स्तर पर नौवें सबसे बड़े विज्ञापन बाजार के रूप में स्थान दिया है।

रिपोर्ट के अनुसार, भारत में खुदरा मीडिया 2022 में 551 मिलियन डॉलर होने का अनुमान है और 2027 तक लगभग दोगुना होने की उम्मीद है। टीवी विज्ञापन जिसका  विज्ञापन बाजार हिस्सेदारी में कुल  36% है , इस साल 10.8% बढ़ने की उम्मीद है।

दुनिया में शीर्ष विज्ञापन बाजार 2022

संयुक्त राज्य अमेरिका दुनिया का सबसे बड़ा विज्ञापन बाजार है जिसके बाद (2) चीन, (3) जापान, (4) यूनाइटेड किंगडम, (5) जर्मनी, (6) फ्रांस, (7) कनाडा, (8) ब्राजील और (9वां) भारत


By admin: Dec. 6, 2022

5. सिप्री की शीर्ष 100 रक्षा कंपनियों की सूची में एचएएल और बीईएल

Tags: Reports Defence International News

HAL and BEL in the top 100 defence companies

भारत सरकार के स्वामित्व वाली दो रक्षा कंपनियों  हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) को स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट( सिप्री) ने दुनिया की 100 शीर्ष रक्षा कंपनियों की सूची में शामिल किया है।

सिप्री द्वारा 5 दिसंबर 2022 को जारी एक रिपोर्ट में हथियारों की बिक्री में एचएएल को $3.3 बिलियन के साथ 42वां स्थान दिया गया था और 2021 में $1.8 बिलियन की बिक्री के साथ एचएएल को 63वें स्थान पर रखा गया था।

एचएएल भारतीय वायु सेना के लिए एलसीए तेजस,  एसयू-30 एमकेआई जैसे लड़ाकू विमानों, एलसीएच प्रचंड जैसे हेलीकॉप्टर,ट्रेनर विमान, परिवहन विमान आदि का निर्माता है। बीईएल सशस्त्र बलों के लिए उन्नत इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बनाती है।

पिछले साल एचएएल और बीईएल के अलावा, भारतीय आयुध कारखानों को शीर्ष 100 रक्षा कंपनियों में शामिल किया गया था।

सिप्री रिपोर्ट की मुख्य विशेषताएं

दुनिया के शीर्ष 100 की कुल हथियारों की बिक्री 2021 में कुल $592 बिलियन थी, जो 2020 की तुलना में उनकी हथियारों की बिक्री में 1.9 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाती है।

दुनिया की शीर्ष 100 रक्षा कंपनियों में संयुक्त राज्य अमेरिका की 40 कंपनियां हैं।

शीर्ष 5 कंपनियां सभी अमेरिकी हैं।

शीर्ष 100 कंपनियों में चीन की 8 कंपनियां हैं।

देश-वार, 2021 की सूची में, 

  • अमेरिकी कंपनियों की कुल हथियारों की बिक्री में 51 प्रतिशत की हिस्सेदारी है, 
  • इसके बाद चीनी कंपनियों की 18 प्रतिशत, 
  • यूके की कंपनियों की 6.8 प्रतिशत और
  • फ्रांसीसी कंपनियों की 4.9 प्रतिशत 

रूसी कंपनियों ने वैश्विक हिस्सेदारी का केवल 3 प्रतिशत ही हासिल किया।

भारत सऊदी अरब के बाद हथियारों का दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा आयातक है और अमेरिका और चीन के बाद रक्षा पर दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ख़र्च करने वाला देश भी है।

स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (सिप्री)

सिप्री एक स्वतंत्र अंतर्राष्ट्रीय संस्थान है जो सशस्र संघर्ष, शस्त्रीकरण, शस्त्र नियंत्रण और निरस्त्रीकरण में अनुसंधान के लिए समर्पित है। यह मुख्य रूप से स्वीडिश सरकार द्वारा वित्त पोषित है।

यह 1966 में स्थापित किया गया था।

मुख्यालय: सोलना, स्वीडन


By admin: Dec. 5, 2022

6. वायु प्रदूषण बांग्लादेश में मृत्यु और विकलांगता का दूसरा सबसे बड़ा कारण: विश्व बैंक

Tags: Reports International News

Air Pollution second largest cause of death & disability in Bangladesh

4 दिसंबर, 2022 को जारी विश्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार, वायु प्रदूषण बांग्लादेश में मृत्यु और विकलांगता का दूसरा सबसे बड़ा कारण है और इसकी वजह से वहां के सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 3.9 से 4.00 प्रतिशत खर्च करना पड़ता है।

महत्वपूर्ण तथ्य

  • रिपोर्ट के अनुसार वायु प्रदूषण के कारण 2019 में बांग्लादेश में 78,000 से 88,000 हजार लोगों की मौत हुई।

  • 2018 और 2021 के बीच प्रत्येक वर्ष बांग्लादेश को दुनिया के सबसे प्रदूषित देश के रूप में और ढाका को दूसरे सबसे प्रदूषित शहर के रूप में स्थान दिया गया।

  • रिपोर्ट में पाया गया है कि ढाका में प्रमुख निर्माण स्थलों और यातायात में प्रदूषण का उच्चतम स्तर है। 

  • इन स्थानों पर, पार्टिकुलेट मैटर (PM2.5), जिसे स्वास्थ्य के लिए सबसे खतरनाक माना जाता है, WHO वायु गुणवत्ता दिशानिर्देशों (AQG) से औसतन 150 प्रतिशत अधिक है, जो प्रति दिन लगभग 1.7 सिगरेट पीने के बराबर है।

  • ग्रेटर ढाका में ईंट भट्ठों के पास PM2.5 के स्तर की दूसरी उच्चतम सांद्रता पाई जाती है, जो WHO AQG से 136 प्रतिशत अधिक है - प्रति दिन 1.6 सिगरेट पीने के बराबर है।

  • बांग्लादेश में, ढाका सबसे प्रदूषित संभाग है जबकि सिलहट सबसे कम प्रदूषित है।

  • पश्चिमी क्षेत्र (खुलना और राजशाही) पूर्वी क्षेत्रों (सिलहट और चटोग्राम) की तुलना में अधिक प्रदूषित हैं।

  • उच्च स्तर के वायु प्रदूषण के संपर्क में आने से सांस लेने में कठिनाई, खांसी, श्वसन मार्ग में संक्रमण, अवसाद और अन्य स्वास्थ्य स्थितियों का खतरा बढ़ जाता है।

  • विश्व बैंक की रिपोर्ट में कहा गया है कि पांच साल से कम उम्र के बच्चे, बुजुर्ग और मधुमेह, हृदय या सांस रोग से पीड़ित लोग सबसे ज्यादा असुरक्षित हैं।


By admin: Dec. 4, 2022

7. भारत 100 अरब डॉलर की प्रेषण प्राप्त करने वाला दुनिया का पहला देश: विश्व बैंक

Tags: Reports Economy/Finance

India the first country in the world to receive $100 billion in remittances

विश्व बैंक की रिपोर्ट "माइग्रेशन एंड डेवलपमेंट ब्रीफ' के अनुसार, भारत को 2022 में प्रेषण  (रेमिटेंस ) के रूप में 2021 की तुलना में 12% की वृद्धि के साथ 100 बिलियन डॉलर प्राप्त होने की उम्मीद है। 2021 में भारत को प्रेषण  में 89.4 बिलियन डॉलर प्राप्त हुए थे। भारत दुनिया का पहला ऐसा देश है जिसे विदेशों में प्रवासी कामगारों से 100 अरब डॉलर का प्रेषण प्राप्त हुआ है।

प्रेषण क्या हैं?

प्रेषण का अर्थ है धन का हस्तांतरण। प्रेषण दो प्रकार के होते हैं, आवक और बहिर्गामी। यदि कोई व्यक्ति विदेश से भारत में पैसा भेजता है तो यह आवक प्रेषण है

यदि भारत का कोई व्यक्ति विदेश में किसी व्यक्ति को पैसा भेजता है तो इसे बहिर्गामी प्रेषण कहा जाता है। विश्व बैंक की रिपोर्ट आवक प्रेषण के बारे में बात करती है।

इस प्रकार यहां प्रेषण का अर्थ है वह धन जो देश के बाहर कार्यरत अनिवासी भारतीयों (एनआरआई) द्वारा भारतीयों को भारत में रहने वाले अपने परिवार, दोस्तों या रिश्तेदारों को हस्तांतरित किया गया है।

भारत में प्रेषण   पर विश्व बैंक की रिपोर्ट की मुख्य विशेषताएं

  • विश्व बैंक के अनुसार भारत को भेजी जाने वाली रकम के पैटर्नऔर भारतीय प्रवासियों के गंतव्य में  महत्वपूर्ण बदलाव आया है।
  • पहले भारत के  प्रवासी कम  कौशल वाले वाले मजदूर होते थे और वे मुख्यतः  5 जीसीसी देशों (सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, कुवैत, ओमान और कतर) में जाते थे जहाँ  मजदूरी ज्यादा नहीं था। इस कारण वे भारत कम पैसा भेज पाते थे ।
  • अब  भारत से अधिकतर प्रवासी भारतीय संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, सिंगापुर, जापान, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड जैसे देशों में पलायन कर रहे हैं और जो अत्यधिक कुशल मजदूर हैं  ।
  • आरबीआई की रिपोर्ट का हवाला देते हुए विश्व बैंक का कहना है कि “2016-17 और 2020-21 के बीच, संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम और सिंगापुर से प्रेषण का हिस्सा 26 प्रतिशत से बढ़कर 36 प्रतिशत से अधिक हो गया है ।
  • इसी समय अवधि में 5 जीसीसी देशों (सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, कुवैत, ओमान और कतर) की हिस्सेदारी 54 से घटकर 28 प्रतिशत हो गई।
  • कुल प्रेषण के 23 प्रतिशत हिस्से के साथ, संयुक्त राज्य अमेरिका ने 2020-21 में शीर्ष स्रोत देश के रूप में संयुक्त अरब अमीरात को पीछे छोड़ दिया।
  • भारत के लगभग 20 प्रतिशत प्रवासी संयुक्त राज्य अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम में रहते हैं।

विश्व बैंक की रिपोर्ट के अन्य प्रमुख बिंदु

भारत दुनिया में प्रेषण का सबसे बड़ा प्राप्तकर्ता था, उसके बाद मेक्सिको (दूसरा स्थान), चीन (तीसरा), मिस्र (चौथा) और फिलीपींस (पांचवां) है ।

2022 में निम्न और मध्यम आय वाले देशों में प्रेषण 5% बढ़कर लगभग 626 बिलियन डॉलर हो गया है।

भारत और नेपाल को छोड़कर अन्य दक्षिण एशियाई देशों ने 2021 में 10% से अधिक की गिरावट देखी गई है ।

विश्व बैंक द्वारा जारी अन्य महत्त्वपूर्ण रिपोर्ट

  • विश्व विकास रिपोर्ट 
  • वैश्विक आर्थिक संभावना
  • बिजनेस इनेबलिंग एनवायरनमेंट  (यह ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रिपोर्ट की जगह लेगा)। इसे अप्रैल 2024 में लॉन्च किया जाएगा।

विश्व बैंक के अध्यक्ष: डेविड मलपास


By admin: Dec. 2, 2022

8. ग्रीनर कूलिंग पाथवे भारत में $ 1.6 ट्रिलियन निवेश का अवसर पैदा कर सकता है: विश्व बैंक

Tags: Reports Environment

Greener cooling pathway can create a $1.6 trillion investment opportunity in India

हाल ही में विश्व बैंक द्वारा "भारत के शीतलन क्षेत्र में जलवायु निवेश के अवसर" नामक रिपोर्ट जारी की गई। रिपोर्ट में बयाया गया है कि भारत में 2040 तक $ 1.6 ट्रिलियन का निवेश अवसर खुल सकता है।

रिपोर्ट के महत्वपूर्ण बिंदु 

  • भारत में ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को उल्लेखनीय रूप से कम करने और लगभग 3.7 मिलियन नौकरियां सृजित करने की भी क्षमता है।

  • रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत हर साल उच्च तापमान का अनुभव कर रहा है। भारत में अगले दो दशकों में अपेक्षित कार्बन-डाइऑक्साइड (CO2) के स्तर में भारी कमी आने की संभावना है।

  • रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि वैकल्पिक और नवीन ऊर्जा-कुशल तकनीकों को नहीं अपनाया गया है, तो 2030 तक, देश भर में 160-200 मिलियन से अधिक लोग सालाना घातक गर्मी की लहरों के संपर्क में आ सकते हैं।

  • रिपोर्ट में कहा गया है कि लगभग 34 मिलियन गर्मी के तनाव से संबंधित उत्पादकता में गिरावट के कारण भारत में लोगों को नौकरी के नुकसान का सामना करना पड़ेगा।

  • विश्व बैंक ने कहा है कि 2037 तक कूलिंग की मांग मौजूदा स्तर से आठ गुना अधिक होने की संभावना है।

  • खाद्य पदार्थों के परिवहन के दौरान गर्मी के कारण मौजूदा खाद्य नुकसान सालाना 13 अरब डॉलर के करीब है।

  • इस प्रकार, अधिक ऊर्जा-कुशल मार्ग की ओर स्थानांतरित करने की आवश्यकता है जिससे अपेक्षित CO2 स्तरों में पर्याप्त कमी हो सकती है।

  • विश्व बैंक ने कहा कि इस चुनौती को स्वीकार करते हुए, भारत पहले से ही लोगों को बढ़ते तापमान के अनुकूल बनाने में मदद करने के लिए नई रणनीतियां लागू कर रहा है।

रिपोर्ट के सुझाव

  • रिपोर्ट में भवन निर्माण, कोल्ड चेन और रेफ्रिजरेंट जैसे तीन प्रमुख क्षेत्रों में नए निवेश के माध्यम से इंडिया कूलिंग एक्शन प्लान (ICAP) 2019 का समर्थन करने के लिए एक रोडमैप प्रस्तावित किया गया है।

  • रिपोर्ट में गरीबों के लिए भारत का किफायती आवास कार्यक्रम, प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) को बड़े पैमाने पर अपनाने की सलाह दी गई है।

  • कूलिंग के लिए एक नीति बनाने का भी प्रस्ताव दिया गया है जिससे कुशल पारंपरिक कूलिंग समाधानों की तुलना में 20-30% कम बिजली की खपत हो सकती है।

  • रिपोर्ट कोल्ड चेन वितरण नेटवर्क में गैप को बेहतर करने की सिफारिश करती है ताकि खाद्य तथा दवाओं को नुकसान होने से बचाया जा सके।


By admin: Nov. 30, 2022

9. भारत में मातृ मृत्यु दर (एमएमआर) में भारी गिरावट

Tags: Reports National News

India witnesses significant decline in Maternal Mortality Ratio (MMR)

30 नवंबर को भारत के रजिस्ट्रार जनरल द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार भारत में प्रति लाख जीवित जन्मों पर मातृ मृत्यु दर (एमएमआर) 2014-16 में 130 से घटकर 2018-20 में 97 हो गई है।

महत्वपूर्ण तथ्य

  • रिपोर्ट के अनुसार एमएमआर में शानदार छह अंकों का सुधार हुआ है और अब यह प्रति लाख जीवित जन्मों पर 97 है।

  • एमएमआर को प्रति एक लाख जीवित जन्मों पर एक निश्चित समय अवधि के दौरान मातृ मृत्यु की संख्या के रूप में परिभाषित किया गया है।

  • अतः भारत ने प्रति लाख जीवित जन्मों पर 100 से कम एमएमआर के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति लक्ष्य को पूरा कर लिया है और 2030 तक प्रति लाख जीवित जन्मों पर 70 से कम के एमएमआर के सतत विकास लक्ष्य को प्राप्त करने की ओर अग्रसर है।

तीन उच्चतम एमएमआर वाले राज्य

  • असम में उच्चतम मातृ मृत्यु दर (एमएमआर) 195 है, इसके बाद मध्य  प्रदेश 173 और उत्तर प्रदेश में 167 (प्रति लाख जीवित जन्मों पर) है।

सबसे कम एमएमआर वाले राज्य

  • प्रति लाख जीवित जन्मों पर केरल में सबसे कम एमएमआर 19 है, इसके बाद महाराष्ट्र में 33 और तेलंगाना में 43 है।

जिन राज्यों ने सतत विकास लक्ष्य (SDG) लक्ष्य हासिल कर लिया है

  • केरल (MMR 19), इसके बाद महाराष्ट्र (33), तेलंगाना (43), आंध्र प्रदेश (45), तमिलनाडु (54), झारखंड (56), गुजरात (57) और कर्नाटक (69) का स्थान है।


By admin: Nov. 29, 2022

10. नीति आयोग ने 2070 तक शुद्ध शून्य उत्सर्जन लक्ष्य हासिल करने के लिए 'कार्बन कैप्चर' पर अध्ययन रिपोर्ट जारी की

Tags: Reports Environment

NITI Aayog releases study report on ‘Carbon Capture"

नेशनल इंस्टीट्यूशन फॉर ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया (नीति) आयोग ने 29 नवंबर 2022 को 'कार्बन कैप्चर, यूटिलाइजेशन एंड स्टोरेज पॉलिसी फ्रेमवर्क एंड इट्स डिप्लॉयमेंट मैकेनिज्म इन इंडिया' शीर्षक से एक रिपोर्ट जारी की है।

रिपोर्ट 2070 तक भारत के शुद्ध शून्य लक्ष्य को पूरा करने के लिए उत्सर्जन में कमी की रणनीति के रूप में कार्बन कैप्चर, उपयोग और भंडारण के महत्व की पड़ताल करती है। यह रिपोर्ट इसके अनुप्रयोग के लिए विभिन्न क्षेत्रों में आवश्यक व्यापक स्तर के नीतिगत हस्तक्षेपों की रूपरेखा प्रस्तुत करती है।

भारत ने गैर-जीवाश्म-आधारित ऊर्जा स्रोतों से अपनी कुल स्थापित क्षमता का 50% प्राप्त करने, 2030 तक उत्सर्जन तीव्रता में 45% की कमी और 2070 तक नेट शून्य प्राप्त करने की दिशा में कदम उठाने के लिए अपने अद्यतन राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (एनडीसी) के माध्यम से प्रतिबद्ध किया है।

इसका मतलब है कि भारत को कोयला, तेल और गैस जैसे जीवाश्म ईंधन की खपत को कम करना होगा। हालाँकि, हाल के अध्ययन से पता चलता है कि बिजली उत्पादन के लिए जीवाश्म ईंधन विशेष रूप से कोयले पर भारत की निर्भरता कम होने के बजाय बढ़ने की संभावना है।

नीति आयोग के वाइस चेयरमैन सुमन बेरी के अनुसार, कार्बन कैप्चर, यूटिलाइजेशन एंड स्टोरेज (सीसीएसयू) कोयले के हमारे समृद्ध भंडार का उपयोग करते हुए स्वच्छ उत्पादों के उत्पादन को सक्षम कर सकता है।

सीसीएसयू कैप्चर के संभावित लाभ

रिपोर्ट इंगित करती है कि सीसीएसयू कैप्चर किए गए कार्बन डाइ ऑक्साइड

को विभिन्न मूल्य वर्धित उत्पादों जैसे ग्रीन यूरिया, खाद्य और पेय फॉर्म एप्लिकेशन, निर्माण सामग्री (कंक्रीट और समुच्चय), रसायन (मेथनॉल और इथेनॉल), पॉलिमर ( बायो-प्लास्टिक सहित) में परिवर्तित किया जा सकता है ।

सीसीयूएस परियोजनाओं से महत्वपूर्ण रोजगार सृजन भी होगा। अनुमान है कि 2050 तक लगभग 750 मिलियन टन प्रति वर्ष कार्बन कैप्चर चरणबद्ध तरीके से पूर्णकालिक समतुल्य (FTE) आधार पर लगभग 8-10 मिलियन रोजगार के अवसर पैदा कर सकता है।

कार्बन कैप्चर स्टोरेज एंड यूटिलाइजेशन (सीसीएसयू)

  • इस प्रक्रिया के तहत जीवाश्म ईंधन के उपयोग से निकले कार्बन डाइऑक्साइड को वातावरण में छोड़े जाने से पहले उसे पकड़ कर एक सुरक्षित जगह में  भण्डारण किया जाता है जिससे  ग्लोबल वार्मिंग का खतरा कम हों सकता है ।
  • संग्रहित  की गई कार्बन-डाइऑक्साइड का उपयोग व्यावसायिक रूप से विपणन योग्य उत्पाद बनाने के लिए किया जा सकता है। इसे कार्बन कैप्चर स्टोरेज एंड यूटिलाइजेशन (सीसीएसयू) कहा जाता है।आम तौर पर इसका उपयोग तेल निष्कर्षण को बढ़ाने  में किया जाता है जहां कार्बन डाइऑक्साइड को तेल क्षेत्रों में उनकी निष्कर्षण दक्षता बढ़ाने के लिए इंजेक्ट किया जाता है।
  • पहली बड़े पैमाने पर सीसीएस परियोजना 1996 में नॉर्वे में स्लीपनर में  शुरू हुई थी ।

भारत सरकार की अन्य पहल

भारत सरकार कार्बन कैप्चर और उपयोग के क्षेत्र में अत्याधुनिक अनुसंधान और अनुप्रयोग-उन्मुख पहल के लिए दीर्घकालिक अनुसंधान, डिजाइन विकास, सहयोगी और क्षमता निर्माण केंद्रों के लिए दो राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र स्थापित कर रही है।

ये दो केंद्र हैं:

  • नेशनल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन कार्बन कैप्चर एंड यूटिलाइजेशन (एनसीओई-सीसीयू) के नाम से भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी ) बॉम्बे, मुंबई में और
  • जवाहरलाल नेहरू सेंटर फॉर एडवांस्ड साइंटिफिक रिसर्च (जेएनसीएएसआर), में नेशनल सेंटर इन कार्बन कैप्चर एंड यूटिलाइजेशन (एनसीसीसीयू), बेंगलुरु में स्थापित किए जा रहे हैं।


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